पीलिया में क्या खाएं और क्या नहीं खाना चाहिए, परहेज

पीलिया (Jaundice) में खान-पान का बहुत महत्त्व होता है क्योंकि किसी भी रोग को जल्द ही ठीक करने में सही उपचार और एक सही आहार दोनों की भूमिका बहुत अहम् होती है इसलिए इस पोस्ट में हम पीलिया में कौन से आहार खाने और कौन से नहीं खाने चाहिए इस जानकारी को विस्तार से बतायेंगे पर सबसे पहले एक नजर पीलिया रोग के एक संक्षिप्त परिचय पर डालते हैं |

हमारे शरीर के रक्त में जब बिलिरुबिन (Bilirubin) की मात्रा 0 मिलीग्राम प्रति 100 मिली लीटर से अधिक हो जाती है, तो त्वचा, नाखून, आंखें व पेशाब पीले रंग की दिखने लगती हैं। इसी अवस्था को पीलिया रोग के नाम से जाना जाता है। यह रोग जिगर की खराबी से पैदा होता है। जब जिगर का पित्त आतों में न पहुंचकर सीधे खून में मिल जाता है, तो सारे शरीर में पीलापन छाने लगता है। पीलिया रोग में त्वचा, जीभ और आंखों का पीला होना, अत्यंत कमजोरी, सिरदर्द, बुखार, मिचली, भूख न लगना, जरूरत से ज्यादा थकान महसूस होना, कब्ज होना और मूत्र का रंग पीला होना आदि लक्षण देखने को मिलते है |

Bilirubin Meaning -बाइलरुबिन (पित) पीले और भूरे रंग का पदार्थ है। बाइलरुबिन का निर्माण लिवर करता है और यह भोजन में मौजूद फैट को तोड़ने के काम आता है। इसके बाद यह मल के रास्ते बाहर निकल जाता है। मल का सामान्य रंग इसी बाइलरुबिन की वजह से होता है। ज्यादा एल्कोहल, मसाले, चिकनाई और अम्लयुक्त भोजन और कुछ दवाइयों से बाइलरुबिन की मात्रा बढ़ जाती है। ऐसे में लिवर ठीक से काम नहीं कर पाता तो यह बाइलरुबिन रक्त में पहुंच जाता है। जब इसकी मात्रा बहुत ज्यादा बढ़ जाती है तो त्वचा का रंग भी पीला पड़ जाता है और पीलिया की स्थिति पैदा हो जाती है। इसके अलावा ज्यादा शराब पीने, खून की कमी, वायरस के संक्रमण, खटाई, गर्म और चटपटे तथा पित्त  को बढ़ाने वाले पदार्थ ज्यादा खाने से भी यह रोग होता है। #Food #Meal #healthy #best #Diet Tips During #jaundice. foods #avoided for jaundice. What should #patients #Eat .

पीलिया जॉन्डिस में क्या खाना चाहिए : Piliya me kya khaye

Pilia jaundice piliya me kya khana chahiye kya nahi पीलिया में क्या खाएं और क्या नहीं खाना चाहिए, परहेज
पीलिया में क्या खाएं और क्या नहीं खाएं !
  • पीलिया रोगियों को हलका, आसानी से पचने वाला ताजा भोजन जैसे-चावल, दलिया, खिचड़ी, बाजरे, जौ, गेहूं की चोकर युक्त (छिलके के साथ ) रोटी बिना घी लगाये खाना चाहिए ।
  • पीलिया रोगी के भोजन में प्रोटीन और कार्बोज वाले पदार्थों को खाना चाहिए |
  • साबूदाना की खीर, बार्ली, मूंग, मूंग की खिचड़ी, मसूर, अरहर की पतली दाल खाना चाहिए |
  • कच्चे नारियल का पानी, मूली के पत्तों का रस, ताजा छाछ, मलाई रहित क्रीम निकला दूध, शहद, गन्ना, गन्ने का रस (शुद्धता का ध्यान रखते हुए) लेना चाहिए।
  • बुखार की स्थिति में मीठे फलों का रस ग्लूकोज मिलाकर पिएं।
  • पीलिया के मरीज को हरी सब्जियों में कच्ची मूली, लौकी, करेला, प्याज, पुदीना, फूल गोभी, पालक, धनिया, धनिये का बीज, मेथी, परवल, गाजर, लहसुन, तुलसी, ब्रोकली, अंकुरित चने, चुकंदर, पत्ता गोभी खाना चाहिए ।
  • फलों में पपीता, अनानास, आंवला, चीकू, खजूर, अंगूर, अनार, आडू, आंवला, मौसमी, सेब, टमाटर, संतरा, सिंघाड़ा, नीबू को खाना चाहिए ।
  • मरीज को हमेशा उबला, छना, क्लोरीन या वाटर प्योरीफायर से साफ़ किया हुआ पानी ही पिएं। पीलिया में ज्यादा-से-ज्यादा पानी पीएं। पर यह पानी साफ होना जरूरी है।
  • सुबह एक गिलास गुनगुने पानी में एक नींबू निचोड़कर पिएं।

