गंजेपन के कारण, बचाव और आयुर्वेदिक उपचार

बालों की समस्याओं में सबसे गम्भीर समस्या बाल झड़ने और गंजेपन की है। हमारे सिर पर लाखों की संख्या में बाल होते हैं। नये बाल उगते रहते हैं और पुराने झड़ते रहते हैं। कुछ बाल झड़ जायें, तो चिन्ता की कोई बात नहीं। यह प्रकृति की स्वाभाविक प्रक्रिया है। हाँ, यदि बालों के गुच्छे के गुच्छे निकलें और बाल हल्के होने लगें, तो यह चिन्ता की बात है क्योंकि नए बाल ना आना ही गंजेपन का कारण होता है। एक जवान पुरुष के शरीर पर लगभग पाँच लाख रोमकूप होते हैं, जिसमें से लगभग एक लाख केवल सिर पर तथा बाकी पूरे शरीर पर होते हैं। ये आँकड़े महिलाओं तथा पुरुषों में लगभग समान होते हैं, उम्र बढ़ने के साथ-साथ रोमकूप भी कम होते जाते हैं।

आजकल अपने बालों की सुंदरता के लिए महंगी-महंगी क्रीम, डाई, कलर , तेल और तरह-तरह के जैल और अन्य सौंदर्य प्रसाधन इस्तेमाल करते हैं। ब्यूटी पार्लरों में जाकर बालों के सौंदर्य आकर्षण को बढ़ाने के लिए बालों की मालिश करवाते हैं। इतना कुछ करने के बाद भी बाल तेजी से टूटने लगते हैं। पुरुष तो कम उम्र में गंजे दिखाई देने लगते हैं। क्योंकि, केवल कुछ और अन्य कारणों को छोड़कर (जो हम इसी पोस्ट में आगे चलकर बतायेंगे ) गंजेपन के लिए ये ही चीजे मुख्य रूप से जिम्मेदार है | गंजेपन की तीन अवस्थाएँ होती हैं- साधारण रूप से बाल झड़ना, स्थायी गंजापन, अस्थायी गंजापन। #hair #loss #male #female #pattern #genetic #hair #loss #hereditary #baldness #causes #prevention #home #remedies

गंजेपन के प्रमुख कारण

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Baldness

अस्थायी गंजापन –

  • आजकल महिलाओं में अस्थायी गंजापन अथति ‘एलोपेसिया’ रोग बढ़ता जा रहा है। इसमें सिर पर गंजेपन की छोटी-छोटी चिप्पड़ें बन जाती हैं। शुरू में यह चिप्पड़े छोटी होती हैं, लेकिन शीघ्र ही बढ़ कर बड़ी हो जाती हैं। यदि तुरन्त उपचार नहीं किया जाये, तो सिर पर एक साथ अनेक चिप्पड़ें बन जाती हैं। सही उपचार द्वारा गंज वाले स्थान पर चार से छ: महीने के बीच बाल धीरे-धीरे फिर निकल आते हैं। अस्थायी गंजापन कोई चर्मरोग अथवा छूत का रोग नहीं है।
  • अस्थायी गंजेपन में भी दो प्रकार होते है- चकत्तेदार और बिना चकत्तेदार । चकत्तेदार गंजेपन में त्वचा और बालों की जड़ इतनी क्षतिग्रस्त हो जाती है कि बालों का पुनः उगना लगभग असंभव हो जाता है। बिना चकत्तेदार गंजापन सिर की त्वचा में ऊपरी सतह पर हुए घाव के कारण होता है। इस प्रकार के गंजेपन में केवल बाल झड़ते हैं, परंतु बालों की जड़ें सुरक्षित रहती हैं। इस तरह के गंजेपन में बालों को दुबारा उगाना अपेक्षाकृत आसान होता है।
  • इस रोग के मुख्य कारण ये हैं:
  • फंगल इन्फेक्शन और डैंड्रफ
  • नींद पूरी ना होने की वजह से
  • लगातार मानसिक तनाव की स्थिति में रहना
  • शरीर में पोष्टिक तत्वों या खून की कमी
  • इसके अतिरिक्त गंजेपन की बीमारी अधिक गरम वातावरण में रहने या काम करने से भी होती है
  • मस्तिष्क के नाड़ी-संस्थान का कमजोर हो जाना।
  • चूंकि अस्थायी गंजेपन का प्रमुख कारण मानसिक तनाव होता है, इसलिए सबसे पहले ऐसा वातावरण पैदा करना चाहिए, जिसमें तनाव न हो।
  • नाड़ी-संस्थान को ठीक रखने के लिए किसी कुशल चिकित्सक से परामर्श करें। गंजेपन से प्रभावित त्वचा पर रक्त का दौरा तेज करने वाले तरल जैसे टिंचर आयोडीन से मालिश करनी चाहिए। प्रभावित त्वचा पर सूखी बर्फ (carbonic snow ) लगाने से भी रक्त-संचार ठीक रहता है।

