डायबिटीज में योग करने से ब्लड शुगर काफी हद तक कंट्रोल में रहता है। कई चिकित्सा संस्थानों में हुए अध्ययनों से इस तथ्य की पुष्टि हुई है कि उत्तानपादासन, भुजंगासन, शलभासन, धनुरासन, मकरासन, सर्वांगासन, हलासन, मत्स्यासन, नौकासन, पद्मासन, योगमुद्रा, पश्चिमोत्तानासन, शशांकासन, अर्द्धमत्स्येन्द्रासन और मयूरासन अपने-अपने ढंग से मधुमेह के रोगियों को विशेषतौर लाभ पहुँचाते हैं। इन्हें नियमपूर्वक करते रहने से इंसुलिन का असर पहले से अधिक हो जाता है, कोलेस्टेरॉल के नुकसानदेह घटकों की मात्रा घटती है, स्वास्थ्यवर्धक एच.डी.एल. कोलेस्टेरॉल बढ़ता है, रक्तचाप पर नियंत्रण बनता है, और बोनस के रूप में मानसिक तनाव से भी छुटकारा मिलता है।
शुगर पेशेंट के लिए जो योग उपयोगी पाए गए हैं, उन्हें करने की विधि इस प्रकार है–
डायबिटीज में योग : उत्तानपादासन करने की विधि

- जमीन पर पीठ के बल सीधे लेट जाएँ।
- दोनों पैर आपस में सटाकर रखें। शरीर को ढीला छोड़ दें। हथेलियाँ जमीन से सटाकर रखें। गहरी साँस भरते हुए दोनों पैरों को एकसाथ ऊपर उठाएँ। ध्यान रखें कि दोनों बिल्कुल सीधे उठे। उन्हें 30 डिग्री तक ऊपर ले जाएँ और साँस रोक लें।
- इस मुद्रा में जितने समय तक आराम से रुक सकते हों, रुकें। धीरे-धीरे अभ्यास द्वारा 10 सैकेंड के लिए रुकने का नियम बना लें। अब साँस छोड़ते हुए पैर जमीन पर धीरे-धीरे वापस ले आएँ।
- आसन के अगले चरण में सभी क्रियाएँ इसी प्रकार दोहराते हुए पैरों को 60 डिग्री के कोण तक ऊपर ले जाएँ।
- यह आसन तीन बार दोहराएँ।
- इस आसन को करने से पेट की पेशियों पर दबाव पड़ता है, इसलिए यह सावधानी जरूर बरतें कि पैर धीरे-धीरे ऊपर ले जाएँ और धीरे-धीरे ही नीचे लाएँ, झटके के साथ नहीं। उच्च रक्तचाप और हृदयरोग वालों के लिए यह आसन वर्जित है। पीठ में दर्द हो तब भी यह आसन न करें।
डायबिटीज में योग : भुजंगासन करने की विधि

- सीने और पेट के बल जमीन पर लेट जाएँ।
- अब दोनों पैरों के अँगूठों को जमीन से सटा लें और दोनों हथेलियाँ बगल की पसलियों से एक फुट की दूरी पर रखें।
- अब गहरी साँस भरते हुए सीने और गर्दन को धीरे-धीरे आधा फुट की ऊँचाई तक उठाएँ।
- मुँह से फुफकारते हुए साँस बाहर फेंकें।
- दुबारा से साँस अंदर भरते हुए सीने और गर्दन को फिर से ऊपर उठाएँ। इस बार नाभि तक का पूरा भाग ऊपर ले जाएँ। गर्दन को जितना पीछे ले जा सकें, ले जाएँ। ऊपर आसमान को देखने की कोशिश करें। जितनी देर तक साँस आराम से रोक सकें, रोकें।
- फिर फुफकार करते हुए साँस बाहर छोड़े और गर्दन व सीना जमीन की ओर ले आएँ। अब शरीर ढीला छोड़ दें और कुछ देर के लिए आराम करें।
डायबिटीज में योग : शलभासन करने की विधि

