मजबूत हड्डियों के लिए खाएं ये फल और सब्जियां

हमारे शरीर में हड्डी काफी अहम हिस्सा होती है। मजबूत हड्डियों द्वारा ही हमारा शरीर तंदुरूस्त और स्वस्थ रहता है। हड्डियों में लचीपना बहुत कम होता है। हड्डियों के कमजोर होकर आसानी से टूटने की समस्या को ओस्टियोपोरोसिस कहते हैं। जो प्राय कैल्शियम और अन्य खनिजो की कमी से होता है दरअसल हड्डियां कैल्शियम, फास्फोरस, सोडियम और कुछ अन्य पदार्थों से मिलकर बनी होती हैं। शरीर में मौजूद कुल कैल्शियम का 90 फीसदी हमारी हड्डियों और दांतों में ही मौजूद होता है। बहुत सारे फल और सब्जियां इन जरुरी खनिजो का भंडार होती है | बस जरुरत सही जानकारी और उस जानकारी को व्यवहारिक रूप से अमल में लाने की है | पूरी तरह प्रमाणिक जानकारी तो हम आपको दे रहे है वि भी वैज्ञानिक तथ्यों के साथ अब इस पर पालन करने की जिम्मेदारी आपकी है |

मजबूत हड्डियों के लिए खाएं ये फल और सब्जियां  

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दांतों एवं हड्डियों को मजबूत रखने के लिए फल सब्जियां
  • मजबूत हड्डियों के लिए जरुरी है विटामिन ‘के’ : सेम और अन्य फलीदार सब्जियों (बींस) में भरपूर फाइबर होते हैं। इसके अलावा एंटी ऑक्सीडेंट, प्रोटीन, आयरन, मैग्नीशियम, पोटेशियम, कैल्शियम भी बींस में पाए जाते हैं। हरी और पीली बींस में विटामि न ‘के’ होता है, जो हड्डियों और उनके जोड़ों को स्वस्थ रखता है। बींस को कुछ घंटे तक पानी में भिगोकर इस्तेमाल करना चाहिए। ऐसा करने से फाइटेट्स का असर काफी कम हो जाता है। हड्डियों के दोस्त विटामिन ‘के’ का भंडार है शतावरी यानी एस्परगस ऑस्टियोपोरोसिस और हड्डियों की अन्य बीमारियों में बेहद कारगर है।
  • हड्डी के रोगों में बहुत कारगर है चेरी : चेरी कुदरत के सबसे ताकतवर एंटी इन्फ्लेमेटरी (सूजन, शोथ के खिलाफ काम करने वाले) सिपाही हैं। इसीलिए ये आर्थराइटिस रोग में बहुत मददगार हैं। ये शरीर में मौजूद वसा के खिलाफ भी लड़ते हैं। इसलिए मजबूत हड्डियों के लिए इसे अपने खाने में जरुर शामिल करें |
  • हड्डियों को मजबूत करती है ग्रीन टी : ग्रीन टी में मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट विटामिन सी और विटामिन ई से भी बहुत ज्यादा बेहतर पाए गए हैं। पाया गया है कि ग्रीन टी हड्डियों को मजबूत करती है और आर्थराइटिस का खतरा कम करती है।
  • हड्डियों के दोस्त विटामिन डी का भंडार हैं मशरूम : मशरूम में विटामिन डी का भंडार होता है, इसलिए ये हड्डियों और ऑस्टियोपोरोसिस जैसे रोगों के लिए बहुत फायदेमंद हैं। ये शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले माने जाते हैं, क्योंकि ये एंटी वायरल और अन्य प्रोटीन का निर्माण करते हैं। विटामिन डी : कैल्शियम को अपने अंदर आत्मसात करने के लिए हड्डियों को विटामिन डी की जरूरत पड़ती है। विटामिन डी का मुख्य काम ही हड्डियों में कैल्शियम को अवशोषित करना और कैल्शियम को बाहर निकालने का है। इसलिए मजबूत हड्डियों के लिए विटामिन डी की भी बहुत जरूरत होती है।
  • आर्थराइटिस को दूर रखते हैं नट्स : ऊर्जा, प्रोटीन, एंटी ऑक्सीडेंट, विटामिन डी, मिनरल्स, कैल्शियम और के एक उपहार की तरह हैं। ये आर्थराइटिस को दूर रखने में भी बहुत लाभदायक हैं। नट्स जैसे बादाम, अखरोट, काजू आदि इसलिए मजबूत हड्डियों के लिए इन्हें अपने खाने में जरुर शामिल करें |
