मानसिक तनाव (Mental Tension Or Stress) – दैनिक जीवन में भूख और प्यास की तरह ही अब हर व्यक्ति मानसिक तनाव का अनुभव भी करता है। हालाँकि मानव ने अपने सुख और आराम के लिए स्वचालित मशीनों और अनेक लाभदायक चीजों का निर्माण अवश्य किया है, लेकिन इनके साथ-साथ हमारी जीवन शैली भी मशीनों जैसी हो जाने से काफी लोग अपनी मानसिक शांति खो बैठते हैं।
आजकल ऐसे व्यक्ति की कल्पना करना असंभव है, जो मानसिक तनाव का अनुभव नहीं करता हो। फिर चाहे वह व्यक्तिगत हो, सामाजिक हो, राजनीतिक हो या आर्थिक। अधिकांश लोगो को इन समस्याओं से जूझने में तनावों के दौर से गुजरना पड़ता है।
मानसिक तनाव क्या है? What is Stress?
कोई शोरगुल से तनावग्रस्त है, तो कोई ट्रैफिक में फंस जाने के कारण तनावग्रस्त है। कोई बेरोजगारी से तनावग्रस्त है, तो कोई बच्चों के बिगड़ने से चिंतित है। इन्ही सब कारणों से हर कोई तनावग्रस्त है।
अन्य बिमारियों की तरह से मानसिक तनाव या Stress भी तन और मन दोनों पर बुरा असर डालता है। जिससे अनेक शारीरिक और मानसिक बीमारियां जन्म ले लेती है | जैसे -डायबिटीज, पेप्टिक अल्सर, सिर दर्द, माइग्रेन, डिप्रेशन, हिस्टीरिया एवं मस्तिष्क रक्तस्राव प्रमुख हैं।
मानसिक तनाव के प्रमुख कारण / Mind Stress Causes /Main Causes of stress.
- मानसिक तनाव बढ़ने के प्रमुख कारणों में आप जो चाहते हैं वह न होना, भय, चिंता, जलन , क्रोध, आर्थिक समस्या, व्यापार में हानि, मुकदमेबाजी में उलझना, गृह कलह, दांपत्य जीवन में दरार, हीन भावनाएं, अंतर्द्धद्ध, काम का बोझ बढ़ना, घर में पारिवारिक समस्याएं आदि होते हैं।
- जब हमारे मन को दो विभिन्न प्रकार की इच्छाएं, आवेश या प्रवृत्तियां परस्पर विरोधी दिशाओं में खींचे, तो अंतर्द्धद्ध एवं मानसिक तनाव पैदा होता है।

- हमारे मन को दो भिन्न प्रकार की इच्छाओं, आवेशों या प्रवृत्तियों द्वारा परस्पर विरोधी दिशाओं में खींचे जाने से तनाव का कारण बन जाता है |
- यदि मानसिक तनाव क्षणिक व साधारण है, तो हमारे शरीर में होने वाले परिवर्तन भी क्षणिक होंगे, लेकिन यदि Stress असामान्य और स्थायी हैं, तो उनसे होने वाले शारीरिक, मानसिक परिवर्तन भी हानिकारक व स्थायी होंगे।
- देश में जिस तेजी से औद्योगीकरण और शहरीकरण बढ़ता जा रहा है, उसी तेजी से हमारा Stress भी बढ़कर मानसिक रोगों में परिवर्तित हो रहा है। जाने क्या है – जाने क्या है ब्रेन वेव जो बढ़ाये मानसिक शांति और शक्ति?
- इसका प्रमुख कारण है, हमारे जीवन में आर्थिक एवं सामाजिक विषमताओं का बढ़ना। दिन-प्रतिदिन बढ़ती प्रतियोगिता और कठिनाइयों से हमारी मानसिक स्थिति स्थिर न रहकर डावांडोल होती रहती है।
- नकारात्मक सोच तनाव का सबसे बड़े कारणों में से एक है : यूनान के चिकित्साशास्त्री लुकमान ने लिखा है कि संसार में कोई रोग ऐसा नहीं है, जिसकी प्रकृति ने औषधि पैदा नहीं की हो। सिर्फ एक ही रोग असाध्य है और वो है रोगी की नकारात्मक सोच कि उसका उपचार नहीं हो पाएगा। ऐसा व्यक्ति न उपचारक की सलाह मानता है, न उसके बताए उपायों पर अमल करता है और न ही वे सावधानियाँ अपनाता है जो रोग को दूर करने में सहायक हो सकती हैं।
मानसिक तनाव के लक्षण तथा तनाव से तकलीफे / Physical and Mental Signs of Stress.
