प्राथमिक चिकित्सा के उपाय : गले या कान कुछ अटकने, चोट लगने, हड्डी टूटने पर

अचानक दुर्घटनाएं अक्सर हो जाया करती हैं। अचानक गिर जाना, मोच या चोट आ जाना, जल जाना, पानी में डूब जाना, आंख, नाक, कान में कुछ चला जाना आदि। इससे निपटने के लिए आपको हमेशा तैयार रहना चाहिए और ऐसी स्थिति में रोगी की प्राथमिक चिकित्सा के उपाय यानि (First Aid ) कैसे की जाए इन सब बातों की जानकारी आवश्यक है। गंभीर स्थिति में तो डाक्टर की सहायता आवश्यक होती है, फिर भी प्राथमिक चिकित्सा हो जाने से रोग काबू में आ जाते हैं। यहां हम कुछ संभावित दुर्घटनाओं की प्राथमिक चिकित्सा के बारे में आपको बता रहे हैं ताकि आप तुरंत ऐसी स्थिति से निपट सके | इस आर्टिकल में निम्नलिखित दुर्घटनाओ में दी जाने वाली प्राथमिक चिकित्सा के उपाय बताए गए है |

  1. आंख में कुछ गिर जाने पर
  2. गले में कुछ अटक जाने पर
  3. चोट लग जाने पर
  4. हड्डी टूट जाने पर
  5. कान में अनचाहे कुछ चला जाये
  6. नाक में कुछ फंस जाने पर
  7. हाथ-पैरों में कांटा आदि चुभ जाने पर

आंख में कुछ गिर जाने पर प्राथमिक चिकित्सा के उपाय

prathmik chikitsa upchar kaise kare प्राथमिक चिकित्सा के : गले या कान कुछ अटकने, चोट लगने, हड्डी टूट जाने पर फर्स्ट ऐड
आंख में कुछ गिर जाने पर प्राथमिक चिकित्सा

कई बार आंख में हवा चलने से तिनका या धूलकण चले जाते हैं या फिर मच्छर आदि कीट अचानक आंख में चले जाते हैं अथवा रेल-बस यात्रा में आंख में कोयले के कण या धूल चली जाती है। ऐसे में आंख में बहुत जलन होती है। आंख से पानी निकलने लगता है तथा लाल हो जाती है खोलने और बन्द करने में तकलीफ  होती है।

आंख में यदि मच्छर, कीट-पतंगा या कोई धूल-कण चला जाये तो हाथ से आंख को मलना या रगड़ना नहीं चाहिए। अन्यथा आंख में घाव या संक्रमण हो जाने का खतरा हो जाता है। रोगी को लिटाकर आंख की पलक को ऊपर की ओर उलट कर देखें ताकि आंख में पड़ी वस्तु दिखाई दे और आसानी से निकाली जा सके। किसी साफ, मुलायम कपड़े या रुई की सहायता से आंख में गिरी वस्तु निकाल दें। फिर साफ पानी से आंख धोकर गुलाबजल की एक-दो बूंद डाल दें।

यदि आंख में गिरी हुई वस्तु दिखाई न दे या बारीक होने के कारण निकालने में कठिनाई हो तो एक बड़े बर्तन में साफ पानी भर लें और रोगी का सिर उसमें आंख तक डुबाकर उससे बार-बार आंख खोलने और बंद करने को कहें। आंख में पड़ी चीज पानी में अपने आप ही निकल जाएगी | दूसरा तरीका यह है की आंख में घी (शुद्ध) लगाकर रुई का फाहा रखकर पट्टी बांध दें। सुबह मैल के साथ वस्तु भी बाहर आ जाएगी।

यदि आंख में आतिशबाजी का जलता कण या कोयले की चिंगारी पड़ जाए तो प्राथमिक चिकित्सा के लिए दो-तीन बूंद अरण्डी के तेल की डालकर पट्टी बांध दें। दो-तीन घण्टे बाद कण बाहर आ जाएगा तथा जलन शांत हो जाएगी। यदि घाव या दाग हो गया हो तो चिकित्सक के पास तुरन्त ले जाएं।

आंख में लोहे का बुरादा पड़ जाने पर आंख की पलक ऊपर उठाकर चुम्बक को आंख के ऊपर लाएं। लोहे का कण खिंचकर चुम्बक से चिपक जाएगा। बाद में गुलाबजल की कुछ बूंदें डालकर कुछ देर आंख बंद रखें तो आराम मिलेगा।

