हाई ब्लड प्रेशर – ह्रदय के निचले भाग के प्रकोष्ठ में संकुचन (Systole) होकर हृदय की मांसपेशियों के फैलने और सिकुड़ने के समय जो कम-ज्यादा दबाव बनता है, उसे डायस्टोलिक प्रेशर कहते हैं। सामान्य तौर पर इन दोनों के संतुलित दबाव को ही ब्लडप्रेशर के नाम से जाना जाता है।
ब्लड प्रेशर कितना होना चाहिए – एक स्वस्थ युवा का नार्मल ब्लडप्रेशर 120/80 मिमी. मरकरी होता है। सिस्टोलिक प्रेशर 120 से 150 तक तथा डायस्टोलिक प्रेशर 60 से 90 मिमी. मरकरी तक सामान्य माना जाता है। 150 से ऊपर के सिस्टोलिक और 90 मिमी. मरकरी से ऊपर डायस्टोलिक प्रेशर उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure) या हाई बीपी के नाम से जाना जाता है। ब्लडप्रेशर आयु और प्रकृति के अनुसार कम व अधिक हो सकता है। बीपी आधुनिक लाइफ स्टाइल की सबसे तेजी से फैलने वाली बीमारी बनकर उभरी है जिसे साइलेंट किलर’ भी कहा जाता है ।
हाई ब्लड प्रेशर के कारण / High Bp Causes

- हाई ब्लड प्रेशर आमतौर पर चिंता, शोक, क्रोध, भय के मनोविकारों, मानसिक तनाव व् गुर्दे की खराबी, वंशानुगत (एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में फैलने वाला रोग) से होता है |
- अगर माता या पिता को उच्च रक्तचाप की समस्या है तो इसकी काफी संभावना है की आगे चलकर उनके बच्चो को भी यह रोग हो सकता है |
- शराब व धूम्रपान के अधिक सेवन, मोटापा, बहुत ज्यादा मानसिक परिश्रम और उसके अनुपात में शारीरिक परिश्रम न करना, आदि कारणों से भी उच्च रक्तचाप का रोग पैदा होता है।
- ज्यादा नमक उपयोग करना , रक्त में चर्बी की मात्रा बढने से रक्त का गाढा होना |
- शरीर में विटामिन बी और विटामिन सी , Potassium, Calcium, और Magnesium की कमी होना |
- कम नींद लेने से ,किडनी में खराबी या Thyroid Disorders से भी हाई ब्लड प्रेशर हो सकता है
- उम्र बढने (40 से 45) के साथ साथ ह्रदय धमनिया पतली होती जाती है जिससे रक्त बहाव कम पड़ने लगता है |
- गर्भावस्था में भी रक्त चाप बढ़ जाता है परंतु यह स्थाई नहीं होता है |
- अत्यधिक दवाइयों का सेवन जैसे गर्भ निरोधक गोलिया, दर्द निवारक गोलिया भी उच्च रक्तचाप का कारण बन सकती है |
हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण : / High Bp Symptoms
- हाई ब्लड प्रेशर रोग में सिर के दोनों तरफ तेज सिर दर्द, सिर में भारीपन, चक्कर आना, थकावट महसूस करना, मानसिक और शारीरिक श्रम से अनिच्छा |
- नींद न आना, आँखों में खून उतर आना, सिर की नसों का स्पष्ट फड़कना, घबराहट, जी मिचलाना, गैस की तकलीफ, मानसिक तनाव से एकाग्रता का अभाव, सीने में दर्द, हाथ-पैर में झुनझुनी पैदा होना, लकवा लगना, बेहोश होकर अचेत पड़े रहना, चेहरा तमतमाया हुआ रहना, नाक से रक्तस्राव, सांस लेने में तकलीफ मानो दमा हुआ हो आदि लक्षण देखने को मिलते हैं।
- हाई ब्लड प्रेशर होने पर सीने में दर्द या भारीपन, सांस लेने में परेशानी, अचानक घबराहट, समझने या बोलने में कठिनाई, चहरे, बांह या पैरो में अचानक सुन्नपन |
