हृदय रोग के कारण,लक्षण और बचाव की जानकारी

हृदय रोग  – हृदय शूल (Angina pectoris) और दिल का दौरा (Heart Attack) जैसे दिल के रोगों का फैलाव बड़ी तेजी के साथ हो रहा है खास तौर से भारत जैसे विकासशील देशो में यह बीमारी हर साल लाखो लोगो की जान ले लेती है क्योंकि ज्यादतर विकासशील देशो में या तो उन्नत मेडिकल सुविधाए उपलब्ध ही नहीं है और अगर है भी तो महंगी होने के कारण आबादी के एक बड़े हिस्से ही पहुँच से बाहर है| दूसरा लोगो में जागरूकता का आभाव और दौड़ भाग भरी भागती जिन्दगी में सेहत का ख्याल न रख पाने की मुश्किलें इसको और तेजी से बढाती जा रही है | लगातार उच्च रक्तचाप  बने रहने से हृदय में अतिरिक्त दबाव बना रहता है जिससे हृदय रोग होने की सम्भावना ज्यादा रहती है। इसके अलावा डायबिटीज  भी ह्रदय रोगों को बढ़ाने वाला तथा उसको और भी ज्यादा विकराल बना देता है | क्योकि इसके कारण  खून में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है और लम्बे समय तक बराबर बनी रहती है, तो धीरे – धीरे यह धमनियों को और भी ज्यादा जाम कर देता है |

हृदय रोग क्या होता है ? What is heart diseases or heart problem?

हृदय रोग heart-attack-symptoms-causes-precaution
हृदय रोग (Heart-attack-symptoms-causes-precaution)

 

  • हृदय रोग होने पर हृदय को रक्त पहुंचाने वाली धमनिया संकरी और सख्त हो जाती है। जिससे रक्त शरीर के अंगो में सही मात्रा में पंप नहीं हो पता है | (Narrowing and hardening of the arteries orathero sclerosis).
  • रक्त में जब वसा (Cholesterol) की मात्रा अधिक हो जाती है तो अतिरिक्त कोलेस्ट्रोल हृदय की धमनियों की भीतरी दीवारों पर एकत्रित होने लगता है और धमनियों के भीतर निरंतर ‘वसा’ की परत जमने से धीरे-धीरे धमनियों संकरी और कड़ी हो जाती है जिससे रक्त प्रवाह का मार्ग (Blood Circulation) अवरुद्ध हो जाता है। |
  • दरअसल हृदय का मुख्य कार्य आक्सीजन मिला शुद्ध रक्त को बाकि अंगो तक पंहुचाना होता है | जिसकी आपूर्ति हृदय की धमनियों ‘कोरोनरी आर्टरीज” (coronary arteries) से मिलती है।
  • अब यदि किन्हीं कारणवश इन धमनियों में रूकावट  (विशेषकर रक्त की धमनियों के भीतर चिकनाई की परत-दर-परत जमते जाने और धमनी का भीतरी व्यास कम हो जाने के कारण) उत्पन्न हो जाता है, तो ऐसी अवस्था में हृदय को रक्त की आपूर्ति पूरी तरह से न होकर कम मात्रा में और बाधित ढंग से होती है।
  • हृदय रोग की शुरुवात में आराम की अवस्था में रोगी का किसी प्रकार काम चलता रहता है और उसे ज्यादा कुछ अहसास नहीं होता है | पर भारी काम करने पर परेशानी होने लगती हैं |

