डॉक्टर के परामर्श के बिना बहुत से व्यक्ति स्वयं व दूसरों को दवाएं खाने व खिलाने लगते हैं जो अन्य खतरों के अलावा Medicine Side Effects से भी प्रभावित होते है। अपनी मर्जी से सिर दर्द में एस्पिरिन की गोली, कमजोरी में विटामिन्स की गोलियां, कैप्सूल अथवा सिरप, हाजमा ठीक करने के लिए एन्जाइम्स की गोली, नींद लाने के लिए नींद की गोली आए दिन खा लेना मामूली बात हो गई है। आपने वो कहावत तो सुनी ही होगी “नीम हकीम खतरा-ए-जान” अर्थात अधूरा ज्ञान खतरनाक होता है और जब शरीर और स्वास्थ्य का मामला हो, तो ऐसे में दवाओं की आधी-अधूरी जानकारी के आधार पर उनका सेवन करना और कराना खतरे से खाली नहीं है।
माना कि कभी कभार इस प्रकार के दवाओं के सेवन से लाभ मिल भी जाता है, लेकिन यह लाभ ठीक वैसा ही होता है, जैसा कि अंधेरे में ठीक निशाना लगना। यदि डॉक्टर के परामर्श के अनुसार एलोपैथिक दवाएं सेवन की जाएं, तो वे मरीज की शारीरिक अवस्था देखकर देते हैं, जिससे Medicine Side Effects होने की संभावना कम रहती है, परंतु यदि उनका प्रयोग अपनी मर्जी से अनिश्चित काल तक किया जाए, तो इनके Side Effects होने की काफी संभावना रहती है। उदाहरण के लिए यदि आपके सिर में तेज दर्द हो रहा है, तो ऐसी हालत में कोई दर्द निवारक गोली ले लेना हानिप्रद नहीं है, लेकिन यदि आपको हर रोज सिर दर्द की तकलीफ होती हो, तब आप डॉक्टर के परामर्श के बिना कई दिनों तक लगातार दर्द निवारक गोलियां खाते रहते हैं, तो यह आदत निश्चय ही आपके शरीर और स्वास्थ्य, दोनों के लिए हानिकारक सिद्ध होगी।
एंटीबायोटिक दवाओं के साइड इफेक्ट और सेवन से जुडी सावधानियां /Precautions While taking Medicines and Medicine Side Effects
- दर्द निवारक दवाओं के लंबे समय तक सेवन करने से गुर्दे तथा जिगर क्षतिग्रस्त होकर निष्क्रिय हो जाते हैं। अनुमानत: 20 प्रतिशत लोगों को अल्सर की शिकायत हो जाती है। इनमें से 30 प्रतिशत के अल्सर फट जाने से उलटी तथा दस्त में खून आने लगता है। दर्द निवारक दवाओं के Medicine Side Effects से बचने के लिए ऐसी दवाओ के सेवन में सावधानी बरतनी चाहिए |
- दर्द निवारक गोलियों का 90 प्रतिशत बिना जरूरत के तथा 60 प्रतिशत इस्तेमाल डॉक्टरी सलाह के बगैर ही किया जाता है।
- एस्पिरिन का इस्तेमाल कुछ लोगों के लिए घातक साबित हो सकता है। दमे के रोगी को इसके सेवन से दौरा पड़ सकता है। महिलाओं को माहवारी के समय अधिक खून निकल सकता है, खाली पेट खाने से पेट में अल्सर बन सकता है।
- बारह वर्ष से कम उम्र के बच्चों को खिलाने से लीवर खराब होने का खतरा रहता है। इसी प्रकार से पैरासिटामॉल गोली के अधिक इस्तेमाल करने से लीवर खराब हो सकता है, गुर्दो को भी यह नुकसान पहुंचा सकती है।
- दर्द निवारक दवाइयां शरीर के एक एंजाइम ‘प्रोस्टासाइक्लिन’ को कम कर देती हैं, जिससे दिल का दौरा तथा लकवा होने का खतरा बढ़ सकता है।

- दर्द निवारक दवाओं की तरह ‘सल्फा” का भी उपयोग लोगबाग अपनी मनमानी से करते हैं। किसी को फोड़े-फुंसी हों, दस्त लग रहे हों, सर्दी-जुकाम हो गया हो, तो वे सल्फा ग्रुप की दवाएं बेधड़क प्रयोग में ले लेते हैं, जबकि इनका सेवन एक सप्ताह से अधिक नहीं करना चाहिए। नहीं तो आपको इनके Medicine Side Effects से जूझना पड़ सकता है |
