इसबगोल के औषधीय गुण और घरेलू नुस्खे

इसबगोल एक पौधे के रूप में होता है | इसका पौधा ढाई फुट से ऊंचा नहीं होता है। पौधे पर गेहूं की बालों की तरह सफेद फूल लगते हैं। इन फूलो में बीज होते हैं। ये बीज भूसी की तरह के होते हैं। इन बीजों को छीलने से इसबगोल निकलती है। आमतौर पर यह इसबगोल भूसी के नाम से अधिक प्रचलित है। इसबगोल में कुदरती तौर पर एक चिपचिपा पदार्थ होता है |

इसबगोल प्लेन्टेज्येनेसी कुल की गुणकारी वनस्पति है। पानी में घोलने से इसका वसायुक्त लुआब बन जाता है, लेकिन इसमें कोई सुगंध व स्वाद नहीं होता। चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार इसबगोल पेशाब बढ़ाने वाला, रक्त-पित्तनाशक, कफ-पित्तनाशक और पेट के रोगों के लिए तो वरदान होता है। इसके सेवन से पेट सम्बंधित बीमारियाँ जैसे कब्ज, एसिडिटी, अफारा और सुजाक दूर होती है। संग्रहणी (बदहजमी से पेट दर्द या दस्त ) रोग के निवारण के लिए विशेष रूप से इसबगोल का उपयोग किया जाता है। इसके सेवन से आंत्रों की खुश्की कम होती है।

इसबगोल को कूट-पीसकर शरीर पर मलने से शरीर कोमल और त्वचा में कसावट आती है। अस्थमा रोग में ईसबगोल बहुत लाभ पहुंचाता है। पुरानी कब्ज में भी ईसबगोल बहुत गुणकारी वनस्पति है। क्रॉनिक बेसिलरी डिसेंटरी में जीवाणु आंतो में जख्म करके रक्तस्राव करते हैं। इससे पाचन क्रिया भी मजबूत हो जाती है। यूनानी चिकित्सक रक्तातिसार (Anemia) और आंतो के दर्द में इसबगोल का इस्तेमाल करते हैं। ईसबगोल की भूसी और इसके बीजो की तासीर ठंडी होती है इसलिए गर्मी से उत्पन्न सभी रोगों में यह लाभकारी है इसके बीजो को पीसकर सेवन ना करें बल्कि साबुत ही लें |  Benefits & home remedies of Isabgol (Psyllium Husk) for constipation, Abdominal pain, Gastritis, Acidity and weight loss.