हृदय रोग के लक्षण / Symptoms Of Heart Diseases

  • शुरू-शुरू में हृदय के रोग के कोई विशेष लक्षण अनुभव नहीं होते हैं, पंरतु जब रोगी को कोई शारीरिक परिश्रम जैसे दूर तक पैदल चलना, सीढ़ियां, पहाड़ आदि चढ़ना, दौड़ना आदि) कार्य करने पड़ते हैं तो शारीरिक श्रम के दौरान रोग के प्रारंभिक लक्षण –
  • जैसे- साँस चढना , छाती में दर्द उठना, कंधों और पीठ में दर्द होना, भारीपन प्रतीत होना, दम घुटना, छाती में सिकुड़न आदि अनुभव होते हैं|
  • Chest Pain Reasons -क्योंकि हृदय को ज्यादा काम करने के लिए अतिरिक्त (सामान्य से अधिक) रक्त की आवश्यकता होती है, जो रक्त की पूर्ति में कमी आ जाने के कारण उसे मिल नहीं पाता और परिणामस्वरूप हृदय की मांसपेशियां जोरों से सिकुड़ती हैं और छाती में दर्द (Chest pain) का अनुभव होता है।
  • इसी दर्द को ‘हृदय शूल’ अंग्रेजी में (Angina Pectoris) कहा जाता है।
  • इसके अतिरिक्त अधिक मानसिक परिश्रम और तनाव भी हृदय शूल के कारणों में सम्मिलित हैं।
  • पूरी तरह से हृदय रोग हो जाने पर जब रक्त की धमनी के भीतर वसा की परतें जम जाने से वह पूर्ण रूप से बंद हो जाती हैं अथवा खून का थक्का (ब्लड क्लोट) बन जाने से धमनी में रक्त प्रवाह का मार्ग एकाएक अवरुद्ध हो जाता है और हृदय को ऑक्सीजनयुक्त रक्त मिलना बिल्कुल बंद हो जाता है, तब छाती में अचानक असहनीय तेज दर्द उठता है, जिसे ‘दिल का दौरा’ (हार्ट अटैक) कहा जाता है।

दिल का दौरा या हार्ट अटैक के लक्षण / Heart attack symptoms

  • घबराहट होना, सांस लेने में कष्ट होना, हृदय का अनियमित धड़कना, हृदय में तेज पीड़ायुक्त झटके अनुभव होना, पसीना छूटना, चक्कर आना, जी मिचलाना, तीव्र कमजोरी का अनुभव होना अथवा बेहोश हो जाना आदि।
  • याद रखें दिल के दौरे का दर्द आराम करते हुए भी बना रहता है।
  • एंजाइना का दर्द थकान के कारण होता है और विश्राम करने से दूर हो जाता है तथा उससे रक्तचाप और हृदय की धड़कन पर कुछ विशेष प्रभाव न पड़े तो ऐसी स्थिति में घबराने की कोई बात नहीं है|
  • यदि थकान से आरंभ हुआ दर्द विश्राम के बाद भी समाप्त नहीं होता और दर्द निवारक (एनालजैसिक्स) दवाइयों के सेवन से भी कोई लाभ न मिले तो समझना चाहिए कि ‘दिल का दौरा’ पड़ रहा है तो ऐसी स्थिति में जल्द से जल्द किसी (हृदय रोग विशेषज्ञ) चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए और गंभीरतापूर्वक रोगी का उपचार कराना चाहिए।
  • दिल के दौरे या हार्ट अटैक के लक्षण, कारणों और बचाव को अधिक विस्तार से जानने के लिए पढ़ें यह पोस्ट हार्ट अटैक के लक्षण, कारण, बचाव और फर्स्ट एड इसमें यह भी बताया गया है की अगर अचानक अटैक पड़े तो क्या-क्या सावधानियां बरते |

हृदय रोग में क्या खाना चाहिए / Heart patient diet.