- चिकित्सा के दौरान पानी अधिक पीना होता है, जो अधिक पानी नहीं पीते, उन्हें इनके विषाक्त परिणामों को भुगतना पड़ता है।
- आपको जल्द ही ठीक करने के लिए डॉक्टर कोई-न-कोई ब्राडस्पैक्ट्रम, यानी अनेक किस्म के जीवाणुओं को मारने वाली एंटीबायोटिक दवाइयों में से कोई एक लिख देते हैं। शीघ्र फायदा देखकर अगली बार उसी बीमारी से पीड़ित किसी दूसरे व्यक्ति को आप उस दवाई को खाने की सलाह देने से बाज नहीं आते होंगे।
- इनका प्रभाव तो तुरंत दृष्टिगत नही होता है, परन्तु दुष्प्रभाव भी परोक्ष रूप से काफी होते हैं। जिस प्रकार एक तेज व धारदार सर्जिकल चाकू कुशल सर्जन के हाथ में होने पर वह उससे सफल ऑपरेशन कर देता है और वही यदि किसी अकुशल सर्जन के हाथ में होगा, तो रोगी की मृत्यु भी हो सकती है। यही हाल आधुनिक ‘एंटीबायोटिक’ दवाइयों के साथ हो रहा है।
स्वयं दवाइयां न लें –
- सभी तरह की एंटीबायोटिक दवाएं लिवर में ही निष्क्रिय की जाती हैं। इसी कारण उनका लिवर पर बुरा असर होता है। हमारी आंतों के मित्र जीवाणु, जो “बी’ काम्पलेक्स बनाकर हमारी सहायता करते हैं, एंटीबायोटिक के प्रयोग से मर जाते हैं। अत: इनके प्रयोग के समय साथ में विटामिन बी काम्पलेक्स की गोलियां सेवन के लिए दी जाती हैं।
- टेट्रासाइक्लीन के Medicine Side Effects से रोगी को उलटी, अतिसार, मुंह में छाले, पेट में गैस बनना, भूख कम लगना, नाखून व दांतों का पीला पड़ना जैसे कष्ट भुगतने पडते हैं।
- कुछ दवाई जो बुखार के कैप्सूल के नाम से खरीदते हैं और अपनी मर्जी से लंबे बुखार में देते हैं। इसके सेवन से रक्त में सफेद कोशिकाओं की संख्या कम हो जाती है। इसके Medicine Side Effects से नर्व की विकृति से रोगी की सुनने की शक्ति प्रभावित होती है। इसके अलावा त्वचा में खुजली, उलटी, सिर दर्द, जी मिचलाना, जोड़ों का दर्द, भूख न लगना, पेट दर्द आदि दुष्परिणाम भी अनुसंधानों से प्राप्त हुए हैं।
- बीपी या फिर बुखार में बिना डॉक्टर के परामर्श के दवा नहीं लेनी चाहिए। इससे भले ही अल्पकालिक फायदा मिल जाए, लेकिन मल्टी ड्रग रजिस्टेंट की आशंका बढ़ जाती है।
- आजकल कार्टिजोन वर्ग की हाइड्राकोर्टिजोन, प्रिडनीसोलोन आदि दवाएं विस्तृत रूप से इस्तेमाल की जाती हैं। इनके लगातार सेवन करने और एकाएक छोड़ने से घातक लक्षण भी देखने में आते हैं। शरीर में जल संचय होना, सारे शरीर में शोथ, चेहरा सूजना इनमें प्रमुख हैं।
- इसी प्रकार से मनचाहे टॉनिक का लंबे समय तक इस्तेमाल करना हानिकारक हो सकता है। इसमें मिला आयरन, विटामिन्स, ह्मिसरोफास्फेट्स, हार्मोन्स की शरीर में अधिकता हानिकारक प्रभाव पैदा करते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि Medicine Side Effects से बचने के लिए दवाइयां अपनी इच्छानुसार न खाकर, डॉक्टर के निर्देशानुसार ही सेवन की जाएं। तभी हम इनके दुष्परिणामों से बच सकते हैं।
- खांसी को दबाने वाले सिरप खांसी आने की उत्तेजना को कम करते हैं। इसे सप्रेसेंट कहते हैं। खांसी की वजह पर असर करने वाली दवा बलगम बाहर निकालती है। इसे एक्सपेक्टरेंट कहते हैं। अगर आपको सूखी खांसी है तो सप्रेसेंट का इस्तेमाल करें और अगर बलगम वाली खांसी है तो एक्सपेक्टरेंट का। गलत दवा का इस्तेमाल आपकी तकलीफें बढ़ा सकता है।
