बवासीर में क्या खाएं क्या ना खाएं 35 टिप्स-Diet In Piles

बवासीर में व्यक्ति को काफी पीड़ा पहुंचती है। मल द्वार की शिराओं के फूलने से यह बीमारी होती हैं |आयुर्वेद में अर्श और आम भाषा में बवासीर (Piles) के नाम से जाना जाता है। यह रोग बादी और खूनी बवासीर के नाम से दो प्रकार का होता है। बादी बवासीर में गुदा में पीड़ा, खुजली और सूजन होती है, जबकि खूनी बवासीर में मस्सों से रक्तस्राव होता है।

कारण : पाइल्स होने के प्रमुख कारणों में कब्ज अजीर्ण की शिकायत, ज्यादा शराब पीने, नशीली चीजें खाना, मिर्च-मसालेदार, तले हुए गरिष्ठ पदार्थों कार्य करना, श्रम व व्यायाम न करना, देर रात तक जागना,  पेट की खराबी, घुड़सवारी आदि होते हैं। पाइल्स में खानपान का विशेष रूप से ख्याल रखना चाहिए खासतौर पर क्या नहीं खाना चाहिए | इससे आप इस बीमारी की तकलीफों से बच सकते हैं |

वावासीर के मरीजो के खानपान के मुख्य बिंदु ये है :

  • खाना फाइबर यानि रेशो से भरपूर होना चाहिए ताकि कब्ज ना बने |
  • खाना मिर्च मसालों से नहीं बना हुआ होना चाहिए ताकि मल त्याग करते समय जलन ना हो |
  • खाने की तासीर ठंडी होनी चाहिए गर्म तासीर की चीजो से कब्ज बनने का खतरा होता है |

बवासीर में क्या खाएं : बवासीर मरीजो को क्या खाना चाहिए 

Piles Diet Tips

piles bawasir me kya khana chahiye kya nahi बवासीर में क्या खाएं क्या ना खाएं 35 टिप्स

