नींबू के रस के फायदे और गुण तथा 50 बेहतरीन घरेलू नुस्खे

नींबू के रस के औषधीय गुणों का फायदा हर मौसम में उठाया जा सकता है। यह बदलते मौसम के अनुरूप अपने गुणों को समायोजित कर मौसम से जुडी मोटी बीमारियों और दोषों से बचाता है। नींबू का मुख्य कार्य शरीर के खराब तत्वों को नष्ट कर उन्हें बाहर निकालना है। यह मुँह के स्वाद को ठीक करके भोजन के प्रति रुचि पैदा करता है। रक्त शुद्ध कर त्वचा को नई चमक देता है। नींबू को नमक में रखने से वह कई दिन तक ताजा  बना रहता है। नींबू की प्रकृति क्षारीय है और इसकी तासीर ठंडी होती है। सब्जियों में नींबू पकाते समय नहीं डालें, सब्जी पकाकर उतारते समय डालें। नीबू में साइट्रिक एसिड (अम्ल) होने पर भी पेट में इसका  दुष्प्रभाव नहीं होता। नींबू पेट में क्षार की उत्पत्ति करता है जो अच्छे स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। नींबू में पाया जाने वाला फॉस्फोरस शरीर में नये तन्तुओं के विकास में सहायक होता है। नीबू की शिकंजी व्रत या उपवास के दिनों में अधिक मात्रा में पियें। नीबू पेट के सारे विकार पेशाब के रास्ते बाहर निकाल देता है। शरीर में खराब एसिड व विष जमा होने से व्यक्ति बीमार होता है। सुबह एक गिलास पानी में एक नींबू निचोड़कर एक चम्मच अदरक का रस डालकर नित्य पीने से शरीर शुद्ध व नीरोग रहता है। #Lemon #health #Benefits #Home #Remedies #Medicinal #properties of lemon

इस पोस्ट में निम्नलिखित बीमारियों को ठीक करने में नींबू के नुस्खे और फायदे बताये गए है |

रक्त की खराबी, पेट की गर्मी, घबराहट और बेचैनी, खाज-खुजली फोड़े-फुंसी, खून की कमी, नाखून बढ़ाने और  मजबूत बनाने, सिरदर्द, माइग्रेन, बच्चो का हकलाना, खाँसी, जुकाम और बुखार, पेट दर्द, नकसीर, पाँवों में ज्यादा पसीना आना, पसीने को बदबू, उच्च रक्तचाप, कमर-दर्द, गठिया, गर्भस्राव, मधुमेह, मोतियाबिन्द, आँखों की रौशनी बढ़ाने, धूम्रपान की आदत को छोड़ने, मुँह से बदबू, मुंह में छाले¸ तिल्ली बढ़ने, पेट के रोग जैसे गैस, अफरा, एसिडिटी, कब्ज, बदहजमी |

नींबू के पौष्टिक तत्व —  कैलोरी=59 मि.ग्रा., प्रोटीन=1.5 मि.ग्रा., कैल्शियम=90 मि.ग्रा., लोहा=0.3 मि.ग्रा. विटामिन = 15 ए मि.ग्रा, थायोमिन =0.02 मि.ग्रा.,  रिबोफ्लोविन = 0.03 मि.ग्रा., नियासीन=0.1 मि.ग्रा. होता है |

नींबू के रस के गुणकारी औषधीय उपयोग :

नींबू के फायदे lemon benefits and home remedies
नींबू के लाभ
  • नींबू के रस को नारियल के तेल में अच्छी तरह मिलाकर मालिश करने से खाज-खुजली की समस्या दूर होती है।
  • नींबू के 20 ग्राम रस में शक्कर मिलाकर प्रतिदिन सेवन करने से रक्त-पित्त की खराबी ठीक होती है।
  • 250 ग्राम पानी में 10 ग्राम नींबू का रस और शक्कर मिलाकर पीने से पित्त की वजह से पैदा होने वाली जलन ठीक हो जाती है।
  • गर्मियों में नींबू के रस को पानी में मिलाकर, चीनी डालकर शिकंजी बनाकर पीने से पेट की गर्मी ठीक होती है और प्यास भी शांत होती है।
