रोग प्रतिरोधक क्षमता यानि (immune system) हमें कई बीमारियों से कुदरती तौर पर सुरक्षित रखती है प्रतिरोधक शक्ति मतलब विरोध करने की शक्ति । विरोध का मतलब है सामना करना, मुकाबला करना। छोटी-मोटी ऐसी कई बीमारियां होती है जिनसे हमारा शरीर अपने आप ठीक कर लेता है | रोग प्रतिरोधक क्षमता के कमजोर होने पर बीमारियों का असर जल्दी होता है | अक्सर आपने अनुभव किया होगा की एक ही घर में रहने वाले लोगो पर मौसम का प्रभाव अलग-अलग दिखता है, कुछ लोग गर्मी या सर्दी बढने पर तुरंत बिमार पड़ जाते है परंतु कुछ लोगो पर बदलते मौसम का प्रभाव किसी बीमारी के रूप में नहीं पड़ता है | यह व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता को दिखाता है, हालाँकि यहाँ मौसम के बदलाव को केवल एक उदाहरण के रूप में लिया गया है लेकिन शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कई गंभीर बीमारियों के होने या ना होने में निर्णायक भूमिका निभाती है |
शरीर के इम्यून सिस्टम को बढ़ाने तथा दुरुस्त रखने के लिए जरूरी है व्यायाम और आवश्यक विश्राम, नियमित जीवन चर्या जैसे सही समय से उठाना, समय से सोना, सही समय पर ही खाना और पोष्टिक भोजन करना | और सबसे जरुरी है मानसिक तनाव से दूर रहना खराब मानसिक स्वास्थ्य आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर बना सकता है, जिससे भावनात्मक रूप से कठिन समय में आपके लिए संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा जब आप तनावग्रस्त, चिंतित या परेशान होते हैं, आप अपने स्वास्थ्य की देखभाल नहीं कर पाते, शराब या अन्य नशीले पदार्थ लेने की शुरुआत करना या उसकी मात्रा बढ़ाना भी खराब मानसिक स्वास्थ्य के लक्षण हो सकते है। इस पोस्ट में हम ऐसे फल और सब्जियों के बारे में जानेगे जिनके लगातार सेवन से आप अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकते है |
रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने वाले फल एवं सब्जियां

- सेब : एंटी ऑक्सीडेंट से भरपूर यानी अनेक बीमारियों से बचाव । यह जबरदस्त रोग प्रतिरोधक फल पेट, दांत, दिमाग, दिल, आंख, लिवर यानी पूरे शरीर के लिए लाभकारी।
- संतरा-पपीता : संतरे में विटामिन सी, ए, एंटी ऑक्सीडेंट, डायटरी फाइबर करीब 170 फोटोन्यूट्रिएंट्स होते हैं। इस वजह से यह शरीर में सूजन, जलन, अल्सर, गांठ और कोशिकाओं के क्षय से शरीर की रक्षा करता है यह जबरदस्त रोग प्रतिरोधक होता है। यह रक्त को शुद्ध भी करता है। संतरे की तरह पपीता भी विटामिन सी का अच्छा स्रोत होने से रोग प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाने वाला फल है।
- आंवला : आवले में संतरे से भी ज्यादा विटामिन सी होती है। यह शरीर को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।
- आम : आम में मौजूद करीब सात एंटी ऑक्सीडेंट और अन्य एंजाइम हमें कई प्रकार के कैंसर से बचाते हैं। विटामिन सी होने से आम रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है।
- आडू : आडू में आयरन, जिंक, मैग्नीशियम, मैगनीज, कैल्शियम, सल्फर और विटामिन ए, बी, सी और ई जैसे तत्व होते हैं। यह फल भी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।
- नाशपाती : नाशपाती में फाइबर, विटामिन बी, सी, ई और कॉपर, पोटेशियम का भंडार होता है, जिससे यह सेहत के लिए बहुत लाभकारी है। यह शरीर के ताप को भी कम करता है, इसलिए बुखार में बढ़िया माना जाता है।