- यह रोग आजीवन चलता रहता है। इलाज न कराने पर हार्ट अटैक, पक्षाघात, दिमागी नस फटना, ब्रेन हैमरेज ,गुर्दो की खराबी या आकस्मिक मौत का कारण भी बन सकता है।
- अगर आपको थोड़े से शरीरिक परिश्रम से ज्यादा साँस चढ़ते है ज्यादा घबराहट और पसीना आता है तो टीएमटी, ईको जैसी जांच करवा लेनी चाहिए |
उच्च रक्तचाप के लिए आहार / High Blood Pressure Diet
- हाई ब्लड प्रेशर होने पर आपको जल्द हजम होने वाला हल्का भोजन, सादा, उचित मात्रा में करें।
- नियमित रूप से भोजन के बाद छाछ या बिना क्रीम वाली दही का सेवन करें।
- युवावस्था में हाई ब्लड प्रेशर रोग होने पर सोयाबीन को रात में भिगोकर, सुबह उसका छिलका निकाल कर सुखा लें। 9 किलो गेहूं में एक किलो यह सोयाबीन मिलाकर पिसवा लें। इसकी चोकर सहित बनी रोटियां सुबह-शाम खाएं।
- फलों में सेब, पपीता, आंवला, ककड़ी, बेल, खजूर, मुनक्का, संतरा, केला आदि का सेवन करें।
- सब्जियों में अरबी , प्याज , लहसुन, अदरक ,आलू, टिंडा, लौकी, पुदीना, ताज़ा हरी सब्जियां, चौलाई, कद्दू, पत्ता गोभी, कच्चा दूध, दही पनीर, काबुली चना ,राजमा, मक्का, ज्वार, अंकुरित अनाज, और शकरकंद, एवोकैडो, पालक, फलियां (बींस), शहद का सेवन इच्छानुसार करें।
- गेहूं व चने के आटे को बराबर की मात्रा में मिलाकर बनाई रोटी खूब चबा-चबा कर खाएं।
- लहसुन में पाया जाने वाला एडीनोसीन नामक तत्व मांसपेशियों को ढीला कर रक्त नलिकाओं को फैलाने में मदद करता है, अत: प्रतिदिन इसकी 3-4 कलियां छीलकर चबा लें और गुनगुने पानी से निगल जाएं। इससे रक्त में कोलेस्ट्रोल की मात्रा भी कम होगी ।
- रात के समय तांबे के पात्र में रखा हुआ पानी प्रात: समय पीने से उच्च रक्तचाप कम होता है तथा इसके नियंत्रण में सहायता मिलती है।
- प्रतिदिन दो सेब खाएं उच्च रक्तचाप में सेब खाने से जल्दी जल्दी पेशाब आता है जिससे शरीर में से सोडियम निकल जाता है |
- पानी में निम्बू निचोड़कर दिन में कई बार पियें | दिल की बीमारी से बचाव के उपाय-Heart Disease Prevention.
- Normal Bp रखने के लिए सुबह खाली पेट पपीता खाएं |
- तरबूज के बीज छाँव में सुखाकर, पानी में रातभर भिगो दे सुबह उसकी गिरी में समान मात्रा में खसखस मिलाकर लगातार दिन में दो तीन बार लेने से रक्तचाप में कमी आती है |
हाई ब्लड प्रेशर में क्या नहीं खाना चाहिए
- रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए अधिक तेज मिर्च-मसालों से बने गरिष्ठ भोजन, तली चीजें, अधिक मात्रा में भोजन, ठंडा और बासी भोजन न खाएं। जाने डायबिटीज़ के 10 शुरुआती लक्षण
- मांस, मछली, अंडा, चाय, कॉफी, शराब, व अन्य नशीले पदार्थ जैसे तंबाकू, सिगरेट, गुटखा का सेवन छोड़ दें।
- रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए चीनी, मैदा, ब्रेड,जंक फ़ूड आदि ना खाएं
- मलाई युक्त दूध, मक्खन, नमक से परहेज करें।
हाई ब्लड प्रेशर से कैसे बचें
- शारीरिक परिश्रम बिल्कुल न छोड़कर नियमित रूप से व्यायाम करें।
- मोटापा न बढ़े, इसके लिए सुबह 4-5 किलोमीटर सामान्य गति से घूमने जाएं। देखें यह पोस्ट जॉगिंग करें फिट रहें Jogging Tips.
