खून की कमी (एनीमिया) : कारण, लक्षण और उपाय

खून की कमी (एनीमिया) काफी लोगो को होती हैं खासकर स्त्रियों को तो बहुत बड़े पैमाने पर यह समस्या होती है। क्या है खून की कमी : जब शरीर के रक्त की लाल कोशिकाओं (सेल्स) में हीमोग्लोबिन नामक पदार्थ का स्तर सामान्य स्तर से नीचे हो जाता है, तो उस अवस्था की रक्ताल्पता यानि खून की कमी के नाम से जाना जाता है। हीमोग्लोबिन का कार्य ऑक्सीजन को शरीर की प्रत्येक कोशिका तक पहुंचाना है। जब हीमोग्लोबिन की मात्रा कम हो जाती है, तो रक्त की आक्सीजन वहन करने की क्षमता कम हो जाती है। एक स्वस्थ जवान पुरुष और स्त्री में हीमोग्लोबिन की मात्रा 13.5 से 18.0 ग्राम तथा 11.5 से 16.5 ग्राम प्रति 100 मिली लीटर होती है। हीमोग्लोबिन को बनाने के लिए आयरन (लोहा), फोलिक एसिड, विटामिन बी12 एवं प्रोटीन की आवश्यकता होती है। जो प्राकृतिक रूप से फलो और सब्जियों द्वारा या अधिक कमी होने पर विभिन्न Health supplements , Multivitamin tablets, hemoglobin blood tonics, syrup आदि की सहायता से शरीर में बढ़ाए जाते है |

एनीमिया यानि खून की कमी होने कई प्रकार का होता है। जैसे कि आयरन की कमी से होने वाला एनीमिया। इस प्रकार की स्थिति में हमें वे पदार्थ खाने होते हैं, जिनमें आयरन ज्यादा होता है। दूसरे प्रकार का एनीमिया विटामिन बी-12 की कमी से होता है। जाहिर है कि इससे पार पाने के लिए हमें विटामिन बी-12 के धनी पदार्थ चाहिए। विटामिन बी-12 दूध, अंडा, मांस, मछली में मिलता है। शाकाहारी लोग इसे दूध, अनाज और सोया उत्पादों से ले सकते हैं। तीसरे प्रकार का एनीमिया फोलिक एसिड या फोलेट की कमी से होता है। फोलेट हमें हरी पत्तेदार सब्जियों, बंदगोभी, ब्रोकोली, व्हीट जर्म, दाल, नट्स से मिलता है। बाकी एनीमिया ज्यादा गंभीर प्रकार के होते हैं, जो केवल दवाइयों से ही ठीक हो पाते हैं।

खून की कमी होने के कारण, लक्षण, इलाज, क्या खाएं क्या ना खाएं 

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खून की कमी

खून की कमी के कारण :

  • खून की कमी उत्पन्न होने के प्रमुख कारणों में अस्थिमज्जा में लाल रक्त कोशिकाओं का कम बनना अथवा बिल्कुल न बनना |
  • खून की कमी होने के अन्य कारणों में स्त्रियों में माहवारी के दौरान अत्यधिक रक्तस्राव, खाने में लौह तत्व की कमी, विटामिन बी-12 और फोलिक एसिड की कमी |
  • आहार से पर्याप्त पोषक तत्वों का न मिलना, कम पोष्टिक भोजन करना, पेट में कृमि, अधिक मासिक धर्म, डिलेवरी के बाद खून की कमी, खराब पाचन तन्त्र, खूनी पेचिस, बवासीर रोगों में अधिक खून निकलना आदि भी खून की कमी का कारण होते हैं।

खून की कमी के लक्षण :

  • खून की कमी होने के लक्षणों में उत्साह की कमी, थोड़े से कार्य करने पर त्वचा सफेद व पीली पड़ना, पैरों में सूजन, भूख न लगना, अरुचि, नींद न आना, हृदयगति असामान्‍य, आँखों के नीचे काले घेरे, बी पी लो होना, चक्कर आना, हाथ पैर ठंडे पड़ जाना, मुंह के किनारों का फटना, भुरभुरे अथवा कमजोर नाखून, धीमा शारीरिक विकास थकान, वजन में गिरावट, बार बार मुंह में छाले होना आदि देखने को मिलते हैं।

