पेट के रोगों को ठीक करने के लिए गाजर के नुस्खे – गाजर एक गुणकारी वनस्पति है इसके कुछ औषधीय गुणों को हमने अपने पिछले पोस्ट में बताया था क्योंकि एक ही आर्टिकल में इसके सभी गुणों को बताना बहुत कठिन है इसलिए हम अलग-अलग पोस्ट में गाजर के औषधीय उपयोग तथा इसके नुस्खो को विस्तार से बतायेंगे ।
अधिकांश परिवारों में गाजर को सब्जी के रूप में उपयोग किया जाता है। गाजर के स्वास्थ्यवर्द्धक गुणों से परिचित होने के बाद आजकल सभी घरों की डायनिंग टेबल पर ताजी, लाल गाजरें दिखाई देने लगी हैं। गाजर को सलाद के रूप में भी अधिकांश परिवारों में इस्तेमाल किया जाता है। #Carrot #home #remedies for #Acidity #flatulence #Indigestion and #anorexia #treatment
गाजर का वानस्पतिक परिचय
प्याज, मूली, शलजम की तरह गाजर भी एक सब्जी है। सर्दियों में गाजर बाजार में आ जाती है। जनवरी से फरवरी तक बाजारों में गाजरें पूरी तरह से उपलब्ध होती हैं। अक्सर पाचन खराब होने पर पेट के रोगों जाते है। अनियमित भोजन करने और अधिक चटपटा, स्वादिष्ट, मिर्च-मसालों के खाद्य पदार्थों से पाचन क्रिया खराब होती है। अधिक मात्रा में तेल घी वाले व्यंजन खाने से भी पाचन क्रिया खराब होती हैं।
कुछ लोगो की हर समय कुछ-न-कुछ खाने पीने की आदत होती है। ज्यादा खाने उसकी पाचन क्रिया पूरी तरह काम नहीं कर पाती और बदहजमी यानि अपचन की समस्या पैदा हो जाती है। पाचन क्रिया खराब होने से पेट खराब, प्लीहा वृद्धि, बदहजमी, अफारा, दस्त, एसिडिटी, खून की कमी, सिरदर्द और अनिद्रा जैसे रोग शरीर को घेर लेते है। पेट के सभी रोगों में गाजर के सेवन से बहुत लाभ होता है। गाजर के सेवन से पाचन क्रिया ठीक होती है। गाजर खाने व उसका जूस पीने से शरीर को ताकत मिलती है। शारीरिक कमजोरी दूर होती है। गाजर में अनेक गुणकारी खनिज तत्व, लवण और विटामिन होते हैं जो शरीर को बहुत लाभ पहुंचाते हैं। तो आइये जानते है गाजर के कुछ घरेलू नुस्खे पेट के रोगों को ठीक करने के लिए |
बदहजमी (Indigestion)
बदहजमी भी बहुत परेशानी का कारण बन जाती है। बदहजमी के चलते कुछ खाने की इच्छा नहीं होती है। कुछ खा लेने से पाचन क्रिया पूरी नहीं हो पाती है।
अधपका आहार खाने से से अक्सर बदहजमी की बीमारी हो जाती है इसके कुछ लक्षण इस प्रकार है अधिक प्यास, उलटी, जी मिचलाना, शरीर में भारीपन, हाथ-पांव में दर्द आदि होते हैं।
बदहजमी दूर करने के लिए गाजर के नुस्खे

- गाजर के 100 ग्राम रस में 10 ग्राम शहद मिलाकर पीने से बदहजमी की समस्या ठीक होती है।
- बदहजमी की बीमारी पाचन क्रिया की कमजोरी की वजह से होती है। इसलिए रोजाना गाजर, मूली, खीरा और प्याज का सलाद बनाकर, नींबू का रस, सेंधा नमक मिलाकर खाने से पाचन शक्ति मजबूत होने से बदहजमी भी ठीक होती है।
- गाजर का रस भोजन को पचाने में बहुत सहायता करता है। गाजर का रस 200 ग्राम और संतरे का रस 100 ग्राम मिलाकर पीने से बदहजमी रोग ठीक होता है।
- गाजर के रस के साथ अनन्नास का रस मिलाकर पीने से बदहजमी रोग में इस गाजर के नुस्खे से अरुचि की दोनों बीमारियों में बहुत लाभ होता है।
- गाजर के 200 ग्राम रस में सेंधा नमक व सोंठ का पाउडर मिलाकर रोजाना पीने से बदहजमी दूर होती है।
- गाजर के जूस में कालीमिर्च का पाउडर, सेंधा नमक, दालचीनी का पाउडर और नींबू का रस मिलाकर पीने से बदहजमी से जल्द ही छुटकारा मिलता है। दिन में दो-तीन बार इस नुस्खे को प्रयोग करें। और अधिक घरेलू उपाय जानने के लिए पढ़ें यह पोस्ट – बदहजमी : कारण और इलाज के 13 घरेलू उपाय
अम्लपित्त (एसिडिटी )
