Acidity होने के कारण, लक्षण तथा घरेलू उपचार

Acidity क्या है? अम्लपित्त यानि एसिडिटी पेट का एक ऐसा रोग है जो पेट में Acid की मात्रा बढ़ जाने से उत्पन्न होता है। फास्ट फूड के इस जमाने में हर तीसरा व्यक्ति इस रोग से पीड़ित नजर आता है। एसिडिटी का कारण और निवारण के लिए नीचे कुछ महत्त्व्पूर्ण टिप्स दिए गए है| जिनसे इसका इलाज और इससे बचने में निश्चित रूप से आपको सहायता मिलेगी |

अम्लपित्त के कारण / Acidity causes.

अम्लपित्त का घरेलू उपचार Acidity causes & symptoms
Acidity causes & symptoms
  • Acidity के प्रमुख कारणों में अधिक चटपटा मिर्च मसालेदार खाना जैसे अचार, चटनी, इमली, लाल और हरी मिर्च, लहसुन, गर्म पदार्थ आदि आते है |
  • गोल गप्पे , आलू चाट या टिक्की , बर्गर, चाऊमीन आदि जंक फ़ूड खाने से भी एसिडिटी हो सकती है |
  • देर रात तक जागना, एस्प्रिन जैसी दर्द निवारक गोली का खाली पेट सेवन, मानसिक तनाव, अधिक समय तक खाली पेट रहने से भी Acidity हो जाती है |
  • अधपका मांस खाना , या गंदगी से संक्रमण और दूषित भोजन में एच. पायलोरी नामक जीवाणु भी अम्ल पित्त तथा अन्य पेट सम्बन्धित रोगों का कारण होता है |
  • कुछ लोगों को अधिक गरम खाना, तले हुए पदार्थों के कारण भी एसिडिटी (अम्लपित्त) हो जाती है|
  • शराब, धूम्रपान, तम्बाकू आदि के सेवन से भी Acidity हो जाती है |
  • खाली पेट चाय , कॉफ़ी के सेवन से भी Acidity हो जाती है |
  • मोटापा भी अम्ल पित्त का प्रमुख कारण होता है |
  • खाना खाकर बिस्तर पर लेट जाने से भी एसिडिटी हो सकती है | खाना खाने के बाद थोडा बहुत टहलना चाहिए |
  • रात को अधिक भारी खाना खाना जैसे राजमा छोले आदि | खाने को जल्दी पकाने के लिए प्रयोग होने वाले सोडे से भी Acidity हो जाती  है |

एसीडिटी के लक्षण / Acidity Symptoms :

  • एसिडिटी होने पर पेट व छाती में जलन, खट्टी डकारें आना, मुंह में पानी भर आना, पेट में दर्द, भारीपन, गैस की शिकायत, कलेजा भारी सा प्रतीत होना, खट्टी उलटी होना, जी मिचलाना, कब्ज आदि लक्षण महसूस होते हैं।
  • पेट फूलना बैचैनी महसूस होना भी अम्ल पित्त के लक्षणों में शामिल होता है |

अम्लपित्त का घरेलू उपचार /Home Remedies For Acidity.

  • रोजाना खाना खाने के आधे घंटे के बाद काली हरड यानि छोटी हरड का चूर्ण 2 ग्राम (आधा चम्मच) में 2 ग्राम गुड मिलाकर खाकर ऊपर से पानी पी लें | यह एसिडिटी की एक अच्छी दवा है |
  • सूखा (दानेदार) धनिया और सौंठ 10–10 ग्राम लेकर 400 मि.ली. पानी में उबाल  लें। जब पानी  100 मि.ली. शेष बचे तब इसे ठंडा होने पर इसमें 10 ग्राम शहद मिलाकर सेवन करें। इस प्रयोग से Acidity में बहुत लाभ होता है।
  • Hyperacidity Remedy -10 ग्राम आंवला (Amla) रात के समय पानी में भिगो दें और सुबह मसलकर छान लें। इस पानी में मिश्री और जीरे का पाउडर मिलाकर सेवन करने से Acidity से जल्द ही मुक्ति मिलेगी ।

नींबू से अम्लपित्त का घरेलू उपचार /Nibu Acidity Upay. 

