पतंजलि औषधि : मानसिक रोग, हिस्टीरिया, मंदबुद्धि

इस लेख में पतंजलि आयुर्वेद में विभिन्न रोगों की चिकित्सा के लिए उपलब्ध पतंजलि औषधि की जानकारी दी गयी है | साथ ही यह भी बताया गया है की इन औषधियों का सेवन कैसे करें और क्या परहेज रखें | इस लेख में निम्नलिखित बीमारियों के लिए आयुर्वेदिक औषधियां बताई गई है |

  • मिर्गी, उन्माद
  • हिस्टीरिया
  • मंदबुद्धि

मानसिक रोग जैसे उन्माद, मनोविकृति, और मिर्गी के इलाज के लिए पतंजलि औषधि

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पतंजलि औषधि

 Insanity, Psychosis, Epilepsy

  • दिव्य मेधा कवाथ – 300 ग्राम

1 चम्मच औषधि को 400 मिली पानी में पकाएं और 100 मिली शेष रहने पर छानकर प्रात:, सायं खाली पेट पिएं।

  • दिव्य मुक्ता पिष्टी – 4 ग्राम
  • दिव्य प्रवाल पिष्टी – 10 ग्राम
  • दिव्य गिलोय सत् – 10 ग्राम
  • दिव्य गोदन्ती भस्म – 10 ग्राम
  • दिव्य कुल्या भस्म मिश्रण- 10 ग्राम

सभी औषधियों को मिलाकर 60 पुड़ियां बनाएं। प्रात: नाश्ते एवं रात्रि-भोजन से आधा घण्टा पहले जल/शहद से इन पतंजलि औषधि का सेवन करें।

  • दिव्य मेधा वटी — 60 ग्राम
  • दिव्य अश्वगंधा कैप्सूल – 20 कैप्सूल

कैप्सूल 2-2 गोली प्रात: व सायं भोजन के बाद गुनगुने जल से सेवन करें।

  • दिव्य अश्वगन्धारिष्ट – 450 मिली
  • दिव्य सारस्वतारिष्ट – 450 मिली

4 चम्मच (2-2 चम्मच दोनों में से) पतंजलि औषध में 4 चम्मच पानी मिलाकर प्रात: एवं शाम को भोजन के बाद सेवन करें। नोट-रोग की अधिकता होने पर 1 माह की औषधि में 1 ग्राम रसराज रस, 2 ग्राम मकरध्वज तथा 2-3 ग्राम रजत भस्म मिलाकर सेवन करने से विशेष लाभ होता है।

हिस्टीरिया ( Hysteria ) तथा योषापस्मार की चिकित्सा के लिए पतंजलि औषधि

  • दिव्य मेधावटी – 60 ग्राम
  • दिव्य स्त्री रसायन वटी – 60 ग्राम
  • दिव्य अश्वगंधा कैप्सूल – 20 कैप्सूल

1-1 गोली दिन में 3 बार प्रात: नाश्ते, दोपहर-भोजन एवं सायं भोजन के आधे घण्टे बाद सुखोष्ण (गुनगुने) जल से सेवन करें।

  • दिव्य धृतकुमारी स्वरस – 20 मिली

प्रात: एवं सायं खाली पेट लें।

  • दिव्य सारस्वतारिष्ट – 450 मिली
  • दिव्य अशोकारिष्ट – 450 मिली

4 चम्मच (2–2 चम्मच दोनो में से) औषध में 4 चम्मच पानी मिलाकर प्रात: एवं साय भोजन के बाद इन पतंजलि औषधि का सेवन करें।

मंदबुद्धि बच्चों हेतु इलाज के लिए पतंजलि औषधि

  • दिव्य मुक्ता पिष्टी – 4 ग्राम
  • दिव्य प्रवाल पिष्टी – 10 ग्राम
  • दिव्य मेधावटी – 20 ग्राम
  • दिव्य गिलोय सत् – 10 ग्राम
  • दिव्य गोदन्ती भस्म – 10 ग्राम
  • दिव्य रजत भस्म – 2 ग्राम
  • दिव्य एकांगवीर रस – 5 ग्राम
  • दिव्य कुमारकल्याण रस – 1 ग्राम
  • दिव्य रसराज रस -1 ग्राम

