सौंफ के फायदे तथा बेहतरीन औषधीय गुण – Fennel Seeds

खाने के बाद माउथ फ्रेशनर के तौर पर खाया जाने वाला सौंफ सेहत की दृष्टि से बहुत ही लाभदायक है | सौंफ के अनेक लाभ तथा कई कामयाब घरेलू नुस्खे है | सौंफ की तासीर ठंडी होती है जो लोग सौंफ की चाय पीते हैं, उनका स्वास्थ्य अच्छा रहता है | यह कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, कार्बोहाइड्रेट्स, सोडियम, जिंक का अच्छा स्रोत होता है | अपच होने और कुछ उल्टा-सीधा खाने के बाद पेट में होने वाला दर्द, उल्टी, मूड स्विंग आदि को ठीक करने में सौंफ के बहुत लाभ है |

आमतौर पर सब्जियों और व्यंजनों को अधिक स्वादिष्ट बनाने के लिए भी सौंफ का उपयोग किया जाता है। हरी सौंफ स्वाद में मीठी तथा सुगंधित होती है। पान में सौंफ का उपयोग विशेष रूप से किया जाता है। सौंफ के पौधे दो-तीन फीट ऊंचे होते हैं। सौंफ के पौधों से भीनी-भीनी मधुर सुगंध आती है। पौधे पर धनिए की तरह बारीक पत्ते लगते हैं। पहले सौंफ के दाने हरे रंग के होते हैं। पक जाने पर इनका रंग कुछ पीला हो जाता है। सौंफ कुदरती माउथ फ्रेशनर है इसको खाने से मुंह से बदबू  नहीं आती है। सूखी सौंफ के सेवन से पित्त विकार, उदर शूल, वायु (गैस), कफ विकार, बार-बार प्यास लगने की समस्या कम होती है। सौंफ रक्त-पित्त को भी ठीक करती है।  Fennel seeds health benefits

