हाल के कुछ वर्षों में ग्रीन टी सबसे लोकप्रिय स्वास्थ्य वर्धक ड्रिंक के रूप में उभरी है। कई अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि ग्रीन टी केवल एक पेय-पदार्थ नहीं है, अगर सही तरीके से इसका सेवन किया जाए तो यह किसी हेल्थ-टॉनिक से कम नहीं है। ग्रीन टी क्या है – ग्रीन-टी (हरी चाय) जो को कैमेलिया साइनेन्सिस नामक पौधे को पत्तियों से बनायी जाती है, जो स्वाद में कड़वी होती है। सदियों से इस्तेमाल की जाने वाली ग्रीन-टी को आयुर्वेद में एक कारगर औषधि माना गया है जो काढ़े के नाम से जाना जाता था। कड़वे स्वादवाली ग्रीन-टी में मौजूद कैफीन और टिनिन उबालने पर उचित रंग, स्वाद और खुशबू देते हैं। इसमें मौजूद विटामिन, मिनरल्स, थियोनीन जैसे एंटीऑक्साइड गुण शरीर से विषैले तत्व को बाहर निकाल कर शरीर को रोग मुक्त और स्वस्थ बनाने में मदद करते हैं।
ग्रीन टी को गरम पानी में उबाल कर तैयार किया जाता है। यदि कोई व्यक्ति ग्रीन-टी को कड़वी होने के कारण प्रयोग नहीं करता है तो ऐसे हालात में शहद (HONEY) का प्रयोग करके ग्रीन चाय को मीठा कर सकते हैं। शहद से केवल मिठास ही नहीं मिलेगी बल्कि इसमें भी बहुत सारे औषधीय गुण मौजूद होते है जो स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। सर्दी-जुकाम, सिरदर्द जैसी समस्या के लिए विटामिन सी युक्त चीजे फायदा करती हैं | ग्रीन-टी का नियमित सेवन करने से फ्लू,खांसी-जुकाम या संक्रमण से बचा जा सकता है | तो आइये जानते है ग्रीन टी के औषधीय गुण तथा इसको इस्तमाल करने की सही विधि |
ग्रीन टी के लाभ (बेनिफिट्स)

- ग्रीन टी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट वजन कम करने में मददगार होते हैं। रात को खाना खाने के 2 घंटे बाद एक कप गर्म ग्रीन-टी का सेवन पाचन क्रिया को ठीक करता है तथा वसा के ऑक्सीकरण को उतेजित करता है मतलब की शरीर में अतिरिक्त फैट को खत्म करता है। कैलोरी बर्न करने की गति को बढ़ाता है।
- यह हमारी आँतों और लीवर, जैसे शरीर के विभिन्न अंगों से वसा को बाहर निकालने में मदद करता है। इससे हमारे शरीर का बॉडी मास इंडेक्स कम होने लगता है और आपका वजन नियंत्रण में रहता है।
- ग्रीन टी का उपयोग करने से त्वचा फ्री रेडिकल्स के प्रभाव से बची रहती है, इससे कील-मुहाँसे जैसी त्वचा संबंधी समस्याओं से बचाव होता है। ग्रीन टी के बैग का इस्तेमाल करने के बाद उसे फेंकना नहीं चाहिए, उसे फ्रिज में थोड़ा ठंडा करके त्वचा पर इस्तेमाल करना चाहिए।
- ग्रीन-टी का सेवन शरीर में रक्त संचार को सुधार कर आपको महसूस होने वाली थकान, आलस, तनाव, चिंता आदि समस्याओं को ग्रीन टी दूर करने में मदद करती है। ग्रीन टी का प्रयोग करने से शरीर में स्फूर्ति आती है, जिससे आप तरोताजा महसूस करते हैं।
- ग्रीन-टी में मौजूद विटामिन C जैसे एंटीऑक्सीडेंट हमारे शरीर के इम्मयून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं, यह हमारे शरीर में बैक्टीरिया और वायरस फैलाने वाले फ्री रेडिकल्स के विकास को रोकते हैं और विषैले पदाथों को शरीर से बाहर निकालने में मदद करते हैं।
- ग्रीन टी ज्यादा भोजन की वजह से होने वाली एसिडिटी, अपच तथा पेट संबंधी अन्य समस्याओं में आराम पहुंचाती है और पाचन को दुरुस्त करती है। इसका नियमित सेवन करने से पेट ठीक रहता है।
- ग्रीन-टी में मौजूद एल-थियेनाइन नामक कंपाउंड दिमाग को ज्यादा अलर्ट, लेकिन शांत रखता है, यानी दिमाग बेहतर ढंग से काम करता है।
- ग्रीन-टी में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं। इससे इन्फेक्शन का खतरा कम होता है।
- ग्रीन-टी बेसल मेटाबॉलिक रेट को बढ़ाती है। इससे वजन कम करने में मदद मिलती है।