- कीवी : कीवी में मौजूद फोटोन्यूट्रिएंट डीएनए की मरम्मत करने के कारण शानदार एंटी ऑक्सीडेंट का काम करता है। इसका फोलिक एसिड खून में लाल रक्त कणिकाएं बनाता है और विटामिन सी शरीर को रोग प्रतिरोधक बनाता है। कीवी में कैल्शियम, क्रोमियम, कॉपर, आयरन, मैग्नीशियम, पोटेशियम, जिक जैसे तत्व भी होते हैं।
- खरबूजा : खरबूजे में विटामिन ए, बीटा कैरोटीन और विटामिन सी भरपूर होता है। विटामिन सी का भंडार होने से यह एंटी ऑक्सीडेंट का काम करता है, बुढ़ापे को दूर रखता है और विभिन्न हमलों से कोशिकाओं की रक्षा करता है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करता है।
- अंगूर : अंगूर में प्रोटीन, फाइबर, विटामिन ए, बी-6 और सी होता है। साथ ही आयरन, कैल्शियम, सेलेनियम, फॉस्फोरस, पोटेशियम, मैग्नीशियम जैसे खनिज तत्व होते हैं। अंगूर में फ्लेवोनॉयड नाम का एंटी ऑक्सीडेंट है जो फ्री रेडिकल्स से शरीर की रक्षा करता है। अंगूर हमें इन्फेक्शन और थकावट से बचाते हैं।
- पालक और हरी पत्तेदार सब्जियां : पालक में फाइटोन्यूट्रीएंट, विटामिन सी, ई, बीटा कैरोटीन, सेलेनियम, जिंक, मैगनीज आदि की मौजूदगी शरीर को मजबूत रोग प्रतिरोध क्षमता देना सुनिश्चित करती है। इसी तरह बाकी हरी पत्तेदार सब्जियां भी हमारी रोग प्रतिरोधी क्षमता को बढ़ाती हैं।
- मशरूम : मशरूम में विटामिन डी का भंडार होता है। ये शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले माने जाते हैं, क्योंकि ये एंटी वायरल और अन्य प्रोटीन का निर्माण करते हैं। इनमें एंटी ऑक्सीडेंट तत्व भी होते हैं, जिससे ये बीमारियों से मुकाबला करने में सक्षम हैं। मशरूम साइटोकिस के उत्पादन को बढ़ावा देते हैं। साइटोकिस ऐसी कोशिकाएं हैं, जो इन्फेक्शन से बखूबी लड़ती हैं। मशरूम में पॉलीसैकराइड्स भी होते हैं, जो हमारे रोग प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाती हैं। सर्दी और फ्लू की स्थिति में मशरूम का सेवन बहुत अच्छा रहता है।
- विटामिन सी वाली सब्जियां : शकरकद, टमाटर, ब्रोकोली, बूशेल्स स्प्राउट, लाल शिमला मिर्च भी हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती हैं, क्योंकि इनमें विटामिन सी पाया जाता है।
रोग प्रतिरोधक ताकत बढ़ाने के लिए मैग्नीशियम वाले फल जरूर खाएं
- जिन पदार्थों में मैग्नीशियम अच्छी मात्रा में पाया जाता है, वे पदार्थ रोग प्रतिरोधक क्षमता को बहुत बढ़ावा देते हैं। मैग्नीशियम कद्दू और इसके बीज, पालक, शकरकंदी, आलू, तिल के बीज, सूरजमुखी के बीज, अखरोट और काजू, ब्राउन राइस और साबुत अनाज में बहुत अच्छी मात्रा में होता है। यह केला, सेब, संतरा, अंगूर, कीवी और आडू में भी काफी होता है। इनमें से अनेक पदार्थों का जिक्र पहले ही किया जा चुका है। इसलिए बाकी बचे कद्दू, आलू, शकरकंदी, तिल, सूरजमुखी के बीज, नट्स और केले को भी भोजन में शामिल करें।
- मांसाहारियों के लिए चिकन नूडल सूप बहुत ही बढ़िया भोज्य पदार्थों का यह संयोजन न केवल वायरस से प्रभावी ढंग से लड़ता है, बल्कि बंद नाक को भी साफ करने में मदद करता है। यह सर्दी, जुकाम के लक्षणों में कमी लाने में बेहद उपयोगी साबित होता है।
