फलों में खजूर (Dates) का अपना अलग महत्त्व है। खजूर एक तरह का मेवा (ड्राई फ्रूट) है। जो देश में लगभग सभी जगह पैदा होता है। खजूर एक से डेढ़ इंच लम्बाई लिए गोलाकार पीले, लेकिन पकने पर गहरे लाल रंग के होते हैं। इनके अंदर बीज होता है जो कि अंदर के ज्यादातर भाग का हिस्सा रहता है। यह अपने भार का करीब 60 प्रतिशत ग्लूकोज तथा फ्रक्टोज के रूप में इसमें प्राकृतिक मिठास है। इसकी चीनी आसानी से पच जाती है। इस प्रकार गन्ने में प्राप्त होने वाली चीनी से यह बेहतर है। खजूर का फल एनेर्जी बढ़ाने वाला तथा शरीर को मजबूत बनाने वाला होता है। इसका रस तासीर में ठंडा एवं विकारों, गंदगियों को शरीर से निकलने में सक्षम होता है। बहुत पुराने समय से लड़ाई में जाने वाले योद्धा खजूरो का प्रयोग एक जरुरी खाद्य पदार्थ के रूप में किया करते थे। वह खजूर को एक विशेष थैली में रखकर अपनी कमर के पास लटकाते हुए युद्ध क्षेत्र में जाते थे। लगातार खजूरो का सेवन करते रहने से ही योद्धाओं में शक्ति और स्फूर्ति बनी रहती थी तथा सेना को खाने पीने की भारी भरकम सामग्री ढोने की जरुरत भी कम पड़ती थी सैनिक केवल खजूर और पानी के सहारे ही महीनो तक युद्ध जारी रख पाते थे ।
खजूरों के चयन में काफी सावधानी रखनी चाहिए। चिपचिपा होने की वजह से धूल-कण इसमें आसानी से चिपक जाते हैं। मक्खियों से भी संक्रमण फैल जाने का डर रहता है। इसलिए अच्छी तरह से पैक किया हुआ खजूर ही खरीदें तथा उपयोग में लाने के पहले इसे अच्छी तरह से धो लें। इसके पेड़ के ऊपरी भाग को चीरने से एक तरह का रस निकलता है जिसे खजूरी कहते हैं। इसे मादक द्रव्य (देशी शराब) के रूप में लोग पीते हैं और इसी रस से गुड़ भी बनाया जाता है। खजूर का मीठा रस भी तैयार किया जाता है। खजूर के रस से खमीर बनाया जा सकता है तथा इससे अल्कोहल भी तैयार किया जाता है।
खजूर खाने के लाभ तथा औषधीय गुण

- खजूरों का सेवन रोगाणुओं पर नियंत्रण रखता है तथा आँतों में स्वस्थ बैक्टीरिया बढ़ाता है। यह शरीर में ऊर्जा का स्तर बनाए रखता है और क्षतिग्रस्त कोशिकाओं की मरम्मत करता है।
- बढती उम्र में कैल्शियम की कमी के कारण हड्डियाँ खोखली होकर आसानी से टूट जाती हैं। इसी की कमी से बच्चों में सूखा रोग (रिकेट्स) बीमारी हो सकती है। कैल्शियम का खजाना खजूर फल इन सभी विकारों का प्रभावकारी ढंग से ठीक करने का बेजोड़ साधन है।
- खजूर एक आसानी से हजम होने वाला खाद्य पदार्थ है। यह कब्ज में बहुत लाभकारी है, क्योंकि इसके रेशे आँतों की सफाई में सहायता करते हैं। इसके क्षारीय तत्त्व शरीर के एसिड को कम करते हैं। इसके निकोटिन अम्ल त्वचा के विकार, आँतों की गड़बड़ियों, स्नायुओं, सिरदर्द तथा अनिद्रा को ठीक करते हैं। अनेक बीमारियों में खजूर का उपयोग विभिन्न तरीकों से किया जाता है।
- खजूर कैसे खाये? -खजूरों का उपयोग कई तरह से किया जाता है। दूध के साथ लेने से खजूर की पौष्टिकता काफी बढ़ जाती है। सहारा के लोग इसे मक्खन के साथ लेते हैं। वे इसके बीज को निकालकर उसमें मक्खन भर देते हैं और तब बड़े चाव से खाते हैं। वसा प्राप्त करने का यह स्वस्थ वैज्ञानिक तरीका है।
- खजूर को पकाने के भी कई तरीके हैं। उबले दूध में इसे मिला देने से बहुत स्वादिष्ट तथा पौष्टिक पेय तैयार होता है। इसे पुडिंग के रूप में खाया जाता है। इसके लिए खजूरों को टुकड़ों में काटकर दूध में उबाल लिया जाता है। गाढ़ा बनाने के लिए उसमें थोड़ा सा आटा मिला दिया जाता है। खजूर से जैम, जेली तथा मुरब्बा आदि भी बनाए जा सकते हैं।
- सूखा खजूर, जिसे छुहारे के रूप में जाना जाता है। बादाम, पिस्ते की गिरियाँ तथा पेठा के बीजों के पाउडर के मिश्रण के सेवन से शक्ति में काफी बढ़ोतरी होती है।
- इसके फल के बीजों को भूनकर कॉफी की तरह का पेय बनाया जा सकता है। इस पेय को ‘खजूर कॉफी’ कहते हैं। तथा पिसे हुए बीजों से आँखों का मरहम तैयार किया जा सकता है।
- छुहारा यानी सूखा हुआ खजूर आमाशय को बल प्रदान करता है। अगर पतले हैं और थोड़ा मोटा होना चाहते हैं तो छुहारा लिए वरदान साबित हो सकता है, लेकिन यदि आप अधिक वजन वाले हैं तो इसका सेवन कम मात्रा में करें।
