गर्भावस्था में त्वचा और बालों की देखभाल के लिए टिप्स

गर्भावस्था में अधिकांश महिलाओं की त्वचा पहले से अधिक चिकनी, चमकदार और साफ हो जाती है, पर कुछ महिलाओं को गर्भधारण के फ़ौरन बाद ही त्वचा की कई समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं। उनकी त्वचा तैलीय या रूखी हो जाती है। ऐसी हालत में त्वचा की चिकनाहट, नमी और ताजगी बनी रहे, इसका उपाय करना जरूरी हो जाता है। रात में सोने से पहले और सुबह सोकर उठने के बाद अपनी त्वचा की देखभाल इस प्रकार करें |

गर्भावस्था में बनाये रखें अपने आप को खूबसूरत ऐसे करें त्वचा की देखभाल 

Skin Problems During Pregnancy

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गर्भावस्था में त्वचा और बालों की देखभाल के लिए टिप्स
  • हमेशा सोने से पहले मेकअप उतार लें। ऐसा न करने से त्वचा के छिद्र बंद हो जाते हैं, जिससे उस पर दाग-धब्बे पड़ जाते हैं।
  • हर रोज रात को चेहरे को अच्छी तरह Cleansing करें, ताकि उस पर मेकअप का कोई निशान, मैल, धूल आदि न रह जाए।
  • सुबह मेकअप करने से पहले क्लीज करें, ताकि आपकी त्वचा तरो-ताजा, साफ-सुथरी और चिपचिपाहट रहित रहे।
  • क्लॉजिंग के बाद हल्का टोनर या फ्रेशनर इस्तेमाल करें, ताकि त्वचा के रोमछिद्र बंद हो जाएं और क्लींजर का निशान न रहे। इससे आपकी त्वचा स्वच्छ रहेगी।
  • गर्भावस्था में त्वचा के रूखेपन को रोकने के लिए व उसे नम और चिकनी बनाए रखने के लिए मॉइस्चराइजर का प्रयोग करें। इससे आपकी त्वचा पर झुर्रियां नहीं पड़ेंगी और वह जवां दिखाई देगी। यह सच है कि आप अपनी त्वचा की नमी को बढ़ा नहीं सकतीं, पर आप उसकी कुदरती नमी को बनाए रख सकती हैं।
  • अपनी त्वचा के अनुरूप प्रसाधन चुनें और जरूरी हो तो गर्भावस्था के दौरान अपनी त्वचा के अनुसार उन्हें बदलें। यहां यह ध्यान रखना जरूरी है कि गर्भावस्था के दौरान पूरे नौ महीने आपकी त्वचा एक जैसी नहीं रहती, इसलिए उसमें आए बदलाव के अनुसार आप अपनी क्रीम भी बदलती रहें।
  • कई महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान शरीर, टाँगों में दर्द की शिकायत रहती है, जिसकी वजह से उन्हें नींद में लेने में तकलीफ होती है । ऐसी स्थिति में सोने से पहले सिर या शरीर की मालिश काफी फायदेमंद होती है |
  • गर्भावस्था के दौरान पड़ने वाली झाइयों से बचने के लिए अपने खानपान व त्वचा की देखभाल की तरफ ध्यान दें। झाइयों को स्थायी रूप से ठीक करने के लिए लेजर ट्रीटमेंट और गैल्वेनिक ट्रीटमेंट उपलब्ध हैं। किसी अच्छी हर्बल डीपिगमेंटेशन क्रीम का नियमित रूप से इस्तेमाल करें। झाइयों के घरेलू इलाज के लिए पढ़ें यह पोस्ट –झाइयां दूर करने के घरेलू उपाय  |
  • गर्भावस्था में पड़ने वाले Stretch Marks से बचने के लिए गर्भ के चौथे महीने से व्हीट जर्म ऑयल (Wheat Germ Oil) पेट व पेडू पर हल्के हाथों से लगाएं तो स्ट्रेच माक्र्स नहीं होंगे।
  • विटामिन ‘ई’ ऑयल की नियमित मालिश से भी लाभ होगा।
  • एक चम्मच पानी में घुला हुआ रसौत (एक प्रकार की औषधि), एक चम्मच शहद, एक चम्मच मुल्तानी मिट्टी तथा एक चुटकी कपूर को मिलाकर चेहरे पर लगाने से झाइयां समाप्त होती हैं।
  • गर्भवती महिलाओं के हार्मोन में अनेक उतार-चढ़ाव होते हैं जो उनकी त्वचा को संवेदनशील बनाते हैं। परिणामस्वरूप, उनकी त्वचा पर काली और पिग्मेंटेशन होने का खतरा बढ़ जाता है।
  • कुछ महिलाओं, खासकर वे जो ठंडी जगहों पर रहती हैं उनमें गर्भावस्था में ज्यादा हारमोन बनने से पैरों में अस्थायी तौर पर दाग हो जाते हैं या त्वचा का रंग खराब हो जाता है। आमतौर पर यह बच्चे के जन्म के बाद ठीक हो जाता है।
  • गर्भावस्था में त्वचा संबंधी कई समस्याएं गलत आहार और सही देखभाल न करने की वजह से पैदा होती हैं। गर्भावस्था के दौरान भोजन में पर्याप्त ताजे फल, तरकारियां, साबुत अनाज, वनस्पति तेल, सेम, दालें, अंडा, दूध, पनीर, मछली आदि को शामिल करना चाहिए। रेशेदार पदार्थ आपके शरीर के अंदर से विषाक्त पदार्थों को निकाल देते हैं, जिससे आपकी त्वचा की रंगत साफ हो जाती है। दिन में कम-से-कम 6-7 गिलास पानी जरूर पीना चाहिए। इससे भी त्वचा का रंग साफ होता है।
  • आप जो भोजन करती हैं, उसका सीधा असर आपकी त्वचा पर पड़ता है। (त्वचा आपके आंतरिक स्वास्थ्य को दर्शाती है। पढ़ें यह पोस्ट चमकती त्वचा के लिए लीजिये ये सेहतमंद आहार |
  • मुस्कराइए और खुश रहिए। वर्षों पुरानी मान्यता है कि मुस्कराने से चेहरे की मांसपेशियों का व्यायाम होता है। खुशी से शरीर केअंदर का रक्त प्रवाह बढ़ता है और इस तरह शरीर स्वस्थ और त्वचा खिली-खिली लगती है।