  • फाइबर से भरपूर फल-सब्जियों का सेवन जरूरी : चूंकि फलों और सब्जियों में अनेक पोषक तत्वों के अलावा फाइबर भी होते हैं, इसलिए ये रोग प्रतिरोधक क्षमता तो बढ़ाते ही हैं, कब्ज की स्थिति को भी सुधारते हैं। इसी के साथ ये शौच के वक्त दबाव और दर्द को भी कम करने में मदद करते हैं। वैसे तो सभी फलों में फाइबर होते हैं, इसलिए सभी लाभदायक हैं, पर ज्यादा फाइबर वाले फलों में बेरी, सेब, आलूबुखारा, नाशपाती, एवोकैडो, अंजीर, बेल, अनार, चीकू, अंगूर, पपीता, संतरा, बब्बूगोशा, मीठा नींबू, मौसमी,माल्टा खाएँ।
  • अपने खाने में कच्चा नारियल, केला, सेब, पालक, संतरे, आड़ू, मशरूम, आंवला भी शामिल करें ।
  • भोजन में ताजा फल, कच्ची सब्जियाँ, सलाद आदि बहुत बढ़ा दें। फल वृक्ष पर पके ही अच्छे रहते हैं।
  • ज्यादा फाइबर वाली सब्जियों में हाथीचक (आर्टीचोक), मटर, ब्रोकोली, हरी पत्तेदार सब्जियां, बींस शामिल हैं। तुरई, चौलाई, शलजम, टमाटर, खीरा, भिंडी, परवल, कुलथी, टमाटर, गाजर, जिमीकंद, पालक, मटर, दालें, ओट मील काले चने, चुकंदर नियमित खाएं।
  • ज्यादा-से-ज्यादा साबुत अनाज खाएं : साबुत अनाजों में ज्यादा फाइबर, प्रोटीन और अन्य सभी जरूरी पोषक तत्व शरीर को प्राप्त होते हैं। गेहूं के पौधे को पीसे। इसके रस को पीना ठीक रहता है। इसे गेंहू के जवारे (wheat grass) कहा जाता है |
  • बवासीर के मरीजो को रिफाइंड अनाजों (सफेद आटा, सफेद चावल, मैदा) के बजाय ज्यादा-से-ज्यादा साबुत अनाजों (दलिया, ब्राउन राइस, होल ग्रेन ब्रेड, जौ, सामान्य पिसा आटा, चौलाई, बाजरा, भुट्टा, पॉपकॉर्न आदि) का सेवन करना चाहिए।
  • बवासीर के रोगियों को गेहूं, ज्वार के आटे की चोकर सहित बनी रोटी, दलिया, जौ, पुराने चावल, अरहर, मूंग की दाल भोजन में खानी चाहिए।
  • पाइल्स में प्रतिदिन भोजन के साथ मूली खाएं। भोजन के बाद 2-3 अमरूद खाएं।
  • दोपहर में नियमित रूप से पपीता खाएं ताकि कब्ज ना बने |
  • बवासीर में दही को बनाए अपना साथी : दही हमारे पेट और आतों को प्रोबायोटिक (लाभदायक बैक्टीरिया) मुहैया कराती है। ये बैक्टीरिया न केवल पाचन-तंत्र को दुरुस्त करते हैं, बल्कि रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ावा देते हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड के अध्ययन के अनुसार, दही बवासीर को रोकने या इसके इलाज में बहुत मददगार साबित होती है। इसलिए इसका नियमित सेवन करना चाहिए।
  • विशेष उपाय : विशेषज्ञों के अनुसार, एक कटोरी में दही लें। कुछ काली सरसों के दाने लें और उन्हें पीसकर दही में डाल दें। इस दही को खा लें। उसके बाद एक गिलास मट्ठा पी लें। रोज ऐसा करें, बवासीर में बहुत फायदा होगा।
  • तरल पदार्थ बहुत ही आवश्यक : बवासीर में राहत के लिए शरीर को ज्यादा-से-ज्यादा तरल पदार्थ देना जरूरी है। विशेषज्ञों के अनुसार, व्यक्ति को रोजाना आठ से दस गिलास पानी जरूर पीना चाहिए। साथ ही मलाई निकला दूध, मट्ठा और फलों का रस भी लेते रहना चाहिए।
  • करेले का रस या छाछ (थोड़ा नमक व अजवाइन मिला कर) या दही की लस्सी पिएं।
  • यह भी अवश्य पढ़ें – बवासीर (पाईल्स) के प्रभावी घरेलू उपचार
  • पाइल्स में खून जाने की तकलीफ हो, तो धनिए के रस में मिस्री मिलाकर सुबह-शाम पिएं।
  • पाइल्स में पानी का सेवन अधिक करें।
  • बकरी के दूध की दही और गाजर का रस : बवासीर, खासकर खूनी बवासीर के लिए विशेषज्ञ एक खास उपाय बताते हैं। इसके तहत बकरी के दूध की रात भर में जमी करीब एक पाव (250 मिली लीटर) दही लें। इसमें इतनी ही मात्रा में गाजर का रस मिलाएं और पी जाएं।
  • पाइल्स (बवासीर) रोग में जल्दी आराम के लिए खाएं ये फल और सब्जियां
  • जीरे के दाने और एक गिलास पानी : एक चम्मच जीरे के दाने भून लें। भूनने के बाद इनमें एक चम्मच सादा जीरे के दाने और मिला लें। इस मिश्रण को एक गिलास पानी में डालकर अच्छी तरह से मिला लें और दानों समेत पी जाएं। रोजाना एक बार पीएं, बहुत लाभ होगा।
  • पाइल्स में अंजीर भी है बहुत असरकारक : कुछ अंजीर लें और उन्हें रात भर के लिए पानी में रख दें। इसके बाद सुबह उठकर खाली पेट आधे अंजीर खा लें और आधा ही पानी पी लें। बाकी अंजीर और पानी का सेवन शाम को करें। रोजाना सुबह-शाम ऐसा करें।
  • मट्ठा के साथ करेले का जूस : करेले का जूस बनाएं और इसे मट्ठा के साथ पी जाएं। रोज ऐसा करें, विशेषज्ञ कहते हैं कि इससे बवासीर की समस्या में बहुत फायदा होगा।
  • बवासीर में चीनी के साथ प्याज का सेवन करें : खूनी बवासीर के लिए एक प्याज लें और उसे अच्छी तरह से धोकर, छीलकर और काटकर तीन चम्मच चीनी के साथ सेवन कर जाएं। ऐसा दिन में दो बार करें। विशेषज्ञ कहते हैं कि यदि कोई व्यक्ति ऐसा नियमित कर सके तो यह बवासीर में बहुत लाभ होगा |
  • खूनी बवासीर में इन चार चीजो का काढ़ा बनाकर पीने से भी लाभ मिलता है – चिरायत, लाल चंदन, सौंठ, जवासा |
  • पाइल्स में आम की गुठली और शहद खाने के फायदे : कच्चे आम की गुठली को ग्राइंडर में पीस लें। इसके बाद इस पाउडर की दो मिली ग्राम मात्रा दिन में दो बार शहद के साथ लें।
  • कब्ज का काम तमाम करता है खजूर : खजूर एक प्राकृतिक कब्ज नाशक है। बवासीर के रोगी को यह कब्ज नहीं होने देगा, इसलिए बवासीर में खजूर का सेवन भी बहुत राहत देने का काम करता है।
  • सुबह और शाम एक मूली को कद्दूकस कर लें और फिर उसमें शहद मिला लें। इसके बाद 60 से 90 मिलीलीटर मात्रा में सेवन करें। रोजाना दो वक्त ऐसा करने से बहुत लाभ होगा।
  • बवासीर में रोजाना सुबह के वक्त जामुन को नमक लगाकर खाने से भी बवासीर के रोगी को काफी फायदा होता है।