- हल्दी : हल्दी भी मसालों की श्रेणी में आती है। यह एक उच्च एंटी ऑक्सीडेंट है और हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम करती है। यह शरीर में सूजन, जलन का विरोध करती है। यह एंटी सेप्टिक का काम भी करती है और शरीर के अंदर यीस्ट और परजीवियों को मार देती है।
- अदरक : यह भी एक सक्षम रोग प्रतिरोधी पदार्थ है। अदरक एक एंटी ऑक्सीडेंट की तरह काम करती है। यह शरीर के अंदर और बाहर, दोनों जगह पर नुकसानदायक बैक्टीरिया को मारने की क्षमता रखती है। इसमें दो प्राकृतिक एंटी बायोटिक भी पाए जाते हैं। इसमें जिगीबेन नाम का पदार्थ होता है, जो शरीर में मौजूद परजीवी और उनके अंडों को घोल देता है।
- दही : दही पेट और आतों की सबसे अच्छी दोस्त है और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है | पेट के लिए एंटी बायोटिक गुण भी होता है। अध्ययनों में यह पाया गया है कि रोजाना एक कप दही का सेवन करने से सर्दी-जुकाम की आशंका 25 फीसदी तक कम हो जाती है। दही में मौजूद लाभदायक बैक्टीरिया लैक्टोबेसीलस रियूटेरी उस वायरस का कड़ा विरोध करता है, जो शरीर के कमजोर होने पर आक्रमण करता है। दही में मौजूद विटामिन डी भी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।
- खास बात : दही ठंडी होती है और कफ भी पैदा करती है। जुकाम-खांसी या फ्लू की स्थिति में गला जरूर खराब होता है और खांसी भी हो सकती है, इसलिए निरोगी रहते वक्त तो दही सही है, लेकिन रोग के दौरान दही के सेवन से परहेज रखें ।
- एलोवेरा : इसमें अनेक मिनरल, विटामिन, अमीनो एसिड, फोलिक एसिड, जिंक, मैग्नीशियम, कैल्शियम, कॉपर, आयरन आदि होते हैं। यह एंटी सेप्टिक और एंटी बायोटिक, दोनों का काम करता है। भोज्य पदार्थ (जूस) के रूप में इसे पेट में पहुंचाना या त्वचा पर लगाना, दोनों ही बेहद फायदेमंद है।
- बहुत सारी अन्य चीजे भी है जो आयुर्वेद के अनुसार इम्यून ताकत को बढ़ाने में मदद करती है जैसे शहद, लहसुन, अश्वगंधा, काली मिर्च आदि लेकिन चूंकि ये हर्ब्स की श्रंखला में आते है इसलिए इनको हम आगे आने वाले आर्टिकल्स में बतायेंगे |
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले कुछ अन्य खाद्य पदार्थ
- अंकुरित अनाज, अंकुरित बीज (स्प्राउट) : विशेषज्ञों के अनुसार, स्प्राउट में फल, सब्जियों के मुकाबले कहीं ज्यादा एंजाइम होते हैं। स्प्राउट हमें उस मूल पदार्थ से सैकड़ों प्रतिशत ज्यादा प्रोटीन, विटामिन, मिनरल और फायदेमंद फैट देते हैं, जिससे ये अंकुरित होते हैं। इससे ये हमें न सिर्फ ज्यादा ताकत देते हैं, बल्कि जबरदस्त ढंग से हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर हमें विभिन्न रोगों से बचाते हैं। ये शरीर में क्षारीयता को बढ़ाते हैं और उसका अम्ल से संतुलन बनाते हैं, जो स्वस्थ रहने की प्रमुख शतों में से एक है।
- ओट्स : ओट्स में मुख्य रूप से जी, अन्य अनाज और उनके दलिया आते हैं। ओट्स प्रोटीन, फाइबर, मैग्नीशियम, मैगनीज और विटामिन बी से भरपूर होते हैं। ये हड्डियों का विकास करते हैं और हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए यह भी करें
- खुश रहें। तनाव को पास न आने दें।
- सात से नौ घंटे की नींद लें। नींद हमारे रोग प्रतिरोधी तंत्र को मजबूत करती है।
- सिंथेटिक परफ्यूम और सुगंध से बचें। साबुन, लोशन, शैम्पू, कडीशनर, कॉस्मेटिक और स्प्रे में मौजूद तेज सुगंध हमारे रोग प्रतिरोधी तंत्र को कमजोर करती हैं।
- नियमित व्यायाम करें |
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