खांसी का इलाज : सूखी तथा कफ वाली खांसी दूर करने के घरेलू उपचार

आप सोच सकते हैं कि मामूली-सी खांसी क्या बिगाड़ सकती है ? लेकिन आप ऐसा सोचकर गलती कर सकते हैं क्योंकि लंबे समय तक रहने वाली खांसी आपको किसी गंभीर बीमारी या फिर असाध्य रोग तक पहुंचा सकती है। इसलिए इसे जरा-सी भी जगह न दें, वरना यह ऐसे पांव पसारती है कि टी.बी. और अस्थमा जैसे जानलेवा रोगों को लाकर शरीर में बिठा देती है, इसलिए खांसी का इलाज तुरंत करें। अपने सारे काम छोड़कर पहले इससे निपटें। तो आइए, खांसी से छुटकारा पाने और खांसी का इलाज करने के लिए घरेलू उपायों को जान लेते है पर सबसे पहले इस बीमारी के बारे में थोड़ी जानकारी ले लेते है क्योंकि इसके कारणों और लक्षणों को पहचानना भी इसके इलाज के लिए बहुत जरुरी होता है |

खांसी के प्रकार

सूखी खांसी, काली खांसी, तर खांसी, सांस की खांसी, कफयुक्त खांसी |

  • सूखी खांसी इसमें काफी खांसना पड़ता है। मुंह में चीनी आदि रखकर, जल या पेय पदार्थ लेने से आराम मिलता है। सूखा गला कुछ ठीक हो जाता है।
  • तर खांसी– इसमें गला थोड़ा गीला रहने से खांसना कुछ आसान होता है। खांसने में थकावट भी कम होती है।
  • कफयुक्त खांसी– यह तीसरी स्टेज है। छाती में कफ बनता है। खांसने से कफ कभी-कभी उखड़कर बाहर आ जाता है, तो कभी अधिक परेशान करता है। यदि कफ़ अधिक चिपचिपा या जमा हुआ न हो, तो खांसने में अधिक परेशानी नहीं होती। कफ़ कच्चा हो, तो तकलीफ अधिक होती है। पक्का कफ़ यदि पीलापन लिए हो, तो खांसने में कुछ आसानी होती है।
  • काली खांसी– यह खांसी अक्सर बच्चों को होती है। बच्चे खांसते-खांसते हांफने लग जाते हैं। उनका मुंह लाल हो जाता है और वे बुरी तरह थक जाते हैं। बच्चों के लिए यह बहुत कष्टदायक खांसी होती है।
  • सांस की खांसी– इसमें सांस फूलती है। यह सूखी, तर, कफयुक्त कैसी भी हो सकती है, मगर इसमें सांस लेने में बड़ी कठिनाई होती है। यह ब्रांकाइटस, टी.बी., अस्थमा जैसे रोगों की पहली अवस्था होती है, यह छाती को नुकसान पहुंचाने वाली होती है। और भी कई रोग इससे पैदा हो जाते हैं।

खांसी होने के कारण

  • खांसी मुख्यतः गलत खान-पान तथा बदलते मौसम के कारण होती है। मौसम बदलते ही थोड़ा भी परहेज न किए जाने पर भी खांसी हो सकती है।
  • पेट साफ़ नहीं रहने से या कब्ज़ रहने से भी खांसी हो सकती है।
  • कई बार भूख से अधिक भोजन खा लेने से भी खांसी आनी शुरू हो जाती है। अधिक खाने से अपच हो जाती है और शरीर में कई प्रकार के एसिड वगैरह बनने लगते हैं।
  • भोजन हमेशा भूख से थोड़ा कम ही खाना चाहिए। आधा पेट भोजन करें, एक चौथाई पानी के लिए रहने दें और शेष बचा एक चौथाई हवा के लिए सुरक्षित रखें । मगर कई लोग स्वाद के चक्कर पेट भरकर खा लेते हैं।
  • पाचन-शक्ति कमजोर होने पर खट्टी चीजें, मैदे के खाद्य पदार्थ, अचार, खट्टा दही, खट्टी लस्सी आदि लेने से गले और फिर छाती में प्रभाव पड़ता है, फिर खांसी की शुरुआत हो जाती है।
  • प्रदूषित वातावरण, दमघोंटू वातावरण, धुआं, धूम्रपान आदि भी खांसी पैदा करते हैं। इनसे बचते हुए शुद्ध हवा में जाकर लंबी-लंबी सांस लेनी चाहिए।
  • खांसी होने के ऐसे ही कुछ और कारण भी हो सकते हैं, जो हमारी लापरवाही से बनते हैं। ध्यान दें सभी प्रकार की खासियाँ एक-दूसरे की जन्मदाता हैं, मिलते-जुलते कारण हैं तथा मिलते-जुलते लक्षण भी। कई बार एक ही समय एक से अधिक प्रकार की खांसियां हो जाती हैं। इनमें भिन्नता करना आम व्यक्ति के लिए कठिन हो जाता है, इसलिए हम यहां पर खांसी के लिए अब तक उपलब्ध सभी प्रकार के घरेलू उपचार दे रहे हैं। जो उपचार आपको आसान लगे, आप उसे अपनी सुविधानुसार अपना सकते हैं।