बवासीर में क्या खाएं ना खाएं : बवासीर में परहेज

  • बवासीर के मरीजो को भारी, गर्म, तीक्ष्ण, गरिष्ठ, मिर्च-मसालेदार, चटपटे पदार्थ नही खाने चाहिए |
  • पाइल्स में बासी भोजन, उड़द की दाल, मांस, मछली, अंडा, चना, खटाई का सेवन न करें।
  • बवासीर में बैगन, आलू, सीताफल, गुड़, डिब्बा बंद आहार (Processed foods) से परहेज करें।
  • कैफीन : पाइल्स में कॉफी और कैफीनयुक्त चाय से दूर रहें। चाय के बजाय Herbal Tea का सेवन करें।
  • ज्यादा चीनी और उससे बने उत्पाद, घुइयाँ, खटाई, पकौड़े, चाट-टिकिया, समोसे से परहेज करें।
  • पाइल्स में शराब का भी परहेज रखें।
  • ज्यादा तला भोजन : ऐसा भोजन रोगी की समस्या बढ़ाने के अलावा कुछ नहीं करेगा।
  • मसाले : भोजन में कम-से-कम मसालों का इस्तेमाल करें।
  • मांस-अंडा : पाइल्स में दोनों ही पदार्थों से रोगी को दूर रहना चाहिए।
  • घी-मक्खन-पनीर : कम-से-कम सेवन करें।
  • आइसक्रीम : इससे भी दूर ही रहें।
  • जैली, चॉकलेट, कैंडी, कुकीज, केक, ब्रेड, पास्ता, सफेद चावल, मैदा और सभी फास्ट फूड।

बवासीर में आजमाएं ये उपाय :