  • हृदय रोग में बिना दाने वाला अनार, आंवला का मुरब्बा, सेब, सेब का मुरब्बा, नींबू का रस, अंगूर, थोडा-सा गुनगुना गाय का दूध, जौ (जई) का पानी (Barley Water), कच्चे नारियल का पानी, गाजर, पालक, लहसुन, कच्चा प्याज, छोटी हरडु, सौंफ, मैथीदाना, किशमिश, मुनक्का |
  • इसके अलवा गाय के दूध की दही से बिलोकर तैयार किया गया शुद्ध घी (सीमित प्रयोग), गेहूं का दलिया (पोषांकुर गेहूं का दलिया), चोकरयुक्त मोटे गेहूं के आटे की रोटी, चना और जौ मिश्रित आटे की मिस्सी रोटी, भिगोए हुए चने (अल्प मात्रा में), भुने चनों का नियमित सेवन, बिना पालिश का चावल (ओखली-मूसल से कूटा गया फाइबर युक्त धान का अथवा धनकुट्टी से निकाला गया चावल)
  • हरी सब्जियां, ताजे फल, कम चिकनाई युक्त बिना मलाई वाला दूध से निर्मित खाद्य पदार्थ इत्यादि भी हृदय रोग में नियमित रूप से लेने चाहिए |
  • भोजन करने बाद दोनों समय (दोपहर व रात को) वज्रासन तथा थकान अनुभव करने पर ‘शवासन’ करना चाहिए |
  • ह्रदय रोगियों या अन्य लोगो को भी जो दिल की बीमारियों को दूर रखना चाहते है हमेशा शाकाहारी भोजन, योगाभ्यास करना चाहिए |
  • अर्जुन की छाल, आंवला, हरड़ जैसी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों के उचित प्रयोग से हृदय रोग उत्पन्न ही नहीं होते हैं।
  • हृदय रोग से बचने के लिए नियमित व्यायाम की दिनचर्या के साथ ही तनावरहित गहरी नींद, यथोचित विश्राम और संयमित जीवनयापन निरोग रहने की सफल कुंजी है।
  • हृदय रोग में आंवला – आंवले के मौसम में नित्यप्रति 2 नगहरे पके हुए पुष्ट आवंलों का प्रात: भ्रमण (मार्निग वाक) या व्यायामोपरांत चबाकर खाएं। यदि आवले को कच्चा चबाकर न खा सकें तो आवले का रस और शहद 2-2 चम्मच मिलाकर सेवन करें तथा जब आंवलों का मौसम न रहे तो सूखे आंवलों को कूट-पीसकर विधिवत बनाया गया बारीक़ चूर्ण 1 चम्मच भर (3 ग्राम) रात्रि में सोते समय (अंतिम वस्तु के रूप में) पानी या शहद के अनुपान के साथ लें।
  • आंवलों में रोग निरोधक गुण होने के कारण स्वत: ही रोगों से सुरक्षा प्राप्त होती है|
  • आंवला एक उच्चकोटि का रसायन है। यह रक्त में उपस्थित हानिकारक व विषैले पदार्थों को निकालने में सक्षम है।
  • इसके नियमित प्रयोग से रक्तवाहिनियां कोमल और लचीली बनी रहती हैं तथा रक्तवाहिनियों की दीवारों की कठोरता दूर होकर रक्त का प्रवाह (ब्लड सकुलेशन) भली-भांति होने लगता है।
  • रक्तवाहिनियों में लचक बने रहने के कारण न तो हृदय फेल होता है, न उच्च रक्तचाप का रोग होता है और न ही रक्त का थक्का (क्लोट) बन सकने के कारण (रुकावट के कारण) मस्तिष्क की धमनियां फटने नहीं पाती हैं। ज्याद जानकारी के लिए देखें दिल के लिए आंवला के नुस्खे |
  • सत्यता तो यही है कि हृदय रोग के बढ़ने का मूल कारण गलत खान-पान और गलत रहन-सहन यानि आधुनिक आरामदायक मशीनो से घिरा लाइफ स्टाइल ही है। और अधिक विस्तृत जानकारी के लिए यह लेख भी अवश्य पढ़ें – दिल की बीमारी से बचाव के उपाय |

ह्रदय रोग में क्या ना खाएं /What should not eat heart patient?

