काली खांसी इलाज के 15 घरेलू उपाय – कुकुर खांसी

काली खांसी को (कूकर खांसी, कुक्कुर खांसी, कुकुर खांसी) (Whooping cough) भी कहा जाता है। यह एक संक्रामक बीमारी है ज्यादातर 5 से 15 वर्ष आयु तक के बच्चों को होती है। | काली खांसी के लक्षण : काली खांसी होने पर रोगी जोर-जोर खांसते हुए कई बार उल्टियाँ भी करने लगता है | काली खांसी में जोर-जोर तथा निरंतर खांसी उठती है। निरंतर खांसने से रोगी घबरा जाता है। अंत में उसे उलटी हो जाती है। उल्टियाँ होने के बाद रोगी को कुछ आराम मिलता है, लेकिन कुछ देर के बाद हंसते-बोलते या कुछ खाते-पीते ही रोगी को फिर खांसी उठने लगती है। निरंतर खांसने के बाद रोगी को वमन होने पर खांसी कुछ देर के लिए बंद हो जाती है काली खांसी के अन्य लक्षणों में खांसते-खांसते गले का रूंध जाना, ज्यादा साँस लेने के लिए छटपटाना सांस लेने के दौरान घुर-घुर की आवाज आना आदि | वैसे तो निरंतर खांसी के कई अन्य कारण भी हो सकते है जैसे फेफड़ो का संक्रमण, दमा, टीबी,अस्थमा आदि लेकिन इस पोस्ट में हम काली खांसी के विषय में बात करेंगे |

काली खांसी की उत्पति हिमोफाइलस परटुसिस जीवाणुओं के संक्रमण से होती है। रोग के जीवाणु रोगी की नाक और मुंह में छिपे रहते हैं। जब रोगी जोर से खांसते और छींकते हैं तो रोग के सूक्ष्म जीवाणु वायु में फैलकर दूसरे स्वस्थ बच्चे तक पहुंच जाते हैं। रोगी बच्चे के साथ बातें करने, उसके स्पर्श की चीजें स्पर्श करने और उसके साथ खाने-पीने से रोग के जीवाणु दूसरे स्वस्थ बच्चे पर संक्रमण करके उसे भी रोगी बना देते हैं। काली खाँसी बहुत संक्रामक रोग है। कक्षा में किसी एक बच्चे को यह रोग होने पर दूसरे अनेक बच्चे भी इस रोग के शिकार बन जाते हैं। घर में किसी एक बच्चे को काली खाँसी होने पर दूसरे बच्चों को उससे अलग रखना चाहिए। उसके जूठे बर्तनों में दूसरे स्वस्थ बच्चों को कुछ खाने-पीने न दें।

