सफेद मूसली के 24 फायदे तथा सेवन करने की विधि घरेलू नुस्खे

मूसली का नाम तो आपने सुना ही होगा। यह ताकत बढ़ाने की कई तरह की आयुर्वेदिक दवाओं में प्रयोग की जाती है । इसका उपयोग कई तरह की अन्य बिमारियों में भी किया जाता है। सफेद मूसली ने केवल शारीरिक ऊर्जा बढ़ाती है, बल्कि यह कई बड़ी बीमारियों का रामबाण इलाज भी होती है इसे सूखाकर इसका पाउडर दूध के साथ लिया जाता है। एक महीने से भी कम समय में इसका फायदा दिखने लगता है। थकान मिटाने, शरीर की ताकत बढ़ाने के लिए इसका उपयोग किया जाता है।

मूसली दो प्रकार की मिलती है, सफेद और काली। आमतौर पर सफेद मूसली का उपयोग आयुर्वेदिक दवाई के रूप में किया जाता है। हालाँकि दोनों प्रकार की मूसली के गुणों में काफी समानता होती है, लेकिन पेशाब की बिमारियों और यौन विकारों में काली मूसली अधिक गुणकारी मानी जाती है। सफेद मूसली, अश्वगंधा, गोखरू और ताल मखाने जैसी हर्ब्स के साथ इसका सेवन यौन क्षमता बढ़ाता है।

सफेद मूसली की पहचान :

सफेद मूसली का पौधा कैसा होता है / सफेद मुसली की पहचान
सफेद मूसली का पौधा

इसका पौधा कांटेदार, मजबूत, झुकी हुई शाखाओं से युक्त, मटमैले रंग का नलीदार होता है। इसका मुख्य तना गोल, चिकना, मोटा और सीधा ऊंचाई तक जाता है। इसका पौधा हर तरह की जमीन में पैदा हो जाता है लेकिन नमी मौसम वाली जगहों पर ज्यादा अच्छी तरह पैदा होता है. इसके बीज नुकीले काले रंग के होते हैं इसका फल कैप्सूल जैसा होता है, सबसे काम की चीज होती है इसकी जड़ इसी को मूसली बोला जाता है | मोटी, गोल और रेशेदार जड़ें जमीन में 10 इंच तक चली जाती हैं | मुख्य तने से जड़ों का गुच्छा कन्द के समान गोल-गोल निकलता है, जिसके ऊपर की छाल को निकालकर सुखाया जाता है। छाल झुरींदार, कठोर, आसानी से टूटने वाली, कुछ मोटी, कुछ मुड़ी, 2 से 3 इंच लंबी बिकने के लिए बाजार में भेजी जाती है तथा सफेद मूसली सबसे महंगी हर्ब मानी जाती है। ताजा सफेद मूसली की जड़ करीब 1500 से 2000 हजार रुपए किलो तक बिकती है। यह स्वाद में मीठी और लुआबदार होती है और इसकी तासीर गर्म होती है |

विभिन्न भाषाओं में नाम

संस्कृत-श्वेत मूसली। हिंदी-सफेद मूसली, मूसली। मराठी-पांढरी मूसली। गुजराती-धौली मूसली। बंगाली-तालमूली। अंग्रेजी-व्हाइट मूसली. (White Mosle)। लैटिन-एस्पेरेगुस एडसेंडेंस (Asparagus Adscendens), हाइपोक्सिस आर्चिआइडिस (Hypoxis Orchioides)।

आयुर्वेदिक के अनुसार सफेद मूसली की खासियत : यह स्वाद में मधुर, तिक्त, गुण में भारी, स्निग्ध, गर्म प्रकृति की, विपाक में मधुर, वीर्यवर्धक, बलवर्धक, स्नायविक संस्थान को बल देने वाली, वात-पित्त रोग नाशक होती है। यह बवासीर, गठिया, डायबिटीज, दमा, पेशाब में जलन, पेट दर्द, शारीरिक कमजोरी, बार-बार पेशाब आना, शीघ्रपतन, वीर्य की कमी, नपुंसकता व घाव को जल्दी भरने में गुणकारी है। इसकी जड़ का पाउडर 6 से 12 ग्राम तक सेवन किया जा सकता है | मुसली की जानकारी तो आपको हो गई होगी आइये सफेद मूसली कैसे यूज़ की जाती है यह जानते है |