गर्भावस्था में स्वस्थ और सुंदर त्वचा के लिए ये विटामिन लेना है बहुत जरूरी

Skin Care Tips during Pregnancy

  • विटामिन ‘ए’ : इसकी कमी से त्वचा रूखी हो जाती है, उसमें धारियां पड़ जाती हैं और त्वचा के छिद्र बड़े हो जाते हैं। पीले फल, सब्जियां, गाजर, हरी पत्तेदार तरकारियां, मछली का तेल, अंडे और कलेजी विटामिन ‘ए’ के अच्छे स्रोत हैं।
  • विटामिन ‘बी’ : विटामिन ‘बी’ त्वचा में रक्त प्रवाह बढ़ाता है और अतिरिक्त चिकनाहट को कम करता है। ऐसा पाया गया है कि त्वचा की अधिकांश समस्याओं की जड़ विटामिन ‘बी’ की कमी होती है। साबुत अनाज, कलेजी, हरी पत्तेदार सब्जियां, मछली, अंडा आदि विटामिन ‘बी’ के अच्छे स्रोत हैं।
  • विटामिन ‘सी’ : स्वस्थ, चमकदार व सुंदर त्वचा के लिए विटामिन ‘सी’ जरूरी होता है। इसके इस्तेमाल से त्वचा ढीली नहीं होती, बल्कि जवां बनी रहती है। खट्टे फल, स्ट्रॉबेरी, हरी पतेदार सब्जियां, टमाटर और भुने आलू विटामिन ‘सी’ के अच्छे स्रोत हैं।
  • विटामिन ‘ई’ : यह त्वचा के वृद्ध होने की गति को धीमी करता है। इससे त्वचा में रक्त प्रवाह तेज होता है। विटामिन ‘ई’ की कमी से त्वचा में असमय ही झुर्रियां पड़ जाती हैं। हरी पतेदार सब्जियों, साबुत अनाजों और वनस्पति तेलों में विटामिन ‘ई’ पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है।
  • खनिज द्रव्य : उपरोक्त विटामिनों के साथ-साथ कुछ खनिज पदार्थ भी आपकी त्वचा की कुदरती खूबसूरती को बढ़ाने में मदद करते हैं|
  • आयोडीन : आयोडीन की कमी से त्वचा रूखी हो जाती है और उसमें झुर्रियां पड़ जाती हैं। इसकी कमी की सी-साल्ट, सेलफिश, प्याज और लिग्यूम (शिम्ब) से पूरा किया जा सकता है।
  • सिलेनियम : इसके सेवन से त्वचा पर झुर्रियां नहीं पड़तीं और उसका लचीलापन बना रहता है। यह लहसुन, खमीर, कलेजी, अंडे, टमाटर और गोभी में पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है।
  • गंधक : स्वस्थ त्वचा के लिए गंधक बहुत जरूरी है। इसकी कमी से त्वचा सब्जियां, मछली और सेम फली का सेवन करना चाहिए।
  • जस्ता : स्वस्थ त्वचा के लिए जस्ता सबसे महत्वपूर्ण खनिज है। गर्भावस्था के दौरान त्वचा में पड़ने वाली भद्दी लकीरों को रोकने के लिए यह खासतौर से उपयोगी होता है। समुद्री आहार, मांस, साबुत अनाज और लिग्यूम में जस्ता पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है।