यदि मरीज 1-5 वर्ष का बालक हो तो उपरोक्त सभी पतंजलि औषधियों को मिलाकर 160 पुड़ियां बनाएं। 1-1 पुडिया को दिन में चार बार शहद या मलाई से सेवन कराएं। यदि बालक 5 वर्ष से बड़ा हो तो 90 पुड़ियां बनाकर 1-1 पुड़िया को दिन में तीन बार शहद या मलाई से इन पतंजलि औषधि का सेवन कराएं।

  • दिव्य अरविन्दासव – 450 मिली
  • दिव्य सारस्वतारिष्ट – 450 मिली

5 वर्ष से कम आयु वाले बालक को आधा-आधा चम्मच तथा 5 वर्ष से अधिक आयु के बालक को 1-1 चम्मच इन पतंजलि औषधि में संमभाग जल मिलाकर सेवन कराएं।

Reference – इस पोस्ट में पतंजलि आयुर्वेद दवाओ की सारी जानकारी बाबा रामदेव जी के दिव्य आश्रम प्रकाशन की पुस्तक (आचार्य बाल कृष्ण द्वारा लिखित “औषधि दर्शन”, मई २०१६ के २५ वें संस्करण से ली गई है)

Disclaimer – यह जानकारी केवल आपके ज्ञान वर्धन और जागरूकता के लिए है | बिना चिकित्सक के परामर्श के दवाइयों का सेवन नहीं करना चाहिए | Never Take Medicines without Consulting the Doctor.

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6 thoughts on “पतंजलि औषधि : मानसिक रोग, हिस्टीरिया, मंदबुद्धि”

  1. मेरा बच्चा मन बुद्धि का है कोई इलाज बताइए 5 साल का हो गया पहला बच्चा मंदबुद्धि था

    Reply
    • बच्चे जो देखे बिना उपचार संभव नहीं है | कम से कम एक बार आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श जरुर करें | आप चाहे तो Free Ayurvedic Consultancy In Patanjali Yogpeeth का लाभ उठा सकते है |

  2. MERE GAHR ME MERA DO BHAI AND SISTER TINO LOG BAR BAR HATH DONA, BAHAR SE ANE KE BAD NAHANA, BAHUT TIME TAK NAHANA , SABUN BAHUT USE KRNA , ONE LINE ME KAHU TO…. PANDIT JI BAN GAYA HAI SO PLZ HELP ME KYA KARNA HOGA

    Reply
    • राजकुमार जी,
      साफ सफाई रखना कोई बुरी बात नहीं है लेकिन ये आदत अधिक दिखे जिससे की रोजमर्रा की दिनचर्या प्रभावित हो या असामान्य दिखे तो आप उनको मनोवैज्ञानिक परामर्श (Psychological Counseling) के लिए किसी Psychiatrist Doctor से दिखा सकते है | आप नीचे दिए गए इस पोस्ट को पढ़ें इसमें इस विषय पर जानकारी दी गई है |
      http://healthbeautytips.co.in/mansik-rog-ke-lakshan-karan-types/

  3. मे भी मानसिक रोग से ग्रस्त हु कृपया मार्गदर्शन करें. मुझे कोई काम करने का दिल करता नहीं है.और किसी से बात करना भी अच्छा नहीं लगता है आत्मविश्वास की kami है दिल करता है sab कुछ छोड़ du.. नींद भी बहुत कम आती है. हमेसा कुछ na कुछ बड़बड़ाता रहता हु. Tv देख रहा हु. तो सारा दिन tv ही देखता रहता हु. बहुत परेशान हु घर मे एकला कमाने वाला हु. कर्प्या मार्गदर्शन करें सुबह उठते ही मोबइल मे लग जाता हु इससे आँखे भी कमजोर हो gai है.

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