- सीने और पेट के बल जमीन पर लेट जाएँ। दोनों पैर सीधे रखें।
- साँस भरते हुए दायाँ पैर धीरे-धीरे ऊपर उठाएँ, फिर साँस छोड़ते हुए उसे नीचे ले जाएँ।
- फिर बायाँ पैर भी इसी प्रकार ऊपर उठाएँ और नीचे लाएँ।
- एक बार फिर साँस अंदर भरें और इस बार दोनों पैर एकसाथ ऊपर उठाएँ। जरूरत महसूस हो तो हथेलियों का सहारा ले लें।
- यह आसन तीन से पाँच बार करें। शुरू में आधा मिनट और फिर बढ़ाते हुए इसे तीन मिनट तक करें।
डायबिटीज में योग : धनुरासन करने की विधि

- सीने और पेट के बल जमीन पर लेट जाएँ। हाथ शरीर के समानांतर फैला लें। दोनों घुटने मोड़ लें। पैर नितंबों पर टिकाएँ।
- दोनों हाथों से पैरों के टखने जोर से पकड़ लें। दोनों पैर पीछे की ओर ले जाने की कोशिश करें। इससे सीना और पेट का ऊपरी हिस्सा स्वतः ऊपर उठ जाएगा और सिर्फ नाभि के पास का हिस्सा ही जमीन से सटा रह जाएगा।
- एक सप्ताह तक अभ्यास करने के बाद इसी मुद्रा में शरीर को आगे-पीछे धकेलें। इससे पूरे शरीर की पेशियों की मालिश होगी।
- यह आसन आधे मिनट से लेकर तीन मिनट तक करें। पैरों पर खिंचाव देते समय साँस अंदर भरें और आगे झूलते समय साँस छोड़ें।
डायबिटीज में योग : मकरासन करने की विधि

- सीने और पेट के बल जमीन पर लेट जाएँ। अब सीने को ऊपर उठाएँ और कोहनियों से दोनों बाँहें ऊपर मोड़ लें तथा दोनों हथेलियों से ठुड्डी और दोनों जबड़ों को सहारा दें। इस मुद्रा में लेटे रहने से शरीर को आराम मिलता है।
- यह आसन आधा मिनट से तीन मिनट तक करें। आराम से लंबे-लंबे साँस अंदर भरें और छोड़ें।
डायबिटीज में योग : सर्वांगासन करने की विधि

- जमीन पर पीठ के बल लेटें। हाथ, शरीर के बराबर फैला दें। हथेलियाँ जमीन पर रखें। साँस अंदर भरते हुए दोनों पैर धीरे-धीरे ऊपर उठाएँ इतना कि 90 डिग्री का कोण बन जाए।
- अब साँस बाहर छोड़ें। कुछ सैकेंड के लिए इसी मुद्रा में रुकें। साँस भरते हुए कमर को ऊपर उठाएँ। दोनों हाथों से सहारा लेते हुए शरीर को सीधा समरेखा में ऊपर उठाएँ। इस मुद्रा में शरीर कोहनियों, कंधों और गर्दन पर टिक जाएगा, धड़ और पैर को सीधा रखें। सहज रूप से साँस लें और छोड़ें।
- ठुड्डी कंठकूप से लगाकर रखें। आंखे पैर के अँगूठों पर टिकाकर रखें। इस मुद्रा में कुछ समय तक रुके रहें। यह आसन शुरू में आधे मिनट और फिर बढ़ाते । हुए पाँच मिनट तक करें।
- हर हफ्ते एक-एक मिनट बढ़ाएँ। पैर उठाते समय साँस लें। फिर साँस छोड़े। कंधों पर उठते समय भी साँस अंदर लें। सहज रूप से साँस लें और छोड़ें।
- यह आसन उच्च रक्तचाप और दिल की बीमारी के मरीजों के लिए वर्जित है। जिगर (यकृत) या तिल्ली के बढ़ जाने पर भी यह आसन न करें।
डायबिटीज में योग : हलासन करने की विधि

- जमीन पर पीठ के बल लेटें। दोनों पैर एक-दूसरे से सटा लें। हाथ, शरीर के समानांतर फैला लें। हथेलियाँ जमीन पर रखें। साँस अंदर भरते हुए पैर धीरे-धीरे ऊपर ऊठाएँ। जब 90 डिग्री का कोण बन जाए, तो एक बार साँस छोड़कर दुबारा से साँस अंदर भरें और कमर पर से दोनों पैर मोड़ते हुए सिर के पास जमीन से लगाएँ। यह मुद्रा हल की आकृति जैसी दिखती है, इसीलिए इसे हलासन कहते हैं।
- कुछ समय तक यही मद्रा बनाकर रखें और आराम से साँस लें और छोड़ें।
- आधा मिनट से शुरू कर हर हफ्ते एक-एक मिनट बढ़ाते हुए यह आसान पाँच मिनट के लिए करें।
- हलासन से सामान्य मुद्रा में वापस लौटते समय कभी हड़बड़ी न करें। फिर से साँस भरते हुए धीरे-धीरे सामान्य मुद्रा में लौट आएँ। उच्च रक्तचाप, हृदयरोग और यकृत या तिल्ली के बढ़े होने पर यह आसन वर्जित है।
डायबिटीज में योग : मत्स्यासन करने की विधि