गर्भावस्था में बालों की आम समस्याएं और उनका समाधान

  • गर्भावस्था में बालों की समस्याएं बालों का झड़ना गर्भावस्था में हार्मोन के बदलाव के कारण कुछ महिलाओं के बाल गिरते हैं और बच्चे के जन्म के बाद भी उनका गिरना जारी रहता है, पर बाद में वे पहले से ज्यादा घने आने लगते हैं। कभी-कभी जस्ते की कमी के कारण भी बाल अधिक मात्रा में झड़ते हैं।
  • गर्भावस्था के दौरान अमूमन बाल अच्छे और स्वस्थ दिखाई देते हैं, लेकिन बच्चा होने के बाद बाल झड़ने की समस्या आम है।
  • गर्भावस्था में ब्रेस्ट फीड के बाद भी लगभग पचास प्रतिशत महिलाएं अचानक ही बाल झड़ने की समस्या से ग्रस्त हो जाती हैं।
  • गर्भावस्था के दौरान बालों में प्रोटीन बिल्कुल न के बराबर रह जाता है, इस कारण बाल रूखे और सख्त हो जाते हैं।
  • आहार में जस्ते की मात्रा बढ़ा देने से बालों का गिरना बंद हो जाता है और नए बाल उग आते हैं। दो मुंहे बाल | पढ़ें यह पोस्ट – दो मुंहे बालों की रोकथाम के लिए सुझाव
  • जब बाल बहुत ज्यादा रूखे हो जाते हैं तो वे ऊपर से फटकर दो मुंहे हो जाते हैं। इससे छुटकारा पाने के लिए बालों की ट्रिमिंग (किनारे से थोड़ा काटना) और इसके बाद मॉइस्चराइजरयुक्त कंडीशनर का इस्तेमाल करें।
  • बालों को धूप और गर्मी से बचाएं।
  • बाल खुश्क हों तो गुनगुने जैतून के तेल की मालिश करें व भाप लगाएं। दो मुंहे बालों को सिरों पर से छांटती रहें।
  • गर्भावस्था में यदि भौंहों के बाल झड़ते हों तो जैतून के तेल की धीरे-धीरे मालिश करें।
  • गर्भावस्था में पर्मिंग नहीं करनी चाहिए, क्योंकि उस दौरान आपके हार्मोन कुछ अधिक अनियमित हो जाते हैं। ऐसी हालत में आपके बालों पर पर्मिंग का क्या असर होगा, कहा नहीं जा सकता।
  • बच्चा पैदा होने के 3 से 6 माह बाद आपके हार्मोन दोबारा पहले वाली स्थिति में आ जाते हैं, तब आप अपने बालों की पर्मिंग करवा सकती हैं।
  • गर्भावस्था के दौरान खासतौर से गर्भावस्था के अंतिम चरण में अधिकांश महिलाओं को अपने बालों की साज-संवार काफी तकलीफदेह और उबाऊ लगती है। प्रेगनेंसी से जुडी समस्याएं और सावधानियां |
  • ऐसी हालत में सादा हेयर स्टाइल उपयुक्त होता है। अपने बाल छोटे रखें और यदि बड़े रखने हों तो उन्हें साधारण स्टाइल में रखें। यदि आपके बाल रूखें हों तो रबर बैंड का इस्तेमाल न करें। इससे बाल दो मुंहे हो जाएंगे।
  • गर्भावस्था में आप कलरिंग करवा सकती हैं।
  • गर्भावस्था में अपने भोजन में दही ज्यादा-से-ज्यादा शामिल करें।
  • गर्भावस्था में कोई भी हेयर ट्रीटमेंट करवाने से पहले अपने डॉक्टर की राय ले लें।
  • मेहंदी लगाने के बाद बालों को अच्छी तरह से साफ कर लें ।
  • मेहंदी लगे बालों को धूप में एक्सपोज न करें।
  • मेहँदी से रंगे गए बालों में शैम्पू जरूर करें। इससे बालों में चमक आती है।
  • शैम्पू और कंडीशनर का प्रयोग सुनहरे, सफेद या केमिकल द्वारा ट्रीट किए बालों पर न करें।

गर्भावस्था में नाखूनों की खूबसूरती के लिए क्या करें?