पीलिया में क्या नहीं खाना चाहिए :

पीलिया, हेपेटाइटिस के दौरान नुकसान करने वाले पदार्थ :

  • पीलिया में तला-भुना, मिर्च-मसाले वाला भोजन बहुत हानिकारक है, इसलिए ऐसी चीजों को कम से कम 20-25 दिन तक तो बिल्कुल भी नहीं खाना चाहिए।
  • वसायुक्त भोजन से बीमारी ठीक होने के बाद भी दूर रहना चाहिए।
  • पीलिया रोग में भारी, गरिष्ठ, तेल, मक्खन, चिकनाई वाले पदार्थ, घी-तेल में तला, मिर्च-मसालेदार, अधिक नमकीन, खटाई युक्त अचार, सिरके से बने पदार्थ नहीं खाना चाहिए ।
  • मिठाइयां, बेसन की चीजें, मैदे के व्यंजन, मांस, मीट और अंडे, मछली नहीं खाना चाहिए ।
  • शराब का सेवन तो जहर की तरह काम करेगा, इसलिए शराब को छूना भी नहीं चाहिए।
  • पान, तंबाकू, गुटखा आदि का सेवन न करें।
  • पीलिया में दूषित पानी और दूषित बासी भोजन को भी हर हाल में नहीं खाना चाहिए ।
  • दूध और दूध के उत्पाद भी न लें। मट्ठा और दही लाभकारी है, पर उसमें मलाई या चिकनाई न हो।
  • ठीक होने के बाद भी मक्खन और जैतून के तेल का कम मात्रा में ही सेवन करना चाहिए।
  • ज्यादा नमक, अचार, मुरब्बा, चटनी, रबड़ी, खोया आदि से भी परहेज रखें |
  • फलों में केला का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • फास्ट फूड जैसे पिज़्ज़ा, बर्गर, मैगी, चाव्मीन, पानी-पूरी, टिक्की भी नहीं खाना चाहिए ।
  • कचालू, अरवी, राई, हींग, गुड़, उड़द की दाल, फलियां और बींस, चीनी आदि से भी परहेज करें।
  • चाय, कॉफी, कोल्ड ड्रिंक जैसे पेप्सी, कोला या एनर्जी ड्रिंक का भी परहेज रखें |

पीलिया और हेपेटाइटिस के दौरान खानपान के ये उपाय जरुर अजमाए :