  • कोलगेट और नींबू लगाने से क्या फायदा होता है  – चेहरे के कील मुहासों को सूखाने के लिए आधा चम्मच कोलगेट पेस्ट में नींबू की 5 से 6 बूंदे मिलाकर लगाएं | कोलगेट और नींबू का यह पेस्ट त्वचा के रंग को निखारने में भी मदद करता है तथा आँखों के नीचे बनने वाले काले घेरो को भी ठीक करता है |
  • गर्मियों में अधिक गर्मी के कारण घबराहट और बेचैनी का अनुभव होने पर नींबू के रस की शिकंजी बनाकर पीने से बहुत आराम मिलता है। नींबू की शिकंजी पीने से नाक से रक्तस्राव (नकसीर) की बीमारी भी ठीक होती है।
  • नींबू के छिलके का उपयोग- नींबू के छिलके को छाया में सुखाकर पीस लें। इसकी आधा चम्मच रात को एक गिलास पानी में भिगोकर सुबह पानी छानकर स्वादानुसार मिश्री मिलाकर रोजाना पीने से भ्रम, वहम, बैचैनी ठीक हो जाता है।
  • खून की कमी (Anaemia)- शरीर में खून की कमी होने पर नींबू और टमाटर का रस सेवन करने से बहुत लाभ होता है।
  • नींबू के रस को एक गिलास पानी में मिलाकर स्वादानुसार नमक मिलाकर पीना चाहिए। इससे शरीर में रक्ताल्पता सम्बन्धी दोष दूर हो जाते हैं।
  • खून बढ़ाने वाला निम्बू का टॉनिक – एक गिलास पानी में एक नींबू निचोड़कर इसमें 25 ग्राम किशमिश डाल दें। इसे रात को खुले स्थान पर रख दें। सुबह भीगी हुई किशमिश खाते जायें और यह पानी पी जायें। इस प्रकार नींबू पानी में भिगी हुई किशमिश खाने से रक्त बढ़ता है जिससे रक्त की कमी के रोगों में लाभ होता है।
  • मूली काटकर अदरक के टुकड़े और नींबू के रस को डालकर खायें। इससे रक्त की कमी दूर हो जाती है।
  • नाखून न बढ़ना- यदि आपके नाखून न बढ़ते हों तो गर्म पानी में नींबू निचोड़कर उसमें पाँच मिनट तक औगुलियाँ रखें, फिर तुरन्त ही हाथ ठण्डे पानी में रखें। इससे नाखून बढ़ने लगेंगे।
  • नाखूनों पर नींबू के रस को लगाने से वे बहुत मजबूत और सुन्दर रहते हैं। औगुलियों को धोकर उनके अगले भाग पर नींबू रगड़कर सुखा लें।
  • नाखूनों के पास को त्वचा अगर पकती हो तो नींबू के हरे पत्ते और नमक पीसकर लगायें। 15 दिन लगाने पर आप देखेंगे कि नाखूनों की त्वचा पकना बन्द हो गई है।
  • प्रो. स्कमोल के अनुसार यदि थोड़ा-सा नींबू रोजाना नियमित रूप से सेवन किया जाए तो उम्र बढ़ती है। लेकिन नींबू का अधिक सेवन हानिकारक भी है।
  • सिरदर्द- नींबू के छिलके पीसकर सिर पर लेप करने से सिरदर्द में लाभ होता है।
  • अदरक का रस आधा चम्मच, नींबू का रस आधा चम्मच, सेंधा नमक चौथाई चम्मच मिलाकर हल्का-सा गर्म करके इसे सूंघे। इससे छींकें आकर कफ, पानी निकलता है और सिरदर्द ठीक हो जाता है। सर्दी लगने से हुआ सिरदर्द, आधे सिर का दर्द (माइग्रेन) और (साइनोसाइटिस) में अधिक लाभकारी है।
  • जिस ओर सिरदर्द हो उसके विपरीत नथुने में (अर्थात् बाई ओर सिरदर्द हो तो दायें नथुने में) तीन बूंद नींबू के रस की डालने से आधे सिर का दर्द (हेमीक्रेनिया) जो सूरज के साथ घटता-बढ़ता है, ठीक हो जाता है।