- हलासन के तुरंत बाद मत्स्यासन करना ठीक है। इस आसन में शरीर मछली जैसी आकृति में आ जाता है।
- सबसे पहले जमीन पर पैर फैलाकर बैठें। दाएँ पैर को घुटने से मोड़कर बायीं जंघा पर रखें। हाथ ब्रह्म-मुद्रा में लाएँ। एड़ी नाभि के पास के हिस्से की जंघा पर इस प्रकार टिकाएँ कि एड़ी नाभि से स्पर्श करे।
- अब लेटने की मुद्रा में आने के लिए हाथों की कोहनियाँ धीरे-धीरे पीछे ले जाएँ। इससे पीठ पीछे की ओर झुक जाएगी।
- शरीर धीरे-धीरे लेटने की मुद्रा में ले आएँ।
- दोनों हथेलियाँ कंधों के पास स्थापित कर पीठ और गर्दन को ऊपर उठाएँ। बाएँ हाथ से दाएँ पैर का अँगूठा पकड़े और दाएँ हाथ से बाएँ पैर का अँगूठा। कमर का हिस्सा जमीन से ऊपर उठाकर रखें।
- यह आसन सर्वांगासन और हलासन का विपरीत आसन है।
- सर्वांगासन का पूरा लाभ मत्स्यायन करने पर ही मिल पाता है।
- साँस लेने और छोड़ने की क्रिया लंबी और गहरी रखें। जितना समय सर्वांगासन में लगाएँ उतना ही समय इस आसन में लगाएँ।
डायबिटीज में योग : नौकासन

- नौकासन में शरीर की मुद्रा नौका की तरह हो जाती है। इस आसन में शरीर की संपूर्ण पेशियों का व्यायाम होता है।
- इसे करने के लिए पेट के बल लेटें।
- हाथों को मस्तक के आगे फैलाएँ।
- पैरों और हाथों, दोनों को अलग-अलग दिशा में एक साथ तानते हुए ऊपर उठाएँ।
- अब शरीर नौका के आकार में आ जाएगा और सिर्फ पेट का हिस्सा जमीन से सटा रह जाएगा।
- हाथों और पैरों को तानकर ऊपर उठाते समय साँस लें, फिर साँस छोड़ दें। नौकासन में रुकते समय लंबी-लंबी साँस भरें और छोड़े।
- इस योगासन को प्रति सप्ताह आधा-आधा मिनट बढ़ाते हुए तीन मिनट तक ले जाएँ।
डायबिटीज में योग : पद्मासन

- जमीन पर पैर फैलाकर बैठे। दाएँ पैर को घुटने से मोड़कर बायीं जंघा पर रखें।
- हाथ ब्रह्म-मुद्रा में ले आएँ।
- एड़ी नाभि के पास के हिस्से की जंघा पर इस प्रकार टिकाएँ कि एड़ी नाभि को स्पर्श करे।
- हथेलियाँ आकाश की ओर इस प्रकार खुली रखें कि अँगूठे और तर्जनी के अगले पोर मिले रहें। बाकी अँगुलियाँ आपस में मिली हुई और स्थिर रखें।
- गर्दन सीधी।
- ठुड्डी हंसली से चार अंगुल ऊपर और बिल्कुल स्थिर। आँखों की द्रष्टि नाक के अगले छोर पर।
- साँस लंबी और शांत रहे। इस आसान में एक मिनट से आधा घंटा तक रहें। हर हफ्ते तीन-तीन मिनट बढ़ाएँ।
- पद्मासन न लगा सकें, तो अर्द्धपद्मासन अर्थात् केवल एक पैर के पंजे को दूसरी जंघा पर रखकर अर्द्धपद्मासन का अभ्यास करें।
डायबिटीज में योग : योगमुद्रा
- पद्मासन की मुद्रा में बैठे। बाएँ हाथ की मुट्ठी बाँधकर शक्ति केंद्र रीढ़ के मूल में स्थापित करें। दाहिने हाथ से बाएँ हाथ का पौचा (मणिबंध) पकड़ें।
- साँस छोड़ते हुए शरीर आगे झुकाकर ललाट से जमीन को छुएँ।
- कलाई पकड़े, दोनों हाथों को ऊपर उठाएँ, जितना सीधा कर सकते हैं। सीधा करें।
- साँस की गति सहज रखें। अब साँस अंदर भरते हुए शरीर और गर्दन को भी नीचे लाएँ ताकि ये हाथों की सीध में आ जाएँ। यही क्रियाएँ कलाई बदलकर दोहराएँ।
- यह आसन एक मिनट से पाँच मिनट के लिए करें।
डायबिटीज में योग : पश्चिमोत्तानासन

