बुखार में खानपान : क्या खाएं और क्या ना खाएं

अन्य रोगों की तरह बुखार में भी सही खानपान का चुनाव आपको इस बीमारी से जल्दी ही छुटकारा दिला सकता है | दुनिया में सबसे ज्यादा पाई जाने वाली बीमारी बुखार ही है, जो कभी भी, किसी को भी, किसी भी मौसम में हो सकता है। शरीर का तापमान जब 98.4 डिग्री फारेनहाइट या 36.8 डिग्री सेंटीग्रेड से अधिक हो जाए, तो समझे कि बुखार हो गया है। आयुर्वेद में बुखार को स्वतंत्र रोग के रूप में तथा अन्य रोगों के साइड इफ़ेक्ट के रूप में होने वाला रोग माना जाता है, जबकि एलोपैथी में इसे अन्य रोगों का लक्षण मात्र मानते हैं। कारण : बुखार होने के प्रमुख कारणों में कीटाणुओं का संक्रमण होता हैं इसके अतिरिक्त अधिक गर्मी या सर्दी में रहने से भी बुखार हो जाता है। लक्षण : शरीर की गर्मी बढ़ना, शरीर टूटना, सिर दर्द, घबराहट, उलटी, जी मिचलाना, खाने की इच्छा न होना, चलने पर चक्कर आना, नींद न आना, मुंह का स्वाद बिगड़ना, हृदय की धड़कन बढ़ना, नींद में बड़बड़ाना आदि लक्षण बुखार में देखने की मिलते हैं। Tags = #Fever #diet #meal #fruits #vegetables for #fever #patients

बुखार में क्या खाना चाहिए

bukhar me kya khana chahiye kya nahi बुखार में आहार: क्या खाना चाहिए और क्या नहीं
बुखार में भोजन
  • बुखार में जहां तक हो सके तरल भोज्य पदार्थ ही सेवन करें और कच्ची चीजों की तुलना में पके हुए भोजन को खाएं भाप में पकाई हुई सब्जियों, सूप और फलो के पतले रस को अपने भोजन में शामिल करें ।
  • बुखार में साधारण, हलका, आसानी से पचने वाला, कम मिर्च मसालेदार व कम मात्रा में भोजन करें।
  • बुखार की शुरुआत में दो दिन का बिना ठोस आहार के उपवास करें और तरल चीजें ही सेवन करें।
  • पालक और टमाटर का सूप, हरी साग-सब्जियां, सोयाबीन का सूप, खिचड़ी, मुनक्का, दलिया, ओट्स, पोहा, मूंग की दाल का पानी आदि का सेवन करें |
  • उबली सब्जी या सूप : ताजा उबली हुई सब्जियां, सब्जियों का सूप, सलाद भी बुखार की स्थिति में सही भोजन होगा।
  • इलेक्ट्रोलाइट : बाजार में आसानी से मिलने वाला इलेक्ट्रोलाइट शरीर को तरल पदार्थ देने का अच्छा विकल्प है। यह शरीर की जरूरी पोषण और रोग से लड़ने की ताकत देता है।
  • चिकन का सूप : यह मांसाहारी लोगों के काम की चीज है। ठोस आहार के बिना यह शरीर को भरपूर पोषण देता है।
  • उबले आलू में काली मिर्च डाल कर खाएं |
  • बुखार उतरने पर डबल रोटी, गेंहू की रोटी, दूध, साबूदाना की खीर या खिचड़ी खाएं।
  • बुखार में कौन सा फल खाना चाहिए – आलू बुखारा, चीकू, चकोतरा, अंगूर, पपीता, अनार, सेब, संतरा आदि का सेवन करें |
  • कमजोरी दूर करने के लिए ग्लूकोज, सुक्रोज, लेक्टोज पानी में घोलकर पिएं।
  • कच्चे नारियल का पानी भी बुखार में लाभकारी है |
  • उबला हुआ ठंडा किया पानी बार बार पीते रहें ।
  • बुखार में ठंड लगे, तो गर्म पानी में और गर्मी या जलन महसूस हो, तो गर्म किए ठंडे पानी में नींबू का रस और थोड़ा सेंधा नमक मिलाकर बार-बार पिएं।
  • बुखार की कमजोरी में पानी में शहद मिलाकर पिएं।
  • गर्मी, थकान या मेहनत के कारण हुए बुखार में अनानास के रस में शहद डालकर पीने से काफी फायदा होगा।
  • पपीते के पत्तों का काढ़ा भी बुखार को उतार देता है।
  • यदि बुखार गर्मी में लू लगने से हुआ है और कफ खांसी नहीं है तो दही का प्रयोग भी लाभकारी हैं | कई अध्ययनों में पाया गया है कि प्रोबायोटिक के धनी पदार्थ बुखार में कमी लाते हैं। दही में प्रोबायोटिक होते हैं, लिहाजा दही का सेवन करें। बाजार से दही खरीद रहे हैं तो दही ‘लाइव बैक्टीरिया कल्चर” युक्त होनी चाहिए। लो-फैट दही लें।
  • यदि आपको कफ (खांसी ) है तो बुखार में केले का सेवन नहीं करना चाहिए | केले की तासीर ठंडी होती हैं |
  • शहद और नींबू की चाय : बुखार में यह पेय बहुत काम का है। हर्बल चाय का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। चाय में अदरक डालने से इसका लाभ और बढ़ जाएगा। बुखार में पानी के साथ-साथ अन्य स्वास्थ्यवर्धक पेय पदाथों का ज्यादा-से-ज्यादा सेवन करना चाहिए। नुस्खा : पांच-छह ग्राम अदरक के रस में इतना ही शहद मिलाकर चाटें। बुखार में काफी फायदा होगा।
  • जीरा और तुलसी : एक चम्मच जीरा के दाने लें। चार-पांच तुलसी की पत्तियां लें। इन दोनों को एक गिलास पानी में मिला लें। इसके बाद पानी को कुछ मिनट के लिए उबलने दें। इसके बाद इस मिश्रण की एक चम्मच मात्रा दिन में दो-तीन बार लें। नुस्खा 1 : तुलसी की 10-12 पत्तियां और 8-9 काली मिर्च लेकर एक कप पानी में डालकर उबालें। उबलने के बाद इस मिश्रण को पी जाएं, बुखार में बहुत फायदा होगा। नुस्खा 2 : पिसे हुए जीरे की आधा चम्मच मात्रा में थोडा-सा गुड़ मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से बुखार में लाभ होगा ।
  • ताजा फलों का रस : बुखार में ताजा फलों का रस भी बहुत फायदा देगा। ऐसी स्थिति में फलों का डिब्बाबंद जूस नहीं पीना चाहिए। हर हाल में ताजा फलों का रस ही लेना चाहिए। फलों का रस शरीर के रोग प्रतिरोधी तंत्र को मजबूत करने का काम करेगा। अगर बुखार के साथ पेट में गड़बड़ नहीं है तो संतरे का जूस बढ़िया रहेगा।
  • बुखार में कम मलाई वाला दूध भी जरूर लें, क्योंकि इससे शरीर को प्रोटीन भी मिलेगा, जो रोग प्रतिरोधी तंत्र को मजबूत करेगा। प्रोटीन हमें अन्य पदार्थों से भी मिल सकता है, जैसे कि अंडा और चिकन से, लेकिन ये ठोस पदार्थ बुखार की स्थिति में पेट के लिए ठीक नहीं रहते, इसलिए तरल पदार्थ होने के नाते दूध ठीक रहता है। नुस्खा : गर्म दूध के गिलास में थोड़े बादाम या अन्य नट्स को भी कूट-पीसकर मिलाया जा सकता है। इसके अलावा एक गिलास दूध में एक चम्मच शहद या थोड़ा-सा केसर पाउडर मिलाना भी बुखार में लाभकारी रहेगा । फलों का रस, गन्ने का रस, मकई का रस (Sweet Corn Juice) थोड़ा-थोड़ा बार-बार पिएं।

