मधुमेह में आहार प्रबंधन की विधि : Dietary Guidelines for Diabetics

मधुमेह यानि डायबिटीज के रोगी के लिए संतुलित आहार लेना सबसे जरुरी है। मधुमेह के रोगी संतुलित आहार लेकर रक्त में बढ़ी हुई शुगर की मात्रा को काफी हद तक नियंत्रित रख सकते है और ज्यादा मात्रा में दवाई लेने से भी बच सकते है इस विषय पर हमने कई आर्टिकल अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित किये है | इस आर्टिकल में हम मधुमेह में आहार चुनने की वैज्ञानिक तरीके के बारे में बताएँगे जैसे की, डायबिटीज के मरीज की डाइट में प्रोटीन, कार्बो, वसा आदि कितने अनुपात में होनी चाहिए, यधपि यह जानकारी और अधिक सटीक होती यदि हम इसमें रोगी के वजन, उम्र, परिश्रम, शुगर का स्तर आदि के हिसाब से उसका भोजन निर्धारण के लिए कैलकुलेट करने की विधि भी बताते लेकिन इसकी अव्यवहारिकता को ध्यान में रखते हुए हम यह जानकारी यहाँ नहीं बता रहे है, क्योंकि यह एक प्रशिक्षित डाइटिशियन का कार्य है जो आम व्यक्ति नहीं कर सकते है इस वजह से इस प्रक्रिया में गलती होने की गुंजाइश हमेशा बनी रहती है |

जैसा की आप जानते ही हैं की मधुमेह में आहार केवल पेट भरने के लिए ही नहीं होता, बल्कि यह उसके शरीर में ब्लड शुगर की मात्रा को संतुलित रखने में भी सहायक होता है। चूंकि यह रोग व्यक्ति के साथ जीवन भर रहता है इसलिए जरूरी है कि वह अपने खानपान पर हमेशा ध्यान रखे। आमतौर मरीज ब्लड शुगर की रिपोर्ट नार्मल आते ही लापरवाह हो जाते है। जो सरासर एक गलत आदत है | अगर आप प्री-डायबिटिक है या आपके घर में किसी को डायबिटीज की बीमारी है तो सावधान हो जाईये, और डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए आप भी संतुलित भोजन करे। तो आइये मधुमेह में आहार प्रबंधन की वैज्ञानिक विधि को समझते है |

मधुमेह में आहार प्रबंधन : संतुलित आहार स्वास्थ्य की कुंजी

मधुमेह में आहार प्रबंधन की विधि : Dietary Guidelines for Diabetes मधुमेह में आहार Dietary Guidelines diabetics
Dietary Guidelines diabetics
  • मधुमेह से ग्रस्त रोगियों को किसी भी वस्तु से अधिक ताजी, हरी सब्जियों की आवश्यकता होती है। प्रत्येक भोजन के साथ सलाद भरपूर मात्रा में लिया जाना चाहिए। जब हम आधिक मात्रा में फल एवं सब्जियां लेते हैं तो शरीर में अधिक पानी पहुंचता है। यह गुर्दो एवं मूत्र उत्सर्जन तंत्र के लिए आवश्यक है। मधुमेह की स्थिति में हमें अपने गुर्दो एवं मूत्र उत्सर्जन तंत्र को अच्छी हालत में रखना चाहिए क्योंकी यह रोग गुर्दो पर एक प्रकार का तनाव हमेशा डालता रहता है।
  • संतुलित आहार में, शरीर को उर्जा देने वाले कार्बोहाइड्रेट, वसा, शरीर निर्माण करने वाले (प्रोटीन) और शरीर को सुरक्षा देने वाले (विटामिन) ऐसे सभी तत्वों का पर्याप्त मात्रा में समावेश होता हैं। इन तत्वों की मात्रा व्यक्ति के आयु, लिंग, कार्यक्षमता, पर्यावरण और गर्भावस्था जैसी स्थिति के अनुसार बदल भी सकती हैं।
  • एक सामान्य व्यस्क व्यक्ति को दिनभर में 1500 से 1800 कैलोरी का आहार लेना चाहिए जिसमे 60% कार्बोहाइड्रेट, 20% प्रोटीन और 20% वसा होना चाहिए।
  • जब आप खाना खाने के लिए बैठते है, तब अपने थाली को एक काल्पनिक रेखा से दो हिस्सों में बांट ले। अब उसमे से एक आधे हिस्से को और एक काल्पनिक रेखा से आधा बांट ले। जैसा की नीचे इस चित्र में दिखाया गया है |
मधुमेह में आहार Dietary Guidelines diabetics
मधुमेह में आहार की थाली
  • आपके थाली का एक चौथाई (1/4) हिस्सा अनाज या स्टार्च युक्त आहार जैसे की चावल, आलू, मक्का, मटर का होना चाहिए।
  • प्रोटीन – आपके थाली का दूसरा एक चौथाई (1/4) सब्जी हिस्सा प्रोटीन युक्त आहार जैसे की मांस, स्टार्च सोयाबीन, पनीर, बादाम, दाले, अंकुरित दालें, फलिया का होना चाहिए।
  • थाली का शेष बचा आधा हिस्सा गाजर, गोभी, ककड़ी, टमाटर, सलाद, ब्रोकोली जैसे आहार होना चाहिए। इसके साथ आप 1 ग्लास टोंड यानि वसामुक्त दूध और 1 फल भी ले सकते हैं।

