इस लेख में फिस्टुला और बवासीर की अचूक दवा पतंजलि द्वारा निर्मित साथ ही इन औषधियों का सेवन कैसे करें और क्या परहेज रखें | यह बताया गया है |
बवासीर की अचूक दवा पतंजलि (अर्श Piles)

- दिव्य सर्वकल्प क्वाथ – 200 ग्राम
- दिव्य कायाकल्प क्वाथ – 200 ग्राम
दोनों औषधियों को मिलाकर 1 चम्मच (लगभग 5–7 ग्राम) की मात्रा में लेकर 400 मिली पानी में पकाएं 100 मिली शेष रहने पर छानकर प्रात: एवं सायं खाली पेट पिएं।
- दिव्य अर्शकल्प वटी – 60 ग्राम
1–1 गोली को मुलेठी तथा कायाकल्प क्वाथ के साथ सेवन करें।
- दिव्य सप्तविंशति गुग्गुलु – 6O ग्राम
- दिव्य त्रिफला गुग्गुलु – 60 ग्राम
1–1 गोली दिन में 2 बार प्रात: नाश्ते एवं सायं भोजन के आधे घण्टे बाद गुनगुने जल से सेवन करें।
- दिव्य अभयारिष्ट – 450 मिली
4 चम्मच औषध में 4 चम्मच पानी मिलाकर प्रात: एवं सायंभोजन के बाद सेवन करें।
- दिव्य उदरकल्प चूर्ण – 1OO ग्राम या दिव्य चूर्ण – 100 ग्राम या दिव्य त्रिफला चूर्ण – 100 ग्राम
इन तीनों में से किसी एक चूर्ण को 1 चम्मच रात्रि में गुनगुने जल के साथ सेवन करें।
- दिव्य कायाकल्प तेल – 100 मिली या जात्यादि तैल को रूई में लगाकर गुदा मार्ग में लगाएं।
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अर्श (रक्तार्श) खूनी बवासीर की दवा पतंजलि (बाबा रामदेव )
- दिव्य मुलेठी क्वाथ – 100 ग्राम
- दिव्य सर्वकल्प क्वाथ – 100 ग्राम
- दिव्य कायाकल्प क्वाथ – 100 ग्राम
सबको मिलाकर 1 चम्मच मात्रा में लेकर 400 मिली पानी में पकाएं और 100 मिली शेष रहने पर छानकर प्रात: सायं खाली पेट पियें।
- दिव्य अर्शकल्प वटी – 40 ग्राम
1-1 गोली दिन में 2 बार प्रात: नाश्ते एवं सायं भोजन के आधे घण्टे बाद उपरोक्त क्वाथ के साथ सेवन करें।
- दिव्य उशीराष्सव – 45o मिली
- दिव्य अभयारिष्ट – 45o मिली
4 चम्मच औषध में 4 चम्मच पानी मिलाकर प्रात: एवं सायं भोजन के बाद सेवन करें।
- दिव्य चूर्ण – 100 ग्राम
1 चम्मच चूर्ण रात को सोते समय दूध या गुनगुने जल के साथ सेवन करें।
यदि रक्तस्राव अधिक मात्रा में हो रहा हो तो उपरोक्त औषधियों के साथ निम्नलिखित औषधियों के सेवन से विशेष लाभ होता है।
- दिव्य मुक्ता पिष्टी – 4 ग्राम
- दिव्य रसमाणिक्य – 2 ग्राम
- दिव्य प्रवाल पिष्टी – 10 ग्राम
- दिव्य गिलोय सत् – 10 ग्राम
- दिव्य कहरवा पिष्टी – 10 ग्राम
सभी औषधियों को मिलाकर 60 पुड़िया बनाएं, प्रात: नाश्ते एवं रात्रि-भोजन से आधा घण्टा पहले जल/शहद/दूर्वास्वरस से सेवन करें।
भगन्दर (Fistula) फिस्टुला की दवा पतंजलि
- दिव्य कायाकल्प व्क्वाथ – 200 ग्राम
- दिव्य मुलेठी क्वाथ – 200 ग्राम
दोनों औषधियों को मिलाकर 1 चम्मच (लगभग 5-7 ग्राम) की मात्रा में लेकर 400 मिली पानी में पकाएं 100 मिली शेष रहने पर प्रात: एवं सायं छानकर खाली पेट पिएं।
- दिव्य रसामाणिक्य – 3 ग्राम
- दिव्य गिलोय सत् – 10 ग्राम
- दिव्य मुक्ता पिष्टी – 4 ग्राम
- दिव्य शांख भस्म – – 10 ग्राम
- दिव्य प्रवाल पिष्टी – 10 ग्राम
- दिव्य कहरवा पिष्टी – 10 ग्राम
सभी औषधियों को मिलाकर 60 पुड़िया बनाएं। प्रात: एवं सायं भोजन से आधा घण्टा पहले जल/शहद/मलाई से सेवन करें।
- दिव्य कायाकल्प वटी – 4O ग्राम
- दिव्य अर्शकल्प वटी – 4O ग्राम
2-2 गोली दिन में दो बार प्रात: एवं सायं खाली पेट उपरोक्त क्वाथ के साथ सेवन करें।
- दिव्य सप्तविंशति गुग्गुलु – 60 ग्राम
- दिव्य त्रिफला गुग्गुलु – 60 ग्राम
- दिव्य आरोग्यवर्धिनी वटी – 60 ग्राम
1-1 गोली दिन में 2 बार प्रात: नाश्ते एवं सायं भोजन के आधे घण्टे बाद गुनगुने जल से सेवन करें।
- दिव्य अभयारिष्ट – 450 मिली
4 चम्मच औषध में 4 चम्मच पानी मिलाकर प्रात: एवं सायं भोजन के बाद सेवन करें।
- दिव्य कायाकल्प तैल या जात्यादि तैल – 100 मिली
सूती कपडे में भिगोकर रात्रि में गुदा मार्ग के अन्दर रखें।
Reference – इस पोस्ट में पतंजलि आयुर्वेद दवाओ की सारी जानकारी बाबा रामदेव जी के दिव्य आश्रम प्रकाशन की पुस्तक (आचार्य बाल कृष्ण द्वारा लिखित “औषधि दर्शन”, मई २०१६ के २५ वें संस्करण से ली गई है)
Disclaimer – यह जानकारी केवल आपके ज्ञान वर्धन और जागरूकता के लिए है | बिना चिकित्सक के परामर्श के दवाइयों का सेवन नहीं करना चाहिए | Never Take Medicines without Consulting the Doctor.
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