  • हृदय रोग से बचने के लिए मांसाहार, मदिरापान, धूम्रपान, तम्बाकू, कॉफी, नशीले पदार्थी का सेवन, अधिक नमक, घी, तेल , तेज मसालेदार चटपटे तले-भुने गरिष्ठ भोज्य पदार्थ, आधुनिक फास्टफूड (नूडल्स ,पिज़्ज़ा , बर्गर आदि) तथा जंक फूड-चाकलेट, केक, पेस्ट्री, आइसक्रीम आदि का सेवन ना करें या कम से कम करें |
  • हृदय रोग होने सबसे बड़ा कारण कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) होता हैं | कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने वाले वसायुक्त चर्बी वाले खाद्य पदार्थ जैसे- मक्खन, घी, मीट,अंडे की जर्दी , नारियल तेल, प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ आदि फूड प्रीजवेंटिव, दूध से बने पदार्थ जैसे खोया या मावा की मिठाइयां, रबड़ी, मलाई, श्रीखंड आदि नहीं लेने चाहिए। इनके सेवन से बचना चाहिए।
  • कोलेस्ट्रॉल को लिवर इसलिए पैदा करता है, ताकि कोशिकाओं की दीवारों, हार्मोन और नर्वस सिस्टम (तंत्रिका तंत्र) के सुरक्षा घेरे का निर्माण हो सके। कोलेस्ट्रॉल खुद फैट से बना होता है और प्रोटीन से मेल करके लिपोप्रोटीन बनाता है। प्रोटीन से दोस्ती के बाद ही यह अच्छा और बुरा बन जाता है। अच्छा कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल-हाई डेसिटी लिपोप्रोटीन) हल्का होता है और खून से मिलने वाली चर्बी को अपने साथ बहा ले जाता है। बुरा कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल-लो डेसिटी लिपोप्रोटीन) चिपचिपा और गाढ़ा होता है और रक्त वाहिनियों और धमनियों में चिपककर बैठ जाता है। इससे खून के बहने में बाधा आती है और हमारे दिल को वाहिनियों में खून पहुंचाने में बहुत मेहनत करनी पड़ती है। नतीजा हाई ब्लड प्रेशर, ब्लोकेज और हार्ट अटेक के रूप में सामने आता है | इसलिए हृदय रोग को रोकने के लिए कोलेस्ट्रॉल से बचना बहुत जरुरी हैं | जानिए क्यों जरुरी है फुल बॉडी चेकअप तथा Full Body Checkup List

ह्रदय रोगियों के लिए सोने से संबंधित कुछ टिप्स / Sleep related tips for heart care

  • दक्षिण दिशा की ओर पैर करके सोने से हृदय तथा मस्तिष्क के रोग उत्पन्न होते हैं। अत: दक्षिण दिशा की ओर पैर करके न सोएं। सिर को दक्षिण दिशा में रखना चाहिए|
  • इससे नींद अच्छी, गहरी और तरोताजा करने वाली आती है तथा स्वप्न कम आते हैं। (याद रखें कि गहरी निद्रा में स्वप्न नहीं आया करते हैं)
  • यदि दक्षिण दिशा की ओर सिर रखकर सोना संभव न हो तो पूर्व (East) दिशा की ओर सिर करके सोना चाहिए। सिर पूर्व  दिशा की ओर सिर करके सोने से सिरदर्द और आंख के रोगों से बचाव होता है। आंख की द्रष्टि अच्छी होती है और सुखमय तथा शांत निद्रा आती है।
  • हृदय रोग और हार्ट अटैक से बचाव के लिए हम आगे भी आपको लगातार जानकारियां देते रहेंगे तो आज ही हमारा ब्लॉग ई-मेल द्वारा सब्सक्राइब करें और सेहत से जुडी महत्वपूर्ण जानकारियां नियमित रूप से पाते रहें |

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49 thoughts on “हृदय रोग के कारण,लक्षण और बचाव की जानकारी”

  1. Sir,meri maata je jinki Umar 60 years hai Ko Achanak dahiney haath me zanzanaahat Hoti hai jodherey dherey kandhey se hokar pair tak jaati hai fir haath aur pair dheley pad kaatney hai Aisa lagta hai Jai se haath me Jaan he na ho.
    Sir please muzhey bataye yah kyu hota hai?
    Aur yah kis beemaarey ka lachan hai?
    Kya koi gambheer samasya to nahi honey baali hai?
    Sir,maata je Ko dibatez to hai he aur saath he payels ka elaaz bhi char Raha hai.
    Please sir muzhey jaldi se bataye. Taaki Mai samay rahtey elaaz Kara saku.

    Reply
  2. Hlo plzzz help me
    Mere Daddy ji ko
    Chest ,shoulder pain or Jhtake lag te h
    And right side arm (baghu) me swelling h
    So plzzzzzzz tell me
    Ye kis tra ki bimari h

    Reply
    • हरदीप जी , हार्ट से रिलेटेड बीमारियों में अक्सर लेफ्ट साइड से दर्द होना शुरू होता है| बिना टेस्ट किये बताना सम्भव नही है | आप जल्द से जल्द अपने पिताजी को किसी डाक्टर को दिखाएँ | ये Lymphedema बीमारी के लक्षण भी हो सकते है |
      Thanks

  3. Madam g mera chest me bahut ghabrahat hoti hai or ajib sa hota hai, koi emotional chij dekhkar bahut dar lagta h as hai

