गिलोय के लाभ तथा गिलोय के बेहतरीन घरेलू उपचार भाग – (2)

कई रोगों के उपचार करने में गिलोय के लाभ अतुलनीय है। इसलिए आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रक्रिया में इस हर्ब का खास स्थान है | गिलोय में एंटी ओक्सिडेंट गुण काफी मात्रा में होते है गिलोय के सेवन से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता में विकास होता है | हम अपने पिछले दो आर्टिकल्स में गिलोय के घरेलू नुस्खे तथा गिलोय की पहचान की जानकारी दी थी, इस पोस्ट में हम गिलोय के कुछ और औषधीय गुणों को बतायेंगे जो कई असाध्य बिमारियों को ठीक करने में कामयाब है |

गिलोय के लाभ तथा कई रोगों के उपचार में कामयाब आयुर्वेदिक उपाय

गिलोय के लाभ तथा गिलोय के बेहतरीन घरेलू उपचार भाग – (2) giloy ke gharelu upchar nuskhe labh
गिलोय के घरेलू नुस्खे

  • असंतुलित वात के लिए गिलोय के लाभ : अगर आप असंतुलित वात विकारों से ग्रसित हैं तो गिलोय का पाँच ग्राम चूर्ण घी के साथ लीजिये ।
  • पित्त की बिमारियों में गिलोय का चार ग्राग चूर्ण चीनी या गुड़ के साथ खानें तथा अगर आप कफ से संचालित किसी बीमारी से परेशान हो गए है तो इसे छः ग्राम कि मात्र में शहद के साथ खाएं ।
  • इसे सोंठ के साथ खाने से आमवात-जनित बीमारियाँ ठीक हो जाती हैं ।
  • ह्रदय के लिए गिलोय के लाभ : गिलोय तथा ब्राह्मी का मिश्रण सेवन करने से दिल की धड़कन को काबू में लाया जा सकता है। ह्रदय रोगियों के लिए यह काफी लाभकारी है |
  • अधिकतर गिलोय की डंडी का ही प्रयोग करते हैं ; पत्तों का नहीं उसका लिसलिसा पदार्थ ही दवाई होता है। डंडी को ऐसे भी चूस सकते है चाहे तो डंडी कूटकर, उसमें पानी मिलाकर छान लें हर प्रकार से गिलोय लाभ पहुंचाएगी
  • पेट के रोगों के लिए गिलोय के लाभ इससे पेट की बीमारी, दस्त ,पेचिश, आंव, त्वचा की बीमारी, लीवर की बीमारी हिचकी की बीमारी आदि ढेरों बीमारियाँ ठीक होती हैं |
  • गिलोयके पत्तों का रस निकालकर पिलाने से पेट के कीड़े मर जाते हैं। रक्त विकार गिलोय का काढ़ा बनाकर पिलाने से फोड़े-फुंसी, रक्त विकार तथा अनेक प्रकार के चर्म रोग दूर हो जाते हैं।
  • शरीर में गर्मी अधिक है तो इसे कूटकर रात को भिगो दें और सवेरे मसलकर शहद या मिश्री मिलाकर पी लें |
  • अगर खून में platelets बहुत कम हो गए हैं , तो चिंता की बात नहीं , एलोवेरा और गिलोय मिलाकर सेवन करने से एकदम platelets बढ़ते हैं ।
  • गिलोय त्रिदोष नाशक है अर्थात किसी भी प्रकृति के लोग इसे ले सकते हैं ।
  • वातदोष के लिए गिलोय के लाभ : घी के साथ, पित्तदोष के लिए शक्कर के साथ और कफदोष के लिए शहद के साथ इसे सेवन किया जाता है।
  • मूत्राशय में जलन व अवरोध होने पर गिलोय सत्व 2 ग्राम मात्रा में फाँक कर मीठा दूध सेवन करने से लाभ होता है ।
