डायबिटीज उपचार के लिए आयुर्वेदिक उपाय

डायबिटीज का घरेलू उपचार – मधुमेह रोग अधिक पैौष्टिक भोजन करने, अधिक गुड़, शक्कर, चीनी व मिठाइयाँ खाने वाले व्यक्ति जब शारीरिक श्रम नहीं करते हैं तो मधुमेह रोग से पीड़ित हो जाते हैं। इस रोग में रोगी की आँखों की रौशनी कम हो जाती है। उच्च रक्तचाप अधिक हो जाता है। इस रोग में किडनी पर बहुत हानिकारक प्रभाव पड़ता है। मधुमेह रोग का शुरू में कुछ पता नहीं चलता है, लेकिन जब शारीरिक कमजोरी बढ़ने लगती है और शरीर के विभिन्न अंगों में खुजली और चींटियां रेंगने जैसा महसूस होने लगता है | मधुमेह रोग में रोगी को अधिक प्यास लगती है। रोगी बार-बार पेशाब के लिए जाता है। शुगर की बीमारी का इलाज सही खानपान के द्वारा इसके नियन्त्रण में ही होता है |

फिर भी मधुमेह के इलाज के लिए कुछ देसी नुस्खे बहुत फायदेमंद होते हैं। परंतु इनमें से किसी को भी आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से राय अवश्य लें और रक्त में शुगर की जांच नियमित कराते रहना चाहिए।

