नकसीर रोग का घरेलू आयुर्वेदिक इलाज के नुस्खे : नकसीर की दवा

नकसीर फूटना आम बात है। यह अपने आप में कोई रोग नहीं है, बल्कि किसी अन्य रोग का लक्षण भले ही हो सकता है। नकसीर रोग या नाक से रक्तस्राव के अनेक कारण हो सकते हैं कई बार नकसीर फूटने के कुछ क्षणों बाद ही रक्तस्राव बंद हो जाता है। कुछ केसों में नकसीर से थोड़ा सा ही खून निकलता है तो कुछ में खून की धार बँध जाती है। यह देखकर रोगी घबरा जाता है। बार-बार और जल्दी-जल्दी नकसीर फूटे तो डॉक्टर को दिखाना चाहिए, क्योंकि यह किसी रोग का संकेत हो सकता है। नकसीर के रोग में अचानक पहले सिर में दर्द होता हैं और चक्कर आने लगते हैं, इसके बाद नाक से खून आने लगता है। यह रोग सर्दी की अपेक्षा गर्मी में अधिक होता हैं | अक्सर यह रोग ज्यादा समय तक धूप में रहने से हो जाता हैं। कुछ लोग गर्म पदार्थों का सेवन अधिक करते हैं जिसकी वजह से नाक से खून निकलने लगता हैं।   नाक हमारे शरीर का एक बड़ा महत्वपूर्ण अंग है। इसको होने वाली छोटी-बड़ी तकलीफों का इलाज जल्दी ही करवाना चाहिए। नकसीर रोग यानि नाक से खून आना भी एक ऐसा ही रोग है लेकिन इसका इलाज घरेलू उपचार पूरी तरह संभव है तो आइये जानते है नकसीर बीमारी के कारण तथा घरेलू उपचार |