  • बुखार के लिए के लिए गिलोय के लाभ कुटकी, चिरायता, नागरमोथा, पित पापड़ा और गिलोय- इनको समान मात्रा में लेकर जौकुट (मोटा-मोटा) कर लें फिर 4 कप पानी में, यह मिश्रण 10 ग्राम मात्रा में डाल कर काढ़ा करें । जब एक कप बचे तब छान कर पीने से असाध्य पुराना बुखार भी ठीक हो जाता है । बाद में कमजोरी भी जल्दी ही दूर हो जाती है।
  • एक अन्य नुस्खे के अनुसार 1 ग्रा. गिलोय का चूर्ण, छः दाने काली मिर्च, जरा-सा सेंधा नमक, तीनों को पीसकर थोड़े पानी में गर्म करें। उबाल आने पर पानी को उतार लें और छान लें। थोड़ा ठंडा होने पर रोगी को वह गर्म पानी पिला दें। बुखार तत्काल उतर जाएगा।
  • खूनी बवासीर के उपचार में गिलोय के लाभ – गिलोय का चूर्ण आधाग्राम, बंशलोचन चौथाई ग्राम, छोटी इलायची का चूर्ण चौथाई ग्राम और मिश्री दस ग्राम, इन सभी को पीस लें और कपड़छन कर लें। इस चूर्ण को प्रतिदिन बीस दिन तक जल के साथ या शहद के साथ सेवन करने से खूनी बवासीर ठीक हो जाएगी। इस दौरान लाल मिर्च, गर्म मसाले, मीट, अंडा तथा अन्य गर्म पदार्थों के सेवन से रोगी को दूर रखें। यह भी जरुर पढ़ें –  गिलोय के फायदे और 32 बेहतरीन औषधीय गुण
  • मधुमेह के लिए गिलोय के लाभ – गिलोय को रात में पानी में भिगोकर रख दें। सुबह उठकर उसे हाथों से मसलकर उसका सारा रस निकाल लें। फिर उसे छानकर उसमें 3 ग्राम हल्दी का चूर्ण मिला दें और उसे पी जाएँ। कुछ दिनों के प्रयोग से ‘प्रमेह रोग ठीक हो जाएगा।
  • शुगर (डायबिटीज) का एक नुस्खा यह भी है- गिलोय का सत 1 ग्राम, बड़ी इलायची का चूर्ण 1 ग्राम, शहद एक चम्मच, तीनों को मिलाकर दिन में दो बार चाटें । अधिक शुगर से छुटकारा मिल जाएगा।
  • त्वचा के लिए गिलोय के लाभ : चेहरे की सुन्दरता बढ़ाने के लिए गिलोय के रस में नींबू का रस मिला दें। उससे चेहरे को अच्छी तरह साफ करें। चेहरा खिल उठेगा।
  • आँखों के रोगों को ठीक करने के लिए गिलोय के लाभ – गिलोय का रस 10 ग्राम लेकर उसमें 3 ग्राम शहद मिला दें और रोज रात में सोते समय आँखों में दो-दो बूंद डालें कुछ दिन में आँखों के सारे रोग दूर हो जाएँगे और दृष्टि तेज हो जाएगी।
  • सुजाक रोग में गिलोय के लाभ -गिलोय के पत्तों का काढ़ा दूध में मिलाकर पीने से एक महीने में सुजाक रोग ठीक हो जाएगा। मूत्र खुलकर आएगा। यह भी पढ़ें – जानिए गिलोय का पौधा कैसा होता है तथा गिलोय की पहचान कैसे करे ?

कुछ जड़ी बूटियां (हर्ब्स ) घर पर आसानी से गमले में उगाई जा सकती है जैसे गिलोय, एलोवेरा, पुदीना तथा तुलसी आदि इससे आपको दो लाभ होंगे एक तो इनकी भीनी-भीनी खुशबू से आपका मन प्रसन्न रहेगा और दूसरा इनकी सहायता से आप कई छोटी-मोटी बिमारियों का तुरंत घर पर ही उपचार कर पाएंगे ये हर्ब्स किसी “फर्स्ट ऐड बॉक्स” की भांति आपके आस-पास हमेशा मौजूद रहेगी | इसलिए एक स्वस्थ जीवन के लिए हर्बल लाइफ की ओर कदम बढाइये तथा प्रकृति को सम्मान दीजिये |

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