जानिए फ़ूड पॉइजनिंग के कारण और बचाव के उपाय-Food Poisoning

इसमें संदेह नहीं कि हमारे अधिकांश रोगों का कारण बेमेल भोजन करना होता है। इससे अन्य बिमारियों के अलावा Food Poisoning (विषाक्त भोजन) जैसी बीमारी भी हो सकती है|

यदि हम गलत भोजन करने की अपनी आदतों में थोड़ा-सा भी परिवर्तन करें, तो अधिकांश रोग जन्म ही न लें। इस कारण बेमेल या गलत भोजन की जानकारी प्राप्त करके तथा उस पर अमल करने से आप लंबे समय तक रोगों से बच कर दीर्घ आयु प्राप्त कर सकते हैं।

भोजन की अलग–अलग प्रकृति को समझे / Different Food Groups.

दुनिया भर में अनेक प्रकार के खाद्य पदार्थ भिन्न-भिन्न तरीके से सेवन किए जाते हैं। कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ व पेय भी होते हैं, जिनको मिलाकर पीने या खाने से उनके पौष्टिक गुण बढ़ जाते हैं। इसके विपरीत कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ या पेय हैं, जिनका सेवन करने से व्यक्ति पर उल्टा प्रभाव पड़ने के कारण Food Poisoning होती है। क्योंकि बेमेल भोज्य पदार्थ से जहर का निर्माण होता है। उदाहरणार्थ, अमृत जैसा गुणकारी शहद और घी जब बराबर की मात्रा में मिलाकर सेवन किए जाते हैं, तो उनका प्रभाव Food Poisoning का कारण बन सकता है।

वैसे तो Food Poisoning के कई कारण होते जैसे – पुराना बासी खाना , खराब सड़ी-गली सब्जी, फलो या अन्य खाद्य पदार्थो का सेवन, दूषित पानी , कच्चा मांस खाने से, गंदे हाथो या गंदे बर्तनों में खाना खाने से , जीवाणु, वायरस मक्खी या कीट पतंगो द्वारा भोजन का दूषित होना | खुले में रखा हुआ भोजन , डेयरी खाद्य सामग्री जैसे दूध पनीर, खोया ,मावा आदि को इस्तमाल करने की तिथि का एक्स्पायर्ड हो जाना , विषाक्त समुद्री भोजन, पौधों या कवक आदि | खतरनाक रसायनों से युक्त भोजन, ई-कोलाइ सालमोनेला (salmonella) या किसी अन्य तरह के बैक्टीरिया द्वारा प्रदूषित किया गया भोजन इत्यादि |

लेकिन इन सबके अलावा Food Poisoning का एक और बहुत बड़ा कारण होता है, वह है बेमेल भोजन | इस पोस्ट में हम उसी पर रोशनी डालने का प्रयास करेंगे क्योंकि सभी भोजनों का सही संयोजन या मेल की जानकारी ज्यादातर लोगो को नहीं होती है | वैसे तो सभी खाद्य सामग्रियों को एक ही लेख में कवर करना मुश्किल है फिर भी जो प्रचलित है हम केवल उन्ही को शामिल करेंगे |

विषाक्त भोजन का प्रमुख कारण बेमेल भोजन / Causes of Food Poisoning.

food poisoning causes reason / फूड प्वाइजनिंग के कारण
फूड प्वाइजनिंग

शरीर को स्वस्थ रखने के लिए सम आहार (Balanced Diet) लेना ही उचित माना गया है। यहां हम कुछ बेमेल खाद्य वस्तुओं के बारे में जानकारी दे रहे हैं, जिन्हें आपस में मिलाकर या एक दूसरे के बाद खाना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक सिद्ध होता है तथा Food Poisoning का कारण बनता है |

  • शहद और घी बराबर-बराबर की मात्रा में मिलाकर खाने से विष-सा प्रभाव होता है और Food Poisoning के साथ-साथ फालिज रोग तक हो सकता है।
  • दूध और दूध से बनी खाद्य सामग्री के साथ खट्टी चीजें खाने से मिचली और बदहजमी की शिकायत होती है।
  • मछली के साथ दूध, शहद या गन्ने का रस सेवन करने से कोढ़ या त्वचा के रोग हो सकते हैं।
  • किसी भी प्रकार का गोश्त खाने के बाद ऊपर से दूध पीने से diarrhea, मिचली, पेट दर्द ,हैजा या Food Poisoning हो सकता है।
  • खिचड़ी और खीरा, पनीर और दही, अंगूर और शहद (Honey), केले के बाद दही या लस्सी खाना या पीना पेट दर्द पैदा करता है।
  • लहसुन के साथ खरबूजा और शहद खाने से रक्त खराब होता है।
  • दूध और शराब यदि पेट में जाकर मिल जाएं, तो पैरों में दर्द, हैजा, Food Poisoning अथवा मृत्यु भी संभव है।
  • गर्मी में तरबूज के साथ पुदीना खाने से बदहजमी होती है।
  • अमरूद, खीरा, ककडी खाकर शीघ्र भरपेट पानी पीने से Food Poisoning हो सकती है।
  • मछली और मुर्गी के अंडे मिलाकर खाने से बवासीर (अर्श) रोग हो जाता है।
  • चावल और सिरका एक साथ खाने से Food Poisoning होकर पेट में अनेक विकार पैदा हो जाते हैं।
  • इनके अतिरिक्त बेमेल भोजन है – गुड़ और मूली, मांस और मूली, शहद के साथ गर्म पानी, कांसे के बर्तन में कई दिन रखा घी, गर्म पानी के साध दही, उड़द के साथ मूली, कबूतर का मांस और तेल, दूध के साथ नमक, गुड़, तेल, बेल फल आदि |
  • दही के साथ दूध, मूली, खीर, पनीर, खरबूजा आदि, ठंडे पानी के साथ मूंगफली, घी, तेल, अमरूद, गर्म दूध, खीरा आदि नहीं लेने चाहिए |
  • चाय के साथ दही, खीरा और ककड़ी खाने से भी स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है और अनेक प्रकार के रोग होने की संभावना बढ़ जाती है।
  • बेमेल भोजन के अलावा आयुर्वेद के अनुसार भोजन किसी भी समय, कितनी ही मात्रा में, कभी जल्दी-जल्दी, तो कभी बहुत धीरे-धीरे ग्रहण करना भी विषम या बेमेल भोजन के अंतर्गत आता है। इस प्रकार से बेमेल भोजन करने से वातादि दोष, रक्तादि धातुएं तथा मल, मूत्र, सभी विषमता प्राप्त रोगों का कारण बनते हैं।
  • बेमेल भोजन से रस रक्तादि धातुओं का सही निर्माण नहीं हो पाता। इसके साथ ही पाचन-क्रिया खराब होती है।
  • अधपचे और अपरिपक्व भोजन रस को आयुर्वेद शास्त्रानुसार ‘आम’ के नाम से जाना जाता है। यही सभी रोगों का मूल कारण माना गया है। यही वजह है कि शरीर में उपयोगी तत्वों का निर्माण नहीं होता, जिससे शारीरिक पुष्ठता नहीं आती और Food Poisoning भी हो सकती है। इसलिए कम से कम विविधता लिए हुए सादा और पौष्टिक भोजन करना ही स्वास्थ्य के लिए हितकर होगा। मतलब ये की विभिन्न प्रकार के व्यंजन और पेय मिलाकर या एक साथ नही खाने पीने चाहिए |