  • सिरदर्द ठीक करने के लिए कॉफी में नींबू के रस को डालकर पियें। दूध नहीं डालें।
  • नींबू की फाँक गर्म करके सिर पर रगड़े, एक बार रगड़ने के 15 मिनट बाद दुबारा रगड़े। इस तरह लगाते रहने से सिरदर्द जल्दी ठीक हो जाता है। नींबू का रस रगड़ने के बाद सिर को हवा नहीं लगने दें। सिर ढँक लें। नींबू के प्रयोग से गर्मी के कारण होने वाला सिरदर्द जल्द ठीक हो जाता है।
  • नींबू की पत्तियों को कूटकर रस निकालकर रस को सूंघे, जिन्हें हमेशा सिरदर्द रहता है, वे यह उपाय करें। इससे सदा के लिए सिरदर्द ठीक हो जायेगा। नींबू की पत्तियों को सुखाकर प्रतिदिन सुबह इनको सूंघने तथा इन पत्तियों की चाय पीने से सिरदर्द की बीमारी जल्द ही ठीक हो जाती है |
  • छोटे बच्चे अक्सर बचपन में हकलाते और तुतलाते है इसके लिए गर्म पानी में नींबू निचोड़कर सुबह-शाम बच्चे से कुल्ले करवाए साथ ही दस पिसी हुई कालीमिर्च, एक चम्मच घी में मिलाकर दिन में दो बार चटवाएं |
  • खाँसी और बुखार के लिए निम्बू का नुस्खा -नींबू में नमक, काली मिर्च एवं शक्कर भरकर गर्म करके चूसने से लाभ होता है।
  • जुकाम- दो चम्मच दानामेथी एक गिलास पानी में उबालें। उबलते हुए आधा पानी रहने पर पानी छानकर इसमें आधा नींबू निचोड़कर गर्मा-गर्म ही पियें। उबली हुई मेथी भी खायें। बुखार जुकाम, फ्लू, सर्दी, श्वास, (साइनोसाइटिस) में लाभ होगा। यह पेय रोजाना दो बार जब तक ठीक नहीं हो जायें, पीते रहें।
  • एक नींबू मोटे कपड़े में लपेटकर ऊपर से मिट्टी का लेप करके धीमी आग पर सेंकें। सिकने के बाद नींबू निकालकर काटकर गर्म-गर्म को ही चूस लें। जुकाम जल्दी ही ठीक हो जायेगा।
  • पेट दर्द, सिरदर्द तथा जुकाम में -चाय में दूध की जगह नींबू निचोड़कर पियें। यह चाय दिन में तीन बार पियें |
  • गला बैठ जाए, गले में सूजन हो जाए तो ताजा पानी या गर्म पानी में नींबू निचोड़कर नमक डालकर दिन में तीन बार गरारे करने से लाभ होता है।
  • नकसीर में नींबू के रस की चार बूंद जिस नथुने से रक्त आ रहा हो, उसमें डालने से तुरन्त रक्त आना बन्द हो जाता है।
  • मूली पर नींबू के रस को निचोड़कर रोजाना खाते रहने से बार-बार नकसीर आना बन्द हो जाती है।
  • पाँवों में ज्यादा पसीना आने पर गर्म पानी के दो गिलास में एक नींबू का रस मिलाकर तलवो (Soles of feet) पर सिकाई करें |
  • घट्टा (Corns)-घट्टा (पैरों में कोल, कठोर गाँठ) पर नींबू का रस लगाकर रखने से नर्म पड़ जाते हैं। इस पर एक फाँक नींबू को भी बाँध सकते हैं। यह एक अजमाया हुआ सफल प्रयोग है।
  • सूती, ऊनी, सिल्कन, टेरीन, कैसा भी कपड़ा हो, नींबू के रस से दाग-धब्बे दूर हो जाते हैं। नींबू के रस से पीतल के बर्तनों के धब्बे भी दूर हो जाते हैं।
