अक्सर बच्चो के पेट में कृमि (कीड़े) हो जाते है और कई बार बड़े व्यक्ति भी इस रोग का शिकार हो जाते हैं। अनेक प्रकार के परजीवी कृमि आंतों में रहते हैं। पेट में कृमि होने पर बच्चे या वयस्क जो कुछ भी खाता-पीता है, उसके पोषक तत्वों से बने रस को ये कृमि चूस लेते हैं। परिणाम यह होता है कि पीड़ित व्यक्ति दुबला-पतला और कमजोर ही बना रहता है, चाहे कितना ही पौष्टिक आहार सेवन क्यों न करे। लंबे समय तक इस पेट में कृमि रोग का उपचार न कराने से रोगी खून की कमी यानि एनीमिया, कुपोषण, आंतों में अवरोध, एलर्जी आदि रोगों का शिकार बन जाता है।
कारण : पेट में कृमि उत्पन्न होने के कारण ये हैं – मुंह से नाखून कुतरने की आदत, बिना हाथ साफ किए भोजन करना, जमीन पर पड़ी खाने की चीज उठाकर खाना आदि होते हैं।
लक्षण : पेट में कृमि होने के लक्षणों में रोगी का दुबला-पतला होना, चेहरा पीलापन लिए दिखना, बार-बार नाक और गुदा द्वार खुजलाना, आंखों के नीचे काले घेरे पड़ना, अधिक भूख लगना, पेट में मीठी-मीठा दर्द बना रहना, कभी-कभी बिल्कुल भूख न लगना, पेट के बल औधा सोना, पेट बड़ा और कड़क होना, बिस्तर में पेशाब करना, पेशाब सफेद गाढ़ा आना, नींद में बेचैनी, जी मिचलाना, हाथ-पांव ठंडे बने रहना, चिड़चिड़ा रहना, बच्चे का बार-बार रोना, चिल्लाना आदि हैं। इस रोग में सही खानपान का बहुत महत्त्व होता क्योंकि एक सही आहार के माध्यम से आप इस रोग से जल्द ही छुटकारा पा सकते है | तो आइये जानते है की पेट में कीड़े की समस्या से जूझ रहे रोगियों को क्या खाना चाहिए और किन चीजो का परहेज करना चाहिए |
पेट में कृमि रोग में मरीज को क्या खाना चाहिए

- आटे में नमक और खाने का सोडा मिलाकर तैयार की गई रोटी खाएं।
- पेट में कृमि होने पर पुराने चावल, मूंग, मसूर, अरहर की दाल आहार में लें।
- पेट में कृमि रोग में सब्जियों और फलों में करेला, बथुआ, परवल, पुदीना, प्याज, मेथी, टमाटर, गाजर, शहतूत, आंवला, नीबू, सेब, पेठा, अखरोट सेवन करें।
- नारियल का पानी पीकर कच्चा नारियल रोजाना खाएं।
- टमाटर, गाजर या बथुए का रस एक कप की मात्रा में सुबह-शाम पिएं।
- मसालों में लाल मिर्च, हरी मिर्च, हल्दी, दालचीनी, जायफल, इलायची, सेब का सिरका, सौंफ आदि को अपने खाने पीने में जरुर शामिल करें |
- 4-5 लहसुन की कच्ची कलियां सुबह-शाम शहद के साथ सेवन करें।
- करेला, तुलसी, पुदीने का रस या एक कप नमक मिली छाछ भोजन के बाद पिएं लाभ होगा |
- दही पेट और आंतों की सबसे अच्छी दोस्त है। इसमें एंटी बायोटिक गुण भी होता है साथ ही यह अन्य पदार्थों को भी पेट में आसानी से पचाने का काम करती है। दही रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है। नुस्खा : पेट में कृमि की बीमारी में दही में असली शहद मिलाएं और तीन-चार दिन तक सुबह-शाम यानी रोज दो बार खाएं।
- अनानास, पपीता, अनार और ब्लैक बेरी में एंटी पैरासिटिक गुण होते हैं, लिहाजा पेट में कृमि या कीड़ों की समस्या के दौरान इन चारों फलों में से किसी एक या ज्यादा उपलब्धता के आधार पर नियमित सेवन करें। पेट को बहुत फायदा होगा। पपीते में ऐसे एंजाइम होते हैं, जो प्रोटीन को हजम करने में मदद करते हैं। इसी तरह एक से तीन अनार रोजाना खाने से कीड़े की समस्या हल हो सकती है।
