पेट दर्द कहने-सुनने या देखने में छोटा सा लगने वाला शब्द है, किंतु यह जटिल बीमारियों का कारण भी हो सकता है। पेट दर्द कई तरह के होते हैं | इस पोस्ट में पेट दर्द होने मुख्य कारण, लक्षण और पेटदर्द के उपचार के लिए कुछ बेहतरीन घरेलू उपाय बताये गए हैं |
पेट दर्द के कारण और लक्षण:
पेट दर्द की उत्पति दूसरे रोग-विकारों के कारण भी हो सकती है। यकृत (जिगर) की खराबी, आमाशय के किसी रोग, आंत्रशोथ, दस्त, पेचिश, गैस, पथरी, बदहजमी, पेट में किसी जीवाणु का संक्रमन, पेट में कीडे, गंदा पानी और खाना खाने से, बासी कटे फल-सब्जियां खाने से, ज्यादा पेन किलर दवाओ के खाने से, आंव-मरोड़ के कारण भी तेज पेटदर्द होता है। वृक्क शोथ अर्थात किडनी में सूजन होने पर भी पेट दर्द होने लगता है।
सुप्त पेट दर्द : यह दर्द पेट के आंतरिक हिस्से में होता है। यह दर्द कभी तेज तो कभी धीमा हो जाता है। रोगी को ऐसा लगता है जैसे पेट के अंदर कोई रह-रहकर सुइयाँ चुभो रहा है। सुप्त पेटदर्द कई तरह की बीमारियों के लिए खतरे की घंटी है; जैसे-यदि पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द का एहसास होता है तो यह जिगर, आमाशय, पित्त की थैली या अग्न्याशय आदि में से किसी अंग में कोई गड़बड़ी की ओर इशारा करता है। यदि दर्द पेट के बीचोबीच महसूस होता है तो यह छोटी आँत, अपेंडिक्स या बड़ी आँत में से किसी में दिक्कत की ओर इशारा करता है। दर्द यदि पेट के निचले हिस्से में होता है तो यह बड़ी आँत, मलाशय, गुरदे, मूत्रवाहिनी, मूत्राशय, स्त्रियों के गर्भाशय व Ovary आदि में से किसी अंग में दिक्कत की ओर इशारा करता है।
Peptic Ulcers- में बहुत ही असहनीय दर्द होता है। साथ ही जलन एवं भारीपन की शिकायत भी रहती है। पित्त की थैली में पथरी रहने पर ऐसा दर्द होता है, मानो पूरा बदन छोटे से गोले में सिकुड़ा जा रहा हो। अग्न्याशय की ऐसा दर्द होता है, मानो पूरा बदन छोटे से गोले में सिकुड़ा जा रहा हो। अग्न्याशय (Pancreas) की सूजन में दर्द इतना तेज होता है कि रोगी घबरा जाता है। अपेंडिसाइटिस में भी दर्द बहुत तेज होता है। गुरदे की पथरी का दर्द कमर के निचले हिस्से से आरंभ होकर आगे की तरफ मूत्र मार्ग की ओर जाता है। आँत के अवरोध वाले Pet Dard में रोगी को उल्टियाँ होती हैं। मल रुक जाता है। गैस पास नहीं होती। यह मरोड़ जैसा होता है। पेट का दर्द अपने आप में कोई बीमारी नहीं है, बल्कि शरीर की कई दूसरी बीमारियों को व्यक्त करने का जरिया मात्र है, इसलिए Pet Dard का उपचार भी इस बात पर निर्भर करता है कि रोगी की असली बीमारी क्या है?