  • बवासीर में कब्ज की शिकायत दूर करें। कब्ज का रामबाण इलाज – 22 आयुर्वेदिक उपचार
  • प्रतिदिन सुबह-शाम घूमने जाएं।
  • अपनी क्षमता के अनुसार व्यायाम करें।
  • पीड़ा दूर करने के लिए रोजाना शौच के बाद बादाम का तेल या जैतून का तेल लगाएं।
  • सप्ताह में एक बार एनिमा अवश्य लगाएं। फिस्टुला और बवासीर की अचूक दवा पतंजलि बाबा रामदेव
  • बवासीर के लिए योगासन में पादांगुष्ठासन एवं उत्तानपादासन नियमित रूप से करें।
  • मल, मूत्र आदि के वेगों को न रोकें।
  • कठोर आसन पर बहुत देर तक न बैठे और न बहुत देर तक खड़े ही रहें।
  • साइकिल अधिक न चलाएं। घोड़े की सवारी न करें।
  • देर रात तक ना जागें ।
  • व्रत भी ना करें।

बवासीर में खानपान से जुड़े सवाल जवाब

  • सवाल : बवासीर में दूध पीना चाहिए या नहीं ?
  • जवाब : जी हाँ आप एक गिलास दूध पी सकते है |
  • सवाल : बवासीर में चावल खाना चाहिए या नहीं ?
  • जवाब : सफेद चावलों में फाइबर बहुत कम होते है इसलिए ये कब्ज बना सकते है | इसलिए पाइल्स में एक तो ब्राउन चावल खाएं वो भी आधी मात्रा में सब्जियां मिलाकर | जैसे 250 ग्राम चावल में 250 ग्राम सब्जी खासतौर से बीन, मटर, पालक, गाजर आदि |
  • बवासीर रोग में अंडा खाना चाहिए या नहीं ?
  • अंडे का सेवन पाइल्स में ना ही करे तो अच्छा रहेगा अंडे में फाइबर नहीं होते है जो कब्ज का कारण बन सकते है | अंडा मांस प्रोटीन के लिए खाया जाता है लेकिन प्रोटीन की कमी को दूर आप सोयाबीन या दाल खाकर भी कर सकते है |
  • बवासीर रोग में केला खाना चाहिए या नहीं ?
  • केला खा सकते है कोई प्रॉब्लम नहीं होगी |
  • बवासीर में बादाम खा सकते हैं ?
  • जी हाँ आप बादाम खा सकते है | लेकिन भिगोए हुए छिलके समेत ही खाएं हो सके तो मिश्री के साथ मिलाकर खाएं |
  • बवासीर की बीमारी में किशमिश के फायदे क्या है ?
  • इस रोग में किशमिश, मुनक्का या दाख 10 से 15 पीस रात को पानी में भिगोकर रख लें सुबह इन्हें खा लें इससे काफी लाभ मिलेगा | कब्ज दूर करने में किशमिश बहुत कामयाब ड्राई फ्रूट है इसलिए बवासीर के रोगियों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है |

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47 thoughts on “बवासीर में क्या खाएं क्या ना खाएं 35 टिप्स-Diet In Piles”

  1. Mujhe bhi pils hai nd mujhe pils se bahut problem hai na hi kuch acha kha sakta hu aur na hi kuch acha kar sakta hu bahut problem hai mujhe pils se pils se me din bhar kuch kaam bhi nahi kar sakta hu.

    Reply
    • आशीष जी ,
      आप अपने खानपान का ख्याल रखे और नियमित दवा का सेवन करें | कुछ दिनों के बाद पाइल्स के इलाज के लिए भी एक पोस्ट लिखेंगे जिसमे कुछ आयुर्वेदिक उपाय बताएँगे | धन्यवाद

  2. आपने पाइल्स के रोग को क्या क्या सेवन करना चाहिए यह सभी काफी अच्छे से बताया हैं, इसके साथ ही आपने बहुत महत्वपूर्ण टिप्स भी दिए हैं.

    Reply
    • विजय जी, बवासीर में कढ़ी (जो एक सब्जी है बेसन और छाछ से बनती है ) खा सकते है | यदि आपको कढ़ी से कब्ज होती है तो बिलकुल ना खाएं तथा कढ़ी में ज्यादा मिर्च मसाले भी ना डालें |

      धन्यवाद !!

