जानिए आँखों के चारों पड़ने वाले निशानों के क्या कारण है ?

आँखों को सुंदर व आकर्षक दिखाने के लिए ज्यादातर लोग आँखों के नीचे लगाने वाली क्रीमों, झुर्रियाँ हटाने वाली क्रीमों, और कई सारे ब्यूटी प्रोडक्ट्स का इस्तमाल करते हैं, जो विज्ञापनों में आँखों की चमक को वापस लाने का दावा करती हैं। लेकिन हम ये नहीं समझते कि हमारी आँखें हमारे पूरे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को भी दिखाती हैं। आँखों के चारों ओर की त्वचा की रंगत, बनावट और परिस्थिति का सीधा संबंध इस बात से है कि आप क्या खा रहे हैं और अंदर से आपका शरीर कितना फिट है। एक साफ़, प्राकृतिक और चमकती त्वचा अच्छे मानसिक स्वास्थ्य को दर्शाती है | इस आर्टिकल में आँखों के चारों ओर मौजूद पड़े हुए विभिन्न निशान किस बात का संकेत है यह बताया गया है |

आँखों के चारों ओर पड़े निशानों के कारण

aankhon ke charo taraf nishan karan जानिए आँखों के चारों पड़ने वाले निशानों के क्या कारण है ?
आँखों के चारों पड़ने वाले निशान
  • आँखों के चारों ओर काला रंग यह दर्शाता है कि थकान और बेक किये हुये उत्पादों (जैसे ब्रेड खाना, फ़ास्ट फ़ूड) अधिक नमक, बेक्ड और सूखे खाद्यों के अधिक सेवन करने से उसके पाचन की प्रक्रिया के कारण किडनियों में सिकुड़न आ गयी है।
  • आँखों के चारों ओर की त्वचा का लाल होना परिणाम है मिठाइयों, शराब, सॉफ्ट ड्रिंक्स जैसे पेयों और फलों से प्राप्त शुगर के सेवन से ब्लड कैपिलरीज़ के फैल जाने को, जिसका अर्थ है, कि हृदय और रक्त तंत्र ठीक से काम नहीं कर रहे, और किडनी का काम करना भी धीमा हो गया है।
  • आँखों के चारों ओर बैंगनी सा रंग आम तौर पर ड्रग्स, शुगर, दवाइयों, रसायनों, और शुगरी ड्रिक्स के कारण होता है।
  • आँखों के चारों तरफ़ पीली रंगत दिखाती है कि अत्यधिक वसा और डेयरी प्रोडक्ट्स के सेवन के कारण आपके लिवर को ज़रूरत से ज़्यादा काम करना पड़ रहा है।
  • धूमिल (फीका, डल) रंग संकेत देती है कि किडनियाँ ठीक से काम नहीं कर रहीं; और साथ ही ये भी कि अधिक मांसाहारी भोजन, नमक और अण्डों के सेवन के कारण फेफड़ों की कार्य क्षमता भी धीमी पड़ गयी है। ये रंग इस बात का भी संकेत है कि आपकी अंतःस्रावित ग्रंथियाँ (हारमोंस ), विशेषकर जननेन्द्रियाँ, संतुलित नहीं हैं।
  • थायराइड ग्रंथि में समस्‍या होने पर आंखें उभरी हुई दिखती हैं। थायराइड ग्रंथि का संतुलित होना अच्छी सेहत के लिए बहुत जरुरी होता है। थकान, वजन कम होना या बढ़ना, बार-बार भूख लगना थायराइड ग्रंथि के ठीक से काम न करने के लक्षण हैं |
  • पीलिया होने पर आंखों में पीलापन और भूरापन आ जाता है। हालांकि अधिक मात्रा में वसायुक्‍त भोजन करने और फलों और हरी सब्जियों का सेवन कम करने के कारण भी आंखों में पीलापन नजर आने लगता हैं। हालाँकि इससे देखने की क्षमता पर असर नहीं पड़ता।
  • उच्‍च रक्‍तचाप की समस्‍या होने पर भी आंखों के रंग में बदलाव होता है। हाई ब्‍लड प्रेशर के दौरान आंखें लाल हो जाती हैं। इसके अलावा रक्‍त वाहिकाओं यानी ब्‍लड वेसेल्‍स के फैलने के कारण आंखों में सूजन भी हो सकती है। ऐसा हाई ब्लड प्रेशर के कारण होता है।