  • पसीने को बदबू-नींबू के पत्तों को पीसकर मलने से पसीने की दुर्गन्ध दूर होती है। जहाँ कहीं दुर्गन्ध-युक्त पसीना आता हो, विशेषकर बगल में, जहाँ अधिकतर पसीना आता है, नींबू के पत्ते पीसकर मलें, बदबू नहीं आयेगी। पसीने की बदबू दूर करने के लिए उपाय
  • यदि मच्छर काटने पर तेज दर्द हो तो उस पर नींबू का रस लगायें। इसका रस नमक के साथ मिलाकर मकड़ी, खटमल, बर्र व मधुमक्खी के काटे स्थान पर लगाने से आराम मिलता है।
  • हृदय-रोग और उच्च रक्तचाप के रोगी रोजाना तीन बार नींबू का पानी पीते रहें, तनाव मुक्त रहें तो जरुर फायदा होगा।
  • रक्तस्राव- फेफडे, आमाशय, गुद, गर्भाशय और मूत्राशय से रक्त आने पर नींबू का रस ठण्डे पानी में मिलाकर दिन में तीन बार पीते रहने से आराम आ जाता है।
  • कमर-दर्द के इलाज के लिए चौथाई कप पानी में आधा चम्मच लहसुन का रस और एक नींबू का रस मिलाकर रोजाना दो बार पियें। यह पेय कमर दर्द में लाभदायक है। समान मात्रा में नींबू का रस और अदरक का रस (1-1 चम्मच) मिलाकर गर्म करके कमर-दर्द वाली जगह पर लगाये । नींबू और अदरक का रस काँच की बोतल में भरकर फ्रीज में रखने से खराब नहीं होता है ।
  • एक गिलास पानी में नींबू निचोड़कर रोजाना सुबह पीते रहने से गठिया रोग में भी लाभ होता है।
  • रोहिणी (Diphtheria)-डॉ. ई.पी. एन्शूज ने अपनी पुस्तक ‘श्रेर/प्यूटिक बहुवेज’ में लिखा है कि जर्मनी के एक डॉक्टर ने नींबू के रस से 80 रोगियों को ठीक किया, केवल 1 रोगी ठीक नहीं हो पाया। वे नींबू को पानी में मिलाकर गरारे कराते थे या रोगी को नींबू का थोड़ा-सा रस चूसने को कहते थे।
  • बारिश के मौसम में बुखार, फोड़े-फुंसी बहुत होते हैं। नींबू का सेवन इनमें लाभदायक है। मानसून के मौसम में गर्म पानी में नींबू मिलाकर रोजाना पीना चाहिए।
  • सुप्रसव (Easy Delivery)-यदि चौथे माह से प्रसवकाल तक गर्भवती महिला एक नींबू की शिकंजी (पानी में चीनी और नींबू के रस को मिलाकर ) रोजाना पिये तो प्रसव सरलता से बिना कष्ट के होता है।
  • गर्भस्राव (Abortion)-नमकीन शिकंजी (नींबू, नमक व पानी) में विटामिन “ई’ होता है। विटामिन ‘ई’ स्त्री को गर्भधारण में सहायता करता है। गर्भ की रक्षा करता है, गर्भस्राव रोकता है। सुबह-शाम नमकीन शिकंजी पीने से विटामिन ‘ई’ की पूर्ति हो जाती है। जिनको गर्भस्राव होता हो, वे नमकीन शिकंजी पियें तथा रात को सोते समय पाँवों के नीचे तकिया रखें।
  • मधुमेह (Diabetes)-मधुमेह में प्यास अधिक होने पर पानी में नींबू निचोड़कर पीने से लाभ होता है। रोजाना प्रातः नींबू के पानी को पीते रहें। लाभ होगा। डायबिटीज उपचार के लिए आयुर्वेदिक उपाय
  • मोतियाबिन्द (Cataract)-एक भाग नींबू का रस, 5 भाग गुलाबजल मिलाकर छानकर शीशी में भर लें। दो बूंद सुबह-शाम रोजाना दो बार, चार-पाँच महीने तक आँखों में डालें। मोतियाबिन्द में लाभ होगा।
  • आँखों की रौशनी बढ़ाने के लिए एक गिलास पानी में एक नींबू के रस को निचोड़कर सुबह खाली पेट हमेशा पीते रहें। नेत्र ज्योति ठीक बनी रहेगी तथा बढ़ेगी। इससे पेट साफ रहता है। शरीर स्वस्थ रहता है। नीरोग रहने का यह प्राथमिक उपचार है।
