Pregnancy Exercise Precautions in hindi

प्रसव आसान तथा प्राकृतिक रूप से हो इसलिए ज्यादातर गर्भवती महिलायें व्यायाम करती है जो की बेहद जरुरी भी होता है| परंतु ये व्यायाम सही तरीके और सावधानियो से न किये जाये तो कई बार लाभ के बजाय हानि हो जाती है | इन ही सब बातों को ध्यान में रखकर Health Beauty Tips ने फ़िज़ियोथेरेपिस्ट द्वारा सुझाये हुए कुछ खास Pregnancy Exercise Precautions बता रहे है जिन्हें आप व्यायाम करते समय जरुर ध्यान में रखें |

गर्भावस्था में व्यायाम करते हुए सावधानियां /Pregnancy Exercise Precautions

 

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  • कभी भी पीठ के बल लेट कर Pregnancy Exercise नहीं करना चाहिए, खासकर दूसरी तथा तीसरी तिमाही में पीठ के सहारे लेटने से बच्चेदानी में खून का प्रवाह कम हो जाता है।
  • किसी भी व्यायाम के दौरान साँस को ज़्यादा देर तक रोकने से बचें।
  • जब आप शारीरिक रूप से थकी हुई हों तो व्यायाम कभी न करें। ऐसे में आपको पर्याप्त आराम करना चाहिए।
  • जिस व्यायाम अथवा अन्य शारीरिक गतिविधि को आपने पहले कभी नहीं किया है उसको किसी विशेषज्ञ की देखरेख में ही करें अपने आप से करने का प्रयास बिल्कुल न करें।
  • गर्भावस्था में जबरदस्ती कोई भी व्यायाम ना करे अपने शरीर की क्षमता के अनुसार ही व्यायाम करें और जरा से भी असुविधा हो तो तुरंत रुक जायें।
  • याद रखें, गर्भावस्था अत्यंत महत्वपूर्ण समय है। कुछ नया और असामान्य प्रयोग कभी न करें।
  • झटके वाले, कंपन वाले तथा मुड़ने वाले व्यायाम न करें। इस तरह के व्यायाम से शरीर के उन हिस्सों में अधिक दबाव पड़ता है जो गर्भावस्था के दौरान पहले से ही परिवर्तन से गुजर रहे हैं।
  • ऐसे व्यायामों से बचे जिसमें सिर नीचे करके आगे झुकने की आवश्यकता होती है।
  • जब तक पहले से ही रोगग्रस्त मोटापे यानि (obesity) की बीमारी न हो, तो गर्भावस्था के दौरान वज़न कम करने का लक्ष्य कभी नहीं बनाना चाहिये। तथा वजन कम करने के लिए कोई डाइटिंग भी न करे
  • प्रसव (Delivery) से पूर्व किसी भी तरह की Pregnancy Exercise करने से पहले अपने डॉक्टर से अवश्य परामर्श लें। क्योंकि आपकी मेडिकल कंडीशन के बारे वो बेहतर जानती है |
  • Pregnancy Exercise Precautions के अंतर्गत  यदि आप किसी विशेष व्यायाम से आप आराम महसूस नहीं कर रही हैं, तो उसमें बदलाव करने का प्रयास करें ।
  • व्यायाम के समय आरामदायक कपड़े पहनें। इससे आपको इधर-उधर घूमने में आसानी होगी, जिससे चोट का जोखिम भी कम होगा।
  • सभी Aerobic Exercise समान क्षमता के नहीं होते। यदि नियमित व्यायाम में खेलकूद अथवा स्केटिंग करना शामिल है ,तो पेट को किसी भी तरह की सम्भावित चोट से बचाने के लिये गर्भावस्था के दौरान ऐसे व्यायाम से बचें।
  • कम प्रभाव वाले ऐरोबिक व्यायाम करें। कम प्रभाव वाले व्यायाम वे होते हैं जिनमें सॉफ्ट एवं तालबद्ध (Rhythmic) गतिविधियाँ होती हैं। इनमें बड़े माँस पेशीय समूह का व्यायाम होता है| तथा इसे जब ज़मीन पर किया जाता है, तब यह सुनिश्चित किया जाता है कि एक पैर हमेशा ज़मीन की स्पर्श करता रहे।
  • कूदने अथवा उछलने से बचें। साइकिल (Exercise Bike) चलाना, तैरना अथवा तेज़ चलने जैसे व्यायाम चुनें जिनमें बहुत कम जोखिम होता है।
  • Warm-up या शरीर को व्यायाम के लिए गर्म करने के लिये अतिरिक्त समय लीजिये तथा व्यायाम के पहले पीठ के नीचे, छाती, अन्दरूनी जांघ तथा पिंडलियों (Calves) की माँसपेशियों को ठीक से खींचे।
  • स्तनों की सुरक्षा तथा असुविधा को कम करने के लिये अच्छी किस्म की ब्रा पहनिये, विशेष रूप से जब वे ढीले प्रतीत हो रहे हों।
  • व्यायाम के दौरान पर्याप्त मात्रा में पानी पीती रहें।
  • खाली पेट व्यायाम न करें। व्यायाम के 30 मिनट पहले कोई हल्का नाश्ता जरुर करें।