| काली खांसी के घरेलू उपाय और ठीक करने के गुणकारी नुस्खे |

काली खांसी इलाज kali khansi ka ilaj kukur khansi treatment
काली खांसी इलाज
  • किसी बड़े बर्तन में पानी उबालें। पानी को उबालकर उसे आग से उतारकर यूकलिप्टस ऑयल ( Eucalyptus Oil ) की 2-3 बूंदें डालकर उसकी भाप में सांस लें। इस भाप से नाक व मुंह में छिपे जीवाणु नष्ट होते हैं और काली खांसी की बीमारी जल्द ठीक हो जाती है।
  • 3 ग्राम नारियल का तेल हल्का गर्म करके काली खांसी से पीड़ित बच्चे को पिलाने से काली खांसी का प्रकोप कम होता है। इसी प्रकार शुद्ध किया हुआ नारियल का तेल 1 वर्ष आयु के बच्चे को 3-3 ग्राम (लगभग आधा चम्मच ) की मात्रा में दिन में 3 बार पिलाएं (पहले दिन सिर्फ एक बार दिन में पिलायें )। बहुत जल्द काली खांसी रोग से छुटकारा मिलेगा।
  • अदरक का रस और शहद मिलाकर दिन में 2-3 बार लेने से काली खांसी जल्द ही ठीक हो जाती है।
  • बारीक पिसा हुआ काली मिर्च का पाउडर इससे पांच गुना ज्यादा गुड मिलाकर इसकी चने की साइज़ की गोलियां बनाकर किसी कांच के जार में रख लें | हर चार घंटे में इसकी एक गोली टॉफी की तरह खाने से कुछ ही दिनों में काली खांसी छूमन्तर हो जाएगी | बच्चो के लिए यह उपाय काफी उपयोगी हैं |
  • बच्चों की काली खांसी का इलाज – तीन बादाम रात को पानी में डालकर रख दें। प्रातः उठकर बादाम के छिलके उतारकर लहसुन की एक कली और मिश्री मिलाकर पीस लें। अब इस पेस्ट को रोगी बच्चे को खिलाने से काली खांसी से जल्द ही छुटकारा मिलेगा ।
  • आग पर तवा रखकर दो लौंग भून लें। फिर उस लैंग को पीसकर, शहद मिलाकर चटाने से काली खांसी की तेजी शांत होती है।
  • तवे पर भुना हुआ सुहागा व वंशलोचन मिलाकर, शहद के साथ रोगी बच्चे को चटाने से काली खांसी ठीक होती है।
  • इसी प्रकार शहद और काली मिर्च मिलाकर लेने से भी सभी प्रकार की खांसी में आराम मिलता हैं |
  • काली खाँसी होने पर बच्चों को बिस्तर पर सुलाने से पहले उनकी छाती और कमर पर कपूर को हल्के गर्म नारियल के तेल में मिलाकर मालिश करने से काली खांसी का असर कम हो जाता है।
  • पान के पत्तों के 3 ग्राम रस में शहद मिलाकर 1-1 बार चटाने से भी काली खांसी में बहुत लाभ मिलता है।
  • तुलसी के पत्तो के 3 ग्राम रस में शहद मिलाकर लेने से काली खांसी में बहुत लाभ होता है।
  • नारियल– कुकर खाँसी में नारियल का शुद्ध तेल बिना किसी सुगन्ध की मिलावट वाला एक वर्ष के बच्चे को 4-4 ग्राम रोजाना चार बार पिलाने से लाभ होता है।
  • लहसुन–(1) पाँच बादाम शाम को पानी में भिगो दें। सुबह छीलकर उसमें मिश्री और एक कली लहसुन की मिलाकर पीस लें और खिलायें। दो-तीन दिन में कूकर खाँसी या काली खाँसी ठीक हो जायेगी। बच्चे को लहसुन की माला पहनाना व इसके तेल की मालिश भी लाभदायक है।
  • लहसुन का ताजा रस दस बूंद, शहद और पानी चार-चार ग्राम, ऐसी एक-एक मात्रा दिन में चार बार दें।
  • गन्ना–कच्ची मूली का रस एक छटाँक (62 ग्राम) गन्ने के रस में मिला कर दिन में दो बार पिलाने से काली खांसी में लाभ होता है।
  • तुलसी—तुलसी के पत्ते और काली मिर्च समान भाग पीस लें। इसकी मूंग के बराबर गोलियाँ बना लें। एक-एक गोली चार बार दें। इससे काली खांसी ठीक हो जाती है।
  • अमरूद-एक अमरूद को गर्म रेत या राख में सेक कर सुबह-शाम दो बार खाने से कुकर खाँसी में लाभ होता है।
  • मक्का-मक्का का भुटूटा जलाकर उसकी राख पीस लें। इसमें स्वाद अनुसार सेंधा नमक मिला लें। नित्य चार बार चौथाई चम्मच गर्म पानी से फैकी लें, लाभ होगा।
  • (ब्रांकाइटिस (Bronchitis)) अदरक-15 ग्राम अदरक, चार बादाम, 8 मुनक्का-इन सबको पीस कर सुबह-शाम दो बार चाटें और गर्म पानी पीयें।

कुकुर खांसी का इलाज (Whooping cough)