- यदि आप जुकाम से परेशान रहते हैं तो एक गिलास दूध में पांच दाने खजूर, पांच दाने काली मिर्च, एक दाना इलायची और उसे अच्छी तरह उबालकर उसमें एक चम्मच घी डालकर रात में पी लें। सर्दी-जुकाम बिल्कुल ठीक हो जाएगा।
- दमा की शिकायत है तो दो छुहारे सुबह-शाम चबा-चबाकर खाएं। इससे कफ व सर्दी से मुक्ति मिलती है।
- घाव है तो छुहारे की गुठली को पानी के साथ पत्थर पर घिसकर उसका लेप घाव पर लगाएं, घाव तुरंत भर जाएगा।
- त्वचा में ग्लो लाने तथा स्वस्थ त्वचा के लिए भी खजूरों का सेवन जरुर करना चाहिए |
- छुहारे व खजूर दिल को शक्ति प्रदान करते हैं। इसमें अच्छी मात्रा में आयरन भी होता है जिससे यह शरीर में रक्त वृद्धि करते हैं। साइटिका रोग से पीड़ित लोगों को इससे विशेष लाभ होता है। खजूर के सेवन से दमा के रोगियों के फेफड़ों से बलगम आसानी से निकल जाता है। लकवा और सीने के दर्द की शिकायत को दूर करने में भी खजूर सहायता करता है।
- हार्ट के रोगियों को रोजाना 3 से 4 खजूर खाने चाहिए यह शरीर से कॉलेस्ट्रोल की मात्रा भी कम करता है |
- मैग्नीशियम उच्च रक्त चाप को कंट्रोल करने का भी काम करता है | खजूरों में मौजूद पोटाशियम भी बी पी कम करने का काम करता है |
- भूख बढ़ाने के लिए छुहारे का गूदा निकालकर दूध में पकाएं। उसे थोड़ी देर पकने के बाद ठंडा करके पीस लें। यह दूध बहुत पौष्टिक होता है। इससे भूख बढ़ती है और खाना भी पच जाता है।
- छुहारे को पानी में भिगो दें। गल जाने पर इन्हें हाथ से मसल दें। इस पानी का कुछ दिन प्रयोग करें, शारीरिक जलन दूर होगी। खजूरों को सूखा नहीं बल्कि भिगोकर खाने से अधिक लाभ करता है |

- 1 से 2 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण और 1 से 2 ग्राम काले तिल को पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को 3 से 5 खजूरों में मिलाकर 5 से 20 ग्राम गाय के घी में एक महीने तक खाने से लाभ होता है। अश्वगंधा की जड़ लेकर उसका चूर्ण बना लें। इस चूर्ण में बराबर मात्रा में चीनी मिलाकर रख लें। इस मिश्रण को 1 चम्मच एक गिलास दूध में डालकर पिएं। रात को सोने से पहले 45 दिनों तक इस योग का सेवन करने से शरीर मजबूत बनता है और कद बढ़ जाता है।
- छुहारा खाने के फायदे तथा सूखे छुहारे के बेहतरीन औषधीय गुण
- यदि इसके रस को सूर्य की रोशनी लगने से पहले सेवन किया जाए तो पेशाब खुलकर आता है, शरीर के लिए पौष्टिक भी माना जाता है। इसकी जड़ की क्वाथ से बार-बार कुल्ला करने से दांत दर्द ठीक होता है।
- इसमें विटामिन ए, बी, डी तथा रिबोफ्लेविन प्रशीताद्र (Scurvy) नाशक पाए जाते हैं। इसलिए जो लोग शरीर से जो कमजोर हों उन्हें इसका सेवन करना चाहिए। दाँतों एवं मसूढ़ों से रक्त निकलने की बीमारी ठीक करने में इसके अनेक लाभ है।
- खजूर के पेड़ से निकली गोंद एक से तीन माशा (ग्राम) की मात्रा में मिश्री के शर्बत के साथ सेवन करने से अतिसार एवं पेशाब संबंधी दोषों में लाभदायी होता है।
- बच्चों को अपना दूध पिलाने वाली महिलाओं के लिए खजूर दो कारणों से लाभकारी फल है। पहला कारण : अक्सर जन्म देने के बाद माताओं में डिप्रेशन हो जाता है और खजूरों में वह सारे तत्त्व पाये जाते हैं जो इस निराशा को दूर करते हैं। दूसरा कारण : खजूर माता के दूध में उन सभी जरुरी तत्त्वों की आपूर्ति करता हैं, जिसके आधार पर बच्चा ऊर्जावान और सेहतमंद बनता है।
- बच्चों के लिए खजूर : आहार की वैज्ञानिक मान्यता के अनुसार, जिन बच्चों का स्नायु तंत्र (नर्वस सिस्टम) कमजोर हो अथवा जो हाइपर एक्टिविटी का शिकार हों उनके लिए खजूर बहुत लाभप्रद है।
- खजूर को घिसकर, पानी में मिलाकर पीने से शराब का हैंगओवर दूर हो जाता है। स्वच्छ एवं ताजा खजूर दूध में मिलाकर पीने से यह बच्चों तथा बड़ो को समान रूप से फायदा करता है। विशेषकर बुखार के बाद स्वास्थ्य-लाभ के दौरान यह पौष्टिक पेय जरुर पीना चाहिए।
- इन लोगो को खजूर का सेवन नहीं करना चाहिए या बहुत कम मात्रा में करना चाहिए – मधुमेह या अधिक वजन वाले रोगियों को |
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