  • जोड़ों के रोग में बहुत काम का है जैतून का तेल : जैतून के तेल के सौ से भी ज्यादा फायदे हैं। कई अध्ययनों में जैतून का तेल रुमेटॉयड आर्थराइटिस और ऑस्टियोपोरोसिस जैसे हड्डी और जोड़ों के रोगों में बड़े काम का पाया गया है। यह मोटापा भी नहीं बढने देता है जिससे हड्डियों पर कम दबाव रहता है।
  • संतरा : संतरे में विटामिन सी, ए, एंटी ऑक्सीडेंट जैसे तत्व होते हैं। संतरे में करीब 170 फोटोन्यूट्रिएंट्स होते हैं। फ्लेवोनॉयड की संख्या करीब 60 होती है। इस वजह से यह शरीर में सूजन, जलन, अल्सर, गांठ और कोशिकाओं के क्षय के दुश्मनों के खिलाफ शानदार ढंग से काम करता है यानी जबरदस्त रोग प्रतिरोधक।
  • ब्राउन राइस : भूरे चावल सफेद चावल का अपरिष्कृत (अनरिफाइंड) रूप होते हैं। इनमें प्रोटीन, थिएमाइन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, सेलेनियम, पोटेशियम और फाइबर पाए जाते हैं। ब्राउन राइस में मौजूद सेलेनियम तत्व कई बीमारियों समेत हड्डियों की समस्या भी कम करता है।
  • पालक और हरी पत्तेदार सब्जियां है बहुत दमदार : पालक और हरी पत्तेदार सब्जियां कैल्शियम पाने का अच्छा जरिया होती हैं। पालक में मौजूद विटामिन सी, ई, बीटा कैरोटीन, सेलेनियम, जिंक, मैगनीज आदि इसके एंटी ऑक्सीडेंट गुणों को और बढ़ा देते हैं। विटामिन ‘के’ होने से हड्डियों की मजबूती में भी पालक योगदान देता है। थोड़ी सावधानी : चूंकि पालक में ऑक्सलेट भी होता है, जो पथरी का खतरा पैदा करता है, इसलिए नियंत्रित मात्रा में ही पालक का सेवन करना चाहिए।
  • रोग का खतरा कम करता है नाशपाती का बोरॉन : नाशपाती में फाइबर, विटामिन बी, सी, ई, कॉपर और पोटेशियम का भंडार होता है, जिससे यह सेहत के लिए लाभकारी है। नाशपाती में बोरॉन का उच्च स्तर होता है, जिससे यह कैल्शियम को बनाए रखने और ऑस्टियोपोरोसिस जैसे हड्डी रोग के खतरे को कम करने में मददगार है।
  • हड्डी टूटने से बचाता है गेहूं का अंकुर (व्हीट जर्म) : इसे पोषक तत्वों की खान भी कहा जाता है। इसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फोलिक एसिड, फाइबर, विटामिन और मिनरल की भरमार होती है। यह फोलिक एसिड का सर्वश्रेष्ठ भंडार माना जाता है। फोलिक एसिड हड्डी टूटने जैसी समस्याओं का खतरा टालने का काम करता है। मजबूत हड्डियों के लिए इसे अपने खाने में शामिल करें |
  • हड्डी को पूरा पोषण देते हैं कद्दू, सूरजमुखी के बीज : मजबूत हड्डियों को सिर्फ कैल्शियम ही नहीं चाहिए होता है, उन्हें अन्य पोषक तत्वों की भी जरूरत होती है। कद्दू और सूरजमुखी के बीज में भरपूर मैग्नीशियम होती है। इसके साथ ही इनमें विटामिन ई, बी-1, आयरन, कैल्शियम और फास्फोरस भी होता है। मजबूत हड्डियों के लिए यह सब भी चाहिए, इसलिए इन बीजों का सेवन भी कीजिए।
  • धूप भी बहुत जरूरी है : धूप में चूंकि विटामिन डी भरपूर होता है और विटामिन डी हड्डियों के लिए जरूरी होता है, इसलिए हमें मजबूत हड्डियों के लिए सुबह के वक्त नियमित रूप से धूप सेंकनी चाहिए।
  • विटामिन डी का घर अंडा भी हड्डी का मित्र है : अंडा विटामिन डी पाने का बहुत अच्छा जरिया है, इसलिए अंडा खा सकने वालों को मजबूत हड्डियों के लिए अंडे का भी सेवन जरूर करना चाहिए।
  • हड्डियों की कई समस्याओं से बचाता है सोया फूड : सोयाबीन और उसके उत्पाद (सोया मिल्क, सोया बडी, सोया पनीर, टोफू आदि) भी हड्डियों के लिए बहुत काम के हैं। इनमें भरपूर कैल्शियम तो है ही, कुछ अध्ययनों में सोया फूड में आइसोफ्लेवोंस नाम का पदार्थ पाया गया है, जो हड्डियों को कई रोगों से बचाता है। खासकर महिलाओं में मीनोपॉज के बाद होने वाली हड्डियों की समस्या में यह बहुत काम का है।