  • धूम्रपान की आदत को छोड़ने के लिए-नींबू चूसें। नींबू पानी पियें। जीभ पर बार-बार नींबू के रस की पाँच बूंद डालें और स्वाद खट्टा बनाये रखें। धूम्रपान, बीड़ी, सिगरेट, तम्बाकू खाने की आदत छूट जायेगी।
  • नाखूनों पर रोजाना नींबू रगड़े, रस सूख जाने के बाद पानी से धोयें। इससे नाखूनों के रोग ठीक हो जाते हैं।
  • प्याज पर नींबू, सेंधा नमक डालकर खाने से प्यास कम लगती है।
  • मुँह से बदबू आने पर एक गिलास पानी में एक नींबू निचोड़कर दो चम्मच गुलाबजल डालकर भोजन के बाद इस पानी से तीन कुल्ले करके बचा सारा पानी पी जायें। मुँह से दुर्गन्ध नहीं आयेगी।
  • रोजाना नींबू व पानी में स्वाद के लिए चीनी या नमक डालकर सुबह खाली पेट पियें। रात को सोते समय एक गिलास गर्म दूध में एक चम्मच घी डालकर पियें। लम्बे समय दो महीने तक प्रयोग करने से मुंह में छाले होना बन्द हो जाते हैं।
  • नींबू में चीनी, काला नमक, काली मिर्च भरकर गर्म करके चूसने से लाभ होता है। खाँसी का तेज दौरा ठीक हो जाता है।
  • पोदीने के 30 पत्ते, आठ कालीमिर्च पिसी हुई, एक गिलास पानी स्वादानुसार नमक मिलाकर उबालें। उबलते हुए आधा पानी रहने पर छानकर आधा नींबू निचोड़कर सुबह-शाम पियें। खाँसी तथा बुखार (फीवर) में लाभ होगा।
  • खट्टी चीजें सेवन करने से खाँसी बढ़ती है। सामान्य खाँसी वाले नींबू का सेवन न करें।
  • तिल्ली (Spleen)-(1) नींबू को बीच में से काटकर उसको गर्म करके थोड़ा नमक लगाकर कई दिन तक भोजन से पहले लेने से बढ़ी हुई तिल्ली (प्लीहा) अपने प्राकृतिक आकार में आ जाती है।
  • तिल्ली बढ़ने पर पेट बढ़ जाता है, तेज चलने पर साँस फूलती है, मलेरिया हो जाता है। दो चम्मच प्याज के रस में आधा नींबू निचोड़कर, दो चम्मच पानी मिलाकर सुबह-शाम पियें। नींबू का अचार भी खायें।
  • एक गिलास पानी में एक नींबू निचोड़कर पियें। इस प्रकार तीन बार रोजाना पियें। नींबू का पानी पीने से तिल्ली की सूजन ठीक हो जाती है।
  • पेट में गैस की समस्या होने पर एक चम्मच नींबू के रस में एक चम्मच पिसी हुई अजवायन, आधा कप गर्म पानी में मिलाकर सुबह-शाम पियें। पेट की गैस की रामबाण दवा तथा अचूक आयुर्वेदिक इलाज
  • एक गिलास पानी में एक नींबू निचोड़कर चौथाई चम्मच मीठा सोडा मिलाकर रोजाना पियें।इससे पेट में गैस नहीं बनेगी |
  • आधा गिलास गर्म पानी में आधा नींबू निचोड़कर जरा-सी पिसी हुई कालीमिर्च को फंकी सुबह-शाम लें।
  • सोंठ एक चम्मच, साबुत अजवायन 50 ग्राम, नींबू के रस में भिगोकर छाया में सुखायें। जब भी खाना खायें, खाने के बाद इसकी एक चम्मच चबायें।
  • नींबू काटकर इसकी फाँकों में नमक, कालीमिर्च भरकर गर्म करके चाटने से गैस में लाभ होगा।
  • खाने के बाद आधा नींबू एक कप पानी में निचोड़कर पियें।