मधुमेह में आहार प्रबंधन की जरुरी चीजे

  • मधुमेह के रोगियों के लिए सभी पौष्टिक चीजो का आहार में समावेश करना एक मुश्किल लेकिन जरुरी कार्य हैं। इस कार्य को करने पर मधुमेह के रोगी अपने रक्त शुगर को नियंत्रण में रख सकते है, वजन नियंत्रित रख सकते हैं और साथ ही मधुमेह से होनेवाले नुकसान से बच सकते हैं। मधुमेह विशेषज्ञों के अनुसार आपका आहार इस तरह से होना चाहिए जिससे आपको आपके दिनभर में आवश्यक कैलोरी में से 50% से 60% कैलोरी कार्बोहाइड्रेट से मिलनी चाहिए, 12% से 20% कैलोरी, प्रोटीन से मिलनी चाहिए तथा लगभग 30% कैलोरी वसा से मिलना चाहिए। इसलिए मधुमेह में आहार प्रबंधन में इन सभी तत्वों को जरुर शामिल होना चाहिए –
  • A.) कार्बोहाइड्रेट
  • B.) वसा
  • C.) प्रोटीन फाइबर

कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrate)

  • कार्बोहाइड्रेट ग्लूकोस में बहुत जल्दी बदल जाता हैं और शरीर को तुरंत उर्जा प्राप्त होती हैं। अधिक कार्बोहाइड्रेट खाने से यह फैट यानि वसा के रूप में बदल जाता है और यह पेट के चारो ओर वसा के तौर पर जमा हो जाता हैं।
  • 1 ग्राम कार्बोहाइड्रेट से शरीर को 4 कैलोरी उर्जा प्राप्त होती हैं। अगर आप दिनभर में 1200 कैलोरी का आहार लेते हैं तो उसमे से लगभग 600 कैलोरी, 150 ग्राम कार्बोहाइड्रेट से मिलना चाहिए। दिन में एक साथ ज्यादा कार्बोहाइड्रेट लेने की जगह, थोडा-थोडा आहार 2-3 घंटे के अंतर से लेना चाहिए।
  • कार्बोहाइड्रेट का आहार के स्रोत हैं – सब्जी, फल, दाले, साबुत अनाज (छिलके के साथ पिसा गया) इनमे मधुमेह में आहार लेते समय जरुर शामिल करें |

वसा (Fat)

  • शरीर के सुचारू रूप से काम करने के लिए खाने में वसा का होना भी आवश्यक हैं। इनका शरीर में उर्जा भंडार के रूप में जमा किया जाता हैं। शरीर में अतिरिक्त वसा को ट्राइग्लिसराइड के रूप में रखा जाता हैं। 1 ग्राम वसा से 9 कैलोरी उर्जा मिलती हैं।
  • वसा कई तरह के होते है और उनमे से कुछ अच्छे तो कुछ बुरे वसा होते हैं। इनकी अधिक जानकारी नीचे दी गयी हैं :-

संतृप्त वसा (Saturated Fat) :