  • हड्डियों तक कैल्शियम पहुंचाने में मदद करता है नींबू : नींबू के रस में विटामिन सी भरपूर होता है, जो कैल्शियम को आत्मसात (एब्जॉब) करने में शरीर की मदद करता है और हड्डी की बीमारी ऑस्टियोपोरोसिस से लड़ता है। गर्भवती महिला यदि एक गिलास गुनगुना पानी दो चम्मच कच्चे नींबू का रस डालकर पीती है तो यह गर्भ में पल रहे बच्चे की हड्डियों को मजबूत बनाता है।
  • हड्डी के दर्द में राहत देता है पपीते का विशेष एंजाइम : पपीते में कैल्शियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस के अलावा विटामिन सी, बी और बीटा कैरोटीन तथा फाइबर होते हैं। पपीते में एक विशेष एंजाइम पाया गया है, जो सूजन के खिलाफ काम करता है। इसी कारण आर्थराइटिस और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी स्थितियों में होने वाले दर्द से पपीते का सेवन राहत देता है। यह हड्डी की समस्याओं में भी लाभ पहुंचाता है।
  • ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा कम करता है अनानास : अनानास विटामिन सी, मैगनीज जैसे मिनरल्स और फाइबर से भरपूर है। यह मजबूत हड्डियों के लिए एकदम सही फल है साथ ही यह हड्डियों के रोगों का खतरा कम करता है। इसमें सूजन का विरोधी एक विशेष एंजाइम ब्रोमेलिन पाया जाता है। जिन लोगों में ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या पाई गई है, उनमें मैगनीज की खास तौर से कमी पाई गई है। अनानास मैगनीज का बहुत अच्छा जरिया है, इसलिए इसका सेवन ऑस्टियोपोरोसिस के खतरे को को कम करता है।
  • हड्डियों को बीमार नहीं पड़ने देता अनार : अनार में भरपूर फाइटोकेमिकल्स, फ्लेवेनॉयड और पॉलीफिनोल (एंटी आक्सीडेंट) होते हैं। हड्डी के रोग ऑस्टियोपोरोसिस में भी अनार बहुत काम का पाया गया है। खासकर अनार के बीज का तेल (पॉमग्रेनेट सीड ऑयल या पीएसओ)। इस तेल में प्यूनिसिक नाम का एक एसिड पाया गया है, जो सूजन विरोधी और एंटी ऑक्सीडेंट के गुण रखता है। मजबूत हड्डियों के लिए अनार को भी अपने आहार में शामिल करें |
  • विशेष : एक अध्ययन के अनुसार, प्यूनिसिक एसिड हड्डियों में मौजूद खनिजों की सघनता को बढ़ाता है और ऑस्टियोपोरोसिस में बहुत फायदा पहुंचाता है। अनार के जूस में मौजूद तत्व सीरोटोनिन और एस्ट्रोजन को उत्तेजित करके बोन मास में सुधार करते हैं।
  • हड्डियों के मित्र लाइकोपेन का दूसरा भंडार है तरबूज : लाइकोपेन नाम का तत्व, जो कि चमकीले लाल रंग का कैरोटिनॉयड होता है, मजबूत हड्डियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है यह हड्डियों को क्षतिग्रस्त होने से रोकता है। इसलिए मजबूत हड्डियों के लिए तरबूज का सेवन भी अवश्य करें |
  • मजबूत हड्डियों के लिए कैल्शियम का क्षय रोकना जरूरी : वैज्ञानिकों ने पाया है कि हड्डियों के लिए शरीर को कैल्शियम या अन्य जरूरी मिनरल देने से ही काम नहीं चलता, बल्कि हड्डियों में कैल्शियम की क्षति को रोकना भी जरूरी होता है। खान-पान, जीवनशैली और जेनेटिक कारणों से हमारी हड्डियों से कैल्शियम का नुकसान होता रहता है। परीक्षणों में पता चला है कि दूध और उनके उत्पादों से हड्डियों को कैल्शियम मिलता तो है, पर इन उत्पादों में एनीमल प्रोटीन भी होती है, जो शरीर में हजम होते समय एसीडिटक बाय प्रॉडक्ट बनाती है। डेयरी उत्पादों से कैल्शियम मिलता तो है, पर हड्डियों से कैल्शियम छिनता भी है। इसीलिए जिन देशों में