- नुस्खा 1 : अनानास में ब्रोमेलेन नाम का एंजाइम पाया जाता है, जो पाचन-तंत्र को दुरुस्त रखने के अलावा टेपवर्म जैसे पैरासिटिक इन्फेक्शन को भी दूर करता है। रोज अनानास का सेवन खाली पेट करने से काफी लाभ होगा ।
- नुस्खा 2 : 10-12 पपीते के बीज लेकर इन्हें पीस लें। फिर इन्हें एक कप पानी में मिलाकर कई दिन तक रोजाना पीएं। पेट में कृमि होने की बीमारी से छुटकारा मिलेगा |
- नुस्खा 3 : अनार के छिलकों का चूर्ण बना लें और कुछ दिन तक रोजाना तीन ग्राम चूर्ण दही या छाछ के साथ खा जाएं।
- पेट में कृमि होने पर उन्हें शरीर से बाहर निकालने में फाइबर बहुत मदद करते हैं। वैसे तो अनाजों से हमें फाइबर मिलते ही हैं, मगर ओट्स (जौ और अन्य अनाजों का दलिया) और स्प्राउट (अंकुरित अनाज) में कहीं ज्यादा फाइबर होते हैं। लिहाजा पेट में कृमि की समस्या के दौरान मरीज को ओट्स और स्प्राउट का नियमित सेवन करना चाहिए।
- कच्ची प्याज और लहसुन में एंटी माइक्रोबियल और एंटी पैरासिटिक गुण होते हैं। हमें इन पदार्थों को भी भोजन में शामिल करना चाहिए। आंतों में कीड़ों और पेट में कृमि को मारने के लिए रोगी को कच्चे लहसुन की कम से कम दो कलियां (क्लोव) रोज खानी चाहिए। कच्ची प्याज भी रोजाना खाएं।
- नुस्खा 1 : प्याज को कच्ची खाने के अलावा विशेषज्ञ एक विशेष नुस्खा और भी बताते हैं। इसके अनुसार, हरी प्याज के पौधे के सफेद हिस्से का रस निकालें और उसमें दो चम्मच तिल का तेल डाल ले । इस मिश्रण का तीन-चार दिन तक दिन में दो बार खाली पेट सेवन करें।
- नुस्खा 2 : लहसुन की चटनी बना लें। उसमें जरा-सा सेंधा नमक डालें और इसे तीन-चार दिन तक सुबह-शाम चाटें।
- नुस्खा 3 : आधा चम्मच प्याज का रस तीन-चार दिन तक रोज पीएं।
- नुस्खा 4 : दो कली लहसुन लें, चार मुनक्के ले लें और एक चम्मच शहद। तीनों पदार्थों की चटनी बना लें और एक हफ्ते तक खाएं।
- नारियल के तेल में एक विशेष अम्ल पाया जाता है, जिसका नाम कैप्राइलिक एसिड है। यह एक ऐसा फैटी एसिड है, जो बैक्टीरिया और पैरासाइट को मारने की क्षमता रखता है। इसके अलावा नारियल में लौरिक एसिड भी है जो नारियल के अलावा महिलाओं के स्तन से निकलने वाले दूध में ही प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। पेट में जाकर यह एसिड पेट के कीड़ों को मार देता है या फिर उन्हें निष्क्रिय कर देता है। खास तौर से टेपवर्म के लिए विशेषज्ञों की सलाह है कि पूरा लाभ पाने के लिए सुबह के समय नारियल का रस पीने या ताजा नारियल खाने के बाद करीब चार घंटे तक और कुछ नहीं खाना चाहिए।
- पेट में कृमि की बीमारी में अजवायन भी बहुत काम की चीज होती है -अजवायन के तेल में कीड़ों के विरोधी दो शक्तिशाली एजेंट होते हैं, जिन्हें विशेषज्ञों ने थाइमॉल और कैरीएक्रॉल नाम दिया है। पेट के कीड़ों के मामले में ये दोनों तत्व बहुत ही असरकारक ढंग से काम करते हैं।
- नुस्खा 1 : तीन-चार दिन तक एक चम्मच अजवायन में दो चुटकी काला नमक मिलाकर रात को सोते समय गर्म पानी से लें।
- नुस्खा 2 : अजवायन के सत्व की चार-पांच बूंदे पानी में डालकर भी सेवन कर सकते हैं।
- नुस्खा 3 : एक चम्मच अजवायन लें, चार काली मिर्च लें और एक चुटकी सेंधा नमक लें। तीनों का चूर्ण बना लें और पानी के साथ सेवन करें।
- बादाम न सिर्फ आतों को स्वच्छ करता है, बल्कि पेट में कृमि की बढ़ोतरी को भी रोकता है। बादाम में उच्च सांद्रता (कन्संट्रेशन) वाले फैटी एसिड की मौजूदगी के कारण ऐसा होता है।