यदि आंख में गरम घी या तेल का छींटा पड़ जाए तो नारियल के तेल में बराबर मात्रा में चूने का पानी मिलाएं और उसमें रुई भिगोकर आंख पर रखें ।

आंख में सफेदी करते समय कई बार चूने का छींटा गिर जाता है ऐसे में तुरन्त आंख को स्वच्छ पानी से धो लें और बाद में अरण्डी का तेल या ग्लिसरीन की कुछ बूंदें डाल लें। इन सब तकलीफों में आंख अक्सर लाल हो जाती है और जलन होती है। इसे दूर करने के लिए आंख में अण्डे की सफेदी, शुद्ध घी अथवा ठंडे दूध (गाय का हो तो बेहतर है) की दो-चार बूंदें डालकर आंख बंद करके कुछ घण्टे आराम करें जलन व लाली में आराम आ जाएगा।

गले में कुछ अटक जाने पर प्राथमिक चिकित्सा के उपाय

अक्सर छोटे बच्चे खेल-खेल में कोई वस्तु निगल लेते हैं। बड़ों के साथ भी ऐसी दुर्घटना अक्सर हो जाती है। ऐसे में सांस में रुकावट भी हो जाती है। घबराहट बढ़ जाती है तथा मुंह से झाग आने लगता है और बेहोशी सी आ जाती है।

यदि बच्चा कोई वस्तु (पैसा, गोली, सीटी, कंचे आदि) निगल गया है तो प्राथमिक चिकित्सा के लिए पहले उसका मुंह जमीन की ओर नीचा कर अंगुलियां मुंह में डालकर वस्तु को निकालने की कोशिश करें। यदि वस्तु पकड़ से बाहर हो तो बच्चे को उल्टा लिटाकर पीट और गर्दन पर थपकी दें। गले में फंसी वस्तु बाहर की ओर खिसक आएगी। तब अंगुली से या चिमटी से पकड़कर बाहर निकाल लें लेकिन ध्यान रखें की अंदर कोई जख्म ना बनने पाए । यदि चीज काफी अंदर फंसी हो तो बच्चे को पैरों से पकड़कर उलटा लटकाएं और पीठ व गर्दन पर थपकी दें।

यदि कोई छोटी चीज गले में अटक गई है और वह बाहर न निकले तो उबला आलू, चावल जैसा पदार्थ खिलाएं अथवा गर्म दूध या पानी पिलायें ताकि गले में फंसी वस्तु पेट में अन्दर चली जाये। पाखाने के रास्ते वह वस्तु बाद में आसानी से निकल जाती है। यह जांच करना आवश्यक है कि वस्तु पाखाने के रास्ते निकल गयी या नहीं । कई बार दो-तीन दिन लग जाते हैं। यदि वस्तु न निकले तो डाक्टर को अवश्य दिखायें एक्स-रे करवाएं। भूलकर भी दस्त न करायें ।

कई बार मांसाहारी व्यक्तियों के गले में हड्डी का टुकड़ा या मछली का कांटा अटक जाता है। उसे निकालने के लिए उबला आलू निगलने को दें अथवा रोटी का बड़ा टुकड़ा घी में डुबोकर निगलने को दें ताकि कांटा या हड्डी का टुकड़ा इनके साथ फंसकर पेट में पहुंच जाये। यदि कांटा ऐसा फंस जाए कि निकल न पाए तो तुरन्त डाक्टरी सहायता लें ।

कान में अनचाहे कुछ चला जाये तो उसके लिए प्राथमिक चिकित्सा के उपाय

यह दुर्घटना अक्सर बच्चों के साथ घटित होती है। वे खेल-खेल में कोई छोटी वस्तु कान में घुसा लेते हैं। फिर उसे निकालने के प्रयास में और अधिक अंदर कर लेते हैं।

ऐसे में चिमटी आदि में फंसी वस्तु निकालनी चाहिए। चिमटी न हो तो सलाई या सूखी मिर्च की मुड़ी हुई डंडी में वस्तु फंसाकर बाहर निकाल देना चाहिए यदि वस्तु निकल न पा रही हो तो कान में सरसों या तिल का तेल टपकाएं ताकि चिकनाहट से वस्तु निकल सके। यदि और अन्दर चली जाए तो डाक्टर के पास ले जाएं।