लोग डेयरी उत्पादों का बहुत कम इस्तेमाल करते हैं, वहां ऑस्टियोपोरोसिस की बीमारी कम पाई गई है। कहने का अर्थ यह है कि दूध हड्डियों को कैल्शियम तो देता है, मगर हड्डियों का क्षय होने से नहीं रोक पाता। यह काम लाइकोपेन जैसे विशेष पदार्थ ही करते हैं या फिर विटामिन डी करता है जो कैल्शियम को हड्डियों में भेजने का काम करता है। इसीलिए इन प्रयोगों से जुड़े वैज्ञानिकों की सलाह है कि यदि हम कैल्शियम एनीमल प्रोटीन (दूध, मांस, अंडा) के बजाय दूसरे पदार्थों से लें तो हड्डियों का क्षय ज्यादा बेहतर तरीके से रोक सकते हैं।
  • बीमारी में बहुत लाभ देता है लहसुन और इसका तेल : लहसुन और उसके तेल को भी हड्डियों का क्षय रोकने में बहुत सक्षम पाया गया है। कई परीक्षणों में पता चला है कि कैल्शियम और विटामिन डी के साथ यदि शरीर को लहसुन का तेल भी मिल जाए तो ऑस्टियोपोरोसिस के मरीज को बहुत लाभ होता है। लहसुन में एक प्लांट एस्ट्रोजन हार्मोन होता है, जो शरीर में कैल्शियम का अवशोषम (एब्जॉब्र्शन) बढ़ा देता है। मजबूत हड्डियों के लिए लहसुन के गुण हम गठिया रोग में क्या खाएं पोस्ट में पहले ही बता चुके है |
  • आलू बुखारा लेता है स्वस्थ हड्डियों की जिम्मेदारी : कुछ अध्ययनों में इस फल को भी ऑस्टियोपोरोसिस में लाभकारी पाया गया है। खासकर सूखे आलूबुखारा में वे खास मिनरल पाए गए हैं, जो हड्डियों के मेटाबॉलिज्म की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण होते हैं। ये हैं बोरोन और सेलेनियम। ये दोनों बोन मिनरल डेसिटी का संतुलन बनाए रखने का काम करते हैं।
  • मांसाहारियों में हड्डियों का क्षरण ज्यादा : मांस के जरिए कैल्शियम तो मिलता है, पर ज्यादा प्रोटीन भी शरीर में जाता है। यह प्रोटीन ज्यादा अम्ल बनाता है, जिसे निष्क्रिय करने के लिए शरीर हड्डियों से कैल्शियम खींचता है। इसलिए बढती उम्र के साथ साथ मांसाहारी भोजन छोड़ देना चाहिए या कम कर देना चाहिए |
  • हड्डी के रोगों की रफ्तार धीमा करती है बेरी : स्ट्रॉबेरी समेत सभी बेरियां विटामिन सी की भंडार होती हैं। इनमें काफी कैल्शियम भी होता है। इनमें पोटेशियम और मैगनीज जैसे तत्व भी हैं। ये सभी चीजें मिलकर ऑस्टियोपोरोसिस की रफ्तार को धीमा करती हैं। अध्ययनों से यह भी पता चला है कि यह फल रक्त में सी-रिएक्टिव प्रोटीन को कम करता है, जिससे शरीर के अंदर किसी भी तरह की सूजन का विरोध होता है। इससे आर्थराइटिस जैसे हड्डी के रोग में राहत मिलती है। इसलिए मजबूत हड्डियों के लिए बेरी को अपने खाने में जरुर शामिल करें |
  • हड्डी की सभी जरूरी चीजें हैं मछली में : मछली और इसके तेल का इस्तेमाल आर्थराइटिस का खतरा कम करता है। मछली से कैल्शियम, विटामिन डी और ओमेगा-3 फैटी एसिड्स मिलते हैं, जो हड्डियों के लिए अच्छे होते हैं। मछली तेल की मालिश हड्डियों को कमजोर होने से बचाती है। (मछली के संदर्भ में गठिया में परहेज वाले पोस्ट पर भी गौर करें।
  • दूध-दही बहुत जरूरी हैं हड्डियों के लिए : दूध और दूध से बने उत्पादों (दही, पनीर आदि) से शरीर को कैल्शियम और विटामिन डी प्राप्त होता है। दूध को कैल्शियम का सबसे बड़ा प्राकृतिक खजाना माना जाता है। कैल्शियम और विटामिन डी हड्डियों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, इसलिए दूध और उसके उत्पादों का नियंत्रित मात्रा में नियमित सेवन करें। (गठिया में परहेज वाले पोस्ट पर जरूर गौर करें)

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