कमर दर्द के कारण व घरेलू आयुर्वेदिक उपचार

सर्दियों के मौसम में अकसर कम धूप लगने और ठंडी हवाओ की वजह से बुजुर्ग हो या जवान प्राय: सभी को  कमर दर्द तथा सूजन की समस्या हो जाती है। ज्यादातर सर्दियों में होने वाला पीठ का दर्द जोर से उठता है और ये दर्द देखते-देखते इतना बढ़ जाता है कि पीड़ित व्यक्ति ठीक से बैठ तक नहीं पाता हैं। यह  मांसपेशियों में तनाव की वजह से होता है। दरअसल रीढ़ का निचला हिस्सा ही हमारे शरीर का ज्यादातर वजन उठाता है। इसके अलावा जब हम मुड़ते, झुकते या भारी चीज़ें उठाते हैं, तब भी सारा वजन कमर और रीढ़ की हड्डी पर ही पड़ता है। उम्र बढऩे के साथ गलत मुद्रा में बैठने या लंबे समय तक लगातार बैठकर काम करने की वजह से कमर के निचले हिस्से को सहारा देने वाली मांसपेशियों और टिश्यूज़ पर लगातार दबाव पड़ता रहता है, जिससे वे आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो जाती हैं और कमर दर्द का कारण बन जाती है।

ज्यादा भाग दौड़ और आराम की कमी से भरी दिनचर्या ने भी कमर दर्द और स्लिप डिस्क के दर्द की समस्या काफी बढ़ा दिया है। अनियमित जीवन शैली एवं खानपान में उचित पोषण की कमी से छोटी उम्र में ही जोड़ों के दर्द, कमर दर्द और स्लिप डिस्क की समस्या होने लगी है। रात के समय सर्दियों में रोगी को अधिक पीड़ा होती है। रोगी को खड़े होने और बैठने में भी बहुत दर्द होता है। बस में यात्रा करना व स्कूटर पर कहीं जाना भी मुश्किल हो जाता है।

कमर दर्द के कारण, लक्षण, बचाव और उपचार

कमर दर्द के कारण व घरेलू आयुर्वेदिक उपचार kamar dard ka karan bachav ilaj
कमर दर्द व पीठ दर्द

कमर दर्द के लक्षण

  • पीठ दर्द के लक्षणों में प्राय: ये चिन्ह नजर आते है – कमर के नीचे हिस्से में दर्द की अनुभूति, कमर में लचक, सोते समय करवट बदलने या वजन उठाने और उठने-बैठने में दर्द होना, अधिक देर तक एक जगंह नही बैठ पाना, दर्द का कमर से पैरों तक जाना, अधिक थकावट तथा चिढचिड़ापन |

कमर दर्द के कारण

  • बार-बार एक ओर को झुककर वजन उठाने से कमर दर्द होने लगता है।
  • ठंडे खाद्य-पदार्थ और प्रकृति विरुद्ध आहार, सर्दियों में दही का अधिक सेवन करने से भी कमर में दर्द होने लगता है।
  • ज्यादा वजन वाली स्त्रियों को कमर दर्द की अधिक शिकायत होती है। महिलाओं में पीठ दर्द का कारण निम्न है -अनिमियत मासिक धर्म, अधिक ब्लीडिंग, अंडाशय में होने वाला  इंफैक्शन, शरीर में कमजोरी, खाने में कैल्शियम की कमी, विटामिन डी की कमी,  शरीर में रक्त की कमी, अधिक काम करना और श्वेत प्रदर आदि रोग भी होते है।
  • कुर्सी पर कमर और गर्दन को झुकाकर बैठना, दोपहिया वाहन का अधिक उपयोग, लंबे समय तक टीवी और कम्प्यूटर बैठकर कर या लेटकर एक ही मुद्रा में देखना ।
  • वजन बढऩे पर रीढ़ पर भार पडऩा, हार्मोन असंतुलन, कब्ज, हार्निया या सिजेरियन प्रसव से भी कमर दर्द हो सकता है।
  • हड्डियों की क्षति , हड्डियों का भुरभुरा होना
  • लंबे समय तक बैठने से पैरों में दर्द होने लगता है। इससे बचने के लिए बीच-बीच में अपने पैरों को फैलाकर सीधा करते रहें।