- हर दिन लिया जाने वाला संतुलित डायट आपके शरीर को सभी पोषक तत्व देता है। किसी भी व्यक्ति को मल्टीविटामिन की गोलियां किसी खास अवस्था में ही डॉक्टर लेने के लिए कहते हैं।
- दवाइयों की जानकारी जरूरी है अकसर एलोपैथिक दवाएं सबके लिए लाभदायक नहीं होतीं, क्योंकि एक ही दवा किसी व्यक्ति को लाभ पहुंचाती है, तो दूसरे को असर नहीं करती। इसलिए इन दवाओं का प्रयोग करने से पहले इनके गुण-दोषों, मात्रा, दुष्प्रभाव, सेवन अवधि इत्यादि की बखूबी जानकारी होनी चाहिए।
- आप जो भी दवा लेते हैं, उसके Medicine Side Effects के बारे में जरूर पता करें। ओटीसी यानी ओवर द काउंटर कैटिगरी में आने वाली दवाओं के भी कुछ Side Effects होते हैं। इसकी जानकारी दवा के रैपर या बॉटल पर लिखी होती है।
- एलोपैथी की तरह ही आयुर्वेद की दवाओं का भी मिसयूज घातक साबित हो रहा है। दवाएं किसी भी पद्धति की हों, लेकिन उनके इस्तेमाल के लिए सख्त गाइड लाइन और निगरानी होनी चाहिए। एक आयुर्वेद दवा के इस्तेमाल के बाद न्यूयार्क में स्टडी की गई। इससे शरीर में लेड की मात्रा बढ़ गई।
- वैसे एक स्वस्थ जीवनचर्या अपनाकर आप रोगों के इस कुचक्र से अपने आपको बचा सकते है, परन्तु फिर भी आपको अगर कोई रोग हो जाये तो नेचुरल या आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रणाली को प्राथमिकता दें | इनका असर थोड़ी देर से जरुर होता है पर इनके Medicine Side Effects ना के बराबर होते है |
- हमारी वेबसाइट पर एक स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के लिए ढेरो सुझाव व् लेख दिए गये है साथ ही छोटी- मोटी बिमारियों को ठीक करने के लिए कुछ आसन घरेलू नुस्खे भी बताये जाते है, इनका लाभ उठायें | और अपनी और अपने परिवार के स्वास्थ्य का ख्याल रखें
अगर आपको भी डॉक्टर का पर्चा ठीक से समझ नहीं आता है तो नीचे दिए गये कुछ शॉर्टकट जानना आपके लिए अच्छा होगा।
- AC: खाने से पहले
PC: खाने के बाद
OD: दिन में एक बार
BD/BDS: दिन में दो बार
TD/TDS: दिन में तीन बार
QD/QDS: दिन में चार बार
SOS: जब जरूरत लगे
Tab: टैबलेट
Cap: कैप्सूल
Amp: इंजेक्शन रूप में
Ad Lib: जितनी जरूरत हो, उतना ही लें
G or Gm: ग्राम
Gtt: ड्रॉप्स
H: …घंटे बाद
Mg: मिलिग्राम
Ml: मिलिलीटर
PO: मुंह से
[Disclaimer] इस लेख के कुछ हिस्से यहाँ से लिए गये है | Reference -> …ताकि दर्द न बन जाए दवा |
sir mane 3mah tak pat ke kedha marne ki galat dava kha li jab ki mera gas ki dikat thi.ab kya hoga
अजय जी,
जैसा की आप बता रहें है की आपने लंबे समय तक गलत दवा का सेवन किया था | अगर आपको कोई साइड इफ़ेक्ट महसूस हो रहे है तो आपको चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए | वैसे तीन महीने कोई ज्यादा लंबा समय नहीं है इसलिए उम्मीद है की आपको कोई परेशानी नहीं आएगी |
Hmm ko neend nhi aata hai neend ki dava chahiya
Please read this article – http://healthbeautytips.co.in/achi-neend-ke-gharelu-nuskhe/