  3. Sir kya me bawaseer ke 3rd stag me kabhi kabar machli &chiken khaa sakta. hu. Sarso ,lahson,hari mirch ka pryog ker sakta hu please vistar se bataye .
    Thank you

    Reply
    • सुरजीत जी,
      इस रोग में गर्म तासीर की चीजे नहीं खाने चाहिए | एनेर्जी के लिए चिकन सूप पियें | लहसुन भी कम मात्रा में खाएं | हरी मिर्च से परहेज रखें | सरसों के पत्तो की सब्जी खा सकते है |

      धन्यवाद

    • जगतार जी,
      कब्ज या अफारे से पेट फूल जाता है | जब तक कब्ज का उपचार नहीं होगा तब तक पाइल्स रोग ठीक होने की संभावना भी कम होगी | तरल आहार ज्यादा खाएं | कब्ज के कारण और निवारण जानने के लिए पढ़ें ये पोस्ट – http://healthbeautytips.co.in/kabj-constipation-ke-karan-lakshan-ilaj/
      धन्यवाद

      धन्यवाद

    • गुड और तिल के लड्डू आप खा सकते है| यदि आप चाहे तो सर्दियों में छाछ के साथ सिमित मात्रा में गुड का सेवन कर सकते है |

    • संत राज जी,
      बवासीर में आप च्यवनप्राश खा सकते है | खासकर यदि च्यवनप्राश नागकेसर, मोचरस और लोध से मिलाकर बनाया गया है तो यह और भी लाभकारी होगा | सब ब्रांड अलग-अलग चीजे मिलाकर च्यवनप्राश बनाते है, आप उनके डब्बे पर पढ़ सकते हैं की उसमे क्या मिलाया गया है|

      धन्यवाद

    • गुलाटी जी,
      सोयाबीन चना मूंगफली ये सब चीजे आप खा सकते है, लेकिन बेहतर यह होगा की आप फल और हरी सब्जियों तथा रेशेदार चीजो का सेवन अधिक करें क्योंकि उनमे फाइबर और पानी दोनों ही अधिक होते है जिससे कब्ज बनने की समस्या नहीं होती है और शरीर को ताकत भी भरपूर मिलती है | सूखे मेवो, बीन्स, फलियों में पानी कम होता है हालांकि फाइबर इनमे भी बहुत होता है |

  4. मुझे लेटि्न वाली जगह मे चने जैसे आकार की कई दाने हो गये है किया यह बबासीर है इसमे मुझे खून नही आता है कृपया मुझे सही उपचार बताये।

    Reply
    • विनोद जी,
      ये बिलकुल जरुरी नहीं है की ये दाने पाईल्स के ही हों | आपको जाँच करवानी चाहिए तभी पता चलेगा की ये रक्त की खराबी से होने वाली फुंसी है या कुछ और | ज्यादा देर ना करें |

      धन्यवाद

    • किसी भी तरह की दवा के खराब साइड इफ़ेक्ट हो सकते है लेकिन आयुर्वेद दवाओ का खास गुण यह होता है की इनके साइड इफ़ेक्ट आधुनिक चिकित्सा प्रणाली की अपेक्षा कम होते है | यह पोस्ट पढ़ें – http://healthbeautytips.co.in/medicine-side-effects-precautions-hindi/

  5. Dear Sir
    Can we eat gooseberry in piles last before 2 day we are eating gooseberry in empty stomach and we are due to suffer pain in piles if this possible this pain from gooseberry or not.