कमर दर्द से बचाव

  • कमर दर्द से बचाव के लिए हल्के व्यायाम बहुत जरूरी है।
  • जहां तक संभव हो, ठंड से अपना बचाव करें |
  • क्षमता से अधिक वजन अकेले न उठायें। किसी अन्य का सहयोग अवश्य ले लें।
  • पीठ के बल एकदम से दोनों पैर उठाकर ना बैठे |
  • सोते समय ज्यादा तंग कपड़े ना पहने और टेढ़े मेढ़े सख्त बिस्तर का उपयोग न करें तथा बिस्तर और बैड हमेशा सीधे होने चाहिए ।
  • वात बढ़ाने वाले खानपान से परहेज रखें जैसे -चावल, कढी, अमरूद, बैगन, दही, परवल आइसक्रीम, दही, उड़द की दाल, मैदे आदि की बनी हुई और तली हुई चीजों से परहेज करें। और फ्रिज में रखा हुआ ठंडा बासी खाना भी ना खाएं |
  • सुबह उठते ही शौच जाने से पहले चाय नहीं पिएं बल्कि गुनगुने पानी में शहद या ग्लुकोज मिलाकर पीएँ।
  • मॉर्निंग वॉक करने से कई बिमारियों से बचाव होता है कम से कम 3 किलोमीटर की सैर अवश्य करें। सुबह और शाम को टहलने से कमर दर्द में आराम मिलेगा |
  • यदि ज्य़ादा देर तक लगातार बैठना हो तो हर एक-दो घंटे के अंतराल पर सीट से उठकर बीच-बीच में हर घंटे पर आसपास ही थोड़ी चहलकदमी कर लें। कार में यात्रा के दौरान लगने वाले झटकों से भी बैकबोन इंजरी हो सकती है। इससे बचने के लिए सीट बेल्ट लगाना न भूलें।