  • यह शरीर के लिए नुकसानदेह वसा हैं। यह वसा लेने से रक्त वाहिन्या कड़क हो जाती हैं, कोलेस्ट्रोल की मात्रा बढ़ जाती हैं, रक्तचाप बढ़ जाता हैं और हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता हैं। ये मुख्य रूप से बटर, लाल मांस (प्राणियों का गोश्त), खोया (मावा या चीज), आइसक्रीम, चॉकलेट आदि में पाए जाते है। इसलिए मधुमेह में आहार की योजना बनाते समय ये सब चीजे निकाल देनी चाहिए |

ट्रांस वसा (Trans Fat) :

  • यह भी संतृप्त वसा की तरह शरीर को नुकसान पहुंचाता हैं। यह तली हुई चीजे, बिस्किट, केक, पेस्ट्री और चिप्स आदि में पाया जाता हैं। इनके उपयोग से भी ह्रदय रोग का खतरा बढ़ जाता हैं। इसलिए मधुमेही को इनसे भी बचना चाहिए |

असंतृप्त वसा (Unsaturated Fat) :

  • इसके दो प्रकार हैं – Monounsaturated Fat (MUFA) : यह हमारे स्वास्थ्य के लिए सबसे बेहतर वसा हैं। MUFA युक्त तेल खाने में उपयोग करने के लिए सबसे बेहतर होते हैं, जैसे की जैतून, मुगफली, बादाम, सफ़ेद सरसों का तेल |

Polyunsaturated Fat (PUFA) :

  • इन्हें मधुमेह में आहार लेते समय शामिल करना जरुरी हैं। क्योंकि इनमे ओमेगा -3 फैटी एसिड का समावेश होता हैं। इनसे शरीर में कोलेस्ट्रोल की अतिरिक्त मात्रा कम होती हैं, हृदय रोग का खतरा कम होता हैं, रक्तचाप कम होता हैं और आँखों और मस्तिष्क की कार्यक्षमता बढ़ती हैं। दुर्भाग्य से यह शरीर में तैयार नहीं होता हैं। यह इनमे प्रमुख रूप से मिलता हैं – अखरोट, अलसी, मछली, मक्का, सोयाबीन का तेल इत्यादि।

प्रोटीन (Protein)

  • शरीर में मसल्स के निर्माण, मजबूती और पोषण के लिए प्रोटीन की आवश्यकता होती हैं। एक सामान्य व्यक्ति के जितना ही मधुमेह के रोगी को भी रोजाना प्रोटीन की आवश्यकता होती हैं। मधुमेह नियंत्रण में न होने पर अधिक मात्रा में प्रोटीन का ग्लूकोस में बदल जाता है जिससे प्रोटीन की कमी होने लगाती है और प्रोटीन में कमी होने से रोग प्रतिरोधक शक्ति कम हो जाती है। मधुमेह में आहार लेते समय पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन लेना जरुरी हैं। आहार में मिल रहे ग्लूकोस का 20 प्रतिशत हिस्सा प्रोटीन से मिलना चाहिए। अधिक मात्रा में प्रोटीन लेने से मधुमेह में किडनी के ख़राब होने का खतरा भी होता हैं।

फाइबर (Fibre)

  • फाइबर एक प्रकार का कार्बोहाइड्रेट होने के बाद भी इसको कार्बोहाइड्रेट नहीं माना जाता हैं क्योकि फाइबर में उपलब्ध कार्बोहाइड्रेट शरीर में पचता नहीं है। इसलिए इससे शुगर नहीं बढ़ती हैं। मधुमेह में आहार में फाइबर को शामिल करने से शुगर का नियंत्रण होने में मदद मिलती हैं। आहार में फाइबर बढाने से गैस, अम्लपित्त और कब्ज में भी राहत मिलती हैं। ऐसे आहार को चुने जिसमे कम से कम 5 ग्राम फाइबर जरुर हो। फाइबर युक्त आहार लेने से बहुत से लाभ होते है जैसे –
  • ग्लूकोस का अवशोषण धीरे होता हैं |
  • अचानक रक्त शर्करा नहीं बढ़ती हैं |
  • पेट भरा रहता हैं |
  • पाचन ठीक से होता हैं और मधुमेह नियंत्रण में रहता हैं।
  • मधुमेह में आहार लेते समय अधिक मात्रा में फाइबर लेने के लिए हरी सब्जिया को अधिक खाना चाहिये, छिलकों सहित फल खाना चाहिए, भूरे चावल इस्तेमाल करना चाहिए। और साबुत अनाज का उपयोग करना चाहिए।
  • यहाँ तक हमने भोजन का हमारे शरीर पर और शुगर लेवल पर क्या असर होता है इसकी जानकारी ली हैं। अब हम इस जानकारी का उपयोग कर मधुमेह को नियंत्रित करने के साथ संतुलित पौष्टिक आहार कैसे होना चाहिए यह जानकारी लेते हैं।