    Reply
    • बलविंदर जी हो सकता है आपको आंवला खाली पेट सूट नहीं करता हो इसलिए इसका सेवन ना करें | वैसे पाईल्स में आंवले का सेवन किया जा सकता है |

  6. sir me sirf 20 saal ka hun or mujhe piles hai wo bhi last stage but mujhe ye sirf non veg khane se hoti h kya aisa ho sakta h kya ? agar aisa h to pls mujhe btaye sayad phir mujhe non veg chodna pde

    Reply
    • शिव कुमार जी,
      पाईल्स होने का सबसे बड़ा कारण होता है कब्ज होना और दूसरा तेज मिर्च मसले वाले चटपटे खाना खाना | नॉन वेज हो या वेज जिस व्यंजन मे अधिक मसाले होंगे वो सभी इस रोग का कारण बनते है |

  7. Babasir me ham mango, suji, pasta kha sakte he ya nhi….??? Plz fast my ans…. Plz jaldi dijiye hmara ans…???

    Reply
    • दीपाली जी,
      आम और पास्ता ना खाएं | सूजी के साथ इतनी ही मात्रा में सब्जी मिलाकर खा सकते है |

    • प्रीति जी हम किसी ब्रांड के विषय में टिप्पणी नहीं कर सकते है लेकिन हर्बल दवाइयों से साइड इफ़ेक्ट होने के बहुत ही कम चांस होता है |

    • नॉन वेज से परहेज करें तो अच्छा रहेगा क्योंकि इनमे अधिक मिर्च मसाले होते है | बिना मिर्च मसाले के तरीदार व्यंजन आप खा सकते है चाहे वो वेज हो या नॉन वेज

  8. Madam mujhe Grade lllx3 column of interno-external hemorrhoids hai.Kya isme operation karvana jaruri hai kya ya fir khan pan par control rakh kar thik kiya ja sakta hai. Or Poha or Nakmeen kha sakte h ya Nahi.

    Reply
    • विकास जी,
      हम सभी रोगों के उपचार से जुडी जानकारी नहीं देते है यहाँ केवल डाइट से सम्बंधित जानकारी दी जाती है | आप पोहा खा सकते है नमकीन ना खाएं तो बेहतर होगा |

  9. Hello dear mam seema g
    Mujhe pichle 2 sal se kabz ki problem h jiski wajah se mujhe badi bawasir h 5 masse aur sujan h latrin karte waqt pet me dard hota h uske bad theek ho jata h iski wajah se kya meri aanto me b infection ho gaya h mera pet bhi badhta ja raha h aur ek hafte se chehre par b pus wale dane nikal kar foot rhe h plz mjhe iska ilaj bataye opration krwau ya ye dawaiyo se theek ho jayga..
    note:i m a handicap girl by both legs so plz suggesd me best treatment of piles…

    Reply
  10. Kya subha subha khali pet garm pani pine se kuch problem hoti h kya pilse me ek baat aur me jitna v apne bataya sabkuch kar raha hu to pilse me to Aram h par mera fet kam ho raha h iska koi karan bataye….

    Reply
    • आप हल्का गर्म पानी पी सकते है | मोटापा कम हो रहा है तो ये अच्छी बात है | सादा खाना खाने से वजन कम होता है |

  11. Merci umar 20 saal hai or muje sandas karne me bahot takhlif hoti hai muje khun aata hai or jyada jaln hoti hai doctor ke mutabik me forpe tablet or repills jell leta hu please koi sahi dawa bataye.

    Reply
    • आप एक समय पर एक ही तरह का उपचार ले सकते है यदि आपका इलाज पहले से ही चल रहा है तो दूसरा कोई इलाज ना लें | हमारी वेबसाइट पर पाईल्स के इलाज हेतु आयुर्वेदिक नुस्खे बताये गए है आप चाहे तो उन्हें आजमा सकते है |इस बीमारी में कब्ज ना होने दें, तेज मिर्च मसालों का सेवन ना करें |

  12. मै खूनी बवासीर का मरीज हूँ। मैं जब जब बेसन की कढ़ी या बेसन से निर्मित व्यंजन खाता हूं,मुझे पाखाना के समय रक्त निकलने लगता है। क्या खूनी बवासीर में बेसन की कढ़ी हानिकारक है? जबकि मैं अभयारिष्ट व इसबगोल का प्रयोग भी नियमित रूप से करता हूँ।

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