उपलब्ध आयुर्वेदिक दवाइयां : मूसली पाक, बृहतमूसली पाक, मूसल्यादि योग।

सफेद मूसली के फायदे तथा आयुर्वेदिक नुस्खे  

सफेद मूसली के 24 फायदे तथा सेवन करने की विधि घरेलू नुस्खे safed musli ke fayde nuskhe khayen upyog

  • पेशाब में जलन : सफेद मूसली और मिस्री समान भाग मिलाकर पीस लें। दो चम्मच की मात्रा में चन्दन के तेल की 3-4 बूंदे मिलाकर एक कप कच्चे दूध के साथ सुबह-शाम सेवन करने से पेशाब की जलन दूर होगी ।
  • मूसली तथा बड़ी इलायची के फायदे: दूध में पीसी हुई सफेद मूसली की जड़ को इलायची के साथ उबालकर पीने से भी पेशाब की जलन खत्म होती है | दिन में दो बार ऐसा करें |
  • बार बार पेशाब आना : एक चम्मच काली मूसली का पाउडर और आधा चम्मच जायफल का पाउडर मिलाकर पानी के साथ 2-3 बार सेवन करते रहने से कुछ ही दिन में यह रोग दूर होगा।
  • घाव पर : सफेद मूसली का बारीक पाउडर घाव पर बुरककर बांधने से वह जल्दी ही भर जाता है।
  • कान दर्द : सफेद मूसली के काढ़े को समान भाग तिल के साथ मिलाकर गर्म करें और गुनगुना गर्म ही कानों में डालें, आराम मिलेगा ।
  • किडनी के दर्द में : काली मूसली का एक चम्मच पाउडर तुलसी के एक चम्मच रस के साथ 2-3 बार सेवन करते रहने से दर्द से आराम मिलेगा।
  • पेट दर्द : सफेद मूसली और दालचीनी, दोनों को समान मात्रा में मिलाकर पीस लें। एक चम्मच की मात्रा में पानी से सेवन करने से 2-3 खुराक में ही पूरा आराम मिल जाएगा।
  • हाई ब्लडप्रेशर और गठिया के मरीजो को भी मूसली से सेवन लाभ होता है।
  • बदन दर्द की समस्या में रोजाना सफेद मूसली की जड़ का सेवन लाभकारी होता है।

पुरुषों की यौन समस्याओं को दूर करने के लिए सफेद मूसली कैसे ली जाती है ?