- जमीन पर बैठ जाएँ। पैर सामने की ओर फैला लें।
- मेरुदंड सीधा रखें। साँस अंदर लेते हुए दोनों हाथों को ऊपर आकाश की ओर ले जाएँ।
- साँस छोड़ते हुए हाथों को नीचे लाएँ।
- अँगुलियों से पाँव के अँगूठों को पकड़े। लंबी साँस भरें। साँस छोड़ते हुए अपनी नाक दाहिने घुटने से लगाएँ। पुनः लंबी साँस भरते हुए मेरुदंड को सीधा कर लें।
- साँस छोड़ते हुए नाक बाएँ घुटने से लगाएँ। मेरुदंड को सीधा करें। साँस छोड़ते हुए नाक को दोनों घुटनों के बीच में लगाएँ।
- यह आसन एक मिनट से तीन मिनट के लिए करें। साइटिका और जोड़ों के दर्द वाले रोगियों के लिए यह आसन मना है।
डायबिटीज में योग : शशांकासन

- जमीन पर दोनों घुटने मोड़कर पैरों की अँगुलियों के बल बैठ जाएँ। मेरुदंड सीधा रखें। दोनों पैर के अँगूठे एक-दूसरे के ऊपर रखें।
- एड़ियों पर नितंब टिका लें। हाथों को घुटनों पर रखें।
- लंबी साँस भरते हुए हाथों को आकाश की ओर उठाएँ। साँस छोड़ते हुए हाथ और ललाट से जमीन को छुएँ।
- लंबी साँस भरते हुए उठे। पुनः साँस छोड़ते हुए जमीन को स्पर्श करें। देर तक शशांकासान में रुक सकें तो गहरी-गहरी साँस लेते रहें।
- यह आसन एक मिनट से तीन मिनट तक करें।
डायबिटीज में योग : अर्द्धमत्स्येन्द्रासन

- जमीन पर बैठ जाएँ। दोनों पैर फैला लें। बाएँ पैर को घुटने पर से मोड़कर एड़ी को गुदा के पास के रिक्त स्थान में स्थापित करें।
- इस प्रकार कि एड़ी का नितंब से स्पर्श बना रहे।
- दाहिने पैर को बाएँ पैर के ऊपर ले जाकर पैर पंजे के ऊपर टिकाएँ।
- अब सीधे बैठी स्थिति में दाहिने घुटने के ऊपर पैर को स्थापित कर हाथ से पंजे को पकड़े। दूसरे हाथ को पीठ के पीछे ले जाएँ।
- कंधे और गर्दन को नोटोकॉर्ड की ओर घुमाएँ। दृष्टि कोहनी पर रहे। कुछ समय तक रुकें। फिर दूसरे पैर को बदलकर दूसरी ओर से यह क्रिया दोहराएँ।
- आसन लगाते समय साँस लेने की क्रिया पर विशेष ध्यान दें। सीधे बैठते समय साँस अंदर लें। एड़ी लगाते समय साँस छोड़ें। हाथ घुटने के ऊपर रखते समय साँस लें।
- गर्दन, कंधा और हाथ पीछे ले जाते समय साँस छोड़ें। यह आसन शुरू में एक मिनट और फिर इसे बढ़ाते हुए तीन मिनट तक करें।
- मधुमेह रोगियों के लिए अर्द्धमत्स्येन्द्रासन सबसे लाभकारी योग माना जाता है क्योंकि इसमें इन्सुलिन का स्त्राव तेजी से होता है |
डायबिटीज में योग : मयूरासन