  • खाना खाने के बाद एक कप पाने में आधा नींबू और थोडा सा खाने वाला सोडा मिलाकर दिन में दो बार लें |
  • शाम को एक गिलास गर्म पानी में एक नींबू निचोड़कर पीने से अम्ल पित्त में लाभ मिलता है। इसके अलावा भोजन के बीच-बीच में नींबू पानी पीते रहें।
  • दो चमम्च शहद में एक चमम्च नींबू का रस मिलाकर लेने से भी अम्ल पित्त से जल्द ही राहत मिलती है | यह भी पढ़ें  – शहद के फायदे और इसके 35 घरेलू नुस्खे |
  • आधा गिलास मट्ठा ( छाछ) में 15 मि.लि हरे धनिये का रस मिलाकर पीने से बदहजमी , Acidity, सीने मे जलन से मुक्ति मिलती है।
  • पुदिने का रस और पुदिने का तेल लेने से भी अम्लता से छुटकारा मिलता है |
  • एक चमम्च अजवायन तीन कालीमिर्च दो पीपल के पत्ते इन सबको शाम को भिगोकर रख दें , सुबह इन सबको पीसकर एक गिलास पानी में मिश्री मिलाकर पियें अम्ल पित्त ठीक हो जायेगा |
  • आधे कप करेले के रस में एक चोथाई चमम्च आंवले का पाउडर और थोडा सा पानी मिलाकर पीने से भी Acidity में राहत मिलती है |
  • पपीता में सेंधा नमक मिलाकर खाली पेट खाने से भी अम्ल पित्त ठीक हो जाती है |
  • डेढ़ ग्राम पुराना गुड और बड़ी यानि पीली हरड़ का छिलका डेढ़ ग्राम को मिलाकर चूर्ण बनाकर 1 गोली बना लें। ऐसी 2 गोलियां प्रतिदिन 2 बार सुबह शाम हल्के गर्म पानी के साथ सेवन करें | नोट : – पुराने गुड़ के अभाव में नया गुड कम-से-कम एक वर्ष पुराना ही उपयोग में लाना चाहिए अन्यथा गुड़ को 1 घंटा धूप में रख देने से पुराने गुड़ के गुण उत्पन्न हो जाते हैं। यह एक अच्छी एसिडिटी की दवा है | कब्ज का रामबाण इलाज – 22 आयुर्वेदिक उपचार |
  • खाना खाने के बाद दिन में 2 बार 1-1 लौंग मुंह में रखकर चूसने से भी Acidity तथा Hyperacidity से होने वाली परेशानिया ठीक हो जाती हैं। लौंग का पाचन क्रिया के ऊपर सीधा हितकर प्रभाव पड़ता है। इसके सेवन से पेट की पाचन रस क्रिया को शक्ति प्राप्त होती है, भूख बढ़ती है, तथा लौंग कृमिनाशक भी होती है।
  • आंवला चूर्ण और यष्ठीमधु चूर्ण 100-100 ग्राम तथा खाने वाला सोडा 25 ग्राम लेकर और अच्छी तरह से मिलाकर किसी एयर टाइट डिब्बे में भरकर सुरक्षित रख लें। इसे (2 ग्राम) एक-एक चम्मच की मात्रा में दिन में 2 बार खाना खाने के बाद ताजा पानी के साथ सेवन करने से अम्ल पित्त रोग में लाभ होता है।

एसिडिटी का आयुर्वेदिक उपचार / Ayurvedic Medicine For Acidity.

  • पंच सकार चूर्ण 3 से 5 ग्राम की मात्रा में गर्म पानी के साथ रात को सोते समय सेवन करने से पेट रोग तथा Acidity ठीक हो जाती है।
  • सौंफ, सोंठ, सनाय, सैंधा नमक और छोटी हरड़, इन 5 औषधियों को समान मात्रा में लेकर बारीक बारीक चूर्ण बनाकर सुरक्षित रखें। यही पंच सकार चूर्ण है। इसे बाजार से भी खरीदा जा सकता है।

एसिडिटी में क्या खाना चाहिए / What to Eat When You Have Acidity.