कमर दर्द के इलाज के लिए घरेलू उपाय

  • रात में 60 ग्राम गेहूँ के दाने पानी में भिगो दें। सुबह इन भीगे हुए गेहूँ के साथ 30 ग्राम खसखस तथा 30 ग्राम धनिया मिलाकर बारीक पीस लें। इस पेस्ट को दूध में पकाकर इसकी खीर बना लें। इस खीर को सप्ताह-दो सप्ताह खाने से कमर का दर्द ठीक होकर शरीर में ताकत भी बढ़ती है। तथा इससे पाचन शक्ति भी बढती है |
  • एक छोटा चम्मच अजवायन को तवे पर भूनकर फिर थोडा ठंडा होने पर इसे चबा लें। ऐसा करीब एक सप्ताह तक करें
  • लौंग के तेल की मालिश करने से भी कमर दर्द से राहत मिलती है।
  • सभी तरह के बदन दर्द से छुटकारा पाने के लिए – लहसुन की तीन-चार कलिया छीलकर तीस ग्राम सरसों के तेल में डाल दें। उसमें दो ग्राम (आधा चम्मच) अजवायन के दाने डालकर धीमी-धीमी आंच पर पकाये। लहसुन और अजवायन काली पड़ने पर तेल उतारकर थोड़ा ठण्डा कर छान लें। इस हल्के गर्म तेल की मालिश करने से सभी तरह के कमर दर्द और बदन दर्द दूर हो जाते है।
  • वात विकार से पैदा कमर दर्द में लहसुन की कलियां दूध या गर्म पानी के साथ निगलने से जल्द ही यह ठीक होता है।
  • तेजपत्ता 15 ग्राम, अजवायन 15 ग्राम और सौंफ 6 आधा चम्मच को पीसकर 1 लीटर पानी में उबालकर काढ़ा बनाएं। पानी 100 ग्राम शेष रह जाए तो ठंडा करके पीने से कमर दर्द ठीक होता है।
  • 5 ग्राम सोंठ (सूखी अदरक ) का पाउडर 200 ग्राम दूध में उबालकर, चीनी मिलाकर पीने से कमर दर्द ठीक होता है।
  • अश्वगंधा और सोंठ 10–10 ग्राम मात्रा में लेकर पीसकर चूर्ण बनाकर रखें। 3 ग्राम चूर्ण को सुबह के समय हल्के गर्म दूध के साथ सेवन करने से कमर दर्द ठीक होता है | यह भी जरुर पढ़ें – मजबूत हड्डियों के लिए खाएं ये फल और सब्जियां
  • खसखस और मिसरी दोनों की बराबर मात्रा लेकर पीसकर चूर्ण बनायें और इसे छः ग्राम (दो चम्मच) रोजाना सुबह शाम खाने और ऊपर से गर्म दूध पीने से भी पीठ के दर्द से छुटकारा मिलता है।
  • तारपीन के तेल से कमर की मालिश करें । यह भी कमर दर्द का अच्छा इलाज है |
  • पानी गर्म करके पीएँ। यदि ठण्डा पानी पीना हो तो उबलते हुए पानी में चार पत्ते तुलसी अथवा एक बड़ी इलायची या दो छोटी इलायची पीसकर डाल दें। यह भी जरुर पढ़ें – गठिया रोग में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं
  • कढ़ाई में दो-तीन चम्मच नमक डालकर इसे अच्छे से सेक लें। इस नमक को थोड़े मोटे सूती कपड़े में बांधकर पोटली बना कर कमर को सोते समय सेंके |
  • कमर दर्द, घुटनों का दर्द और गठिया में रोजाना सुबह खाली पेट तीन-चार अखरोट की गिरियों को अच्छी तरह चबाकर खाने से बहुत लाभ होता है और खून भी साफ़ होता है।
  • कमर के निचले हिस्से में दर्द में मालिश करने के लिए दूसरा तेल ऐसे बनाए -10 ग्राम कपूर 200 ग्राम सरसों का तेल- दोनों को शीशी में भरकर मजबूत कार्क लगा दें तथा शीशी धूप में रख दें। जब दोनों चीजे मिलकर घुल जाये तब इस तेल की मालिश से वात विकार, नसों का दर्द, पीठ और कमर का दर्द, मांसपेशियों के दर्द से छुटकारा मिल जाता है |
  • ठंडे से होने वाले कमर दर्द में एरंड के पत्तों पर तेल लगाकर कमर में बांधकर हल्का-सा सेंकने से दर्द से आराम मिलता है।
  • 1 लीटर दूध में 6 ग्राम पिप्पली, 4 ग्राम सोंठ और 1 ग्राम केसर डालकर उबालें। इस दूध को गर्मागर्म थोड़ा-थोड़ा करके पीने से भी कमर दर्द ठीक होता है।
  • गुग्गल को पानी में उबालकर कमर पर लेप करने से दर्द ठीक होता है।
  • सोंठ का चूर्ण 3 ग्राम मात्रा में दिन में दो बार हल्के गर्म पानी से सेवन करने पर कमर दर्द का निवारण होता है।
  • कमर दर्द की आयुर्वेदिक दवा – असगंध नागौरी और सुरजान मोठी 50-50 ग्राम, सोंठ 25 ग्राम, मिसरी 100 ग्राम सबको पीसकर बारीक चूर्ण बनाकर रखें। इसमें से 5 ग्राम चूर्ण प्रातः और 5 ग्राम चूर्ण शाम को पानी से सेवन करने पर पुराने से पुराना कमर दर्द ठीक हो जाता है।
  • लहसुन को छीलकर पानी में डालकर रख दें। सुबह उसमें काला नमक, भुनी हींग, सेंधा नमक, सोंठ, मरिच, पीपर, अजवायन, जीरा सभी 5-5 ग्राम चूर्ण करके मिलाएं। इस मिश्रण में से 6 माशे की मात्रा को पानी से लेने पर कमर दर्द ठीक होता है।
  • अश्वगंधा, पीपल के फल और संहिजन का गोंद तीनों 1-1 ग्राम लेकर, उसमें 3 ग्राम सोंठ डालकर गाय के दूध में उबालकर प्रातः और सायं पीने से कमर दर्द ठीक होता है।
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