बच्चों के पेट मे दर्द का मुख्य कारण – पेट दर्द की उत्पति अधिक गरिष्ट व गैस बनाने वाले खाद्य-पदार्थों के सेवन से होती है। जब कोई खाद्य पदार्थ देर तक नहीं पचता और गैस की उत्पत्ति करता है तो पेट दर्द होने लगता है। छोटे बच्चे हर समय कुछ-न-कुछ खाते-पीते रहते हैं। एक बार भोजन करने के बाद स्वादिष्ट, चटपटे खाद्य पदार्थ देखकर झट-से खाने को तैयार हो जाते हैं। भोजन की पाचन क्रिया से पहले खाद्य पदार्थों का सेवन करने से पेट दर्द होने लगता है। कुछ बच्चे खेलने, स्कूल जाने के चक्कर में इतनी जल्दी भोजन खाते हैं कि भोजन पेट में देर तक पच नहीं पाता और फिर पेट में दर्द की उत्पति होने लगती है। भोजन करने के बाद उछल-कूद करने, दौड़ने और सीढ़ियां चढ़ने-उतरने से भी पेटदर्द होने लगता है। कुछ बच्चों और वयस्कों में सुबह देर से उठने की बुरी आदत होती है। ऐसे स्त्री-पुरुष और बच्चे समय पर शौच नहीं जाते हैं । समय पर शौच नहीं जाने से कब्ज होने की समस्या बनने लगती है कब्ज के कारण अंगों में मल एकत्र होने से पेट में दर्द होने लगता है।
पेट दर्द का उपचार के लिए गुणकारी घरेलू नुस्खे :
- कब्ज के कारण पेट दर्द होने पर कब्ज को ठीक करने के लिए हरड़ का चूर्ण 3 ग्राम मात्रा में हल्के गर्म पानी से सेवन करें। पेट दर्द भी ठीक होता है।
- सौंठ को पीसकर चूर्ण बनाकर रखें। सोंठ का चूर्ण 3 ग्राम सेंधा नमक मिलाकर हल्के गर्म पानी से सेवन कराने पर पेट दर्द ठीक होता है।
- हींग को गर्म पानी में घोलकर नाभि के आस-पास गाढ़ा लेप करने से पेट दर्द से मुक्ति मिलती है।
- काला नमक, सोंठ और भुनी हुई हींग का चूर्ण बनाकर 3 ग्राम चूर्ण गर्म पानी से सेवन करने पर अफारे के कारण उत्पन्न पेट दर्द ठीक होता है।
- सेंधा नमक, काला नमक, विड लवण (नौसादर), चव्य, चित्रक, शुण्ठी, पिप्पली मूल और हींग सभी बराबर मात्रा में लेकर कूट-पीसकर चूर्ण बनाएं। इसमें से 3 ग्राम चूर्ण गर्म पानी के साथ सेवन करने से ठंड और कफ से पैदा हुआ दर्द ठीक होता है।
- एरंड का तेल 10 ग्राम दूध में मिलाकर पीने से कब्ज होने पर पेटदर्द ठीक होता है।
- त्रिफला के 3 ग्राम चूर्ण में 3 ग्राम मिश्री मिलाकर हल्के गर्म पानी के साथ सेवन करने से अनेक प्रकार के पेट दर्द ठीक होते हैं।
- आधे निम्बू के रस में थोड़ा-सा सेंधा नमक मिलाकर 100 ग्राम जल में डालकर पीने से पेटदर्द ठीक होता है।
- अजवायन और काला नमक बराबर मात्रा में पीसकर 3 ग्राम मात्रा में गर्म पानी के साथ सेवन करने पर पेट दर्द का निवारण होता है।
- पोदीने के सात पत्ते और छोटी इलायची का एक दाना पान के पत्ते में रखकर खाने से पेटदर्द में बहुत लाभ होता है।
- 10 ग्राम जामुन का सिरका 50 ग्राम जल में मिलाकर पिलाने से पेटदर्द ठीक होता है।
- लहसुन का रस 3 ग्राम में थोड़ा-सा सेंधा नमक मिलाकर खिलाने और ऊपर से गर्म जल पिलाने पर पेट दर्द ठीक होता है।