- ग्रीन-टी चाय की नरम पत्तियों से बनती है। इसे प्रोसेस नहीं किया जाता। इसे पत्तियों को सुखाकर तैयार किया जाता है। वैसे, सीधे पत्तियों को तोड़कर भी चाय बना सकते हैं। इसमें एंटी-ऑक्सिडेंट सबसे ज्यादा होते हैं। ग्रीन टी काफी फायदेमंद होती है, खासकर अगर बिना दूध और चीनी की पी जाए। इसमें कैलोरी भी नहीं होती। वैसे, ग्रीन टी से ही हर्बल और ऑर्गेनिक टी आदि तैयार की जाती है। इस रूप में ग्रीन टी सेहत के लिए और भी फायदेमंद हो जाती है।
- आजकल कई कंपनियाँ जड़ी-बूटियों वाली चाय बेचती हैं जिसे हर्बल टी, ग्रीन टी, ऑर्गेनिक टी , वाइट टी या आयुर्वेदिक चाय कहा जाता है इससे उपभोक्ता के सामने कई विकल्प मौजूद होते है इस तरह की चाय के भी कई फायदे है यदि जड़ी-बूटियों को सही अनुपात में मिलाकर बनाई जाए तो |
- पुराने समय में लोग पारंपरिक भाषा में ग्रीन-टी को “काढ़ा” कहते थे जो तुलसी, दालचीनी, इलायची, ज्वरांकुश, अदरक, मुलहठी वगैरह मिलाकर बनाई जाती थी इस तरह की आयुर्वेदिक चाय आज विभिन्न कंपनियाँ बनाकर बेचती हैं।
- चीन में पारंपरिक उपचार में इसे दवाई की तरह उपयोग किया जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार ग्रीन टी नया सुपर फूड है। वैसे तकनीकी रूप से ग्रीन टी फूड नहीं है, लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों और नैचरोपैथी का मानना है कि ग्रीन टी हमारी सेहत के लिए बहुत उपयोगी है। इसमें कैलोरी की मात्रा काफी कम होती है और यह एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरपूर होती है।
- हाल में हुए कई अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि ग्रीन-टी वजन कम करने से लेकर टाइप-2 डायबिटीज तक के खतरे को कम करती है। एंटी-एजिंग ग्रीन टी में कैटेचिन नामक रसायन होता है, जो शरीर को फ्री रैडिकल्स से लड़ने में सहायता करता है। एजिंग के कई प्रभाव, विशेषरूप से त्वचा पर शरीर में फ्री-रैडिकल्स के इकट्ठा होने से दिखाई देते हैं, जो आपके शरीर की कोशिकाओं को क्षतिग्रस्त कर सकते हैं और उनकी उम्र बढ़ा सकते हैं।
- इसमें पॉलीफेनॉल भी होता है जो कोशिकाओं की नवीनीकरण प्रक्रिया के लिए आवश्यक है। और कोशिकाओं को समय से पहले बूढ़ा होने से बचाता है। पॉलीफेनॉल्स एजिंग को रोकता है और उम्र को बढ़ाता है।
- ग्रीन टी फ्लोराइड का एक बड़ा प्राकृतिक स्रोत है, इसलिए यह अपने एंटी-बैक्टीरियल इफेक्ट्स के साथ प्राकृतिक रूप से आपके दाँतों को शक्तिशाली बनाने में सहायता करता है, कैविटी को रोकता है और साँस की बदबू दूर करता है।
ग्रीन टी बनाने की विधि
- ग्रीन टी यदि सही ढंग से बनाई जाए तो यह काफी फायदेमंद है। ग्रीन टी को उबालने के बाद इसमें दूध-चीनी बिल्कुल न मिलाएँ। हाँ, यदि इसमें कुछ बूंद नींबू और थोड़ा सा शहद मिलाकर सेवन किया जाए तो यह और गुणकारी हो जाती है। ग्रीन टी में थोड़ी दालचीनी मिलाने से भी इसकी गुणवत्ता और भी बढ़ जाती है। यह भी पढ़ें – शहद के फायदे और इसके 35 घरेलू नुस्खे
- इसका पूरा फ़ायदा लेने व कड़वापन दूर करने के लिए पानी उबलने से थोड़ा पहले ग्रीन-टी मिलाएं और 1-2 मिनट से ज़्यादा पानी में ग्रीन टी को न रखें |
ग्रीन टी के त्वचा पर लाभ
- ग्रीन-टी त्वचा को सनबर्न और टैनिंग से बचाती है। यह शरीर को डिटॉक्सीफाई करता है, जिससे त्वचा ग्लो करती है और रंग निखरता है। ग्रीन टी स्वस्थ त्वचा के लिए भी बहुत फायदेमंद है और कई रोगों के उपचार में उपयोग की जाती है, जैसे स्किन कैंसर। यह लाभ तभी होते हैं, जब ग्रीन टी को कई महीनों या वर्षों तक पिया जाए।
