यूरिक एसिड बढ़ने के कारण, लक्षण तथा जाँच की जानकारी

क्या आपके शरीर, खासकर हड्डियों और हड्डियों के जोड़ों में अक्सर दर्द रहता है, जिससे आप न बैठ पाते हैं और न ही चैन से सो पाते हैं? अगर ऐसा है तो फ़ौरन डॉक्टर के पास जाएं और चेकअप करवाएं, क्योंकि यह हड्डियों में यूरिक एसिड बढ़ने के लक्षण है | इसका समय रहते इलाज न करवाने से आपका शरीर दर्द का घर बन सकता है. यूरिक एसिड बढने के शिकार अक्सर 25 से 30 वर्ष की उम्र के बाद अधिक होते जिसकी वजह से उन्हें गठिया और हड्डियों में दर्द व सूजन की शिकायत होने लगती है। इस आर्टिकल में यूरिक एसिड क्या है? इससे कैसे बचना चाहिए ? इसके लक्षण क्या है और उससे शरीर, ख़ासकर हड्डियों को होने वाले नुकसान के बारे में बताया गया है |

आधुनिक लाइफस्टाइल, अनहेल्दी खान-पान, बेतरतीब दिनचर्या के चलते भोजन के पाचन क्रिया में समस्या पैदा होने लगती है और ग्लूकोज़ प्रोटीन से सीधे uric acid में बदलने लगता है | uric acid एक तरह से हड्डियों के जोड़ों वाली जगह पर जमने वाली एसिड क्रिस्टल है. शरीर में बहुत ज्यादा मात्रा में यूरिया का निर्माण होता है और अतिरिक्त यूरिया पेशाब के साथ शरीर से बाहर निकलती है, यूरिया के साथ गैरज़रूरी यूरिक एसिड भी शरीर से बाहर निकल जाता है, लेकिन जब किसी वजह से किडनी की छानने की क्षमता कम हो जाती है, तब अतिरिक्त यूरिया शरीर में रह जाती है और यूरिक एसिड में बदलने लगती है. यूरिक एसिड बाद में हड्डियों में जाकर जमा होने लगता है जिससे व्यक्ति के शरीर, ख़ासकर हड्डियों में दर्द रहने लगता है |

यूरिक एसिड बढ़ने के कारण

यूरिक एसिड बढ़ने के कारण, लक्षण तथा जाँच की जानकारी uric acid kya hota hai lakshan karan janch

  • ज्यादा प्रोटीन और चीनी के सेवन से यूरिक एसिड बढ़ सकता है |
  • कई लोगों मे वंशानुगत कारणों को भी यूरिक एसिड बढ़ जाता है।
  • किडनी द्वारा सीरम यूरिक एसिड कम पैदा करने की वजह से भी इसका स्तर रक्त मे बढ़ जाता है। किसी वजह से किडनी की छानने की झमता कम हो जाती है तो यूरिया uric acid में बदल जाता है जो हड्डियों के बीच में जमा हो जाता है।
  • खून में आयरन की अधिकता भी यह समस्या हो सकती है इसलिए इसे आप रक्तदान से नियंत्रण कर सकते है।
  • पेशाब बढ़ाने वाली दवाएं या डायबिटीज़ की दवाओं के प्रयोग से भी यूरिक ऐसिड बढ़ सकता है।
  • जो लोग रेड मीट, सी फूड, रेड वाइन, दाल, राज़मा, मशरूम, गोभी, टमाटर, पालक, मटर, पनीर, भिंडी, अरबी, फास्ट फूड, कोल्ड ड्रिंक्स, चावल वगैरह का ज्यादा मात्रा में सेवन करते हैं, उनके शरीर में uric acid बढ़ जाता है |
  • शराब खासतौर से बियर पीने से |
  • ब्लड प्रेशर की दवाएं, पेन किलर्स और कैंसर रोधी दवाएं आदि खाने से |

यूरिक एसिड बढ़ने के लक्षण

  • पैर और हाथों की उंगलियों अंगूठों के जोड़ो में हल्की हल्की चुभन जैसा दर्द, पैरों की उंगलियों, टखनों और घुटनों में दर्द, कमर, गर्दन में दर्द |
  • पैरों-जोड़ों में दर्द, एड़ियों में दर्द, गांठों में सूजन
  • ज्यादा देर बैठने पर या उठने में पैरों एड़ियों में सहनीय दर्द।
  • शुगर लेवल बढ़ना।
  • सोते समय पैर में जकड़न
  • चलने में समस्या
  • घुटनों में दर्द
  • पैर के अंगूठे में खुजली
  • यूरिक एसिड की जाँच ब्लड टेस्ट द्वारा होती है जिसकी कीमत केवल कुछ सौ रूपये है |

यूरिक एसिड कितना होना चाहिए ?