- मयूरासन कर पाना थोड़ा मुश्किल है, पर यदि वजन अधिक न हो और मांसपेशियों में दमखम हो तो अभ्यास द्वारा इसे सीखा जा सकता है।
- जमीन पर घुटने मोड़कर बैठे।
- हथेलियों को जमीन पर टिकाएँ।
- अँगुलियाँ पैरों की ओर रखें।
- कोहनियाँ मोड़कर नाभि के ऊपर पेट के हिस्से पर टिकाएँ।
- हाथों को अच्छी तरह से जमाने के बाद साँस छोड़ते हुए मुँह और कंधों को धीरे-धीरे बैलेंस बनाते हुए आगे की ओर बढ़ाएँ।
- पैर जमीन से अपने आप उठने लगेंगे (कंधे, पैर और किसी अंग को धक्का न दें। केवल कंधों को आगे बढ़ाने की कोशिश करें। पैर अपने आप ही उठने लगेंगे, हाथों पर शरीर स्थिर हो जाएगा)।
- शुरू में पाँच सैकेंड रुकें।
- धीरे-धीरे पैरों को जमीन पर लाएँ। शरीर को शिथिल छोड़ दें। अब फिर से मयूरासन का अभ्यास करें।
- इन सब योगासन के अतिरिक्त सूर्यनमस्कार से भी मधुमेह के रोगियों को लाभ मिलता है | मधुमेह के लिए प्राणायाम भी रामबाण योगासन है इसको हम अगले आर्टिकल में बताएँगे |
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- जाने क्या है प्राणायाम? तथा प्राणायाम करने के लाभ
डायबिटीज में योग आसन करते समय याद रखें ये टिप्स भी
- योगाभ्यास प्रतिदिन 30 से 40 मिनट तक करना चाहिए । यद्यपि, यदि इच्छा हो तो ध्यान लंबे समय तक कर सकते हैं।
- योग करने का सबसे अच्छा समय प्रात:काल ही है क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति को अपने काम पर भी जाना होता है।
- योग करते समय पेट खाली होना चाहिए इसके अलावा योग करते समय आरामदायक वस्त्र, एकांत वातावरण तथा हवादार कमरे का भी ध्यान रखना चाहिए !
- अभ्यास नियमित रूप से करना चाहिए।
- योगासन का अभ्यास के लिए समय निश्चित करें । ऐसे अभ्यास के लिए सुबह का समय ठीक रहता है क्योंकि इस समय पेट खाली होता है । कुछ लोगों के लिए शाम का समय भी ठीक है ।
- भोजन तथा अभ्यास के बीच में कम से कम दो घंटे का अंतर होना चाहिए।
- आसन तथा अभ्यास के लिए कमरे का खुला तथा हवादार होना आवश्यक है। जहां किसी प्रकार का शोर न हो ।
- एक वयस्क व्यक्ति के लिए 6 से 8 घंटे की नींद लेना आवश्यक है। यदि आप रात को सही समय पर सो जाएं तो नींद पूरी होगी व सुबह जल्दी भी उठ पाएंगे तभी आप योगाभ्यास के लिए नियमित रूप से समय निकाल सकते है।
- यदि आसन करते समय थकान महसूस हो तो आराम अवश्य करें ।
- अपनी क्षमता से अधिक व्यायाम न करें । आपकी क्षमता धीरे- धीरे ही बढ़ेगी ।
- योग मधुमेह को हराने के लिए अच्छा उपाय बन है लेकिन यह भी याद रखे की डायबिटीज में योग का कोई भी कार्यक्रम बनाने से पहले डॉक्टर और योगाचार्य से सलाह लेना जरुरी है। कुछ आसन कुछ विशेष परिस्थितियों में नहीं किए जा सकते। जैसे, रक्तचाप के बढ़े होने पर इसी प्रकार ऐसे आसन करना भी नुकसान पहुँचा सकता है जिनमें सिर की धमनियों पर दबाव पड़ता है। यदि आँख के पर्दे में डायबिटीज के कारण रेटिनोपैथी शुरू हो चुकी हो, तो इन आसनों को करने से आँख के भीतर रक्तस्राव हो सकता है और आँख की रोशनी जा सकती है। [ Tags.- Yoga for Diabetes patient, Baba Ramdev yoga for diabetes control, yoga for type 2 diabetes ]
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