यदि कान में कोई कीड़ा घुस गया हो तो कान को जमीन की ओर करके हिलाएं। यदि कीड़ा फिर भी न निकले तो कान में हल्का गरम (बहुत ज्यादा गरम नहीं) तेल डालें ताकि कीड़ा मर जाये। क्योंकि जब तक कीड़ा मरेगा नहीं, वह कान में फड़फड़ाता रहेगा और कान दर्द करेगा। फिर कान में पानी की पिचकारी छोड़ें और कान जमीन की ओर किये रहें, मरा कीड़ा बाहर निकल जाएगा।

कान में यदि पानी चला जाए तो कान नीचे की ओर करके कान को हिलाएं, पानी बाहर निकल जाएगा या फिर स्याही सोख कागज की बत्ती (ब्लॉटिग-पेपर) बनाकर कान में घुमाएं, यह पेपर पानी सोख लेगा। खाली पिचकारी कान में लगाकर पम्प बाहर खींचें। पानी पिचकारी में आ जाएगा।

नाक में कुछ फंस जाने पर प्राथमिक चिकित्सा के उपाय

बच्चे खेल-खेल में नाक में चना, कंचा या कंकड़ आदि डाल लेते हैं। ऐसे में बच्चों से नाक से छींक करवाएं  किसी मुड़ी हुई सींक या चिमटी से वस्तु पकड़कर बाहर निकाल लें । या बच्चे के मुंह से सांस दिलवाकर उसका मुंह बंद कर पेट के बल लिटा दें और पीठ झटके से दबाएं। इससे बच्चे की नाक से हवा तेज गति से बाहर निकलेगी और वस्तु बाहर निकल जाएगी। ध्यान रखें बच्चे को मुंह-नाक से सांस लेने का मौका देते रहें। छींक लाने वाली नकसीर या लाल मिर्च सुंघाकर बच्चे को छींक दिलवाकर भी वस्तु निकाली जा सकती है।

हाथ-पैरों में कांटा आदि चुभ जाने पर प्राथमिक चिकित्सा के उपाय

यह दुर्घटना आमतौर पर घट जाया करती है। अतः सावधानी के तौर पर पैरों में घर की चप्पलें या जूते आदि पहने रहना चाहिए। बच्चों को खेलने भेजें तो जूते, सैंडिल या चप्पल अवश्य पहना दें ।

यदि पैर में कांटा या सुई–पिन चुभ जाए तो उसकी प्राथमिक चिकित्सा के लिए सबसे पहले उसे बिल्कुल सीधा खींचकर निकालें । टेढ़ा खींचने पर कांटा टूटकर अंदर रह जाने का खतरा रहता है। अथवा पिन या सुई टेढ़ी खींचने पर घाव बढ़ा देती है और दर्द भी तेज़ होता है। कांटा या सुई निकालकर उस स्थान को थोड़ा दबाकर खून की दो चार बूंदें बाहर निकाल दें, ताकि संक्रमण का डर समाप्त हो पाए। फिर स्पिरिट अथवा टिंचर आयोडीन को रुई में भीगोकर घाव पर लगाएं। रुई पर घी लगाकर भी घाव पर रखा जा सकता है घाव पर मिट्टी न लगने दें, पट्टी अवश्य बांध दें।

यदि कांटा टूट जाए या गहरा चुभ जाए और निकलने में कठिनाई हो तो थोड़े से तम्बाकू में आक का दूध मिलाकर घाव पर बांध दें। दो-तीन बार बांधने से कांटा ऊपर उभर जाएगा। उसे चिमटी से निकाल दें। सुई या पिन को चुम्बक की सहायता से भी निकाला जा सकता है।

कांच चुभ जाने पर प्राथमिक चिकित्सा के उपाय

कांच का टुकड़ा चुभ जाने पर उस जगह पिन या सुई से कुरेदकर कांच निकालें । कांच के बारीक टुकड़ों को कपड़ा गीला करके उस स्थान पर रखकर उठाएं, कांच के टुकड़े चिपककर आ जाएंगे। कांच निकल जाने पर घी में हल्दी मिलाकर घाव पर बांधे । टिंक्चर आयोडीन भी लगायी जा सकती है। यदि कांच के कई बारीक टुकड़े अंदर चुभे हों, तो डाक्टर को जरुर दिखाएं।

चोट लग जाने पर प्राथमिक चिकित्सा के उपाय

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चोट लग जाने पर प्राथमिक चिकित्सा