खून की कमी में क्या खाएं :

  • गेहूं, गुड, चना, मोठ, मूंग को अंकुरित कर निम्बू मिलाकर सुबह नाश्ते में खाएं।
  • मूंगफली के दाने गुड़ के साथ सुबह-शाम चबा-चबा कर खाएं।
  • दूध के साथ अंजीर और खजूर का सेवन करें।
  • खून की कमी होने पर सब्जी में पालक, सरसों, बथुआ, सोयाबीन, चौलाई, मटर, मेथी, शलगम के पते, गोभी, हरा धनिया, पुदीना, टमाटर खाएं।
  • खून की कमी होने पर फलो में पपीता, अंगूर, अमरूद, केला, सेब, चीकू, नींबू का सेवन करें।
  • खून की कमी होने पर अनाज, दालें, मुनक्का, किशमिश, सूखे बेर, गाजर, पिंड खजूर खाएं।
  • मांस, मछली, अंडे, मूली के पत्ते, संतरा, आंवला भी अपनी खुराक में शामिल करें |
  • खून की कमी को दूर करते है खुबानी, केला, कीवी, सेब, आडू, स्ट्रॉबेरी जैसे फल : फल रक्त को ताकतवर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। खास तौर से खुबानी, केला, कीवी, सेब, आडू, स्ट्रॉबेरी जैसे फल। खुबानी में भरपूर आयरन होने से यह एनीमिया नहीं होने देता। केले में मौजूद विटामिन बी-6 सफेद रक्त कणिकाओं (व्हाइट ब्लड सेल्स) का निर्माण करता है। केले में आयरन भी है, जिससे एनीमिया का खतरा कम रहता है। आडू में आयरन, जिंक, मैग्नीशियम, मैगनीज, कैल्शियम, सल्फर और विटामिन ए, बी, सी और ई जैसे तत्व होते हैं। कीवी में मौजूद फोलिक एसिड खून में लाल रक्त कणिकाएं बनाता है और विटामिन सी शरीर को रोग प्रतिरोधक बनाता है। कीवी में कैल्शियम, क्रोमियम, कॉपर, आयरन, मैग्नीशियम, पोटेशियम, जिंक जैसे तत्व भी होते हैं।
  • खून की कमी में खट्टे फल भी जरूरी हैं : संतरा, आम जैसे खट्टे फल भी एनीमिया में जरूरी हैं। वह इसलिए, क्योंकि इनमें विटामिन सी भरपूर होता है, जो सब्जियों में मौजूद आयरन को उपयोग के लायक बना देता है। इससे आयरन शरीर में अच्छी तरह आत्मसात हो जाता है।
  • खून को साफ और समृद्ध करता है चुकंदर : इसमें आयरन, विटामिन और मिनरल्स भरपूर होते हैं। यह खून को साफ करता है और उसमें हीमोग्लोबिन बढ़ाता है यानी जिस शरीर में जाता है, वहां एनीमिया (खून की कमी) नहीं रहने देता। यह पढ़ें – चुकंदर के फायदे तथा 32 बेहतरीन औषधीय गुण |
  • सेम और अन्य फलीदार सब्जियां (बीन्स) : एंटी ऑक्सीडेंट, प्रोटीन, आयरन, मैग्नीशियम, पोटेशियम, मैग्नीशियम, कॉपर, जिंक और विटामिन बी, सी भी बींस में पाए जाते हैं। काली बींस में फोलेट पाया जाता है, जो खून को समृद्ध करता है।