    Reply
    • सिद्धार्थ जी ,
      घबराहट, मानसिक तनाव से भी हो सकती है | यह जरुरी नहीं है की चेस्ट के सभी दर्द दिल की बीमारी के लक्षण हों | ज्यादा परेशानी है तो तुरंत डाक्टर से जाँच अवश्य करवाए | मानसिक तनाव के लक्षण जानने के लिए पढ़ें मेरा यह आर्टिकल – http://healthbeautytips.co.in/mansik-tanav-stress-ke-karan-lakshan/

      धन्यवाद !!
      हेल्थ ब्यूटी नुस्खे

  4. Madam mere ko Chest me pain rhta h back me pain hota h left me vhi pain mere ko Chest k samne feel hota h je Arpar ho rha ho…

    Reply
    • Satish ji,
      Aap chest pains ko halke mein naa le. jald hi kisi Doctor se test karwaye. phale vo ECG krenge uske baad jarurat padi to Echocardiography Stress Test.

      Thanks
      HBT

  5. Mujhe sine or gale ke niche karapan lagta hi jaise kuch uper ki or fekk rha hi or baichaini hoti hi ghabrahat bni rhti hi sirdard rhta hi thakan v rhta hi bahut kamjori feel hoti hi or kaam krne pr sarir kaanp jata hi chest me dhak dhak krne lgta hi 1 saal phle ecg kraye normal hi

    Reply
  6. HAMKO SINA SE NICHE AUR PET KE UPAR AK GHANTA 2 GHANTA PAR KUCH AJIB SA VIBRET KARTA HAI JO LAGTA HAI GLA se KUCH NIKLA AUR DEKHAR BHI HOTA HAI ECG KAREYE HAI V4 MAI 2.3 POINT BADHA HUA HAI THIK HO JAYEGA

    Reply
    • राजू जी ,
      ECG एक साधारण लेकिन जरुरी टेस्ट होता है ह्रदय की जाँच के लिए | ह्रदय की जाँच के लिए और भी बहुत सारे टेस्ट होते है | अगर आपके डॉक्टर ने आपको अन्य टेस्ट करवाने की सलाह नहीं दी है तो समझे की यह दिल की बीमारी के शुरुवाती लक्षण है | आपको सही इलाज और अपने खाने पीने पर ध्यान रखना है | ह्रदय रोगों के इलाज की बहुत उम्दा तकनीक हमारे देश में उपलब्ध है,आप बिलकुल ना घबराएं बस अपना इलाज और परहेज जारी रखे | अपनी मर्जी से या डॉक्टर की सलाह के बिना कोई चिकित्सा ना करें |

  7. मैडम। मैं 27 साल का हु।मेरे सीने में बाये कांख के नीचे हल्का सुई जैसा कोंचता है।हमेशा बाये हाथ मे अजीब सा महसूस होता है औऱ भारीपन भी रहता है। जब मैं ज्यादा लगातार बैठ के पड़ता हु तो ये ज्यादा दिक्कत होती है और गैस की समस्या भी होने लगती है। डॉ से दिखाया और ecg भी कराया तो bp हाई था और ecg में left axis deviation दिखया था। दवा खाने के बाद घबराहट खत्म हुई और ecg भी नार्मल आया।
    2 या 3 महीने बाद फिर से ये सुरु हो गया है। क्या करूँ।

    Reply
    • आदित्य जी अपना इलाज जारी रखे |दिल के रोगों में लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए |

    • राकेश जी,
      आजकल ह्रदय रोगों के फैलाव को देखते हुए यदि आपकी उम्र 35 से ऊपर है तो आपको एक छोटा सा टेस्ट जिसको ईसीजी कहते है करवा लेना चाहिए | वैसे भी साल में एक बार फुल बॉडी चेकअप करवा लेने चाहिए | कई बार पेट की गैस से भी सीने में सुई चुभने जैसा दर्द महसूस हो सकता है|
      धन्यवाद

  8. Dr.ne Mera ak test karvaya hai lipd profile usmai total cholesterol 105 HAI Aur Triglycerides 36 hai jismai LDL 25.6 HAI AUR HDL 70 TO HAME KIS PARKAR KA KHANA KHANA CHAHIYE