यदि शरीर के किसी अंग पर चोट लग गयी हो तो उस व्यक्ति को तुरंत प्राथमिक चिकित्सा की आवश्यकता पड़ती है। शरीर का मांस छिल गया हो तो उस जगह स्पिरिट का फाया लगाएं। यदि स्पिरिट न हो तो हल्दी को पानी में पीसकर रुई हल्दी की पेस्ट में भिगो लें। फिर इसे घी में सेक लें । हल्दी लाल हो जाए तो फाहे को ठंडा होने पर चोट पर बांध दें।

यदि खून बाहर न निकलकर नीला पड़ जाए तो एक भाग स्पिरिट में दस भाग पानी मिलाकर उस पानी से रुई का फाया भिगोकर चोट पर रखें और चोट को लगातार कुछ देर तक तर रखें । यदि स्पिरिट न हो तो उसके स्थान पर सिरका इसी अनुपात में काम में लायें ।

यदि चोट लगने से खून बह रहा हो तो पहले उस अंग को कुछ ऊंचा रखें ताकि खून का दबाव कम हो जाए। जैसे यदि हाथ में चोट से खून बह रहा हो तो हाथ ऊंचा रखें। यदि पैर में चोट हो तो रोगी को लिटाकर उसका वह पैर ऊंचाई पर रखें । उसके बाद उस स्थान पर बर्फ की पट्टी या ठंडे पानी की पट्टी रखें। इस प्रकार खून बहना रुक जाएगा। यदि खून फिर भी बन्द न हो तो पट्टी रखकर उस स्थान पर दबाव डालें । खून बन्द हो जाएगा। ध्यान रखें कि कई बार चोट ऊपर से देखने में तो साधारण लगती है पर अन्दर से मांस फट सकता है। ऐसे में रोगी की दशा पर ध्यान देना आवश्यक होता है। यदि रोगी अधिक दर्द  महसूस करे, उसे बेहोशी आये या वह अंग एकदम शिथिल हो जाये तो प्राथमिक चिकित्सा देने के तुरन्त बाद डाक्टरी सहायता दिलवाएं।

सिर पर चोट लगने से यदि खून निकले तो उसकी प्राथमिक चिकित्सा के लिए घाव पर स्पिरिट का फाया रखें और उसे अच्छी तरह दबा दें । रेशमी कपड़े को जलाकर उसकी राख घाव पर बांध देने से भी आराम मिलता है। कभी-कभी चोट लगने से शरीर के अन्दर की कोई नस फट जाती है। और घायल व्यक्ति के मुंह से या नाक से खून आने लगता है। ऐसे में रोगी की सांस तेज हो जाती है, होंठ पीले पड़ जाते हैं, ठंडा पसीना आने लगता है और बेहोशी आने लगती है। ऐसी हालत में उसे तुरन्त अस्पताल ले जाना चाहिए ।

हड्डी टूट जाने पर प्राथमिक चिकित्सा के उपाय

यदि गिरने से पैर की हड्डी टूट जाए तो उसकी प्राथमिक चिकित्सा के लिए उस स्थान के चारों और लकड़ी की खपच्चियां लगाकर पट्टी बांध देनी चाहिए ताकि वह स्थान हिल-डुल न सके। फिर रोगी को तुरन्त अस्पताल ले जाएं। खपच्चियां बांधने से पहले ध्यान रखें कि यदि पैर या हाथ टेढ़ा हो गया हो तो उसे खींचकर सीधा करें और फिर खपच्चियां बांधे ऐसा करने से टूटी हुई हड्डी का नुकीला भाग अन्दर मांस में चुभेगा नहीं और दर्द भी कम हो जाएगा। मरीज  को दूध में हल्दी डालकर पिला दें।

उम्मीद करते हैं की ये प्राथमिक चिकित्सा के ये उपाय आपके जरुर काम आएगी | आप चाहे कितने ही  साधन सम्पन्न क्यूँ ना हो पर कई बार व्यक्ति ऐसे हालत में फंस जाता है जब उसके आसपास चिकित्सीय सुविधाएँ उपलब्ध नहीं होती है इसलिए सभी लोगो को बेसिक फर्स्ट ऐड की जानकारी का होना बहुत जरुरी है खासकर महिलाओं को | इससे किसी की जान बचाई जा सकती है | इस विषय पर हमने कई आर्टिकल लिखे हैं आगे भी और कई आर्टिकल प्रकाशित करेंगे |

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