डायबिटीज का घरेलू उपचार 25 आयुर्वेदिक नुस्खे

Diabetes sugar ka ayurvedic ghrelu desi upchar / मधुमेह का घरेलू उपचार - शुगर का घरेलू इलाज इन हिंदी – शुगर का आयुर्वेदिक इलाज शुगर की बीमारी का इलाज - - - डायबिटीज का घरेलू उपचार
मधुमेह का आयुर्वेदिक इलाज
  • जामुन से डायबिटीज का घरेलू उपचार: शुगर के उपचार में जामुन एक पारंपरिक औषधि है। मौसम के अनुरूप जामुन का सेवन शुगर की दवा के रूप में खूब करना चाहिए। इसके बीजों में जाम्बोलिन नामक तत्व पाया जाता है, जो स्टार्च को शर्करा में बदलने से रोकता है। जामुन की गुठली का बारीक पाउडर बनाकर रख लेना चाहिए। दिन में दो-तीन बार, तीन ग्राम की मात्रा में पानी के साथ सेवन करने से शुगर की मात्रा कम हो जाती है।
  • जामुन की गुठली का पाउडर और सूखे करेलों का पाउडर बराबर मात्रा में मिलाकर रखें। प्रतिदिन 3 ग्राम पाउडर सुबह और शाम पानी के साथ सेवन करें।
  • जामुन की गुठली का पाउडर 3 ग्राम और गुड़मार वटी का पाउडर 3 ग्राम मिलाकर पानी के साथ सेवन करने से मधुमेह में बहुत लाभ होता है।
  • करेले से डायबिटीज का घरेलू उपचार : करेले को मधुमेह की औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। इसका कड़वा रस शुगर की मात्रा कम करता है। मधुमेह के रोगी को इसका पांच ग्राम रस रोज़ पीना चाहिए। अभी-अभी नए शोधों के अनुसार उबले करेले का पानी मधुमेह नियंत्रण कर सकता है। 50 ग्राम करेलों को 100 मि.ली पानी में उबालकर पीने से मधुमेह में बहुत लाभ होता है।
  • करेले के 10 ग्राम रस में शुद्ध शहद मिलाकर प्रतिदिन सेवन करने से मधुमेह नियन्त्रण होता है |
  • करेले और सफेद कद्दू का 20-30 मि.ली. रस खाली पेट लेना चाहिए। Read More – करेले के जूस के 21 फायदे |
  • मेथी दाने से डायबिटीज का घरेलू उपचार: मधुमेह के उपचार के लिए मैथीदाने के प्रयोग की भी बहुत चर्चा है। दवा कपनियां मैथी के पाउडर को बाजार तक में ले आई हैं। इससे पुराना मधुमेह भी नियंत्रित हो जाता है। मैथी दानों का पाउडर बनाकर रख लीजिए। रोजाना सुबह खाली पेट दो टी-स्पून पाउडर पानी के साथ लीजिए। इसके अलावा मैथी के दाने 6 ग्राम लेकर कूट लें। शाम को 250 मि.ली पानी में भिगो दें। सुबह इसे खूब घोटें व कपड़े से छानकर लेने से मधुमेह के इलाज में सहायक होता है। कुछ दिनों में आप इसकी अद्भुत क्षमता देखकर चकित रह जाएंगे ।
  • सदाबहार के फूलों से डायबिटीज का घरेलू उपचार : सदाबहार के कोमल ताजे 5 पत्ते सुबह सेवन करने से मधुमेह में बहुत लाभ होता है।
  • आंवले से डायबिटीज का घरेलू उपचार – आंवले का रस 10 ग्राम, हल्दी 1 ग्राम और शहद (Honey) 3 ग्राम मिलाकर सेवन करने से मधुमेह में लाभ होता है।
  • ताजे आंवले के 5 ग्राम रस में थोड़ा-सा शहद मिलाकर रोजाना प्रात:काल के समय सेवन करने से मधुमेह रोगी को लाभ होता है।
  • आंवले का रस चार चम्मच, गुड़मार की पत्ती का काढ़ा सुबह-शाम लेना भी मधुमेह नियंत्रण के लिए सहायक होता है।
  • चने और जौ के आटे की बनी रोटी खाने से मधुमेह रोगी को लाभ होता है। ज्यादा फाइबर होने से पाचन क्रिया सरलता से होती है।
  • नीम से डायबिटीज का घरेलू उपचार – प्रतिदिन नीम के गुलाबी कोमल कोपले चबाकर रस चूसने से मधुमेह रोग में बहुत लाभ होता है।
  • आयुर्वेद में डायबिटीज का उपाय – अश्वगंधा, वायबिडंग और अनार का छिलका तीनों बराबर मात्रा में लेकर, कूट-पीसकर पाउडर बनाकर रखें। प्रतिदिन 5 ग्राम पाउडर पानी के साथ सुबह-शाम सेवन करने से मधुमेह रोग में नियंत्रण होता है।
  • 3 ग्राम शुद्ध शिलाजीत प्रतिदिन दूध में मिलाकर सेवन करने से मधुमेह रोग में बहुत लाभ होता है।
  • गेहूं के ज्वारे से डायबिटीज का घरेलू उपचार : गेहूं के पौधों में रोग नाशक गुण विद्यमान है। गेहूं के छोटे-छोटे पौधों का रस असाध्य बीमारियों को भी जड़ से मिटा डालता है। इसका रस मनुष्य के रक्त से चालीस फीसदी मेल खाता है। इसे ग्रीन ब्लड के नाम से पुकारा जाता है। जवारे का ताजा रस रोज सुबह-शाम इसका सेवन आधा कप की मात्रा में करें।
  • करी पत्ते से डायबिटीज का घरेलू उपचार : शोध से पता चलता है कि करी पत्ता ग्लूकोज़ की मात्रा में नियंत्रण पाने में मदद करता है।
  • बेल : बेल के ताजे हरे पत्तों का रस 2 चम्मच सुबह-शाम पीना चाहिए। यह रस मिक्सर या ज्यूसर में पत्ते डालकर निकाला जा सकता है या सिल पर पानी के छींटे मारकर कूट-पीसकर मोटे कपड़े से निचोड़ कर निकाला जा सकता है। यह मधुमेह जैसी बीमारियों के इलाज में बहुत गुणकारी है।
  • पलाश (ढाका) के फूल से डायबिटीज का घरेलू उपचार: पलाश के फूलों का रस आधा-आधा चम्मच सुबह-शाम पीना चाहिए।
  • मधुमेह दमन पाउडर : गुडमार 80 ग्राम, बिनोले की मींगी और जामुन की गुठली 40-40 ग्राम, बेल के सूखे पत्ते 60 ग्राम, नीम की सूखी पत्तियां 20 ग्राम। सबको कूट-पीसकर महीन पाउडर बना लें। इसे आधा-आधा चम्मच मात्रा में सुबह-शाम भोजन करने से पहले ठंडे पानी के साथ लेना चाहिए। यह उपचार लिवर और पैंक्रियाज को बल प्रदान कर उनके विकार नष्ट करता है यह मधुमेह दमन पाउडर के नाम से बना-बनाया बाजार में भी मिलता है। यह भी शुगर का देसी आयुर्वेदिक इलाज है |
  • हल्दी : पिसी हल्दी आधा चम्मच और सूखे आंवले का पाउडर 1 चम्मच सुबह-शाम पानी के साथ सेवन करते रहने से पैंक्रियाज (अग्नाशय) को बल मिलता है जिससे इंसुलिन नामक हार्मोन उचित मात्रा में बनता रहता है| देखें यह पोस्ट – 19 सूपर फ़ूड : डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए |
  • गिलोय की बेल से डायबिटीज का घरेलू उपचार : गिलोय की बेल पूरे भारत में पाई जाती है। औषधि के रूप में इसके तने तथा पत्तों का प्रयोग किया जाता है। ग्लूकोज़ टोलरेंस तथा एड्रीनेलिनजन्य हाइपर ग्लाइसीमिया के उपचार में गिलोय आश्चर्यजनक परिणाम देती है। इसके प्रयोग से रक्त में शर्करा का स्तर नीचे आता है। मधुमेह के दौरान होने वाले विभिन्न संक्रमणों के उपचार में भी गिलोय का प्रयोग किया जाता है।