Pregnancy Exercise Precautions – You should avoid exercise if /गर्भस्थ स्त्री व्यायाम ना करें अगर –

  • यदि आपको अस्थमा (गंभीर अवस्था) अथवा हृदय रोग जैसी चिकित्सीय समस्यायें हैं तो आपका व्यायाम करना उचित नहीं है। आपकी स्थिति तथा आवश्यकता के अनुसार Precautions या दिशा निर्देशों के लिये कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
  • यदि आपको निम्नलिखित में से कोई लक्षण या संकेत प्राप्त हो रहे हों तो तत्काल व्यायाम बन्द कर दें तथा अपने डॉक्टर से परामर्श करें :
  • छाती में दर्द का अनुभव होने पर। पेट दर्द, लगातार संकुचन होने पर। सिरदर्द होने पर, भ्रूण की गतिविधियों की अनुपस्थिति अथवा उसमें कमी प्रतीत होने पर। बेहोशी, चक्कर आने, जी मिचलाने अथवा मदहोशी प्रतीत होने पर।
  • यदि योनि से अचानक तरल पदार्थ की धार बहे अथवा तरल पदार्थ का निरन्तर धीरे-धीरे बहे।
  • सांस फूलना ,दिल की धड़कन अनियमित अथवा तीव्र महसूस होना। एक नज़र इस पोस्ट पर भी – गर्भावस्था में त्वचा और बालों की देखभाल के लिए टिप्स |
  • आपके टखने, हाथों अथवा चेहरे पर अचानक सूजन आना अथवा पिण्डलियों में दर्द ,चलने में परेशानी होने पर ।

Pregnancy Exercise precautions — गर्भावस्था में व्यायाम करते समय विशेष सावधानियां बरते अगर –

  • रक्तस्राव अथवा स्पेटिंग हो ।
  • एलासेंटा का नीचे होना।
  • गर्भपात का खतरा होना या बार-बार गर्भपात होना।
  • समयपूर्व प्रसव का इतिहास।
  • पूर्व में समयपूर्व शिशु जन्म।
  • कमज़ोर (uterine cervix) गर्भाशयं ग्रीवा |

गर्भावस्था में जरुरी आहार Diet Chart सहित

गर्भावस्था में देखभाल के जरुरी टिप्स

गर्भावस्था से जुडी समस्याएं और सावधानियां

Why Exercise is important in Pregnancy? गर्भावस्था में व्यायाम क्यों जरुरी होता है ?

भ्रूण के लिए व्यायाम अति उत्तम है क्योंकि इस से रक्त प्रवाह बढ़ता है और बच्चे की वृद्धि और विकास को सुधारता है। व्यायाम से बच्चे का मस्तिष्क और अन्य टिशु श्रेष्ठ स्थिति में काम करने लगते हैं।अगर आप ठीक से Pregnancy Exercise Precautions लेकर इसे करेंगी तो ये सब लाभ होंगे |

  • आकृति और अभिव्यक्ति में सुधार लाने के लिए |
  • पीठ दर्द से छुटकारे के लिए |
  • प्रसव काल के लिए मांसपेशियों को सशक्त बनाने और ढीले पड़े जोड़ो को सहारा देने के लिए|
  • मांसपेशियों के कैम्पस से राहत के लिए |
  • रक्त संचार को बढ़ाने के लिए, शरीर में लचीलेपन को बढ़ाने के लिए, थकावट दूर करने के लिए और ऊर्जा वृद्धि के लिए|
  • फिट होने की भावना भरने और आत्मविश्वास के लिए।

Reference – http://www.jsk.gov.in/

 

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