  • हरी पत्तेदार सब्जियां : खून की कमी होने पर हरी पत्तेदार सब्जियां आयरन पाने का उम्दा जरिया होती हैं। इनमें कोलार्ड ग्रीन, शलगम, सलाद पता, सरसों, ब्रोकोली, बंदगोभी आदि शामिल हैं। इन सब्जियों को उपलब्धता के आधार पर अपने भोजन में नियमित शामिल करें।
  • शकरकंद, कद्दू, लौकी, गाजर जैसी कुछ और सब्जियां : शकरकंदी खून की कमी (एनीमिया) की समस्या दूर करने में बहुत कारगर है। इसी तरह कद्दू में मैग्नीशियम व जिंक के साथ आयरन भी होता है, जिससे यह खून को समृद्ध करता है। लौकी में भी आयरन की मात्रा पाई जाती है। गाजर खून को साफ करती हैं। यह भी पढ़ें  गाजर के फायदे और 20 बेहतरीन औषधीय गुण
  • राजमा, उड़द, मसूर, मूंग और अन्य दालें : दालों में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन, फाइबर, फास्फोरस, आयरन आदि पाए जाते हैं। अरहर की दाल खून की गड़बड़ियों को ठीक करती है। उड़द की दाल भी शक्ति देती है। राजमा प्रोटीन का भंडार है। इसमें आयरन और विटामिन बी-9 विशेष रूप से पाया जाता है। मसूर की दाल रक्त को समृद्ध करती है। चना हमें खून की कमी जैसी समस्याओं से निजात दिलाने में सहायक है।
  • अंकुरित अनाज, बीज, बींस, नट (स्प्राउट) : स्प्राउट में फल, सब्जियों के मुकाबले कहीं ज्यादा एंजाइम होते हैं। स्प्राउट हमें उस मूल पदार्थ से सैकड़ों प्रतिशत ज्यादा प्रोटीन, विटामिन, मिनरल और फायदेमंद फैट देते हैं, जिससे ये अंकुरित होते हैं। इससे ये न सिर्फ खून की कमी दूर करते हैं, बल्कि जबरदस्त ढंग से हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर हमें विभिन्न रोगों से बचाते हैं।
  • गेहूं का अंकुर (व्हीट जर्म) : इसे पोषक तत्वों का गोदाम भी कहा जाता है। इसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फोलिक एसिड, फाइबर, विटामिन और मिनरल की भरमार होती है। यह फोलिक एसिड का सर्वश्रेष्ठ भंडार माना जाता है, लिहाजा खून को समृद्ध करके खून की कमी दूर करता है।
  • दूध और उसके उत्पाद : दूध और उसके उत्पादों से हमें विटामिन बी-12 मिलता है। विटामिन बी-12 की कमी से भी खून की कमी हो जाती है, इसलिए दूध और इसके उत्पादों का सेवन भी जरूरी है। अंडा, मांस, मछली : अंडा, मांस और मछली में विटामिन बी-12 तो है ही, साथ में आयरन भी मौजूद है। लिहाजा मांसाहारी लोगों को खून की कमी की समस्या में इन पदार्थों से राहत मिल सकती है।