  • पीलिया रोगी के लिवर को मजबूती देने के लिए एक आयुर्वेदिक उपाय : सामान्य अवस्था में लिवर की मजबूती के लिए आयुर्वेद में काहू, कुल्फा, कासनी और मकोय को लाभकारी माना गया है। इन चारों को मिलाकर पीने से लिवर को बहुत मजबूती मिलती है। काहू और कुल्फा इन्हीं नामों से पंसारी की दुकान पर मिल जाते हैं, जबकि कासनी अर्क के रूप में बाजार में मिल जाता है। मकोय (मकीय) का भी अर्क बाजार में मिल जाता है। मकोय का पौधा होता है जिसकी पत्तियों का उपयोग पीलिया की बीमारी में बहुत उपयोगी होता है |
  • पीलिया में जौ का पानी : जौ और जौ के पानी में मूत्र को बढ़ाने की क्षमता होती है। जौ का पानी अतिरिक्त बाइलरुबिन को शरीर से बाहर निकाल फेंकता है। एक कप जौ को थोड़े से पानी में लेकर करीब तीन घंटे तक धीमी आच पर पकाना चाहिए। इसके बाद ठंडा करके इस पेय का सेवन करना चाहिए।
  • इस बीमारी में हर वो चीज काम की है जो आपके लिवर से सारी गंदगी को साफ़ करने की शक्ति रखती हो |
  • पीलिया में आंवला : विटामिन सी से भरपूर आंवला का रस भी लिवर की कोशिकाओं की सफाई करने का काम करता है। आंवले को कच्चा भी खाया जा सकता है। जाने आंवले के बेहतरीन औषधीय गुण
  • आंवले का नुस्खा- 1 : आंवले के रस में थोड़ा-सा गन्ने का रस मिलाकर रोजाना, मरीज को पिलाया जाए तो बहुत राहत मिलती है।
  • आंवले का नुस्खा- 2 : पीलिया में छाछ या मट्ठे के साथ एक चम्मच आंवले का चूर्ण रोजाना तीन बार लें।
  • तुलसी की पत्तियां : लिवर की कार्यप्रणाली को दुरुस्त करने में तुलसी की पत्तियां भी अहम भूमिका निभाती हैं। मरीज को रोजाना चार-पांच तुलसी की ताजा पत्तियां सुबह के वक्त खाने से पीलिया रोग में विशेष लाभ होता है।
  • पीलिया में मूली का रस भी है बहुत कारगर : मूली के रस में रक्त और लिवर से बाइलरुबिन को बाहर निकालने की क्षमता होती है, लिहाजा इस रोग में मूली बहुत काम की चीज है। मूली के रस में चीनी या मिश्री भी मिला सकते हैं। मूली के रस में इतनी ताक़त होती है कि वह रक्त और लिवर से अत्यधिक बिलरूबिन को निकाल देता है इसलिए पीलिया में दिन में दो से तीन ग्लास मूली का रस ज़रूर पीएं यह पीलिया में रामबाण इलाज है |
  • गन्ने का रस : गन्ने का रस पीलिया के मरीज के लिए बेहद कारगर औषधि की तरह काम करता है। खास बात यह है कि इसके रस में ऊर्जा भी भरपूर होती है, इसलिए यह रोग में शक्ति देने का काम भी करता है। साथ ही यह हवा और पित्त दोष को भी ठीक करता है। आयुर्वेद के अनुसार इन दोषों के कारण ही पीलिया होता है, लेकिन गन्ने के रस को दमा, शुगर और जुकाम के रोगियों को नहीं लेना चाहिए।
  • गन्ने के रस का एक नुस्खा : जौ का सत्तू खाकर ऊपर से एक गिलास गन्ने का रस रोज पीएं तो पीलिया बहुत जल्दी ही ठीक हो जाता है।
  • भुने चने और चने की दाल : पीलिया के मरीज के लिए भुने हुए चने और चने की दाल भी बहुत लाभकारी मानी गई है। चने रूखे होने के कारण पीलिया में फायदेमंद होते हैं। चने की दाल का उपयोग पीलिया में इस प्रकार करना चाहिए – चने की दाल और गुड़ को बराबर मात्रा में लेकर रात भर के लिए पानी में रख दें। अगले दिन इस पानी को पीएं और मिश्रण को चबाकर खाएं। ऐसा तीन-चार दिन तक करें।
  • धनिये के बीज का पानी : धनिया का बीज भी पीलिया की रोकथाम में बढ़िया पाया गया है। धनिए के बीजों को रात में पानी में भिगो दें और सुबह को इस पानी को पी जाएं। धनिये के बीजों के इस पानी में जहरीले पदार्थों को लिवर से बाहर निकालने में मदद मिलती है।