सौंफ के गुणकारी औषधीय उपयोग

saunf ke fayde gun nuskhe skin सौंफ के फायदे तथा बेहतरीन औषधीय गुण
सौंफ के फायदे
  • अगर आप चाहते हैं कि आपका कोलेस्ट्रॉल स्तर न बढ़े तो खाने के लगभग 30 मिनट बाद एक चम्मच सौंफ खा लें। कोलेस्ट्रॉल सही स्तर पर बना रहेगा |
  • यदि बार-बार मुंह में छाले हों तो एक गिलास पानी में चालीस ग्राम सौंफ पानी आधा रहने तक उबालें। इसमें जरा सी भुनी फिटकरी मिलाकर दिन में दो तीन बार गरारे करें।
  • सौंफ को पानी में उबालकर, कपड़े द्वारा छानकर बच्चों को पिलाने से पेट की गैस ठीक होती हैं।
  • अंजीर को सौंफ के साथ खाने से खाँसी व ब्रोन्काइटिस ठीक होती है |
  • गर्मियों में सौंफ को पानी में गला कर सेवन करने से ठंडक मिलती है। सौंफ के पाउडर को चीनी के साथ बराबर मिलाकर लेने से हाथों और पैरों की जलन दूर होती है। यह शिशुओं के पेट और उनके पेट के अफारे को दूर करने में बहुत उपयोगी है।
  • बादाम, सौंफ और मिश्री तीनों बराबर भागों में लेकर पीसकर भर दें और रोज दोनों टाइम भोजन के बाद 1 टी स्पून लें। इससे स्मरण शक्ति बढ़ती है। दिमाग तेज होता है |
  • एक चम्मच सौंफ को एक कप पानी में उबलने दें और 20 मिनट तक इसे ठंडा होने दें। इससे शिशु के कॉलिक का उपचार होने में मदद मिलती है। शिशु को एक या दो चम्मच से ज्यादा यह घोल नहीं देना चाहिए।
  • 100 ग्राम सौंफ नीबू के रस में मिलाकर शीशी में भरकर रखें। इस सौंफ को भोजन के बाद थोड़ा-थोड़ा खाने से पाचन क्रिया तेज होती है और पेट का भारीपन तथा बेचैनी खत्म होती है।
  • रात को एक चम्मच सौंफ आधा कप पानी में भिगो दें। सुबह सौंफ को मसलकर छान लें। इस पानी को दूध में मिलाकर पिलाने से बच्चों का पेट फूलना, गैस, पेट दर्द ठीक हो जाता है।
  • रोजाना सुबह-शाम खाली पेट सौंफ खाने से खून साफ होता है जो कि त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होता है, इससे त्वचा में चमक आती है। रोजाना दाल और सब्जी के तडके में सौंफ भी डाले |
  • महिलाओ में अधिक ऋतुस्राव होने पर सौंफ का सेवन करने से बहुत लाभ होता है।
  • गुड़ के साथ सौंफ खाने से मासिक धर्म नियमित होता है।
  • गाजर के रस में हरी सौंफ के रस को मिलाकर सेवन करने से रतौंधी रोग (रात में दिखाई नहीं देना) ठीक होती है। तथा आँखों की रोशनी बढती है।
  • सौंफ को पानी में देर तक उबालकर क्वाथ बनाएं। इस क्वाथ को छानकर चीनी मिलाकर सेवन करने से पित्त से होने वाले बुखार में लाभ मिलता है।
  • सौंफ को पीसकर चूर्ण बनाकर रखें। आधा चम्मच इस चूर्ण को हल्के गर्म पानी के साथ सेवन करने से अफारा ठीक होता है।
  • बुखार में जी मिचलाने की समस्या होने पर सौंफ का अर्क थोड़ी-थोड़ी देर में पिलाने से बहुत लाभ होता है।
  • यूनानी चिकित्सक गर्भाशय की शुद्धि के लिए सौंफ के पत्तों का क्वाथ सेवन कराते हैं। इससे रक्त भी शुद्ध होता है और रक्त विकारों से सुरक्षा होती है।
  • सौंफ के पत्तों की सब्जी बनाकर खाने से पाचन क्रिया तेज होती है और स्त्रियों के स्तनों में दूध की वृद्धि होती है।
  • सौंफ को पानी में उबालकर क्वाथ बनाएं। क्वाथ को छानकर, दूध में मिलाकर पीने से अनिद्रा (नींद नहीं आने) की समस्या में कमी होती है।
  • बेल का गूदा और सौंफ चबाकर खाने से बदहजमी दूर होती है।
  • सौंफ का अर्क 10 ग्राम मात्रा में लेकर उसमें शहद मिलाकर, दिन में दो-तीन बार सेवन करने से खांसी रोग ठीक होता है।
  • दूध में सौंफ को उबालकर, दूध को छानकर शिशुओं को पिलाने से उनके दांत आसानी से निकलते हैं।
  • सौंफ और मिश्री के फायदे – आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए सौंफ और मिश्री समान भाग लेकर पीस इसकी एक चम्मच मात्रा सुबह-शाम पानी के साथ दो महीने तक लीजिए। इससे आंखों की रोशनी बढती है |
  • सौंफ खाने से पेट और कब्ज की शिकायत नहीं होती। सौंफ को मिश्री या चीनी के साथ पीसकर पाउडर बना लीजिए, रात को सोते वक्त लगभग 5 ग्राम चूर्ण को हल्के से गुनगने पानी के साथ सेवन कीजिए। पेट की समस्या नहीं होगी व गैस व कब्ज दूर होगा।
  • डायरिया होने पर सौंफ खाना चाहिए। सौंफ को बेल के गूदे के साथ सुबह-शाम चबाने से बदहजमी समाप्त होता है और दस्त की बिमारी में फायदा होता है।
  • खाने के बाद सौंफ का सेवन करने से खाना अच्छे से पचता है। सौंफ, जीरा व काला नमक मिलाकर चूर्ण बना लीजिए। खाने के बाद हल्के गुनगुने पानी के साथ इस चूर्ण को लीजिए, यह अच्छा पाचक चूर्ण है |
  • समान मात्रा में आधी कच्ची सौंफ का चूर्ण और आधी भुनी सौंफ के चूर्ण में हींग और काला नमक मिलाकर 2 से 6 ग्राम मात्रा में दिन में तीन-चार बार प्रयोग करें इससे गैस और अपच दूर हो जाती है।
  • भुनी हुई सौंफ और मिश्री समान मात्रा में पीसकर हर दो घंटे बाद ठंडे पानी के साथ लेने से मरोड़दार दस्त, आँव और पेचिश में लाभ होता है। यह कब्ज को भी दूर करती है।
  • दो कप पानी में उबली हुई एक चम्मच सौंफ को दो या तीन बार लेने से कफ की समस्या समाप्त होती है।
  • अस्थमा और खांसी में सौंफ के गुण बहुत लाभदायक है। कफ और खांसी के इलाज के लिए सौंफ खाना बहुत फायदेमंद होता है।
  • जो लोग कब्ज से परेशान हैं, उनको आधा ग्राम गुलकन्द और सौंफ मिलाकर दूध के साथ रात में सौते समय लेना चाहिए। कब्ज दूर हो जाएगा। इसे खाने से लीवर ठीक रहता है। इससे पाचन क्रिया ठीक रहती है।
  • सौंफ को मिश्री या चीनी के साथ पीसकर चूर्ण बना लीजिए, रात को सोते वक्त लगभग 5 ग्राम चूर्ण को हल्के गुनगने पानी के साथ सेवन कीजिए। पेट की समस्या नहीं होगी व गैस व कब्ज दूर होंगे।
  • बार-बार चक्कर आने की बीमारी में सौंफ और मिश्री समान मात्रा में पीसकर दो-दो चम्मच रोजाना तीन बार खायें।
  • यदि आपकी आंखे लाल रहती है तो समान मात्रा में सौंफ और सूखा आंवला पानी में डालकर पीस लें। इसे हल्का गर्म करके सहन योग्य गर्म रहने पर आंखे बन्द करके पलकों का सेंक करें तथा आखिर में इस पेस्ट का लेप करें। इससे आँखों की ललाई दूर हो जाती है।
  • सुबह सौंफ का पानी पीने से आई फ्लू जल्दी ठीक हो जाता है।