    Reply
  9. Madam ji Namaste
    meri age 42 years hai mujhe ek sal pahele bahut ghabrat aur mere sine me left side aksar dard hute raheta tha. ECG karaya, ECG me LVH aya, 2D Eco karwaya normal aya, Street test bhi normal aya, High BP Nikla. 1sal se bp ki goli kha raha hu, Ghabrat kabhi kabhi hute hai aur sine me bhi dard hute raheta hai
    Please kuch bataye

    Reply
    • राम करन जी,
      Atypical chest दिल की बीमारी (cardiac) से जुड़ा हुआ दर्द नहीं है | आप अपना इलाज जारी रखें जल्द यह समस्या ही ठीक हो जाएगी | वसा वाली और ठंडी मीठी चीजे कम खाएं |

      धन्यवाद

  10. Madam ji mujh dakar atti h aur chati m dard hota h left said m aur.clostrol.231.h.ldl.147.h.hdl.54.h.sare test normal h dard hota h no haie rahta h gbraht ji maclana adi hota h m kaya karu

    Reply
  11. Maidam namste mere seene ke bicho bich me dard hota hai aur pet fula hua rahta hai lagata hai ki pure pet me gais bana hua hai aur mera sar bharipan rahta hai jaise hypertension bana rahta hai hath pair me kamjori si lagte hai aur gala sukhne lagte hai mere age 34 hai.

    Reply
    • दीप चंद जी,
      पेट की गैस के इलाज हेतु इस आर्टिकल में कुछ उपाय बताये गए इन्हें आजमाये |
      नियमित रूप से योगासन करें और सुबह शाम घूमने जरुर जाएँ | जूस, हरी सब्जियों और फलो का सेवन करें | मानसिक तनाव को दूर करने का प्रयास करें दो तीन महीनो में आप खुद्द ही फर्क महसूस करने लगेंगे |

      http://bit.ly/2iN099k

  12. Nmste mem kbhi kbhi seene me suddenly pain uthta hai or dhadkan bhi tez ho jati hai or bhut thkavt feel hoti hai kai baar left sied heart se niche bhi bhut pain hota hai

    Reply
    • अंशु जी,
      इसके लिए आप जाँच करवा लें क्योंकि ऐसे लक्षण गैस, मानसिक तनाव या अन्य किसी बीमारी में भी हो सकते है | बिना शरीरिक जाँच के बता पाना कठिन होता है |

  13. Mam mere left side arm or back pe kabhi kabhi pain hota he or mouth ka taste bi khrab h kai din se
    Doctor ne ECG karvai thi vo normal h or fir aisa kyo hota h or ECG se heart ka pta chl jata h kya
    Maine dr se check karvaya vo bole ki ye tension ki vjh se h
    But I want to know tension ki vjah se left arm or back kaise ho skta h

    Reply
    • मानसिक तनाव से शरीर में बहुत सारी प्रतिक्रिया हो सकती है यहाँ तक की पेट में अल्सर भी हो सकता है | सरदर्द से लेकर पूरे शरीर में दर्द हो सकता है | आपके चिकित्सक आपको सही सलाह दे रहे है | अधिक जानकारी के लिए पढ़ें यह पोस्ट http://healthbeautytips.co.in/mansik-tanav-stress-ke-karan-lakshan/

  14. मेडम जी मेरी आयु 47 बर्ष है मेरे सीने मे हल्का दर्द रहता रहता है 2016 में मैने दिल के सारे टेस्ट करवाये जैसे TMT/ECG/Eco/enjographi जो सव रिपोर्ट मार्मल परन्तु कंधे में सीने व कंधे में कभी-कभी दर्द होता है जो एक जलन की तरह है डा दवाई देते है परन्तु मैने एक साल से बंद कर रखी है और मै एक फौजी हुॅ अकसर बॉडर पर ड्यूटी है तो क्या करे दवाई खाते रहना पड़ेगा |

    Reply
    • ध्यान सिंह जी सीने में उठने वाले सभी दर्द दिल की बीमारी के नहीं होते है इसके कई कारण हो सकते है जिनमे पेट की गैस और एसिडिटी सबसे प्रमुख है |सही बिना बीमारी का पता लगाए बिना इलाज नहीं हो सकता है | आप यह आर्टिकल पढ़ें इसमें जानकारी दी गई है | http://healthbeautytips.co.in/seene-chhati-ke-dard-chubhan-ka-ilaj/