स्थायी गंजेपन के कारण

  • इसमें बाल बहुत तेजी से झड़ने लगते हैं और उपचार न होने पर स्थायी गंज हो जाता है।
  • इसके कुछ कारण यह हैं –
  • सबसे प्रमुख कारणों में से एक है अनुवांशिक (जेनेटिक) | यदि किसी के पिता, करीबी रिश्तेदार तथा पीढ़ी दर पीढ़ी बालों का झड़ने और गंजेपन शिकायत है तो ऐसे व्यक्तियों को गंजेपन की समस्या होने की संभावना काफी बढ़ जाती है |
  • हारमोन में परिवर्तन से
  • सिर पर गहरी चोट या जल जाना | या सिर में दाद का होना
  • लम्बे समय तक सिर की त्वचा पर एक्सरे की किरणों का दुष्प्रभाव
  • रात को सोते समय बालों को कस कर बाँधना
  • स्थायी गंजेपन में बालों की जड़ें कमजोर होने लगती हैं और कोषों की बाल उत्पन्न करने की ताकत भी खत्म होने लगती है।
  • इसके उपचार के लिए किसी चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए। आप चाहे तो पहले नीचे दिए गए कुछ घरेलू आयुर्वेदिक उपाय आजमा सकते है |

गर्भावस्था के समय

  • प्रसव के बाद शिशु को स्तनपान कराने के कारण दवाइयों के साइड इफ़ेक्ट की वहज से या तेज बुखार के कारण (टायफाइड, फ्लू, मलेरिया आदि) घटिया साबुन, शैम्पू, तेल आदि के प्रयोग से यदि अचानक बाल झड़ने लगें, तो बाल झड़ने का कारण जानना चाहिए। कारण पता चलने के बाद उचित उपचार से बाल झड़ने बन्द हो जाते हैं।
  • गर्भावस्था में धीरे-धीरे बाल झड़ने शुरू होते हैं और कुछ ही दिनों में इतने बाल झड़ने लगते हैं कि कंघे में से गुच्छे के गुच्छे आ जाते हैं। ऐसा अधिकतर महिलाओं के साथ ही होता है जो ज्यादातर मामलो में प्रसव होने के बाद अपने आप ठीक हो जाता है ।
  • स्थिति सामान्य होने पर बाल झड़ने अपने-आप बन्द हो जाते हैं। यदि लंबे समय दो तीन महीनो के बाद भी बालों का झड़ना न रुके, तो किसी चिकित्सक का परामर्श जरुर लें। ये किसी विटामिन की कमी या हार्मोन्स के असंतुलन के लक्षण हो सकते है |

गंजेपन से बचने के लिए इन बातों का ख्याल रखे

  • बालों को बहुत खींच कर न बाँधे।
  • माँग की जगह बदलती रहें।
  • यदि आपके बाल चिकने हैं, तो ज्यादा देर तक व तेजी से ब्रश न करें। इससे तैल-ग्रन्थियाँ अधिक सक्रिय होकर तेल छोड़ने लगती हैं।
  • यदि आपके बाल बहुत अधिक चिकने हैं, तो ब्रश के दाँतों की पंक्तियों के बीच रूई रख लें। इससे अतिरिक्त चिकनाई रूई में आ जायेगी।
  • यदि आपके बाल सूखे हैं, तो शैम्पू करने से पहले बालों में ब्रश अवश्य कर लें।
  • बालों को हमेशा अच्छे शैम्पू से धोयें और उन्हें अधिक गरम पानी से बचाना चाहिए।
  • कभी भी गीले बालों में ब्रश न करें, बल्कि पहले खुले दाँतों वाली कंघी से सुलझा लें, तब कंघी करें।
  • ब्रश अथवा कंघी को प्रति सप्ताह साबुन युक्त गुनगुने पानी से धोना न भूलें और सुखाते समय उसे उल्टा करके सुखायें।
  • तेज धूप, अत्यधिक नमी तथा मानसिक तनाव, चिन्ता, गुस्सा आदि का भी बालों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, इसलिए इससे बचने की कोशिश करें |
  • अपना साबुन बार-बार न बदलें।
  • ज्यादा खुशबूदार साबुन के चक्कर में पड़ने से बालों को तरह-तरह के केमिकल्स का सामना करना पड़ता है, जो बालों की जड़ों को हानि पहुँचाते है |