- वजन कम होना कई अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि अगर आप वजन कम करने के लिए एक्सरसाइज के साथ ग्रीन टी पीते हैं तो इससे वजन कम करने को तेजी मिलती है। यह भी पढ़ें – जानिए 5 हर्बल ड्रिंक रेसेपी – ताजगी और स्फूर्ति के लिए
- अगर आप फ्लैट-बेली चाहते हैं तो एक दिन में तीन कप ग्रीन टी पिएँ। ग्रीन टी में पाया जाने वाला पॉलीफिनाल वसा के ऑक्सीडेशन और उस दर को बढ़ा देता है, जिसमें आपका शरीर भोजन को कैलोरी में बदलता है।
कैंसर से भी बचाव करती है ग्रीन टी
- कैंसर से बचाव अनुसंधानों में यह बात सामने आई है कि प्रतिदिन ग्रीन-टी पीने से कैंसर का खतरा कम हो जाता है। इसमें पॉलीफेनॉल्स होता है, एक एंटी-ऑक्सीडेंट जो कोशिका को क्षतिग्रस्त होने से रोकता है। ये कोशिकाओं को फ्री-रैडिकल्स से क्षतिग्रस्त होने से बचाते हैं और ट्यूमर की संख्या तथा आकार को कम करते हैं। नियमित रूप से ग्रीन-टी के सेवन से आँतों, प्रोस्टेट, ब्रेस्ट, मुँह और फेफड़ों के कैंसर से बचाव होता है। चीन के हुए एक अनुसंधान के अनुसार, जो लोग प्रतिदिन ग्रीन टी का सेवन करते हैं, उनमें पेट का कैंसर होने की आशंका 40 प्रतिशत तक कम हो जाती है।
मानसिक स्वास्थ्य के लिए ग्रीन टी
- ग्रीन टी दिमाग में सेरेटोनिन पैदा करने में सहायता करता है, जिससे सिरदर्द से लेकर भावनात्मक अवसाद कम करने में सहायता मिलती है। ग्रीन टी मस्तिष्क में सेरेटोनिन का स्तर भी बढ़ाती है, जिससे तनाव और एंग्जाइटी दूर होती है। यह मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को बढ़ाती है। ग्रीन-टी मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह को बढ़ाती है, जिससे ध्यान-केंद्रण की क्षमता सुधरती है। कई अनुसंधानों में यह बात सामने आई है कि ग्रीन-टी अल्जाइमर्स की आशंका भी कम करती है।
ग्रीन टी को कब और कैसे पियें तथा ग्रीन टी के नुकसान
- इसमें कोई दो राय नहीं कि ग्रीन टी बहुत लाभदायक है, लेकिन कई लोग इसका सेवन अत्यधिक मात्रा में और बिना सोचे-समझे कर रहे हैं। एक दिन में कितने कप ग्रीन टी का सेवन किया जाए, इसका सेवन कब और कब ना किया जाए, किन लोगों को इसके सेवन से बचना चाहिए?? ये कुछ बातें हैं, जिनकी जानकारी होना बहुत जरूरी है।
- खाली पेट इसका सेवन ना करें तो अच्छा है क्योंकि इसमें भी चाय और कॉफ़ी की तरह कुछ अंश कैफीन और टेनिन्स के होते है जो पेट में खराबी पैदा कर सकते हैं या अल्सर होने का कारण भी बन सकते हैं | और अधिक जानकारी के लिए पढ़ें ये पोस्ट – जानिए चाय पीने के फायदे और नुकसान
- ग्रीन टी पीने का सही टाइम खाना खाने से एक या दो घंटे पहले होता है | खाना खाने के एकदम बाद भी चाय का सेवन ना करें क्योंकि यह भोजन पचाने की प्राकृतिक प्रक्रिया में बाधा बन सकती है इसलिए इसका सेवन आप खाना खाने के एक या दो घंटे बाद ही करें |
- दिन में तीन कप से ज्यादा ग्रीन-टी का सेवन ना करें | सोने से पहले भी ग्रीन-टी या किसी भी चाय का सेवन नहीं करना चाहिए इससे नींद खराब होती है | कैफीन से गहरी नींद में रूकावट आती है
- ग्रीन टी कैसे पियें या कब पीनी चाहिए इसका कोई निश्चित समय नहीं है बस आप ये याद रखें की इसका सेवन खाली पेट या खाना खाने के एकदम बाद तथा सोने से ठीक पहले ना करें |
- जिन लोगो में खून की कमी हो, गर्भस्थ स्त्री और जिनको गर्म चीजे एलर्जी करती हो उनको सावधानी से कम मात्रा में ही ग्रीन-टी का सेवन करना चाहिए |
- ग्रीन टी को बनाने में इस्तमाल होने वाले पदार्थ दरअसल हर्ब्स होती है जो कई लोगो को सूट नहीं करती क्योंकि रोजमर्रा के जीवन में इनका प्रयोग कम होता है तथा औषधीय उपयोग ज्यादा होता है | ग्रीन टी, चाय या कॉफ़ी का खाली पेट तो बिलकुल भी सेवन ना करें |
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