- अनन्नास के 10 ग्राम रस में अदरक का रस 2 रत्ती, भुनी हींग 1 रती और सेंधा नमक 2 रत्ती मिलाकर सेवन करने से पेट दर्द ठीक होता है। रत्ती = लगभग एक चुटकी
- अजमोद के चूर्ण में काला नमक बराबर मात्रा में मिलाकर 3 ग्राम चूर्ण गर्म पानी से सेवन करने पर अफारा ठीक होने से पेट दर्द ठीक होता है।
- तुलसी के पतों का रस और अदरक का रस 5-5 ग्राम मिलाकर थोड़े से गुनगुने पानी में मिलाकर पीने से पेटदर्द ठीक होता है।
- 2 ग्राम जीरा पीसकर थोड़ा-सा शहद मिलाकर चाटकर सेवन करें। ऊपर से थोड़ा-सा गर्म पानी पीने से पेट दर्द से मुक्ति मिलती है।
- गैस से पेट दर्द होने पर 5 ग्राम हल्दी, इतना ही सेंधा नमक मिलाकर हल्के गर्म पानी से सेवन करने पर बहुत लाभ होता है। अधिक जानकारी के लिए पढ़ें – पेट की गैस की रामबाण दवा तथा अचूक आयुर्वेदिक इलाज |
- 20 ग्राम मूली के रस में थोड़ा-सा सेंधा नमक और 4 काली मिर्च का मिलाकर सेवन करने से पेट दर्द ठीक होता है।
- जामुन में सेंधा नमक लगाकर खाने से पेट दर्द ठीक होता है।
- पपीते को काटकर काली मिर्च और नीबू का रस डालकर, सेंधा नमक के साथ खाने से कब्ज ठीक होने से पेट दर्द नहीं होता है।
- संतरे के 20 ग्राम रस में थोड़ी-सी भुनी हींग और काला नमक मिलाकर पीने से पेट दर्द ठीक हो जाता है।
- अनार के 30 ग्राम रस में थोड़ी-सी भुनी हींग और काला नमक मिलाकर पीने से पेट दर्द ठीक हो जाता है।
- 50 ग्राम इंद्रयव को 500 ग्राम जल में उबालकर क्वाथ (काढ़ा) बनाकर 100 ग्राम क्वाथ थोड़ी-सी भुनी हींग मिलाकर पीने से पेट दर्द ठीक होता है। Acidity होने के कारण, लक्षण तथा घरेलू उपचार
- कुलंजन, सेंधा नमक, धनिया, जीरा और किशमिश को बराबर की मात्रा में लेकर नीबू के रस के साथ पीसकर सेवन करें।
- गुलाब के तीन फूल, मुलहठी, अंजीर, मुनक्का और सौंफ 5-5 ग्राम लेकर 500 ग्राम जल में क्वाथ बनाकर 100 ग्राम क्वाथ पीने से कब्ज ठीक होने पर पेट दर्द ठीक होता है। अधिक जानकारी के लिए पढ़ें – कब्ज का रामबाण इलाज – 22 आयुर्वेदिक उपचार |
- कुलंजन, अजवाइन और काला नमक प्रत्येक 10–10 ग्राम कूट-पीसकर चूर्ण बनाकर रखें। इसमें से 3 ग्राम चूर्ण हल्के गर्म पानी से लें।
- 3 ग्राम केसर को 3 ग्राम दालचीनी के साथ पीसकर गर्म पानी से सेवन करने पर पेट दर्द ठीक होता है।
- अमरूद के कोमल 50 ग्राम पत्तों को पीसकर जल में अच्छी तरह मिलाकर छान लें। इस जल को पीने से पेट दर्द ठीक होता है।
- कब्ज के कारण पेट दर्द होने पर 250 ग्राम तक्र (मट्ठा) में भुना जीरा 5 ग्राम और काला नमक 5 ग्राम मिलाकर पीने से पेट दर्द ठीक होता है। बदहजमी : कारण और इलाज के 13 घरेलू उपाय
- अदरक का रस 5 ग्राम, नीबू का रस 5 ग्राम, काली मिर्च का चूर्ण 1 ग्राम मिलाकर पीने से पेट दर्द ठीक होता है।
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