मधुमेह में आहार नियंत्रण के लिए जरुरी टिप्स

  • मधुमेह के प्रत्येक रोगी का उदेश्य यही होना चाहिए की वह अपनी शुगर के स्तर को हमेशा नियंत्रण में रखे । मधुमेह में उचित आहार इसलिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, इसलिए मधुमेह के रोगी को अपने आहार का निर्धारण करते समय इन बातों को हमेशा ध्यान में रखना चाहिए ।
  • आहार में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट तथा वसा आदि प्रदान करने वाले तत्व संतुलित एवं जरुरी मात्रा में हों ।
  • भोजन में शरीर के लिए आवश्यक विटामिन, खनिज लवण तथा फाइबर आदि पर्याप्त मात्रा में हो
  • शरीर का वजन बनाए रखने के लिए आवश्यक कैलोरी ऊर्जा आहार द्वारा शरीर को मिलती रहें ।
  • रोगी का आहार बदल बदल कर होना चाहिए और साथ ही स्वादिष्ट भी हो ताकि वह भरपेट खाना खा सके ।
  • मधुमेह में आहार प्रबंधन के नाम पर कड़वी चीजें खाते-खाते कई बार रोगियों को इससे अरूचि हो जाती है इसलिए भोजन चुनते समय रोगियों की रुचि का भी ध्यान रखना बहुत जरुरी होता हैं।