  • Acidity होने पर भोजन में हलके आहार जैसे – दलिया, खिचड़ी , चावल, जौ का सत्तू, साबूदाना, सिंघाड़ा, मूंग, पेठा खाएं।
  • मक्खन, मलाई, भी ले सकते हैं।
  • फलों में केला, पपीता, चीकू, आंवला, नीबू, अनार, फालसा (ग्रेविया एशियाटिका) , कच्चा नारियल और उसका पानी, खीरे आदि सेवन करें। यह भी पढ़ें – गाजर के 20 फायदे और बेहतरीन औषधीय गुण
  • Acidity होने पर सब्जियों में लौकी, परवल, करेला, तुरई, गाजर, ककड़ी, मूली, गाजर, शलगम, आदि खाना चाहिए |
  • अम्लपित रोग (Acidity) में गाय का दूध, अनार का रस, अंगूर, मौसमी, सौंफ, मुनक्का, आंवला, अंजीर, पुराना चावल, खीर, पेठा तथा समस्त रस युक्त खाद्य पदार्थ का अधिकता से सेवन करना चाहिए।
  • बथुआ की सब्जी और हरे पत्ते वाली सब्जीयां खानी चाहिए। हरा धनिया अधिक खाएं। ठंडा दूध एक-एक कप की मात्रा में दिन में 3-4 बार सेवन करें।
  • सुबह खाली पेट एक-दो गिलास पानी पिएं। आंवले का मुरब्बा एक कप दूध के साथ भोजन के बाद सुबह-शाम लें।
  • Acidity में खट्टे फल जैसे (नींबू ,संतरा, मौसमी) , आंवला , पोदीना, तुलसी और पपीता ये सब बहुत लाभकारी होते है | यह भी पढ़ें –  आंवले से विभिन्न रोगों का उपचार |

एसिडिटी में क्या न खाए /Foods that should not eat in acidity.

  • Acidity होने पर भोजन में भारी व देर से पचने वाले गरिष्ठ आहार न लें। फ़ास्ट फ़ूड खाने से बचें |
  • नये अनाज, मौसम के विपरीत आहार (बेमौसमी फल सब्जियां आदि ), उड़द की दाल , तली चीजें सेवन न करें।
  • मिर्च मसालेदार चटपटे व्यंजन ,सिरका , अंडा ,सॉफ्ट ड्रिंक्स आदि चीजें न खाएं-पिएं।
  • Acidity में चाय, कॉफी, शराब, तंबाकू जैसी चीजों का सेवन न करें।
  • कचालू, मेथी, लहसुन, मूंगफली, तिल, कुल्फी, भिंडी, अरबी न खाएं।

एसिडिटी होने पर क्या करें? /What should do in acidity.

एसिडिटी होने पर क्या ना करें / Precaution in Acidity.

Acidity और Hyperacidity से बचने के लिए अगर आप इन सब जानकारियों का ठीक से पालन करेगें तो निश्चित रूप से आप इस बीमारी से बच सकेंगे | इस रोग के ज्यादा लम्बे समय तक बने रहने से पेट के अल्सर और पेट सम्बंधी अन्य गंभीर बीमारिया भी हो सकती है |

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5 thoughts on “Acidity होने के कारण, लक्षण तथा घरेलू उपचार”

  1. mije aciditi ki bagut taklif hi.mera bahut vajan bhi bda.subha uthte samy pairo me darth rehta hi or kidni ston dhi hi kuch ilaj bataye.pleez…

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  2. Mam…………. I have a lot of problem due to acidity. I am a sportsman and doing 2 hours exercise. I am not using any medicine. Mera pet phul jata hai gas ki wajeh se. din me 6-7 bar loose motion hota hai………….. please upaay bataayen.
    dhanyabaad

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