सौंफ के अर्क के फायदे

  • यूनानी चिकित्सा में सौंफ का अर्क बहुत उपयोग किया जाता है। इस अर्क के सेवन से कफ-वात विकारों में बहुत लाभ होता है। सौंफ के सेवन से पाईल्स रोग में बहुत लाभ होता है। यह भी पढ़ें – जीरा के औषधीय गुण तथा फायदे 
  • आँखों की कमजोरी या अन्य रोगों में सौंफ का अर्क पीने से लाभ होता है।
  • सौंफ के अर्क सेवन करने से पेशाब की रूकावट भी दूर होती है।
  • सौंफ का शर्बत व अर्क पीने से नाक से रक्तस्राव (नकसीर) में बहुत लाभ होता है।
  • बुखार में तेज प्यास लगने पर पानी में सौंफ उबालकर, छानकर यह अर्क पीने से प्यास शांत होती है।
  • सौंफ का अर्क 10 ग्राम मात्रा में शहद मिलाकर सेवन करने से खांसी में आराम मिलता है |

सौंफ के पत्ते के लाभ

  • सौंफ के पत्ते भी बहुत गुणकारी होते हैं और कई रोग-विकारों को दूर करने में सक्षम हैं। इनसे बनाई गई शर्बत गर्मियों में शरीर तथा दिमाग को ठंडक पहुंचाती है।

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