इसबगोल के औषधीय उपयोग और घरेलू नुस्खे 

इसबगोल के गुणकारी औषधीय उपयोग
इसबगोल के गुणकारी औषधीय उपयोग
  • इसबगोल को रात में पानी में डालकर रखें। प्रातः उठकर थोड़ा-सा मसलकर, छानकर मिसरी मिलाकर सेवन करने से रक्तातिसार (Anemia) में बहुत लाभ होता है।
  • इसबगोल को दूध में देर तक उबालकर, उसमें मिसरी मिलाकर खाने से स्त्रियों के श्वेत प्रदर रोग में बहुत लाभ होता है।
  • कब्ज होने पर इसबगोल को पानी में घोलकर लुआब बनाकर उसमें बादाम का तेल मिलाकर पीने से बहुत लाभ होता है। कब्ज खत्म होने से पेटदर्द भी ठीक हो जाता है। इसबगोल का असर होने में 10-12 घंटे का समय लग जाता है |
  • सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध के साथ 2 चम्मच इसबगोल की भूसी लेने से भी कब्ज मिटती है |
  • ईसबगोल को पानी में डालकर रखें। फिर इसके लुआब में खाण्ड मिलाकर सेवन करने से गर्मी से होने वाली वात की खराबी ठीक होती है। और एसिडिटी की बीमारी से भी राहत मिलती है |
  • ईसबगोल की भूसी को 5 ग्राम मात्रा में हल्के गर्म पानी या उबाले हुए पानी से सेवन करने पर कब्ज ठीक होती है।
  • दस्त या डायरिया होने पर दही में ईसबगोल की भूसी मिलाकर लेने से डायरिया से राहत मिलती है
  • ईसबगोल को दूध में उबालकर भोजन से पहले सेवन करने से संग्रहणी रोग (पेचिश) में बहुत लाभ होता है।
  • ईसबगोल खाने का सही तरीका – दो चम्मच भूसी पानी के साथ होता है परंतु इसे दूध, दही और जूस के साथ भी लिया जा सकता है इसके कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं होते है | लेकिन इसको बीस से तीस मिनटों तक भिगोने के बाद सेवन करने से यह ज्यादा प्रभावकारी हो जाता है |
  • ईसबगोल को बादाम के तेल में मिलाकर लगाने से सिरदर्द में भी आराम मिलता है |
  • इसबगोल के लुआब में प्याज का रस मिलाकर, हल्का-सा गर्म करके कान में बूंद-बूंद करके डालने से कान दर्द से राहत मिलती है।
  • इसबगोल को पानी में डालकर रखें। दो घंटे बाद उस पानी को कपड़े से छानकर कुल्ले करने से मुंह के छाले ठीक होते हैं। दांत दर्द होने पर इसबगोल की भूसी को सिरके में डुबो कर दांतों पर लगाएं, आराम मिलेगा |
  • इसबगोल को 200 ग्राम मात्रा में 100 ग्राम पानी में डालकर रखें। प्रात: इस मिश्रण को मसलकर छानकर, मिसरी मिलाकर पीने से दिमागी गर्मी, गर्मियों में नाक से बहने वाला खून और पेट की जलन ठीक होती है।
  • इसबगोल की भूसी 3 ग्राम और मिसरी 10 ग्राम मिलाकर, पीसकर दूध के साथ सेवन करने से स्वप्नदोष की बीमारी से भी मुक्ति मिलती है | यह भी पढ़ें – गाजर के फायदे और 20 बेहतरीन औषधीय गुण
  • 20 ग्राम इसबगोल को रात के समय पानी में डालकर रखें। सुबह उठकर थोड़ा-सा मसलकर उसमे मिसरी मिलाकर पीने से पाइल्स की बीमारी में होने वाले रक्तस्त्राव से छुटकारा मिलता है।
  • इसबगोल मुख्यतः पेट लिए इसलिए भी लाभकारी माना जाता है क्योंकि यह आंत में मौजूद बैक्टीरीआ और दूसरे नुकसानदेह जहरीले तत्वों को भी सोख लेता है | साथ ही यह पेट की आँतों पर एक चिकनी परत भी बना देता है ।
  • हृदय रोगियों को ईसबगोल से भी बहुत अधिक फायदा पहुँचता है। आम तौर पर लोग इसे कब्ज दूर करने के लिए लेते हैं। यह घुलनशील रेशे का अच्छा स्रोत है और यह कोलेस्ट्रोल घटाता है | क्योंकि इसमें हाई फाइबर होने के कारण ये भोजन में मौजूद अतिरिक्त वसा और तेल को सोख लेता है | अखिल भारतीय आयुविज्ञान संस्थान में कुछ समय पहले किए गए अध्ययन से पता चला है कि एक माह तक रोजाना 15 ग्राम ईसबगोल का सेवन करने से कोलेस्ट्रोल में 15 प्रतिशत तक कमी की जा सकती है। ईसबगोल मधुमेह तथा अनेक तरह के कैंसर को रोकने में भी मददगार है। इसे मधुमेह में इंसुलिन के रूप में ये उपयोग किया जा सकता है | मधुमेह के रोगी इसे आटे में मिलाकर भी प्रयोग कर सकते है | अधिक जानकारी के लिए देखें यह विडियो Dr Shikha Sharma tells health benefits of Isabgol

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