गंजेपन से बचाव के लिए खानपान का भी रखे ख्याल

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Health Diet to prevent hair loss
  • दरअसल ज्यादातर लोग केवल बालों की ऊपरी सजावट पर ही ध्यान देते है इसके लिए उन्हें नए-नए शैपू व साबुनों से साफ करते हैं। बालों को हेयर ड्रायर से सुखाते हैं। लेकिन वो यह भूल जाते हैं कि बालों के लंबे, घने और काले बने रहने के लिए पौष्टिक आहार की भी आवश्यकता होती है। हम प्रतिदिन जो भोजन खाते हैं उनमें पौष्टिक तत्वों का अभाव होता है।
  • तेज मसालों, अम्ल रसों से बने चटपटे, खट्टे-मीठे व्यंजन, फास्ट फूड बालों को कोई पौष्टिक तत्व नहीं दे पाते वो सिर्फ आपके टेस्ट और भूख को शांत करते है इनकी कोई न्यूट्रीशन वैल्यू नहीं होती है | अधिक गरिष्ठ, चायनीज, तेल, मिर्च, उष्ण मसालों से बने स्वादिष्ट खाद्य-पदार्थ पेट में एसिडिटी और पित्त की अधिक उत्पत्ति करके बालों को सफेद करने के साथ, उन्हें कमजोर करके खत्म करते हैं।
  • पित्त की अधिकता के कारण गर्मी सिर में पहुंचकर बालों को तेजी से खत्म करती जाती है।
  • पुरुषों में गंजेपन अधिक दिखाई देता है। इस विकृति से उनके सिर के बाल ही अधिक नष्ट होते हैं। स्त्रियों में बाल टूटने की समस्या तो होती है, लेकिन गंजेपन की समस्या बहुत ही कम दिखाई देती है। चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार ऋतुस्राव (पीरियड्स) में दूषित रक्त निकल जाने से उनके शरीर से गर्मी और हानिकारक पदार्थ कम हो जाती है। इसलिए स्त्रियां गंजेपन से सुरक्षित रहती हैं।

स्थाई गंजेपन और अनुवांशिक गंजेपन का इलाज काफी कठिन होता है परंतु नीचे बताये गये ये नुस्खे आपको अस्थाई गंजेपन और बाल झड़ने की समस्या से आपको जरुर बचा लेंगे |

गंजेपन का आयुर्वेदिक उपचार तथा घरेलू नुस्खे

  • यदि आपको कब्ज रहती है तो गंजेपन के इलाज के लिए सबसे पहले कब्ज ठीक करके पेट को साफ़ रखना चाहिए। कब्ज ठीक करने के लिए रात को सोने से पहले त्रिफला चूर्ण हल्के गर्म पानी या दूध के साथ सेवन करना चाहिए।
  • थोड़ी सी मुलेठी को दूध में पीसकर डाल दें और इसमें चुटकी भर केसर मिलाकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को सोते समय सिर पर लगाने से गंजेपन की समस्या दूर होती है।
  • आंवला, शिकाकाई और रीठा को बराबर मात्रा में लेकर कूट-पीसकर पानी में रात में भिगोकर रखें और सुबह सिर धोने से गंजापन नहीं होगा ।
  • उड़द की दाल को उबालकर उसे सिर पर अच्छी तरह मलें। ऐसा करने से कुछ ही सप्ताह में बाल टूटने बंद हो जाएंगे और नए बाल उगने लगेंगे।  दो मुंहे बालों की रोकथाम के लिए सुझाव
  • 10 ग्राम शुद्ध शहद में 20 ग्राम नींबू का रस मिलाकर सिर पर खूब अच्छी तरह मलें। कुछ दिनों तक ऐसा नियमित करने से सिर के बाल टूटने बंद हो जाते हैं और गंजेपन से बचाव होता है।
  • प्याज का रस बालों की जड़ों में उंगलियों के पोरों से मलने से बाल गिरने बंद हो जाते हैं।
  • गिलोय और आंवले का रस प्रतिदिन 20 मिलीलीटर की मात्रा में पीने से बालों का झड़ना बंद हो जाता है।
  • गंधक को पानी के साथ पीसकर मिलाकर लगाने से गंजापन दूर होता है।
  • नारियल के तेल में नीम का तेल मिलाकर कुछ दिनों तक गंजेपन की जगह मलने से बाल फिर से उगने लगते हैं।
  • कलौंजी के बीजों को पानी के साथ पीसकर बालों की जड़ में उंगलियों से मलने से गंजेपन की समस्या दूर होती है।
  • नीबू के बीजों को पानी के साथ पीसकर सिर में लेप करने से कुछ महीनों में बाल फिर उगने लगते हैं।
  • भिलावे के तेल में थोड़ा-सा शहद मिलाकर सिर में लेप करने से नए बालों की उत्पत्ति होने लगती है।
  • कटेरी का रस और शहद मिलाकर दो महीने तक मलने से बाल फिर उगने लगते हैं।
  • अनंतमूल का चूर्ण बनाकर 5 ग्राम प्रतिदिन पानी के साथ सेवन करने से गंजेपन की बीमारी ठीक होती है।
  • बेल का रस और इंद्रायन की लता को पीसकर रस निकालकर रोजाना यदि सिर में मालिश किया जाए तो गंजेपन में बहुत फायदा होता है।
  • अपामार्ग के पत्तों को कड़वे तेल में उबालकर इस तेल को सिर पर लगाने से बाल फिर उगने लगते हैं।
  • इंद्रायण की जड़ को गोमूत्र में पीसकर सिर पर लेप करने से गंजेपन से नष्ट बाल फिर उग आते हैं। ये एक आयुर्वेदिक उपाय है |
  • गोखरू और तिल के फूल बराबर मात्रा में लेकर उन्हें पीसकर घी मिलाकर बालों के झड़ने की जगह लगाने से कुछ दिनों में नए बाल उगने लगते हैं।
  • पटोल के पत्तो का रस सिर में मलने से गंजेपन से छुटकारा मिलता है।

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