एसिडिटी होने पर प्रभावित व्यक्ति के गले और छाती में इतनी तेज जलन होती है कि रोगी परेशान हो जाता है। इस बीमारी में बार-बार खट्टी डकारें आती है जो परेशानी का सबब बन जाती है। खाना खाने के कुछ देर बाद ही खट्टी डकारें शुरू हो जाती हैं। बार-बार पेट का एसिड गले में आने से बहुत जलन होती है। जल्दी ही रोगी के पेट में गैस बनने लगती है। सिर में दर्द और हाथ-पांव में जलन की समस्या होती है।
एसिडिटी अक्सर अधिक खट्टी-मीठी, चटपटी और तेज मिर्च-मसालों से बने व्यंजनों के सेवन से होती है। मछली व दूध, घी और शहद आदि प्रकृति विरुद्ध आहार तथा खाली पेट चाय या कॉफ़ी पीने से शरीर में पित्त की बढने से अम्लपित की समस्या होती है।
एसिडिटी दूर करने के लिए गाजर के नुस्खे
- एसिडिटी की समस्या से मुक्ति पाने के लिए सबसे पहले चटपटे, तेज मिर्च-मसालों वाला खाना तुरंत बंद कर देना चाहिए।
- गाजर के 100 ग्राम रस में त्रिफला का 3 ग्राम चूर्ण मिलाकर सेवन करने से इस गाजर के नुस्खे से एसिडिटी से राहत मिलती है |
- अम्लपित्त से राहत के लिए गाजर के 200 ग्राम रस में पालक का 50 ग्राम रस मिलाकर पियें |
- एसिडिटी दूर करने के लिए गाजर और संतरे या मौसमी के रस को मिलाकर पियें |
- और अधिक घरेलू उपाय जानने के लिए पढ़ें यह पोस्ट – Acidity होने के कारण, लक्षण तथा घरेलू उपचार
अफरा
पेट में गैस इकट्ठी होने पर जब उसको बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं मिलता है तो इस खराब गैस से पेट फूलने लगता है। पेट फूलने की इस बीमारी को अफारा कहा जाता है। प्राय: कब्ज के कारण ही अफारा होता है। कई बार यह गैस सिर में पहुंचकर मरीज के सिर में दर्द और चक्कर आने का कारण भी बन जाती है | ऐसा होने से प्रभावित व्यक्ति को बहुत घबराहट होती है।
अफरा दूर करने के लिए गाजर के नुस्खे
- गाजर के रस में आधा चम्मच खाने वाला सोडा मिलाकर पियें, गाजर के नुस्खे से अफारे से राहत मिलती है।
- गाजर के रस में नींबू का रस और अदरक का रस मिलाकर पीने से अफारा ठीक होता है।
- गाजर के 100 ग्राम रस में प्याज का 10 ग्राम रस और थोड़ा-सा सेंधा नमक मिलाकर पीने से कुछ ही मिनटों में अफारा गायब हो जाता है।
- गाजर के 100 ग्राम रस में अदरक व पोदीने का 5-5 ग्राम रस और थोड़ा-सा सेंधा नमक मिलाकर सेवन करने से अफारा तुरंत ठीक होता है। तथा उलटी और जी मिचलाना भी बंद होता है। और अधिक घरेलू उपाय जानने के लिए पढ़ें यह पोस्ट – अफारा और पेट फूलने की समस्या से पाएं मिनटों में छुटकारा
अरुचि
- पाचन क्रिया की खराबी से भोजन में अरुचि हो जाती हैं। और भूख नहीं लगती है । ऐसे में कुछ खाने की कोशिश करें तो खाना स्वादिष्ट नहीं लगता है ।
- लक्षण : खाने में अरुचि होने पर प्रभावित व्यक्ति को कुछ भी खाने की इच्छा नहीं होती। हर समय उसका पेट भरा-भरा रहता है। कुछ लोगो को बार-बार खट्टी डकारें भी आती हैं, जबकि कुछ रोगियों का जी मिचलाता है।
अरुचि दूर करने के लिए गाजर के नुस्खे
- गाजर के सलाद की तरह टुकड़े काटकर, उसमें नींबू का रस अदरक के बारीक कतरे, सेंधा नमक, जीरा और पोदीना मिलाकर चटनी बनाकर खाने से भी भूख खुलकर लगती है।
- गाजर के रस में चुकंदर का रस मिलाकर पीने से भूख खुलकर लगती है।
- गाजर और संतरे का रस 100-100 ग्राम मात्रा में मिलाकर पीने से अरुचि ठीक होती है। स्वादिष्ट बनाने के लिए दोनों के रस में नींबू, अदरक और टमाटर का रस भी मिला सकते हैं। इस गाजर के नुस्खे से भोजन की अरुचि दूर होती है |
- गाजर का अचार बनाकर खाने से भी खाने का स्वाद बढ़ता है।
- गाजर के रस में नींबू का रस और सेंधा नमक मिलाकर पीने से खाने से विरुचि खत्म होती है।
- गाजर, मूली, खीरा, और प्याज का सलाद बनाकर नींबू का रस व सेंधा नमक मिलाकर खाने से भूख खुलकर लगती है।
- गाजर की कांजी बनाकर दिन में कई बार पीने से पाचन क्रिया संतुलित होने पर अरुचि ठीक होती है। जानिए गाजर की कांजी बनाने की विधि