  15. Medm ji mere seene me beech me drd hota tha avi 2 dn se seene ke uuper sujn aa gai hai use chhune se drd hota hai… Mai femail hu meri age 22 hai

    Reply
    • आप अपनी चेस्ट का X-Ray करवा लीजिये यह ह्रदय रोग का संकेत नही लगता है |

  16. Mam namaskar, meri age abhi 21 h . Mujhe pure din dakare aati h ..bina kuch khaye piye hi dakare aati rahti h ..kuch bhi khane ya pine par mere seene aur pet m jalan mahsoos hoti h .kabj ki bhi dikkat h.kabhi kabhi mere seene me chuban aur dard mahsoos hota h jo 2-4 second tak rahta h .kabhi kabhi ghabrahat bhi hoti h .bhukh bhi nahi lagti h aur khana khane par lagta h ki khana gale me hi atak gya h .left hand m bhi kabhi kabhi kampan hota h plz ap bataye ki ye heart related problems h ya acidity se related ..I am awaiting ur reply

    Reply
  17. सर मैने की सारी टेस्ट करी हैं जैसेकी TMT/ECG/EXRE.फिर भी मरे लेफ्ट साईड के चाती के नीचे अभी भी बहोत दर्द होता है मुझे रात को निंद नाहि अती हैं सोते समय तो दर्द जादा होता है ओर मै अभी भी मेडिकल चालू है फीर बी कुच फरक नाहि हैं

    Reply
    • संदीप जी,
      छाती में उठने वाले सभी दर्द ह्रदय रोग ही हो यह बिलकुल जरुरी नहीं है | आपने जाँच करवा ली है तो ये अच्छी बात है की आपको कोई ह्रदय रोग नहीं है | सीने में दर्द उठने के कई कारण हो सकते है जैसे गैस, अफारा, एसिडिटी, फेफड़ो में कोई संक्रमन, कफ जमना, छाती में चोट से सूजन आदि आप किसी फिजिशियन से जाँच करवा ले की ये किस वजह से हो रहा है | इसके अतिरिक्त यह आर्टिकल पढ़ें इसमें कुछ उपाय बताये गए है – http://healthbeautytips.co.in/seene-chhati-ke-dard-chubhan-ka-ilaj/

  18. Mere ko Ghabrahat hoti hai aur koi bhi baat mere se gusse me bolta hai to o baat mere ko tensan ho jata hai aur chest ke niche aur pet ke uper yaani chest aur pet ke senter me hort (गरम) ho jata hai aur Ghabrahat hoti hai

    Reply
    • ये लक्षण मानसिक तनाव, स्ट्रेस से पैदा हुए लगते है, इसको ह्रदय रोग ना समझे | लेकिन अधिक गुस्से में रहने से उच्च रक्तचाप बढ़ा हुआ रहता है जो आगे चलकर ह्रदय रोग की शक्ल ले सकता है |

  19. Madam ji Namashkar,
    Madam ji mai banker hun pichle saal mujhe sine me bharipan ki dikkat ai humne doctor se salah le unhone mujhe janch batai humne TMT,ECG,Eco karwalya hole body chekup karwaya sab normal nikla uperwale ke shukar se..madam muje dikaat ye hai ki hume aysa mahsus hota hai ki humare baye saide me chati pe kuch latak raha hai dhadkan bhi teez rahti hi gass bhi bahut banti hai chinta,Uljhan,Dar laga rahta hai Please koi upaye jarur batiye ga.
    Dhanyawaad.

    Reply
  20. Hello,mam mera bp low rehta h or hrtbeat bhut tez ho jati h saans b foolti h meri neuropathy ki med. B chl rhi or ecg eco or baki sb test krwaye h vo b normal h to bp low or hrtbeat tez hone ki kya wjh ho skti h plz btayein

    Reply
    • धडकने तेज होने साथ में घबराहट होने का कारण मानसिक तनाव भी हो सकता है | यदि आपने जाँच करवा ली है और आपको कोई ह्रदय सम्बंधित समस्या नहीं है तो ये मानसिक तनाव के लक्षण भी हो सकते है | अधिक तकलीफ है तो किसी मनोवैज्ञानिक डॉक्टर से भी एक बार संपर्क कर लें |
      धन्यवाद

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