- कद्दू के बीज भी कीड़ों के विरोधी पाए गए हैं। विशेषज्ञों ने ताजा कद्दू के बीजों को एंटी पैरासिटिक डाइट के रूप में मान्यता दी है।
- नुस्खा : कद्दू के बीजों को अलग कर लें। इन्हें कुछ दिन के लिए हवा में सूखने के लिए रख दें। इसके बाद इन्हें सुबह के समय कच्चे ही खाएं। इन्हें सलाद, दलिया में डालकर भी खा सकते हैं। इन बीजों को खरबूजे के बीजों के साथ मिलाकर ग्राइंड (पीसकर) करके पाउडर बना लें और सुबह के वक्त पानी या एलोवेरा के जूस के साथ भी ले सकते हैं।
- इसके कद्दू के बीजों को ताजा लहसुन, अजमोद और धनिये के पत्तों के साथ पीसकर और इसमें नींबू का रस और जैतून का तेल मिलाकर भी सेवन कर सकते हैं। कद्दू की सब्जी भी फायदा करेगी।
- काला गहरा अखरोट, नागदौन और लौंग का मिश्रण : काला गहरा अखरोट, वार्मवुड (नागदीन) और लौंग का मिश्रण इसलिए बहुत असरकारक है, क्योंकि यह पेट में कृमि (पैरासाइट ) के पूरे जीवनचक्र को खत्म कर देता है। लौंग पेट के कीड़ो के अंडों को खत्म करने का काम करती है |
- नीम भी करता है कीड़ों का नाश : नीम की कुछ कोंपलें लें और उनसे एक चम्मच रस निकाल लें। इनमें शहद मिला लें और चार-पांच दिन तक रोजाना चाटें। पेट के कृमि मल के साथ बाहर दिखाई देंगे।
पेट में कृमि रोग में क्या नहीं खाना चाहिए : परहेज
- पेट में कृमि रोग में तली, भुनी बेसन की चीजें, उड़द, तिल, आलू, खीरा सेवन न करें।
- पेट में कृमि रोग में मिठाइयां, चाकलेट, चीनी, केक, नान, सफेद ब्रेड, कुकीज़, पास्ता, मीठा शर्बत, कोला, शहद, गुड़ से परहेज करें।
- पेट में कृमि रोग में चीनी और मीठी चीजें नुकसान करेंगी। उड़द, ज्यादा घी, मांस, मछली, अंडा, सुवर का मांस तथा दूध भी न लें।
- पेट में कृमि रोग में सब्जियों और फलों को बिना धोए, साफ किए न खाएं।
- मांस, मछली पूरी तरह से न पकी हो, तो उसे खाने से बचें।
- अधपका भोजन करने या कच्चे पदार्थ खाने से परहेज रखें ।
- पेट में कृमि रोग में सड़े, गले, गंदे संक्रमित भोजन और पानी का इस्तेमाल बिलकुल भी ना करें।
- पेट में कीड़ों की समस्या से जूझ रहे बच्चों के डाइपर के जरिए भी कीड़ों का संक्रमण फैल सकता है। इसलिए इनका निपटारा सफाई के साथ करें | पेट में कृमि होने के कारण और बचाव तथा उपचार की जानकारी हम आगे आने वाले पोस्ट में देंगे |
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hello mem maine 2 mahine pahle keede ki dawa ki fir mujhe bathroom ke raste 2 keede nikle bade bade fir mera man halka ho gya fir maine dawai chod di
ab mujhe jab bhi maine kch mitha ya chawal khata hu to mujhe sar dard hota hain bechaini hone lsgti hain paseena aane lagta hain 30 ya 40 minute ke liye fir thik ho jata hain fir agar main kuch khata hu to fir dard hone lagta hain pls help me
वसीम जी,
मीठा और मांस ना खाएं जो डाइट यहाँ बताई गई है केवल उसका सेवन करें | सिरदर्द का कारण कुछ और भी हो सकता है इसकी जाँच करवा लें |
bhut jankari hai, esse kafi help juyi h mujhe. thank you
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Sir Vidangasav v krimimugdar ras tab. Ke sath khane pine me kya parhej karna hota hai please sir reply
खटाई, मिठाई, शराब आदि का परहेज रखें |