  • कुकुर खांसी के इलाज के लिए भुनी हुई फिटकरी 2 grain (बहुत ही छोटा सा टुकड़ा ) में समान भाग चीनी मिलाकर दिन में 2 बार यह दवा बच्चों को खिलाने से (बड़ों को दोगुनी मात्रा में दें) सिर्फ 5 दिनों में कुकुर खांसीठीक हो जाती है। नोट : यदि यह दवा बिना पानी के ही सेवन कर सकें तो बहुत अच्छा रहेगा नहीं तो 1-2 घूट गर्म पानी ऊपर से पिलाएं।
  • कुकुर खांसीसे पीड़ित रोगी के लिए अनार के छिलकों का सेवन बहुत लाभकारी होता हैं इससे जल्दी छुटकारा पा सकते हैं | इसको इस्तमाल करने की प्रक्रिया यह है : अफारा और पेट फूलने की समस्या से पाएं मिनटों में छुटकारा
  • सबसे पहले अनार के छिलको को धोकर धूप में सुखा लें | सूखने के बाद इनका बारीक पाउडर बनाकर रोज सुबह शाम एक-एक चम्मच इसका सेवन करें | कुकुर खांसी को ठीक करने का यह बहुत आसान और प्रभावकारी घरेलू नुस्खा हैं |

काली खांसी उपचार के लिए Naturopathy उपाय :

  • काली खांसी में सूर्य किरण और रंग चिकित्सा (Color Therapy, Chromotherapy ) के माध्यम से तैयार सूर्य से तपा हुआ नारंगी (Orange) पानी दिन में तीन-चार बार पिलायें और सूर्य चार्ज नारंगी मिश्री तीन-चार बार दें। छाती और पीठ पर सूर्य चार्ज तिल के तेल की मालिश करने से काली खांसी ठीक हो जाती है। यह काली खांसी की दवा की तरह काम करता हैं |
  • एक साफ काँच की संतरी रंग (Orange color) की बोतल में साफ ताज़ा पानी भरकर लकड़ी के कार्क (ढक्कन) से बंद कर दें | बोतल का मुँह बंद करने के बाद उसे लकड़ी के पट्टे पर रखकर धूप मे रखें | 6-7 घंटे बाद सूर्य की किरण से “नारंगी पानी” बन जाता है | तेल को भी इसी प्रकार बनाएं | इसे फर्श या छत पर ना रखें लकड़ी के किसी टुकड़े पर ही रखें |
  • पतंजलि की दवा : गैस, कब्ज, बदहजमी, एसिडिटी के लिए

काली खांसी के लिए आयुर्वेदिक इलाज :

  • काली खांसी के उपचार हेतू आयुर्वेदिक औषधि बनाने के लिए आपके घर पर ये सामान उपलब्ध नहीं होगा इसके लिए किसी पंसारी की दुकान से ये सब चीजे लेनी पड़ेंगी | Acidity होने के कारण, लक्षण तथा घरेलू उपचार
  • कंजा, बड़ी पीपल व छोटी पीपल और बड़ी हरड में चारों औषधियां 1-1 भाग लें तथा नमक आधा ग्रेन और बांस के ढाई पते। इन सभी को पीसकर 125 मिली पानी में किसी बर्तन में पकाएं (बर्तन अगर मिटटी का हो तो और भी अच्छा रहेगा ) जब चौथाई पानी शेष रहे, तब छानकर मिट्टी के ही बर्तन में रख लें। इसे 2-3 ग्राम की मात्रा में दिन में 4 बार दें। यह कुकुर खांसी ठीक करने की बेहतरीन दवा है।
  • सुहागा, कलमी शोरा, फिटकरी, सेंधा नमक और यवक्षार को कूट-पीसकर, आग पर तवा रखकर चूर्ण को भूनकर 2-2 ग्राम मात्रा में शहद मिलाकर बच्चे को चटाने से पुरानी से पुरानी काली खांसी जल्द ही ठीक हो जाती हैं |  गहरी नींद के लिए आजमाए ये 26 टिप्स
  • सितोपलादि चूर्ण 3 ग्राम मात्रा में शहद मिलाकर, दिन में 2-3 बार चटाने से काली खांसी का ठीक होती है।

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3 thoughts on “काली खांसी इलाज के 15 घरेलू उपाय – कुकुर खांसी”

    • Hi Ajeet,
      Thank for your appreciation. !! Home remedies are handy and useful without any side effects. Stay in touch with us for more such useful health Tips.

      Thanks and Regards
      HBT.

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