  • नींबू के बीज भी हा बहुत काम की चीज, नींबू के पाँच बीज, चौथाई चम्मच सोंठ-दोनों पीसकर आधा कप गर्म पानी में घोल-कर पियें। इससे पेट के अफारे से राहत मिलेगी ।
  • अपच (Dyspepsia)-भोजन नहीं पचता हो, खट्टी डकारें आती हों तो पपीते पर, नींबू, काली मिर्च डालकर सात दिन सुबह खायें।
  • भोजन के साथ मूली पर काला नमक, और नींबू के रस को मिलाकर रोजाना खायें।
  • नाश्ता करते समय नींबू पानी पीने से शरीर की गर्मी कम हो जाती है।
  • नींबू के रस में इमली के बीजों के छिलके उतारकर पीस लें। इसका लेप करने से दाद जल्दी नष्ट होता है।
  • गुप्तांगों को खुजली में नींबू को फाँक रगड़े। इससे थोड़ी से जलन, चिरमिराहट तो जरुर होगी लेकिन खुजली ठीक हो जायेगी।
  • नारियल के तेल में नींबू का रस मिलाकर मालिश करने से खुजली में लाभ होता है। यदि खुजली में दाने हों तो समान मात्रा में नींबू का रस और नारियल का तेल मिलाकर इतना गर्म करें कि रस जल जाये फिर इसे खुजली वाली जगह रोजाना तीन बार मलें। खुजली मिट जायेगी। नींबू के रस को नारियल के तेल में गर्म करके लगायें। नींबू में फिटकरी भरकर खुजली वाली जगह पर रगड़े।
  • गर्म पानी में नींबू के रस की मिलाकर नहाने से खुजली मिट जाती है।
  • नहाने से पहले नींबू को फाँक में पिसी हुई फिटकरी भरकर खुजली वाली जगह रगड़े। दस मिनट बाद नहाए ऐसा करने से खुजली में लाभ होगा।
  • दो करेलो का रस निकालकर इसमें आधा नींबू निचोड़े, तीन चम्मच पानी डालकर मिलाकर पियें। इससे खून साफ होकर फोड़े फुंसी ठीक हो जाते हैं। एलोवेरा के नुस्खे : दाद, खुजली, घाव, फोड़े-फुंसियों और जली त्वचा के लिए
  • फोड़े-फुंसी या पेट खराब होने पर अदरक, नींबू, सेंधा नमक तीनों का मिला हुआ अचार रोजाना सुबह-शाम खाने से फायदा होता है।
  • अलाइयाँ (Prickly Heat)-गर्मी के मौसम में शरीर में अलाइयाँ, घमौरियाँ निकलती हैं। दिन में तीन बार नींबू पानी पीने से अलाइयाँ ठीक हो जाती हैं और फिर नहीं निकलतीं। अलाइयों पर नींबू का रस भी लगायें।
  • नींबू का पेड़ तुलसी की तरह बहुत शुभ होता है अपने घर के दरवाजे के सामने लगायें। इससे घर की शांति और सम्पन्नता बढ़ती है, ऐसी मान्यता है। जगह के अभाव में प्लास्टिक का कृत्रिम नींबू के पेड़ को रखकर इस शुभ कार्य को करें।

नींबू के प्रयोग के दौरान रखें ये सावधानियां भी 

  • सावधानी-पैर के जोड़ों में दर्द, गले के टॉन्सिल, पेट में घाव (Ulcer) के रोगी को नींबू नहीं देना चाहिए। ऐसे लोग भी सावधानीपूर्वक नींबू के प्रयोग करें जिन्हें नींबू के प्रयोग से चक्कर आते हैं या निम्न रक्तचाप (Low Blood Pressure) हो जाता है। ऐसे लोगों को भी नींबू का सेवन नहीं करना चाहिए जिनका पेट संवदेनशील हो |
  • तो देखा आपने निम्बू का छिलका, रस, बीज, और पत्ते सभी कितने सारे औषधीय गुणों को समेटे रहते है , तो आप इन नुस्खो को अजमाए तथा रोगों को भगाए वो भी बिना किसी साइड इफ्फेक्ट के |

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