  • नींबू : लिवर को जहरीले पदार्थों से मुक्ति दिलाने में नींबू बहुत ही शक्तिशाली शाक है यह विटामिन सी का अच्छा स्रोत भी होता हैं । इसलिए पानी में ताजा नींबू का रस मिलाकर रोजाना पीने से बहुत लाभ होता है। यदि सही खुराक मिल जाए तो लिवर में खुद का पुनर्निर्माण करने की क्षमता होती है। विटामिन सी, विटामिन बी, खासकर चोलाइन और विटामिन ई लिवर के पुनर्निर्माण की प्रक्रिया को तेज करते हैं।
  • पीलिया में चुकंदर : आयरन, विटामिन और मिनरल्स से भरपूर चुकंदर खून को साफ करता है और उसमें हीमोग्लोबिन बढ़ाता है। पीलिया, हेपेटाइटिस में भी इसका रस कमाल करता है।
  • टमाटर : विटामिन सी से भरपूर टमाटर में बहुत ही शक्तिशाली एंटी ऑक्सीडेंट लाइकोपेन होता है, जो लिवर की कोशिकाओं को नया जीवन देने का काम करता है।
  • आडू : आडू में आयरन, जिंक, मैग्नीशियम, मैगनीज, कैल्शियम, सल्फर और विटामिन ए, बी, सी और ई जैसे तत्व होते हैं। यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। यह पेट से जुड़े रोगों जैसे अपच, गैस, बदहजमी, कब्ज, एसिडिटी को भी दूर करता है। पीलिया में बहुत लाभकारी है | इसे जरुर खाना चाहिए |
  • अनानास : इस फल का रस भी लिवर की कोशिकाओं को साफ करने के लिए जाना जाता है। इसे भी खाना चाहिए |
  • लौकी : लौकी पित्त को बाहर निकालती है और शरीर में तनाव को कम करती है। यह भी पीलिया के मरीज के लिए एक अच्छा आहार है | हेपेटाइटिस बी के कारण, लक्षण और बचाव
  • सिंघाड़ा : सिंघाड़े में जहरीले तत्वों को मारने की क्षमता होती है, इसलिए यह फल पीलिया के रोगी के लिए बहुत बढ़िया है। पीलिया में सिंघाड़े को कच्चा भी खाया जा सकता है और इसका जूस भी पी सकते है। शरीर से जहरीले तत्वों को निकालने के लिए सिंघाड़ा एक टॉनिक जैसा काम करता है। इसे जरुर खाना चाहिए |
  • फूलगोभी : फूलगोभी में एक फाइटोन्यूट्रिएंट ग्लूकोसीनोलेट होता है, जो लिवर का बढ़िया मित्र है यानी फूलगोभी जहरीले तत्वों से शरीर की रक्षा करती है। सामान्य अवस्था (रोग होने पर नहीं) में लिवर की बेहतरी के लिए फूलगोभी अच्छा आहार है। इसके अतिरिक्त पीलिया में फिटकरी और मूली के पत्तो का रस भी काफी लाभकारी होता है |
  • एक बड़ा चम्मच त्रिफला पाउडर एक ग्लास पानी में डालकर रात में रख दें | सुबह पानी छानकर पी लें, नियमित रूप से १२ दिन तक यह उपचार करें, नींबू के रस को पानी में निचोड़ कर पीने से पेट साफ़ होता है, पीलिया रोगी इसे रोज़ खाली पेट सुबह पियें तो अच्छा होता है, दोपहर और शाम को भी रस पीएं |
  • गोभी और गाजर का रस निकाल लें. दोनों रस को बराबर मात्रा में मिलाकर ग्लास भरकर मिश्रण तैयार करें. इस रस को एक हफ्ते तक पीलिया के रोगी को पिलाएं |
  • पीलिया रोगी के लिए पपीता संजीवनी बूटी की तरह है | रोगी को दिन में तीन से चार बार प्लेट भर के कटा हुआ पपीता खिलाएं |
  • नीम की पत्तियों को साफ़ करके उसका रस निकाल लें और पीलिया रोगी को रोज़ाना दिन में कम से कम दो बार एक बड़ा चम्मच भरकर नीम का रस पिलाएं |
  • लहसुन की पांच कलियों को एक ग्लास दूध में उबाल लें, कलियां निकालकर दूध रोगी को पिला दें और फिर उन कलियों को पीलिया के  रोगी को खाने के लिए दे दें |