ग्लाइसिमिक इंडेक्स

  • जिस आहार के ग्लाइसेमिक इंडेक्स की मात्रा कम होती है वह ब्लड ग्लूकोज के स्तर को नहीं बढ़ाता है, बल्कि सामान्य रखता है। इससे खून में ग्लूकोज की मात्रा नहीं बढ़ती है और डायबिटीज जैसी बीमारी के होने की संभावना भी कम होती है। इसलिए मधुमेह में आहार कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले ही शामिल करने चाहिए ।
  • कार्बोहाइड्रेट हमारे शरीर को स्वस्थ रखने के लिए बहुत जरूरी है। कार्बोहाइड्रेट दो प्रकार का पाया जाता है – पहला वो जिनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, इसे कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट भी कहा जाता है यह शरीर के लिए अच्छा माना जाता है और दूसरा वो जिनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स ज्यादा होता हैं, उसे सिंपल कार्बोहाइड्रेट कहा जाता है। कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट से ब्लड ग्लूकोज का स्तर मामूली रूप से बढ़ता है जबकि ज्यादा ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले सिंपल कार्बोहाइड्रेट से तेजी से ब्लड ग्लूकोज स्तर बढ़ता हैं।
  • कम जी.आई मूल्य वाले खाद्य पदार्थ पसंदीदा विकल्प हैं, क्योंकि वे धीरे-धीरे पचते है जिससे रक्त शर्करा के स्तर में धीमी और कम वृद्धि होती है। दूसरी ओर, उच्च जी.आई मूल्य वाले खाद्य पदार्थ को सीमित मात्र में खाना चाहिए क्योंकि वे जल्दी से पचते है और अवशोषित होते हैं, जिसके परिणामस्वरूप खून में शुगर के स्तर में तेजी से वृद्धि होती है।
  • अनाज – साबुत अनाज, जई, चना आटा, बाजरा और अन्य उच्च फाइबर खाद्य पदार्थ भोजन में शामिल किये जाने चाहिए। अगर पास्ता या नूडल्स खाने का मन है तो इसमें हमेशा हरी सब्जी या अंकुरित सब्जी मिलाकर ही खाए।
  • दूध – दूध में कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन अच्छी मात्रा में पाए जाते है, और यह ब्लड शुगर को भी कंट्रोल करता है। इस लिए रोज़ दो गिलास गाय का दूध (वसा निकला हुआ टोंड दूध) जरुर पियें ।
  • उच्च फाइबर वाली सब्जियाँ – उच्च फाइबर वाली सब्जियाँ जैसे मटर, सेम, ब्रोकोली, पालक, बथुआ और अन्य पत्तेदार सब्जियां आपने आहार में शामिल करे। इसी तरह दाल और स्प्राउट्स भी मधुमेह में आहार के लिए एक अच्छा विकल्प है।
  • डायबिटीज कंट्रोल रखती हैं ये फल और सब्जियां
  • दाल – दाल मधुमेह में आहार बनाते समय जरुर शामिल करें क्योंकी यह अन्य कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थों की तुलना में ब्लड ग्लूकोज स्तर पर कम असर डालता है। इसी तरह ब्लड शुगर लेवल को कम रखने में फाइबर बहुत मदद करता है इसलिए फाइबर युक्त सब्जियों को आपने भोजन में शामिल करे और स्वस्थ रहे ।
  • ओमेगा –3 फैटी एसिड – ओमेगा -3 और मोनोअनसाचूरेटेड वसा का सेवन अधिक किया जाना चाहिए क्योंकी यह स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। इसके लिए प्राकृतिक स्रोतों का तेल जैसे सूरज मुखी का तेल, वसायुक्त मछली और बादाम के तेल का मधुमेह में आहार बनाने के लिए प्रयोग करना चाहिए। इन तेलों में कोलेस्ट्रॉल कम होता है और ट्रांस फैट भी नहीं होता है।
  • फाइबर वाले फल – पपीता, सेब, संतरा, नाशपाती और अमरूद जैसे फलों का सेवन करना चाहिए क्योंकी इनमें अच्छी मात्रा में फाइबर पाया जाता है। और आम, केले, और अंगूर जैसे फलों का कम सेवन करना चाहिए क्योंकी इनमें चीनी की मात्रा ज्यादा और फाइबर की मात्रा कम पाई जाती है।
  • छोटे-छोटे अंतराल में भोजन करें – एक बार में ज्यादा खाना खा लेने से शरीर में ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है। इस लिए मधुमेह में आहार छोटे-छोटे अंतराल पर लेना चाहिए जिससे ब्लड में शुगर का स्तर अचानक से नहीं बढ़ जाये । इसके लिए पूरे दिन थोड़ा-थोड़ा आहार जैसे ढोकला, फल, हाई फाइबर कुकीज़, मक्खन दूध, दही, उपमा / पोहा आदि लेते रहे |
  • मिठाई खाने से बचे – मधुमेह के रोगी को कम कार्बोहाइड्रेट, हाई फाइबर और प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स युक्त आहार खाना चाहिए और अधिक वसायुक्त खाद्य पदार्थों और मिठाई खाने से बचना चाहिए। मधुमेह के रोगियों के लिए केक और मिठाई में आर्टफिशीयल स्वीटनर इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा खूब पानी पीना चाहिए और शराब का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • मधुमेह में आहार के अंतर्गत क्या नॉन-वेज खाना चाहिए? – मांसाहारी आहार में समुद्री भोजन (Sea-Food) और चिकन खाना चाहिए और लाल मांस (Red Meat ) से बचना चाहिए क्यों की इसमें उच्च मात्रा में संतृप्त वसा पाया जाता है। इसके अलावा अधिक कोलेस्ट्रॉल के रोगियों को एग योक (अंडे का पीला भाग) और लाल मांस से बचना चाहिए। सफेद मांस आप सिमित मात्रा में खा सकते है |

डायबिटीज होने पर खान-पान के बारे में सबसे ज्यादा मिथक फैलते हैं। इसी तरह कई लोग मानते हैं कि फलों में कार्बोहाइड्रेट होता है, जिससे ब्लड-शुगर का स्तर बढ़ जाता है। ऐसा सिर्फ फल के जी.आई इंडेक्स पर निर्भर करता है। सामान्यतः फलों में कम जी.आई इंडेक्स होता है, इसलिए डाइबिटीज़ की बीमारी में फलों का सेवन आराम से किया जा सकता है। उम्मीद करते है की मधुमेह में आहार प्रबंधन की ये जानकारी आपको पसंद आएगी |

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