- योगाभ्यास में शवासन नियमित करें, ताकि शांति और ताजगी मिले।
- समय-समय पर विश्राम व मनोरंजन करें। तनाव रहित, प्रसन्न व शांत रहने का प्रयत्न करें।
- कब्ज न होने दें। अपना पेट साफ रखें।
- रुद्राक्ष की माला धारण करें। पंचमुखी रुद्राक्ष विशेष तौर पर उच्च रक्तचाप में लाभप्रद है। पंचमुखी रुद्राक्ष रक्तवाहिनियों के कठोर ओर मोटा होने की दिशा में भी लाभकर है। याद रहे कि रुद्राक्ष धारण करने पर इसका त्वचा से स्पर्श करते रहना बहुत जरुरी है।
- यदि कोई व्यक्ति बायां (Left) स्वर (यानि बाई ओर के नासिका छिद्र से) निरंतर आधे घंटे तक सांस चलाए तो उच्च रक्तचाप कम हो जाता है। यह भी अवश्य पढ़ें –उच्च रक्तचाप की आयुर्वेदिक दवा तथा हाई बी.पी के लिए घरेलू इलाज
उच्च रक्तचाप दूर भगाने के लिए
- रात्रि जागरण न करें।
- नमक ब्लड प्रेशर बढाने वाला प्रमुख कारण है इसलिए तीन ग्राम से ज्यादा नमक न लें।
- चिंता, क्रोध, ईष्या, शोक, भय, मानसिक तनाव पैदा करने वाले कार्यों से बचें।
- चर्बी और कोलेस्ट्रोल बढ़ाने वाला भोजन न करें।
सवाल : क्या सेंधा नमक खाने से ब्लड प्रेशर कम हो जाता है?
जवाब : नहीं। सेंधा नमक में भी आम नमक की तरह सोडियम क्लोराइड ही होता है। दोनों में फर्क सिर्फ इतना है कि सेंधा नमक समुद्र के पानी को सुखा कर नहीं बनाया जाता, बल्कि उसकी खाने और शिलाएं होती हैं जिनसे उसे खोदकर निकाला जाता है। ये खाने और शिलाएं कुछ खास भौगोलिक क्षेत्रों में कुदरतन पाई जाती हैं।
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मेरा बीपी 95/122 रहता है क्या दवा लेना चाहिए
महिवाल जी,
यदि आपको कोई ह्रदय रोग नहीं है और अस्थाई कारणों जैसे तनाव से बी.पी बढ़ा था तो आप अपने डॉक्टर से पूछ कर दवा छोड़ सकते है | अगर आपको हाई बी.पी की बीमारी है तो उम्र भर आपको दवा का सेवन करना पड़ेगा | इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए पढ़े यह पोस्ट – http://healthbeautytips.co.in/high-blood-pressure-ka-desi-gharelu-ayurvedic-ilaj/
Ajay mithas..
मेरा bp 93/122 है उम्र 34 है।कुछ तनाब ओर परेसानी भी है।रात को दिल घबराता है।अंधेरे में डर लगता है।हर बुक्त घबराहट सी होती है।डॉक्टर ने कहा कि सब टेंशन की बजह से है।मुजे क्या करना चाहिए।plz suzestion
अजय जी,
ये angiety के लक्षण लगते है अक्सर मानसिक तनाव में ऐसा महसूस होता है | आप चाहे तो किसी मनोचिकित्सक के मिलकर अपना इलाज शुरू करवा सकते है जल्द ही आप स्वस्थ हो जायेंगे, आजकल के भाग दौड़ भरे जीवन में मानसिक तनाव से घिरना सामान्य सी बात है | ये तीन आर्टिकल पढ़े इसमें इस विषय पर विस्तार से बताया गया है |
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http://healthbeautytips.co.in/mansik-rog-ke-lakshan-karan-types/
मेरा बी .पी 126-89 है उम्र 43 है सलाह दे
अजय कुमार जी आपकी उम्र के हिसाब से ये एकदम ठीक है !!
Mera age 27 hai mera bp 130 se Kam nahi ho Raha aur let me Dard hai kya karu