- इस रोग के लक्षणों में शारीरिक और मानसिक थकान, सिर दर्द, काम में मन न लगना, एकाग्रता का अभाव, अरुचि, उत्साह की कमी, नींद में कमी, दिल की धड़कन का बढ़ना, सामाजिक संबंधों में उदासीनता, डिप्रेशन, हिस्टीरिया, असमय ही चेहरे पर झुर्रियां पड़ना आदि देखने को मिलते हैं। यह भी पढ़ें – अच्छी नींद पाने के लिए 13 घरेलू नुस्खे |
- इसके अतिरिक्त मानसिक तनाव के कारण चेहरे पर पीलापन झलकना, थकान महसूस होना, भोजन हजम नहीं होना, पसीने आना, सिर दर्द, मधुमेह, त्वचा रोग, उच्च रक्तचाप होना, जोड़ों का दर्द, सांस तेज चलना, मेंटल रिटार्डेशन, जैसी बीमारियां होने की पूरी संभावना होती है।
- उल्लेखनीय है कि मानसिक तनाव के वक्त Hormone का स्राव बढ़ने से चेहरे की त्वचा में संकुचन होता है, जिसके परिणामस्वरूप झुर्रियां बन जाती हैं।
- मानसिक तनाव बढ़ जाने पर व्यक्ति नशे का आदी हो सकता है।
- प्रायः तनावग्रस्त मनः स्थिति में, उत्तेजना, निराशा, घृणा, उदासी, ईष्या, द्वेष और क्रोधावस्था पाचन-क्रिया को प्रभावित करती है। यदि ये मनोविकार लम्बे समय तक बने रहें, तो पेट के रोगों के अलावा अल्सर तक हो सकता है।
- भय की स्थिति में मस्तिष्क की पिट्यूटरी ग्रंथि व गुर्दे के ऊपर स्थितएड्रिनल ग्रंथि के सक्रिय हो जाने से इनके हार्मोन का स्राव बढ़ जाता है। जिनके रक्त में मिलने से हृदय गति और रक्तचाप में बढ़ोतरी हो जाती है। ये महत्वपूर्ण ग्रंथियां किसी भी तरह के भय अथवा तनाव से क्रियाशील हो उठती हैं। देखें – हार्ट अटैक के लक्षण, कारण, बचाव और फर्स्ट एड |
- यह भी एक तथ्य है कि सिर दर्द की शिकायत करने वाले लगभग 90% रोगी केवल Stress के कारण इससे पीड़ित होते हैं।
- डॉक्टरों के अनुसार आधे सिर का दर्द जिसे माइग्रेन कहते हैं, उन लोगों को ज्यादा होता है, जो स्वयं की स्थिति और अपने आसपास की परिस्थितियों से बहुत अधिक असंतुष्ट व दुखी रहते हैं।
- युवावस्था वाला कोई व्यक्ति यदि अधिकतर चुप रहता दिखाई दे, वह घर और बाहर के किसी काम में रुचि लेना छोड़ दे, या स्त्री होने की स्थिति में उसे बेहोशी के दौरे पड़ने लगें, पुरुषों में नींद कम आए, अनिद्रा की शिकायत हो, वह उदास-उदास रहने लगे, कोई कार्य मन लगाकर न करे, मन में बार-बार आत्महत्या कर लेने का विचार आए अथवा वह मृत्यु से असामान्य रूप से डरने लगे, हर समय दिल में घबराहट रहे, बार-बार और अधिक पसीना आए, हृदय की धड़कन बढ़ जाए, बात-बात पर आँसू निकल आएँ, इस तरह के तमाम लक्षण यह समझने के लिए पर्याप्त हैं कि वह व्यक्ति मानसिक तनाव से पीड़ित है।
- मानसिक परेशानियाँ इंसान के स्वास्थ्य को दीमक की तरह चाटती हैं : हृदय की धड़कन में वृद्धि, मधुमेह, हाजमे की अधिकतर समस्याएँ, दमा, श्वास, माइग्रेन तथा स्त्रियों की यौन-समस्याएँ प्राय: किसी-न-किसी प्रकार का मानसिक दबाव इोलते रहने के कारण ही पैदा होती हैं। आठ घंटे के शारीरिक श्रम से मनुष्य की इतनी शक्ति नष्ट नहीं होती, जितनी आधे घंटे की मानसिक तनाव से हो जाती है | इसी से समझा जा सकता है कि मानसिक परेशानियाँ किस तरह मानव के स्वास्थ्य को दीमक की तरह चाटती रहती है।
मानसिक तनाव से बचने और तनाव प्रबंधन के लिए कुछ टिप्स | Few Stress Management Tips.