  • नाखूनों की खूबसूरत बनाने के लिए आपको किसी महंगे सैलून में जाने की जरुरत नहीं हैं यह आप घर में ही आधे घंटे से भी कम समय में कर सकती हैं।
  • नाखून के पास की त्वचा को पीछे की ओर खिसकाने और कहीं मृत त्वचा हो तो उसे हटाने के लिए रुई लगी हुई तीली का इस्तेमाल करें। हाथों की सुखाकर उन पर क्रीम लगाएं।
  • अब अगर आप चाहें तो नेल पॉलिश लगा सकती हैं। यदि आपके नाखून टूटते हों तो उन पर नेल स्ट्रेंथनर का बेस कोट लगाएं। इसके सूख जाने पर नेल पॉलिश लगाएं। गहरे रंग की पॉलिश लगाने से नाखून ज्यादा लंबे दिखाई देते हैं।
  • रुई को किसी अच्छे ऑयलयुक्त रिमूवर में भिगोकर नाखून पर लगी पुरानी नेलपॉलिश को साफ कर दें।
  • त्वचा पर लगाई जाने वाली किसी अच्छी क्रीम से कुछ देर तक मालिश करें। इसके बाद गर्म साबुनयुक्त पानी में हाथों को डुबोकर रखें |
  • नेल पॉलिश पूरी तरह सूख जाने पर ही उस पर दूसरा कोट लगाएं। गर्भावस्था के दौरान जिस तरह त्वचा में विभिन्न बदलाव आते हैं, उसी तरह नाखूनों में भी बदलाव आते हैं। कुछ महिलाओं के नाखून अधिक कमजोर हो जाते हैं और वे टूटने लगते हैं। यदि आप चाहती हैं कि आपके हाथ और नाखून गर्भावस्था में भी खूबसूरत बने रहें तो निम्न बातों पर ध्यान दें |
  • झाड़-पोंछ और साफ-सफाई करते समय रबर के दस्ताने पहनें।
  • हर रोज हाथों में मॉइस्चराइजिंग क्रीम लगाएं, खासतौर से जाड़े के दिनों में और हाथों को धोने के बाद।
  • अपने हाथों और नाखूनों को सप्ताह में एक बार मैनीक्योर करें। पढ़ें यह पोस्ट मैनीक्योर करने का तरीका-Manicure at Home
  • स्वस्थ नाखूनों के लिए उचित आहार स्वस्थ नाखून गुलाबी, चिकने और लचीले होते हैं, यानी वे आसानी से टूटते नहीं हैं। वे खुरदरे नहीं होते और उन पर सफेद धब्बे नहीं पड़ते।
  • नाखूनों के स्वास्थ्य का आहार के साथ सीधा संबंध होता है। गर्भावस्था में नाखूनों के स्वास्थ्य के लिए आगे दिए गए पोषक द्रव्य आवश्यक हैं |
  • विटामिन ‘ए’ : विटामिन ‘ए’ नाखूनों को टूटने से रोकता है। इसके लिए कलेजी, कॉडलीवर ऑयल, गाजर, पीले फल, पीली सब्जियां, सूखे फल और हरी सब्जियां ज्यादा खानी चाहिए।
  • विटामिन ‘बी’ : इसकी कमी से नाखून खुरदरे और बेतरतीब हो जाते हैं और वे आसानी से टूटते हैं। हर रोज उचित मात्रा में दही खाने से विटामिन ‘बी’ की पर्याप्त पूर्ति हो जाती है।
  • लौह : यह नाखूनों की स्वस्थ और गुलाबी बनाता है। आहार में इसकी कमी से नाखून पीले और कमजोर हो जाते हैं। अंडे, साबुत अनाज और हरी पत्तेदार सब्जियां खाने से इसकी पर्याप्त पूर्ति हो जाती है।
  • जस्ता : इसकी कमी से नाखूनों पर सफेद दाग-धब्बे पड़ जाते हैं। इस कमी समुद्री आहार लेना चाहिए।
  • कैल्शियम : कैल्शियम से नाखून मजबूत और स्वस्थ दिखाई देते हैं। गर्भावस्था में कैल्शियम की कमी से नाखून टूटने की समस्या जन्म लेती है।
  • प्रोटीन : कैल्शियम नाखूनों का प्रमुख घटक है। इसकी पूर्ति के लिए हमें अपने आहार में ऐसी चीजें शामिल करनी चाहिए, जिनमें भरपूर प्रोटीन पाया जाता है।

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