सवाल : क्या पीलिया में हल्दी और पीली चीजें खाने पर रोक लगा देनी चाहिए?

  • जवाब : यह पाबंदी सरासर अनुचित है। पीलिया हल्दी और पीली चीजें खाने से नहीं होता। यह तो शरीर में जैव रसायन बिलीरूबिन के बढ़ने से होता है। बिलीरूबिन कई स्थितियों में बढ़ सकता है। सबसे आम कारण जिगर में वायरस संक्रमण होना है, जिसे वायरल हैपेटाइटिस कहते हैं।

क्या पीलिया में दूध पी सकते हैं या नहीं ?

  • जी हाँ आप पीलिया में दूध पी सकते है लेकिन दूध में से क्रीम निकाल लें और दूध अच्छी तरह से उबला हुआ होना चाहिए |

पीलिया में नहाना चाहिए या नहीं ?

  • पीलिया के मरीज रोजाना नहा सकते है लेकिन पानी गर्म करके ही नहाये, पानी का तापमान ना ज्यादा ठंडा हो और ना ही अधिक गर्म होना चाहिए |

इन चीजो का अवश्य ख्याल रखें :

पीलिया रोगियों को या अन्य स्वस्थ लोगो को भी इस रोग से बचने के लिये खाना बनाने, परोसने, खाने से पहले व बाद में और शौच जाने के बाद में हाथ साबुन से अच्छी तरह धोना चाहिए | भोजन हमेशा से किसी थाली से ढक कर ही रखें ताकि मक्खियों व धूल से बचाया जा सके | गर्मियों में ताजा खाना ही खाएं, खुला खाना बिल्कुल नहीं खाना चाहिए ,गंदे, सडे-गले व कटे हुये फल भी नहीं खाने चाहिए और पीने का पानी तो बिलकुल  साफ़ और स्वच्छ होना चाहिए | यह भी जरुर पढ़ें – पीलिया कारण, लक्षण और बचाव के उपाय

पीलिया रोगियों के लिए एक सम्पूर्ण डाइट चार्ट यानि आहार तालिका निश्चित रूप से पीलिया के मरीजो के लिए बहुत ही लाभकारी होती है तथा उनको इस रोग से जल्द ही छुटकारा दिलाने में मदद करेगा क्योकि पीलिया मे क्या खाये इसकी बहुत अहमियत होती है, इस आहार तालिका को जानने के लिए पढ़ें यह पोस्ट =  जानिये पीलिया रोगी का डाइट चार्ट

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48 thoughts on “पीलिया में क्या खाएं और क्या नहीं खाना चाहिए, परहेज”

    • Sir. Jondish thik hone ke bad kya kya kha sakte hai or kya nhi kha sakte hai or jo nhi kha sakte hai wo kitne dino tak .

    • पीलिया ठीक होने बाद तीन चार महीनो तक सादा और पोष्टिक भोजन ही खाएं | चटपटे तेल घी में बने पकवान, जंक फ़ूड आदि ना खाएं |

    • यह निर्भर करता है रोगी की सेहत और उसके खानपान पर | पीलिया का असर पूरी तरह खत्म होने में एक महिना लगता है|

    • पीलिया बीमारी के दौरान नहीं खाएं इसके बाद आप ड्राई फ्रूट खा सकते है | सभी बिमारियों में पाचन तन्त्र कमजोर हो जाता है इसलिए आसानी से पचने वाले भोजन खाने चाहिए |