मानसिक तनाव बचपन से लेकर बुढ़ापे तक पीछा नहीं छोड़ता है :
मानसिक तनाव के व्यक्तिगत कारणों में सबसे बड़ा कारण वातावरण है; ऐसा वातावरण, जिसमें कोई व्यक्ति रहता है। परिवार में घुटन का वातावरण मिलने पर कोई व्यक्ति बचपन से ही मानसिक तनाव अथवा हीनभावना का शिकार हो सकता है। बचपन में उत्पन्न यह तनाव बुढ़ापे तक पीछा नहीं छोड़ता। ऐसा व्यक्ति जटिल मानसिक एवं शारीरिक रोगों से ग्रस्त रहता है और मरते दम तक कष्टदायक रोगों से जूझता रहता है। मान लीजिए किसी परिवार का मुखिया खराब स्वभाव का है, वह अपने बच्चों या किसी एक बच्चे से निरंतर कठोर व्यवहार करता रहता है, प्रेम का व्यवहार करता ही नहीं, बच्चे की भावनाओ को महत्व नहीं देता, उनकी उपेक्षा करता है, मारता-पीटता है, अपशब्द कहता है तो निश्चित ही ऐसे परिवार में रहनेवाला बालक हीनभावना से ग्रस्त हो जाएगा। उसके हृदय में डर बैठ जाएगा। वह खुलकर बात करने से कतराने लगेगा। बड़ों का सामना करने से बचना चाहेगा। बच्चों के साथ सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार कीजिए : नहीं तो ऐसा बालक दिल की धड़कन, घबराहट, आत्म विश्वास की कमी, अनिद्रा, से संबंधित रोगों से ग्रस्त हो सकता है।
- भविष्य की चिंता में डूबे न रहें।
- किसी भी कार्य को टालने की प्रवृत्ति न बनाएं।
- कार्य इस सीमा तक न करें, जिससे अधिक थकान हो। यह भी पढ़ें – तनाव से मुक्ति पाने के उपाय- Stress Management
- अपने मित्रों, रिश्तेदारों से बड़ी-बड़ी आशाएं न लगाएं।
- रोने के मौकों पर अपने आंसू न रोकें।
- क्रोध न करें और न ही उसे दबा कर रखें।
- जिन्हें जरा-जरा सी बात में क्रोध आ जाता है, उनका मस्तिष्क अकसर तनाव की स्थिति में बना रहता है। ऐसे व्यक्तियों को अपने क्रोध पर काबू पाने का उपाय करते रहना चाहिए। मानसिक रोग के लक्षण, कारण और प्रकार
- आन्तरिक विद्वेष की भावना पनपने से स्वयं को बचाएं। इससे तनाव तो होगा ही, साथ ही आपके अंदर अच्छी सोच में भी कमी आयेगी
- नींद की कमी मानसिक तनाव के कारण हो सकती है , और मानसिक तनाव भी नींद की कमी से हो सकता है| तनाव के सम्बंध में नींद का बहुत महत्त्व है | प्रत्येक व्यक्ति के मस्तिष्क में एक छोटी-सी ग्रंथि होती है, जिसे चिकित्साविज्ञान की भाषा में मेलाटॉनिन (Melatonin) कहा जाता है। यह ग्रंथि अँधेरे में सक्रिय होती है और एक ऐसा हार्मोन उत्पन्न करती है, जो नींद लाने में सहायक होता है ध्यान रखें- सोने से पहले अपने कमरे की बत्तियाँ बुझा दें। हमेशा अँधेरे में सोने की आदत डालें।