  • कोलेस्ट्रॉल बढने पर कम समय के लिए दृष्टि हानि जैसे संकेत दिख सकते हैं। इस दौरान आपको महसूस होता है जैसे कोई पर्दा आपकी आँखों के सामने आ रहा है और जा रहा है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आपकी कैरोटिड धमनी में प्लाक जमने के कारण आँखों तक रक्त नहीं पहुंच पाता है।
  • आँखों के चारों ओर मुँहासे दर्शाते हैं कि शरीर फैट्स और प्रोटीन्स (आम तौर पर पशु आधारित) को पचाने में कुछ रुकावट है।
  • लाल मुंहासे अत्यधिक शुगर के कारण होते हैं, जबकि पीले मुँहासे अत्यधिक पशु आधारित खाद्यों (इसमें डेयरी प्रोडक्ट्स और मांस शामिल है ) के कारण होते हैं, जिसकी वजह से स्प्लीन, पैंक्रियाज़ और किडनियों को आवश्यकता से अधिक काम करना पड़ता है।
  • निचली पलक के नीचे मुंहासे संकेत देते हैं कि शरीर फैटी मीट और शुगर या फलों और फलों के रस और डेयरी के ज्यादा सेवन के कारण प्राप्त फैट्स, प्रोटीन और शुगर को शरीर से निष्कासित (शरीर से निकालने का प्रयास ) कर रहा है।
  • पलकों के ऊपर मुँहासे फैट्स, प्रोटीन्स और शुगर के निष्कासन के संकेत हैं। अगर आप बहुत अधिक फल, फलों का रस या खट्टे फल खायेंगे, तो आपको पलकों के कोरों पर मुंहासे हो सकते हैं।
  • आँखों के ऊपर, भौंहों के नीचे का भाग, ग़लत खाने की आदतों के कारण ढीला पड़ जाता है और उसमें झुर्रियाँ पड़ जाती हैं, या वहाँ पर सूजन आ जाती है और त्वचा लटक जाती है। कई महिलायें इस समस्या के समाधान के लिये बोटॉक्स ट्रीटमेंट कराना ज्यादा उचित समझती हैं, जबकि हकीकत में संतुलित डाइट त्वचा को ढीला होने से रोकेगी और आपकी त्वचा को लचीला और जवान बनाये रखेगी।
  • लोग अक्सर नींद की कमी के लिये जो आँखों के चारों तरफ़ की सूजन को दोष देते हैं, वो वास्तव में ड्रिंक्स के अत्यधिक सेवन के कारण होती है। जब किडनियों और लिवर को अपनी क्षमता से अधिक काम करना पड़ता है, या आपकी किडनियों के चारों ओर बहुत ज़्यादा बल्गम जमा हो जाता है, तो ये समस्या अक्सर इसी रूप में दिखाई देती है। अगर आँखों के नीचे की ये थैलियाँ (पनीली और सूजी हुई) अत्यधिक ड्रिंक्स के सेवन के कारण है, तो इसके साथ-साथ आपको बार-बार पेशाब जाने और अनिद्रा जैसी परेशानियाँ भी होंगी, जिसका मतलब है कि आपकी किडनियों के काम करने की क्षमता प्रभावित हो रही हैं।
  • आँखों की थैलियाँ सूजी और फैटी दिखायी देती हैं, उनका कारण होता है अत्यधिक बल्गम का जमाव | अगर आपके इस बल्गम के जमाव वाली थैलियों पर मुँहासे होते हैं, तो ये इस बात का संकेतक है कि आपकी किडनियों के आस पास बल्गम और फैट जमा हो रहा है, जिससे पथरी हो सकती हैं। आम तौर पर आँखों के नीचे की थैलियाँ एक महत्त्वपूर्ण संकेत हैं कि आपके शरीर की ऊर्जा प्रभावित होगी |
  • आँखों के नीचे की त्वचा में झुर्रियाँ संकेत देती हैं कि डाइट में अत्यधिक नमक और पशु आधारित प्रोटीन के कारण आपकी किडनियाँ थक गयी हैं और उन्हें ज़रूरत से ज्यादा काम करना पड़ रहा है। हालाँकि उम्र बढने के साथ-साथ झुर्रियाँ पड़ना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है यदि आपको कम उम्र में ही झुर्रियाँ पड़ रही है तो इसका कारण ये भी हो सकता है |

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