डायबिटीज का घरेलू उपचार के लिए फल सब्जियां  :

  • नियमित रूप से दो चम्मच नीम का रस, केले के पत्ते का रस चार चम्मच सुबह-शाम लेना चाहिए।
  • नींबू : मधुमेह के मरीज को प्यास अधिक लगती है। अत: बार-बार प्यास लगने की अवस्था में नींबू (Lemon) निचोड़कर पीने से प्यास की अधिकता शांत होती है। क्या आप भी शुगर फ्री गोलियों का उपयोग करते है ? तो यह पोस्ट जरुर पढ़ें |
  • खीरा : मधुमेह मरीजों को भूख से थोड़ा कम तथा हल्का भोजन लेने की सलाह दी जाती है। ऐसे में बार-बार भूख महसूस होती है। इस स्थिति में खीरा खाकर भूख मिटाना चाहिए।
  • गाजर–पालक : इन रोगियो को गाजर-पालक का रस मिलाकर पीना चाहिए। इससे आखों की कमज़ोरी दूर होती है और शुगर कम करने के उपाय के रूप में प्रयोग कर सकते हैं। यह भी पढ़ें – डायबिटीज से जुड़े 30 आम भ्रम और गलतफहमियां
  • शलजम : मधुमेह के रोगी को तोरई, परमल, पालक, पपीता आदि का प्रयोग ज्यादा करना चाहिए। शलजम के प्रयोग में भी रक्त में शुगर कम होने लगती है। अत: शलजम की सब्जी, परांठे, सलाद आदि चीजें स्वाद बदल-बदल कर ले सकते हैं।
  • मोटा अनाज : मोटे अनाज न सिर्फ स्वास्थ्य के लिए बेहतर हैं बल्कि इनके इस्तेमाल से दिल की बीमारी, शुगर कम करने के उपाय, कैल्शियम की कमी और कई तरह की बिमारियों को ठीक करने में सहायक है | धान की अपेक्षा छोटे खाद्यान्न जैसे मडुआ, कोदो, सावां तथा कुटकी आदि की पौष्टिकता अधिक है। इस संबंध में अनुसंधान में पाया गया है कि परंपरागत तौर से रसोईघर से बाहर कर दिए गए मोटे अनाज दिल की बीमारी, मधुमेह तथा डियोडिनम अल्सर से लड़ने में सहायक हैं।
  • डायबिटीज के उपचार हेतू पतंजलि आयुर्वेद की दिव्य मधुनाशिनी वटी के लाभ
  • जिनसैग (Ginseng Herb) – चीनी जड़ी-बूटी : चीन की एक जड़ी-बूटी जिनसैग मधुमेह और मोटापे के इलाज में उपयोगी हो सकती है।
  • आयुर्वेद के अनुसार मधुमेह रोगियों को इन चीजो का मुख्य रूप से सेवन करना चाहिए- हल्दी, शिलाजीत, आंवला, जामुन, गिलोय, गुडमार, ,करेला, नीम, आंवला, चिरायत, बेलफल, मैथी (Fenugreek seeds WebMD – American corporation’s online publisher of news and information pertaining to human health.

स्रोत (Reference) – इस पोस्ट के कुछ हिस्से Dr. Sudhir Jain and Shashi bhushan Shalbh (Bhartiya Chikitsa Bhavan, New Delhi ) तथा पतंजलि आयुर्वेद द्वारा लिखित आर्टिकल से लिए गए है |

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