- मानसिक तनाव दरअसल सिर्फ “मन की अवस्था” या वहम होता है ज्यादातर मामलो में इसका कोई ठोस आधार ही नहीं होता है जिसे आप नीचे दिए गए इन उदाहरणों की सहायता से समझने का प्रयास करें की ज्यादातर तनाव के कारण मनघडंत होते है |
- आर्थिक तंगी तनाव के सबसे प्रमुख कारणों में से एक है लेकिन क्या बहुत अमीर व्यक्ति जिसके पास बहुत सारी धन दौलत है क्या वो लोग तनाव से नहीं घिरते? यहाँ तक की मानसिक तनाव का शिकार होकर बहुत साधन सम्पन्न व्यक्ति का जीवन भी गहरी निराशा में गुजार जाता है | इसके बहुत सारे उदाहरण आपको समाज में मिल जायेंगे |
- मानसिक तनाव अन्य कारणों में बेतहाशा इच्छाओं का पूरा ना होना भी होता है | अगर आप ध्यान दें तो, लाखो सालो के मानव विकास (Human Evolution) के सफ़र में सबसे पहले उसकी जरुरत सिर्फ पेट भरने तक ही सीमित थी, सिर्फ भरपेट खाना मिलना ही उसकी सबसे बड़ी ख़ुशी होती थी, उसके बाद जीवन को आरामदायक और आनंदमय बनाने के लिए बहुत सारी मशीनों को खोज हुई जो आज तक बदस्तूर जारी है इन सबके बावजूद आज भी इंसान की जरूरते पूरी नहीं हो सकी है | लोग अपनी ख़ुशी के लिए एक के बाद एक सामान खरीदते जाते है और दूसरे का सपना देखते रहते हैं, अंत में इन सब संसाधनो को पाने के लालच और संघर्ष के दबाव से ज्यादातर लोग मानसिक तनावों से घिर जाते है | मानसिक तनाव से बचने के लिए अपनी “क्षमता और महत्त्वाकांक्षा” के बीच संयोजन यानि बैलेंस बनाना आना चाहिए | क्योंकि इच्छाएं असीमित होती है |
- विशेषज्ञों का विचार है कि मानसिक तनाव से ग्रस्त रोगी का इलाज दवाओं से भी किया जा सकता है। ऐसे रोगी साइकोथेरॉपी से भी स्वास्थ्यलाभ कर सकते हैं और इलाज की आधुनिकतम शैली अर्थात् बिहेवियर थेरॉपी है से भी स्वस्थ हो सकते हैं। किंतु सबसे बेहतर और सबसे कारगर उपाय रोगग्रस्त व्यक्ति का स्वयं अपना इलाज आप करने में है। प्रत्येक व्यक्ति को यह जानना चाहिए कि तनावग्रस्त होने की स्थिति में उससे छुटकारा पाने के लिए उसे क्या करना चाहिए। जब तक वह यह नहीं जानेगा, तनाव से मुक्त नहीं हो सकेगा।
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thank you
Muje depression Hai me dawaya bhi le raha Hu lekin muje Abhi bhi kuchh taklife ho rahi Hai me iske liye karu
इमरान जी,
मानसिक समस्याओ के इलाज में थोडा समय लगता है | सिर्फ दवा के भरोसे ना रहे अपने मन को स्थिर करें | यह पोस्ट पढ़ें इसमें इस टिप्स बताये गए है – http://healthbeautytips.co.in/mansik-tanav-se-mukti-ke-upay/