    • सोनम जी,
      पीलिया होने का सबसे मुख्य कारण गंदगी होता है | हालाँकि इसके और भी कई कारण होते है इसकी आपको जाँच करवानी पड़ेगी उसके बाद उस कारण से अपना बचाव करें | इस आर्टिकल को पढ़ें इसमें काफी विस्तार से बताया गया है | http://healthbeautytips.co.in/jaundice-piliya-ke-lakshan-karan-upay/

  1. Jondish thik hone ke bad Sada khana or postic khana jese kya khaye? Or namak ka istemal khane me kar sakte hai ya nhi?…

    Reply
    • नमक का सेवन आप कर सकते है | सादा खाना वह होता जिसमे अधिक मसाले, घी, तेल, चटपटे व्यंजन ना हों |

  2. Mem mere body me khujli chal rhi h mere piliya 9 ke lagbhag aaya tha or aaj 17 din ho chuke he mujje doctor ne bharti bhi kiya me mene khane me bhi sb chor diya tel gee chaye sb lekin mem abhi bhi mere piliya bana hua h aaj hi pta chala ki mere 3.75″ piliya re gya kttm keshe kare ise medam

    Reply
    • रोहित जी,
      आप अपना इलाज और खानपान का परहेज जारी रखें पीलिया पूरी तरह ठीक होने में महीने से ऊपर का समय लग सकता है और इसके ठीक होने के बाद भी खानपान का परहेज तो कम से कम चार पञ्च महीनो तक जारी रखें|

  3. jondish thik hone ke bad kya dudh pi sakte hai or kya sattu ka sewan kar sakte hai jese satu se bane Sade roti…. Or Kya Sade roti ka sewan kar sakte hai ki nahi

    Reply
  4. Mam Piliya me Doctor ke pas ka ilaaj nhi hota iske liy Bahar ki dawai jaise jaddi butti ki dawai lena pdta kya ye sach hai aur piliya me dahi chlta kya

    Reply
    • शंकर जी पीलिया का आधुनिक इलाज उपलब्ध है जो पूरी तरह कामयाब है | लेकिन ऐसी बीमारियों के इलाज लंबे चलते है इसलिए थोडा सब्र से काम लें और अच्छे से डॉक्टर या आयुर्वेदिक वैध को दिखाएँ |समय बर्बाद ना करें और दो अलग-अलग तरह की चिकित्सा प्रणाली से इलाज ना करवाएं और ना ही कोई घरेलू नुस्खा आजमायें | पीलिया की बीमारी यदि लम्बी खिंच जाये तो जानलेवा भी हो सकती है |

  5. एक जगह आप कहते हो कि चीकू खाना है. और एक जगह कहते हैं कि चीकू नहीं खाना है. जिन्दगी का सवाल है सर.
    मुझे है 1.7 direct. मूली खा रहा हू नारियल का पानी भी. पालक भी. Sir लेकिन गन्ने नहीं मिल रहा है.. और tablet 💊 अर्षोड़े

    Reply
    • गुप्ता जी माफ़ कीजिये टाइपिंग में गलती को सुधार लिया गया हैं | आप चीकू का सेवन कर सकते है – इस लिंक पर जाकर पढिये एक प्रतिष्ठित अखबार दैनिक जागरण में भी इसकी पुष्टि की गई है | धन्यवाद
      https://www.jagran.com/uttarakhand/pauri-garhwal-9533618.html

  6. Sir mujhe jondish hua tha 23 Jun ko us samay 7.5 tha Or kuch din bad fir test karwaye the to 11.4 ho gaya tha 1 mahina dawai chala fir ja kar last test karwaye the 4 Aug ko to mera 1.8 to abhi 1 mahina ho gaya hai….or khana me abhi bhi bilkul Sada he kha rahe hai bina tel masala ka or roti bhi khane lage hai to kya mujhe abhi bhi jondish hai….?… Or mujhe kya kya or Karna hoga..