  • शारीरिक शक्ति, मैथुन शक्ति, वीर्यवर्द्धन, नपुंसकता, शीघ्रपतन, दुबलापन दूर करने के लिए : सफेद मूसली, मुलेठी, असगन्ध, शतावरी और मिस्री समान भाग में मिलाकर पीस लें। 2 चम्मच की मात्रा में एक कप दूध के साथ रोजाना सुबह-शाम सेवन करते रहने से 4 से 6 हफ्ते में बहुत लाभ मिलता है।
  • सफेद मूसली और मिसरी बराबर मिलाकर पीसकर पाउडर बना कर रखें और यह पाउडर 5 ग्राम सुबह-शाम दूध के साथ खाने से शरीर की शक्ति और कमजोर यौन शक्ति मजबूत बनती है।
  • सफेद मूसली 250 ग्राम बारीक पाउडर बना लें, उसे 2 लीटर दूध में मिलाकर खोया बना लें। फिर 250 ग्राम घी में डालकर इस खोए को भून लें। ठंडा हो जाने पर आधा किलो पीसकर शक्कर (चीनी) मिलाकर पलेट या थाली में जमा लें। सुबह-शाम 20 ग्राम खाने से काम-शक्ति बढ़ती है।
  • Ashwagandha+ shatavari +safed musli ke fayde : सफेद मूसली, सतावर, असगंध 50-50 ग्राम पीसकर पाउडर बना लें, अब यह पाउडर 10 ग्राम सोते समय 250 मि.ली कम गर्म दूध में खांड़ के साथ मिलाकर लें। अश्वगंधा, सफेद मूसली और शतावरी बहुत पुराने जमाने से यौन ताकत बढाने का एक अचूक नुस्खा माना जाता रहा है, इन हर्ब्स के सेवन से गुप्तांगों में खून का प्रवाह तेज होता है, जिससे व्यक्ति लम्बे समय तक उत्तेजित बना रहता हैं। यदि आपको यौन कमजोरी जैसी कोई समस्या है, तो आप नियमित रूप से इस आयुर्वेदिक नुस्खे का प्रयोग करें।
  • एक रिसर्च में ये सामने आया है की मधुमेह के रोगियों में होने वाली नपुंसकता को भी सफेद मूसली दूर करती है। सफ़ेद मूसली महिलाओं के लिए भी बहुत फायदेमंद हैं, महिलाओं के लिए यह योनि के सूखेपन को दूर करती है | साथ ही यह स्त्रियों के बांझपन को भी दूर करती है |
  • सफेद मूसली 20 ग्राम, ताल मखाने के बीज 200 ग्राम और गोखरू 200 ग्राम। तीनों को पीसकर पाउडर बनाकर रखें, फिर इसमें से 5 ग्राम पाउडर दूध के साथ खायें। यह भी यौन ऊर्जा को बढाने के लिए एक उपाय है |
  • मूसली और मिसरी बराबर मात्रा में पीसकर पाउडर बनाकर 6 ग्राम की मात्रा में खाने से से नपुंसकता खत्म होती है।
  • सफेद मूसली और मिसरी बराबर मात्रा में कूट-पीसकर पाउडर बनाकर 6 ग्राम की मात्रा में खाने से और ऊपर से नपुंसकता (नामर्दी) खत्म होती है।
  • मूसली 250 ग्राम बारीक पाउडर बना लें, उसे 2 लीटर दूध में मिलाकर खोया बना लें। फिर 250 ग्राम देशी घी में डालकर इस खोए को भून लें। ठंडा हो जाने पर आधा किलो पीसकर शक्कर (चीनी) मिलाकर पलेट या थाली में जमा लें। सुबह-शाम 20 ग्राम खाने से काम-शक्ति बढ़ती है।
  • स्वप्नदोष की समस्या दूर करने के लिए दिन में दो बार safed musli powder आधा चम्मच दूध में मिलाकर पियें जल्दी ही फायदा मिलेगा |
  • शुक्राणुओं की संख्या में वृद्धि करने के लिए आधा चम्मच मूसली पाउडर को एक चम्मच शहद के साथ मिलाकर रोजाना सुबह-शाम सेवन करें इससे sperm count बढ़ते है |
  • यदि आप सेक्स सम्बन्धी समस्याओं के लिए मूसली का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो आप रोजाना सुबह और शाम में एक-एक सफेद मूसली का कैप्सूल दूध के साथ ले सकते हैं। इसके अलावा यदि आप पाउडर के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं, तो एक बार में आप 3 से 5 ग्राम मूसली का सेवन करें।

काली मुसली के लाभ और आयुर्वेदिक उपाय

  • काली मूसली का पाक बनाकर खाने से नपुंसकता कम हो जाती है |
  • काली मूसली 10 ग्राम की मात्रा में लेकर दूध के साथ खाने से लाभ होता है। काली मूसली की जड़ का पाउडर 3 से 6 ग्राम की मात्रा में सुबह शाम मिश्री मिले हल्के गर्म दूध के साथ खाने से नपुंसकता में कुछ हद तक लाभ होता है।

सवाल और उनके जवाब 

  • सफेद मूसली का सेवन कितने दिनों तक करे ? आप चाहे तो उम्र भर इसका सेवन कर सकते है जब तक आप इस से लाभ मिलता रहे | आयुर्वेद की सबसे अच्छी बात यही है की इसकी जड़ी बूटी के कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं होते ये पूरी तरह प्राक्रतिक हर्ब होती है जैसे अनाज, आंवला, सेब, संतरा, लहसुन, बादाम आदि का जब तक मर्जी चाहे आप सेवन कर सकते है |

 

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