बुखार में ये उपाय भी हैं बहुत कारगर  

  • तुलसी के छह-सात पत्ते लें और करीब इतने ही दाने काली मिर्च के तथा दो पत्ते पीपल के लें और एक छोटी गांठ सौंठ की। सभी को एक कप पानी में डालकर उबालें। पानी जब आधा रह जाए तो उसमें मिश्री मिलाएं और सुबह के समय खाली पेट लें। कई दिन तक ऐसा करें, बुखार में बहुत फायदा होगा।
  • 100 ग्राम नीम की छाल को कूटकर बारीक कर ले। इसमें आधा लीटर पानी डालकर उबालें। पानी के 100 ग्राम रहने तक उबालें। इसके बाद इस पानी को सुबह-शाम पिलाएं, बुखार से जल्दी ही छुटकारा मिलेगा |
  • बुखार में नीम की पत्तियों को सुखाकर और पीसकर उनका चूर्ण बना लें। अब चूर्ण की एक चम्मच मात्रा का गर्म पानी के साथ सेवन करें। यह भी पढ़ें – टाइफाइड में क्या खाएं और टाइफाइड में परहेज
  • तेज बुखार में पानी में थोड़ी सौंफ डालकर उबालें और पानी को थोड़ी-थोड़ी देर में रोगी को पिलाते रहें।

बुखार में क्या नहीं खाना चाहिए

  • बुखार में भारी, गरिष्ठ, तले हुए, मिर्च-मसालेदार भोजन से परहेज करें।
  • बुखार में दूध से बनी मिठाइयाँ और रेशायुक्त आहार न खाएं।
  • खट्टे फलों का सेवन भी बुखार में न करें। यह भी पढ़ें – डेंगू बुखार : लक्षण, बचाव, खानपान और उपचार के उपाय
  • बुखार में जल्दी ताकत लाने के चक्कर में अधिक घी, मक्खन, मांस, आदि गरिष्ठ पदार्थ न खाएं-पिएं।
  • चाय, कॉफ़ी, शराब, कोल्ड ड्रिंक्स आदि से परहेज रखें |
  • रेड मीट या अन्य मीट बिल्कुल न लें। इसे आपका पेट हजम नहीं कर पाएगा।
  • बुखार में जंक फूड (फास्ट फूड, डिब्बाबंद फूड) का सेवन भी कतई न करें।
  • उच्च फैट वाले और तैलीय भोजन से भी पूरी तरह परहेज करें।
  • बुखार में आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिक जैसी ठंडी चीजों और सोडा ड्रिक से भी दूर रहें।
  • बुखार में शराब और धूम्रपान का सेवन भी बिल्कुल नहीं होना चाहिए।

बुखार में इन बातों का भी रखें ख्याल

  • पूरा विश्राम कर सुबह-शाम 30 मिनट का शवासन करें।
  • तेज बुखार होने पर माथे पर ठंडे पानी की पट्टी रखें |
  • पैर के तलवो पर लौकी के रस या लौकी के तेल की मालिश अवश्य करें |
  • रोगी का कमरा स्वच्छ, हवादार रखें और साफ-सुथरे कपड़े पहनें।
  • व्यक्तिगत स्वच्छता पर पूरा ध्यान दें।
  • सुबह और शाम को लंबी और गहरी सांस लेने का अभ्यास करें।
  • बुखार में हमेशा कंबल, गर्म कपड़े में शरीर को लपेट कर न रखें।

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