    Reply
  7. Kya sir apse kuch Janna chaha to aap ye Aatical de diye ki padho ye sub to roj padhte hai or folo bhi karte hai per aap kuch bata nhi sakte hai…. Yahi na…

    Reply
    • पंकज कुमार जी,
      हमारे पास दिन सैकड़ो कमेंट आते है जिनमे अक्सर लोग वही प्रश्न पूछते है जिनके उत्तर उसी आर्टिकल में मौजूद होते है या कमेंट बॉक्स में मौजूद होते है | आपका सवाल था की आपके शरीर में बिलरुबिन २.० पर है तो क्या आपको पीलिया है ? इसका उत्तर उस आर्टिकल में दिया हुआ है आप उसे पढिये तो एक बार ये लिखा है उसमे = (एक स्वस्थ व्यक्ति में बिलिरूबिन की मात्रा 1000 सी.सी. रक्त में 3 मि.ग्रा. से 1 मि.ग्रा. तक होती है।) इसका मतलब हुआ की आपको पीलिया नहीं है |

      धन्यवाद !!

    • जी आप जा सकते है पर कुछ दिनों तक भारी वजन उठाने वाले व्यायाम ना करें |

  8. Mam Maine test karwaya h Mera bilirubin 1.42 aaya h to Kya ye normal Hai ya bhut h …or mujhe Kya krna chahiye plzz suggest me

    Reply
    • ये लेवल ठीक है अब आप स्वस्थ है | एक महिना और अपना यही खानपान जारी रखे | साफ़ सफाई का खास तौर से ख्याल रखें और hand sanitizer खरीद लें कुछ भी खाने से पहले अपने हाथ इससे साफ़ कर लें | उबला पानी ही पियें |

  9. meri age34. hai mera weight 48 kg hai. bilbullin total 2.94 MGM/dl hai Direct 067 indirect 2.27 mujhe 42 din se khujli aa rahi hai kya ye khatranak hai aur ye direct test indirect test kya hai please bataye khujli kab rukegi

    Reply
    • राकेश जी,
      आपके रक्त में बिलरुबिन की मात्रा थोड़ी बढ़ी हुई है इसलिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें | खुलजी भी इसी कारण से हो रही है |

    • मुकेश जी ऑनलाइन तो कोई सलाह नहीं दी जा सकती है लेकिन आप किसी अछे डॉक्टर को जल्दी ही दिखा लें क्योंकि ये दोनों ही रोग काफी गंभीर होते है |

  10. November ke first week me mujhe typhoid bhi tha doctor se dawai leta rha lekin aram nhi ho rha tha to doctor ne mujhe 2 December ko admit kr liya tha aur me 1 hafte tk admit tha jisse me thik ho gya bt January ke last weeks me mujhe jaundice ki problem ho gyi ab tk me problem me hu

    Reply
    • आशीष जी आप अलग अलग फल एक साथ खा सकते है लेकिन ज्यादा मात्रा में भरपेट ना खाएं क्योंकि बीमारी की वजह से पाचन तन्त्र कमजोर हो जाता है इसलिए एक साथ ना खाकर एक एक घंटे के अंतर पर थोडा थोडा खाना चाहिए |

  11. Thanx ma’am meri mother ko joindice hai Hepatitis or hB test to normal hai but body me bht iteching hai….kon se test kraye or kese PTA lagega patient recover hora hai

    Reply
  12. Sir/Mam mera serum bilirubin 3.9 hai kya ye Jada hai aur agar ye Jada hai to ise Kam kese Karun mughe 1 month pehle piliya hua tha uske Baad khoon mein kami aagyi thi jiski wajah se hospital mein admit bhi Raha aur ye mere usi hospital se Mili blood ki report hai jisme mera current haemoglobin 05.5 , total W.B.C count 3700 , and platelete count 0.81 lacs/cumm , hai meri age Abhi 17 hai please agar aapki Nazar mein mein Abhi bhi bimaar Hun to mughe best medicine suggest karein please

    Reply
  13. hello mam
    muje hcv hai or m dvayi bhe le raha hu or khane me jyada tar m uble khane ka isatmal kar raha hu
    or kabhe kabhe m normal kana bhe kha leta hu or din m ek ba tea leta hu
    iske iala muje kin kin bato ka thyan rakhna padega

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