खून की कमी एनीमिया में क्या नहीं खाना चाहिए :

  • खून की कमी में भारी, गरिष्ठ, तले, मिर्च-मसालेदार भोज्य पदार्थ न खाएं।
  • फ़ास्ट फ़ूड, जंक फ़ूड, जैसे पिज़्ज़ा बर्गर टिक्की गोलगप्पे नुडल्स मैदा से बने अन्य पदार्थ खून की कमी होने पर ना खाएं |
  • चाय, कॉफी, कोल्ड ड्रिक्स कम पिएं।
  • तीखे नमक वाली चीजें न खाएं।
  • चाय, कॉफी, अंगूर, ज्वार और कॉर्न : एक पदार्थ होता है टैनिन। यह पदार्थ चाय, कॉफी, शराब, ज्वार और कॉर्न में पाया जाता है। यह पदार्थ शरीर में जाकर शरीर को आयरन को एब्जॉब करने से रोकता है। इसीलिए यदि खून की कमी की समस्या है तो इन पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • खून की कमी से बचने के लिए दूध-दही के साथ न लें मांस, दाल और बीन्स : कैल्शियम भी शरीर में आयरन के आत्मसात होने को बाधित कर सकता है। इसलिए यदि आपने आयरन से भरपूर भोजन के साथ कैल्शियम से भरपूर भोजन भी लिया तो इससे हो सकता है कि आयरन की सारी मात्रा शरीर में न पहुंच पाए। इस समस्या से बचने का उपाय यह है कि कैल्शियम के धनी पदाथों को आयरन के धनी पदाथों से अलग समय पर लिया जाए। दोनों के धनी पदार्थों को साथ न लिया जाए। इसका मतलब यह हुआ कि दाल, बींस, मांस जैसे पदार्थों को दूध और उसके उत्पादों के साथ नहीं लेना चाहिए। समझने की बात यह है कि दोनों ही वर्गों के पदार्थों से हमें आयरन मिलेगा, मगर दूध और इसके उत्पादों से साथ में कैल्शियम भी मिलेगा। यह कैल्शियम ही आयरन को शरीर में पहुंचने से रोक सकता है, इसलिए इन दोनों समूहों के पदार्थों को साथ नहीं लेना है। शारीरिक थकान के कारण और दूर करने के उपाय
  • शराब का सेवन भी ठीक नहीं : लंबे समय तक शराब का सेवन भी खून की कमी की स्थिति बना सकता है। शराब शरीर में जाकर फोलेट के एब्जॉब्र्शन में तो बाधा पहुंचाती ही है, आयरन के काम को भी रोकती है। यदि आपने आयरन से भरपूर भोजन इस आशा में लिया कि आपका खून समृद्ध होगा, मगर उसी भोजन के साथ तुरंत बाद या तुरंत पहले आपने रेड वाइन या अन्य शराब भी ले ली तो लिया गया आयरन पूरी तरह शरीर में नहीं पहुंच पाएगा। रेड वाइन में रेसरवेटॉल नाम का तत्व होता है, जो आयरन की राह में बाधा बनता है और खून की कमी का कारण बन सकता है ।
  • ग्लूटेन से एलर्जी है तो इसके धनी पदार्थों से बचना होगा : यदि किसी व्यक्ति को ग्लूटेन से एलर्जी है तो उसे ग्लूटेन के धनी पदार्थ खून की कमी की समस्या देते हैं और खून की कमी की स्थिति में वे और ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं। ग्लूटेन गेहूँ, जौ, राई, ओट्स और इन अनाजों से बनने वाले भोजन में पाया जाता है। ग्लूटेन से एलर्जी की स्थिति में आतों की दीवारें क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, जिससे फोलेट और आयरन जैसे पोषक तत्व अच्छी तरह से शरीर में एब्जॉब नहीं हो पाते हैं। इससे एनीमिया की स्थिति पैदा होती है। इसलिए ग्लूटेन से एलर्जी की स्थिति में ग्लूटेन के धनी पदार्थों का सेवन नुकसानदायक है।

खून की कमी के मरीजो के लिए अन्य ध्यान में रखने लायक बातें :

  • रोज सुबह-शाम घूमने जाएं। हलके व्यायाम भी करें।
  • कुछ देर नंगे बदन धूप में बैठे इससे विटामिन डी मिलेगा।
  • नियमित रूप से सारे शरीर की मालिश करें।
  • शक्ति के अनुसार ही काम और व्यायाम, परिश्रम करें।
  • खून की कमी दूर करने के लिए नियमित जीवन शैली का विशेष महत्तव होता है इसलिए नींद भरपूर और निश्चिंत होकर लें सुबह जल्दी उठें | एनीमिया (रक्ताल्पता) का घरेलू तथा आयुर्वेदिक इलाज के उपाय
  • देर रात तक ना जागे, थका देने वाला कार्य न करें।
  • खून की कमी तथा अन्य रोगों से बचाव के लिए मानसिक तनाव, चिंता न पालें इनसे बचें ।

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