  • महिलाओं में यूरिक एसिड का सामान्य लेवल 2.4-6.0 mg/dL और पुरुषों में 3.4-7.0 mg/dL

कंट्रोल करना ज़रूरी

यूरिक एसिड प्यूरिन टूटने से बनता है. प्यूरिन ऐसा पदार्थ है जो खाद्य पदार्थों में। पाया जाता है और जिसका उत्पादन शरीर द्वारा स्वाभाविक रूप से होता है. uric acid की अधिक मात्रा दर्द देने वाली कई बीमारियों को दावत देती जाती हैं. अतः uric acid की मात्रा को नियंत्रित करना बहुत ज़रूरी है. यूरिक अम्ल कार्बनिक यौगिक है, जो कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन और नाइवेजन तत्वों से बना होता है, यह एक विषमचक्रीय यौगिक है जो शरीर को प्रोटीन से अमीनो अम्ल के रूप में मिलता है.

प्रोटीन से प्राप्त अमीनो एसिड को चार प्रमुख वर्गों में बांटा गया है:

  • उदासीन अमीनो एसिड
  • अम्लीय अमीनो एसिड
  • क्षारीय अमीनो एसिड
  • विषमचक्रीय अमीनो एसिड

हाइपरूरिसेमिया की अवस्था

  • अमीनो एसिड यूरेट और एसिड यूरेट जैसे अमोनियम के रूप में शरीर में उपलब्ध है | प्रोटीन अमीनो एसिड के संयोजन से बना होता है. पाचन प्रक्रिया के दौरान जब प्रोटीन टूटता है तो शरीर में uric acid बनता है, जब शरीर में प्यूरीन न्यूक्लिओटाइड्स टूट जाती है, तब भी uric acid बनता है, प्यूरीन क्रियात्मक समूह होने के कारण यूरिक अम्ल एरोमेटिक यौगिक होते हैं | शरीर में यूरिक अम्ल का स्तर बढ़ जाने की स्थिति को हाइपरूरिसेमिया कहते हैं |

प्रोटीन बहुत ज़रूरी आहार

  • यह जानना ज़रूरी है कि शरीर प्रोटीन कहां से प्राप्त करता है और शरीर के लिए प्रोटीन क्यों ज़रूरी है. मनुष्यों और दूसरे जीव-जंतुओं के लिए प्रोटीन बहुत ज़रूरी है. इससे शरीर के नए सेल्स और नए टिश्यूज़ बनते हैं. इतना ही नहीं, प्रोटीन पुराने और डैमेज़्ड सेल्स और टिश्यूज़ की मरम्मत के लिए भी बहुत ज़रूरी आहार है. प्रोटीन शरीर को ऊर्जा भी प्रदान करता है, इसलिए इसकी कमी के चलते शरीर कमज़ोर हो जाता है और शरीर पर कई बीमारियों का हमला होने की आशंका बढ़ जाती है |

फ़ौरन इलाज कराना ज़रूरी

  • विकसित होते शिशुओं, बच्चों, किशोरों और गर्भवती महिलाओं के लिए अतिरिक्त प्रोटीन वाले भोजन की मांग ज़्यादा होती है, परंतु 25 वर्ष की उम्र के बाद शारीरिक मेहनत कम करने वाले व्यक्तियों के लिए ज्यादा मात्रा में प्रोटीन युक्त भोजन लेना उनके लिए यूरिक एसिड की अधिकता तथा अन्य दिक़्क़तों का खुला निमंत्रण साबित होते हैं. शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने पर समय रहते सही इलाज न कराने पर जॉइंट पेन, किडनी स्टोन्स, डायबिटीज़ और रक्त विकार का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ जाता है |

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