नकसीर रोग (नाक से खून बहने) के घरेलू उपाय

kabj ke upay कब्ज का रामबाण इलाज – आयुर्वेदिक से नकसीर रोग का घरेलू आयुर्वेदिक इलाज के नुस्खे : नकसीर की दवा
कब्ज का आयुर्वेदिक इलाज
  • तुलसी के पतों का रस 3-4 बूंद दिन में 2-3 बार नाक में डालने से नकसीर में लाभ मिलता है |
  • आधे कप अनार के रस में दो चम्मच मिश्री मिलाकर रोजाना दोपहर के समय पीने से गर्मी के मौसम में आने वाली नकसीर ठीक हो जाती हैं।
  • प्रतिदिन केले के साथ मीठा दूध पीने से नकसीर रोग में लाभ होता हैं यह प्रयोग लगातार दस दिन तक करना चाहिए।
  • बेल के पत्तों का रस पानी में मिलाकर पीने से नकसीर रोग में लाभ मिलता हैं।
  • लगभग 15-20 ग्राम गुलकंद रोजाना सुबह-शाम दूध के साथ खाने से नकसीर का पुराने से पुराना रोग भी ठीक हो जाता हैं।
  • सुबह के समय एक सप्ताह तक नारियल गिरी खाएँ तथा उसका पानी पिएँ तो भी नकसीर में बड़ा लाभ होता है।
  • अगर ज्यादा तेज़ धूप में घूमने की वजह से नाक से खून बह रहा हो तो सिर पर लगातार ठंडा पानी डालने से रक्त बहना बंद हो जाता है।
  • गर्मियों के मौसम में सेब के मुरब्बे में इलायची (कुटी हुई) डालकर खाने में नकसीर में बहुत लाभ होता हैं।
  • सावधानियां – नकसीर रोग में रोगी को भोजन में गर्म तासीर वाले पदार्थ तथा मिर्च मसालों का सेवन नहीं करना चाहिए तथा रोगी को धूप में घूमने और आग के पास बैठने से भी बचना चाहिए।
  • जिन्हें बार-बार नकसीर फूटती है, वे सूखे आँवलों को रात भर भिगोकर प्रातः उस पानी से सिर धोया करें। तथा साथ ही आँवले के मुरब्बे का सेवन किया करें। आँवले का रस नाक में टपकाने से से भी खून का बहना बंद होता है।
  • गाय के कच्चे दूध में फिटकरी घोलकर सूंघने से नकसीर रोग ठीक हो जाता है। फिटकरी वाले पानी की ठंडी पट्टी सिर पर रख सकते हैं।
  • नकसीर रोग में नींबू का ताजा रस निकालकर नाक में पिचकारी की तरह डालें मरीज को लाभ होगा।
  • प्याज को काटकर नाक के पास रखने और सूंघेने से नाक से खून आना बंद हो जाता है।
  • आम की गुठली यानी केवल गिरी को पीसें, इसकी नाक से सूंघने से फायदा होता है |
  • 250 ग्राम पानी में 100 ग्राम मीठी दही घोलकर केवल एक चुटकी फिटकरी का चूर्ण मिलाएं। इसे पीने से नकसीर रोग में बड़ा फायदा होता है।
  • अरंडी का छिलका भी इस रोग में ठीक रहता है। इस छिलके को जलाकर राख बना लें। इसे नस्य की तरह लेने से नकसीर नहीं आती।
  • हरे ताजे धनिया की पत्तियां लगभग 20 ग्राम और उसमें चुटकी भर कपूर मिला कर पीस लें और रस छान लें। इस रस की दो बूंदें नाक के छेदों में दोनों तरफ टपकाने सेनकसीर रोग ठीक होता है |
  • मेहंदी की ताजी पत्तियां पानी में पीसकर पैरो के तलवों में लगाने से नकसीर रोग ठीक होता है।
  • रात को कुछ किशमिश भिगो दें । तथा सुबह चबाकर खा लें। कुछ दिन नियमित लेने से बार-बार नकसीर रोग ठीक हो जाता है।
  • नाक में फुंसी हो, नाक में सूखापन हो या जब नकसीर फूट जाये तो देशी घी 2 से 4 बूंदें हर चार पांच घण्टे बाद नाक में डालें।
  • चौलाई के ताजा पत्तों को पीसकर कनपटी पर लगाने से नकसीर रोग पर नियंत्रण रहता है तथा नकसीर आने की संभावना भी खत्म हो जाती है।
  • रसौत को जलाएं। इस राख को नस्य की भांति रोगी को दें, बड़ा फायदा करेगी।
  • नकसीर आते ही बर्फ के छोटे-छोटे टुकड़े करके कपड़े में लपेटकर सिर पर रखें। नकसीर जल्दी ही बंद होगी।
  • ताजा हरे धनिया का रस नाक में डालें या रस को सूंघने से भी फायदा होगा। धनिया की पत्तियां पीसकर लेप बनाएं। इसे माथा, कनपटी और सिर पर लगाएं। नकसीर के सभी आसार खत्म हो जाएंगे।
  • नकसीररोग के मरीजो को शहद के साथ खजूर का सेवन करने पर लाभ प्राप्त होता है ।
  • 200 ग्राम मुलतानी मिट्टी को कूट-पीसकर इसे कम-से-कम एक लीटर पानी में रात-भर भीगने दें। सुबह बारीक कपड़े से छानकर पानी अलग कर लें। इस प्रकार साफ मुलतानी पानी निकल आएगा। इस पानी को हर तीन घंटे बाद थोड़ा-थोड़ा पिलाते रहें। यह अधिक ठंडक पहुंचाएगा। जो कपड़े पर मिट्टी बची रह गई, इसका माथे, कनपटियों तथा सिर पर लेप करें। इस मिट्टी का नाक पर भी लेप करें। इस उपचार को तीन दिन तक जारी रखें। भविष्य में नकसीर रोग दुबारा नहीं होगा |

नकसीर रोग में परहेज़

  • घरेलू उपचारों की तो कोई कमी नहीं, इसीलिए हमने बहुत सारे यहां दे दिए हैं। नकसीर न आए या एक बार आ चुकी है, तो दोबारा न आए, इसके लिए कुछ परहेज़ रखना ज़रूरी है। आइए, उनकी जानकारी करते हैं :-
  • नकसीर रोग में तंबाकू का सेवन तथा धूम्रपान बिलकुल न करें। शराब आदि कोई भी नशा न करें।
  • नकसीर रहने तक लौंग न खाएं। यह गरम होती है।
  • नकसीर रोग में तेज़ मिर्च-मसाले तथा घी में तले पदार्थ भी न लें।
  • चाय कॉफी छोड़ दें। नकसीर फूटने के कारण, लक्षण तथा अचानक नाक से खून बहने पर क्या करें ?
  • धूप में न निकलें निकलना जरुरी हो तो छाता लेकर ही निकले तथा माथा तथा सिर ठंडा रखें।
  • नकसीर रोग में मरीजो को ठंडे पेय पदार्थ लेने चाहिये जैसे की जूस, फल नारियल पानी आदि |
  • अगर ऐसा कोई भी कारण, जो आपके लिए नकसीर ला सकता है और आपको मालूम है, उसका परहेज़ ज़रूर करें।

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