खांसी का इलाज घरेलू नुस्खो द्वारा

खांसी का इलाज : सूखी तथा कफ वाली खांसी दूर करने के घरेलू उपचार
खांसी
  • शहद और अदरक खांसी में लाभदायक होते हैं। खांसी का इलाज करने के लिए शहद में अदरक का ताजा रस मिलाकर चाटने से खांसी ठीक हो जाती है। इस चटनी का दिन में तीन से चार बार सेवन करें।
  • एक छुहारा लें। इसकी गुठली निकालकर फेंक दें और उसमें तीन लौंग, 3 काली मिर्च (साबुत) भर दें। फिर छुहारे को अरंड के पत्ते में लपेटकर आंच पर जला लें। इससे जो राख प्राप्त हो, उसे शहद में मिलाकर चाटने से चिपका कफ़ उखड़कर बाहर आ जाएगा और खांसी से छुटकारा मिलेगा।
  • मुलेठी को पीसकर चूर्ण बना लें। एक बड़ा चम्मच यह चूर्ण, एक चम्मच शहद में मिलाकर इसे धीरे-धीरे दिन में तीन बार चाटें। खांसी नहीं रहेगी।
  • चाय बनाएं, लेकिन चाय की जगह पुदीने की 4-5 पत्तियां डालें। इसमें नमक या नमक की जगह मीठा डालें, जैसा स्वाद आप पसंद करें। इसे पीने से खांसी नहीं रहती।
  • मुंह में छोटी इलायची धीरे-धीरे चबाते रहें और रस चूसते रहें। इससे लाभ होगा।
  • यदि खांसी के साथ सांस भी फूलती है, तो नींबू में पिसी काली मिर्च व नमक भरकर। धीरे-धीरे चूसें। इससे फायदा होगा और सांस भी ठीक चलने लगेगी।
  • खांसी का इलाज करने के लिए मुनक्का का सेवन भी ठीक रहता है। इसके बीज निकालकर फेंक दें और मुनक्के में 2 साबुत काली मिर्च रखें। इसे धीरे-धीरे चबाने से लाभ मिलेगा।
  • रात को सोते समय काली मिर्च वाले मुनक्के को मुंह में रखकर सो सकते हैं। इसका धीरे-धीरे रस गले से उतरता जाएगा और खांसी कम होती जाएगी । दो-चार दिन इसी तरह करें। रात को सोते समय मुंह में अदरक का टुकड़ा रखकर सोने से भी खांसी पर नियंत्रण रहता हैं। इसका रस अंदर पहुंचकर बलगम को उखाड़ता है और राहत मिलती है। खांसी का इलाज करने के लिए अदरक की जगह आप बहेड़ा के छिलके को भी मुंह में रख सकते है।
  • पीपलामूल, पीपल, बहेड़ा तथा सोंठ-सभी बराबर मात्रा में पीसकर तैयार किए गए चूर्ण को शहद में मिलाकर चाटने से खांसी का इलाज हो जाता है। छोटी पीपल का बारीक चूर्ण शहद के साथ मिलाकर बच्चे को चटाएं। यह बच्चों की खांसी को दूर करेगा, साथ ही बुखार, हिचकी, अफारा आदि में भी लाभ पहुंचाएगा।
  • प्याज़ के एक चम्मच रस को एक चम्मच शहद में मिलाकर चाटें। इससे खांसी खत्म हो जाएगी।
  • एक गिलास पानी में छोटा तीन चम्मच सौंफ़ डालकर उबालें। आधा पानी रह जाने पर उतारें और छानकर गुनगुना कर लें। इसमें आवश्यकता के अनुसार शहद मिलाकर पीने से भी खांसी खत्म हो जाती है। दो चम्मच शुद्ध देसी घी में थोड़ा गुड़ मिलाकर पेस्ट बना लें, इसे गरम करके खाने से खांसी ठीक हो जाती है।
  • यदि खांसी के साथ खून जाता हो, तो अंगूर का एक कप (छोटा) रस खाना खाने के बाद लें। कुछ दिनों तक सेवन करने में लाभ होगा।
  • खांसी का इलाज करने के लिए आयुर्वेदिक नुस्खा इस प्रकार है – इन सब हर्ब्स को बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बनाएं-(i) देशी अजवायन (ii) सोंठ, (iii) काली मिर्च, (iv) जायफल, (v) कांकड़ा सिंगी, (vi) पोहकर, (vii) पीपल । अब इस चूर्ण को छानकर शीशी में रखें। शहद में दो चुटकी यह चूर्ण मिलाकर चाटें। लाभ होगा।