स्वस्थ जीवन जीने के लिए भोजन का महत्त्व:-

दीर्घायु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए समय पर हितकारी और मौसम के अनुसार ही भोजन करना चाहिए। इसलिए खानपान ऐसा करें, जो स्वास्थ्यप्रद हो। ऐसे बहुत से खाद्य पदार्थ हैं, जिन्हें साथ-साथ नहीं खाना चाहिए। उदाहरण के तौर पर हमारे देश में दाल-रोटी और दाल-भात में नीबू, इमली, आम की खटाई खाने का काफी प्रचलन है और इसी प्रकार मांस, तरी के साथ रोटी खाना आम रिवाज है। यही वजह है कि हम जल्दी ही इस बात को नहीं समझ पाते कि इस प्रकार के भोजन में कोई हानि है।

वैज्ञानिक मत से विचार करेंगे, तो हमें पता चलेगा कि गेंहू, चावल आदि अन्नों के साथ गोश्त, मांसाहारी पदार्थ नहीं खाने चाहिए और उनके साथ नीबू, दही, आम की खटाई आदि का मेल भी ठीक नहीं होता। ऐसा भोजन स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत हानिकारक होता है। जब तक शरीर में शक्ति रहती है, तब तक इस प्रकार का नियमित भोजन कोई प्रत्यक्ष हानि नहीं दिखाता, लेकिन शरीर के पाचन तन्त्र को काफी परेशानी उठानी पड़ती है, भारी परिश्रम करना पड़ता है। जिससे बदहजमी और Food Poisoning हो सकती है |

हमारे आहार का कार्बोज यानी श्वेतसार पदार्थ (रोटी, चावल, आलू आदि) और  शक्कर वाले अंश का पाचन सबसे पहले मुंह में क्षार के रूप में होता है और हर तरह की खट्टी चीजें, नीबू, इमली, दही आम की खटाई से विरोधी स्वभाव की होने के कारण उनकी खटास मुंह के पाचक रस की क्षारीयता को नष्ट कर देती है, जिससे श्वेतसार (स्टार्च) का प्रारंभिक पाचन ठीक प्रकार से नहीं हो पाता।

इसी प्रकार ज्यादा प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थ जैसे  (दाल, मांस, अंडे आदि) मुंह की लार से तो बिलकुल प्रभावित नहीं होते, क्योंकि इनका पाचन आमाशय में अम्ल और पाचक रस (एन्जाइम्स) के द्वारा अम्ल के रूप में होता है। कार्बोज के साथ प्रोटीन बिलकुल नहीं खाना चाहिए, क्योंकि मुंह की लार के क्षार (Digestive Enzymes) से जो पाचन शुरू होता है, वह पेट में पहुंचकर भी जारी रहता है। अगर कार्बोज, शक्कर और मिठास वाली चीजों के साथ दाल, गोश्त, अंडा आदि प्रोटीन वर्ग की वस्तुएं खाई जाएंगी, तो आमाशय में पहुंचने पर उनके पाचन के लिए उनकी ग्रंथियों से अम्ल भी निकलने लगेगा, जो कार्बोज के साथ आए हुए क्षार रस को बेकार कर देगा। परिणामत: कार्बोज और प्रोटीन, दोनों को पचने में बाधा पहुंचेगी।

प्रोटीन के साथ सभी तरह की खट्टी खाद्य सामग्री जैसे-दही, नीबू, इमली, आम की खटाई खाई जा सकती है, क्योंकि यह पाचन में किसी प्रकार की रुकावट नहीं डालती। केवल दूध अकेला ही पिया जाए, तो वह शीघ्र पचकर शरीर में शोषित हो जाता है, लेकिन कार्बोज या प्रोटीन के साथ लेने से पाचन में कठिनाई आती है।

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