  • नहाने से पहले सरसों के तेल की दो-चार बूंदें नथुनों से ऊपर की ओर खींचें। इससे खांसी से होने वाली तकलीफ तथा कफ की आवाज में कमी आती है। खांसी न भी हो, तो भी यह क्रिया फायदेमंद है।
  • घी और सेंधा नमक मिलाकर छाती पर धीरे-धीरे मालिश करने से खांसी में आराम मिलता है। मालिश करते समय हवा न लगने दें।
  • मिसरी तथा काली मिर्च समान मात्रा में लेकर इकट्ठा पीसें। उसमें देसी घी डालकर चने के बराबर की गोलियां बनाकर सुखा लें। गोलियां छाया में सुखाएं, धूप में नहीं। हर 6 घंटे के बाद एक गोली खा लें । खांसी शांत हो जाएगी। जिन्हें खांसने से सांस चढ़ जाता है, उनके लिए भी ये गोलियां लाभकारी हैं।
  • अनार का रस आधा-पौना गिलास ले। इसमें 15 बूंद लहसुन का रस डालकर शरबत पीने से खांसी जड़ से खत्म हो जाती है।
  • चीनी तथा भुनी हुई फिटकिरी, दोनों एक-एक रत्ती बराबर मिलाकर गुनगुने पानी से सुबह शाम लें। 4-5 दिनों में काली खांसी नहीं रहेगी।
  • खांसी का इलाज करने के लिए एक आसान उपाय यह है की – काली मिर्च का बारीक पाउडर तथा इससे पांच गुना ज्यादा गुड़ मिलाकर काले चने के बराबर की गोलियां बनाएं। गोलियों को हर 4 घंटे बाद लेने से काफी फायदा होता है।
  • यदि बच्चा खांसी से परेशान हो रहा है, तो उसकी छाती पर सरसों के तेल की मालिश करें। यदि इस तेल में सेंधा नमक मिला लें, तो और भी अधिक आराम मिलेगा।
  • सितोपलादि चूर्ण 3 ग्राम, शहद मिलाकर दिन में तीन बार चाटकर खाने से खांसी ठीक होती है।
  • खांसी का इलाज करने के लिए तुलसी के पत्तों के 3 ग्राम रस में मिसरी मिलाकर, चाटकर खाने से खांसी की बीमारी में लाभ होता है।
  • बच्चों को खांसी होने पर उनकी छाती और पीठ पर कर्पूर को तेल में मिलाकर मालिश करने से कफ में राहत मिलती है।
  • चित्रक की जड़ का बारीक चूर्ण बनाकर 1 ग्राम चूर्ण सुबह, 1 ग्राम चूर्ण शाम को शहद के साथ लेने से खांसी ठीक होती है।
  • टी बी रोग में खांसी का प्रकोप होने पर केले के तने का रस 20 ग्राम मात्रा में दूध में मिलाकर पीने से बहुत लाभ होता है। दिन में तीन-चार बार इस्तेमाल करने से रक्त मिला हुआ कफ आने पर भी लाभ होता है।
  • तेजपात की छाल और पीपल को बराबर मात्रा में कूट-पीसकर चूर्ण बनाकर 3 ग्राम पाउडर शहद मिलाकर चाटने से लाभ होता है।
  • तुलसी की मंजरी, सोंठ, प्याज का रस सभी बराबर मात्रा में लेकर पीसकर शहद मिलाकर सेवन करने से खांसी का दौरा शांत होता है।
  • तुलसी के पत्तों का रस 3 ग्राम, अडूसे के पत्तों का रस 3 ग्राम मिलाकर बच्चों को चटाने से खांसी का प्रकोप शांत होता है।

खांसी का इलाज करने के लिए सही खानपान का भी रखें ख्याल

  • जिन्हें बार-बार खांसी की शिकायत रहती है, वह ज़रा खानपान में परिवर्तन करके देखे, काफी लाभ होगा :-
  • भोजन सदा हलका हो। आसानी से पचने वाला हो। बासी न हो।
  • अपने आहार में अंगूर, मीठा सेब, अनन्नास, चकोतरा-इसमें से कुछ भी जरुर शामिल करें।
  • गरम पानी में नींबू का रस निचोड़कर पिएं।
  • किसी प्रकार से थोड़ा काला नमक खाएं, इसे आप नींबू पानी में मिलाकर भी ले सकते हैं।
  • यदि कब्ज़ के साथ खांसी भी हो, तो कभी-कभी एनिमा लें।
  • रात को सोते वक्त एक चम्मच त्रिफला खाएं।

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