मोबाइल रेडिएशन से बचाव के 22 उपाय तथा फोन रेडिएशन चेक कोड

मोबाइल ने आजकल हमारे जीवन को बहुत ही सरल बना दिया है। मोबाइल से आज हम लगभग हर काम कर सकते है, लेकिन मोबाइल हमारे लिए जितना अच्छा है, उतना ही इससे पैदा होने वाला रेडिएशन खतरनाक भी है। मोबाइल के अधिक प्रयोग से इससे निकलने वाले खतरनाक मोबाइल रेडिएशन स्वास्थ्य  पर बहुत ही बुरा प्रभाव डालते है, अगर आप 50 मिनट तक लगातार मोबाइल फोन को इस्तेमाल करते हैं, तो यह आपके दिमाग के सेल्स को प्रभावित कर सकता है।

मोबाइल फोन का प्रयोग करते समय शरीर में जाने वाले रेडिएशन की मात्रा को स्पेसिफिक एब्सार्पशन रेट (SAR) कहते है। इंडिया में स्पेसिफिक एब्सार्पशन रेट (SAR) के लिये मानक पहले से तय है जिसके अनुसार प्रत्येक मोबाइल फोन का SAR रेट 1.6 वॉट प्रति किग्रा से ज्यादा नहीं होना चाहिये अगर यह इससे ज्यादा है तो यह आपके शरीर के लिए नुकसानदेह है। अपने मोबाइल का रेडियशन स्तर यानि SAR जॉचने के लिये आप *#07# डायल करें, यदि फोन का SAR वैल्यू 1.6 वॉट प्रति किग्रा (1.6W/kg) से अधिक है तो यह खतरे का संकेत है और ऐसी स्थिति में अपना मोबाइल फ़ोन तुरंत बदल लेना चाहिए।

अंतर्राष्ट्रीय एवं भारतीय मानक के अनुसार मोबाइल फोन का रेडिएशन लेवल 1.6 वाट/किलोग्राम से अधिक नहीं होना चाहिए मगर प्रतिस्पर्धा के दौर में तमाम कंपनियां कम कीमत पर मोबाइल हैंडसेट बाजार में लाने के लिए मानक की अनदेखी कर रही हैं। सेल्युलर टेलीकम्यूनिकेशन एंड इंटरनेट एसोसिएशन के अनुसार सभी मोबाइल हैंडसेट पर रेडिएशन संबंधी जानकारी देनी जरूरी है |

मोबाइल रेडिएशन के शरीर पर नुकसान

  • सिरदर्द, लगातार थकान महसूस करना, चक्कर आना, नींद न आना, आंखों में ड्राइनेस, काम में ध्यान न लगना, सुनने में कमी, याददाश्त में कमी, अनियमित धड़कन, जोड़ों में दर्द आदि।
  • वर्तमान में चल रहे कई अनुसंधान में ये बात सामने आयी है की रेडिएशन से लंबे समय के बाद प्रजनन क्षमता में कमी, कैंसर, ब्रेन ट्यूमर और गर्भपात की समस्या भी हो सकती है।
  • मोबाइल रेडिएशन से गर्भ में पल रहे बच्चे के स्वास्थ्य को नुकसान पहुँचा सकता है। इस दौरान जहाँ तक संभव हो, ऐसे विकिरण से बचने की पूरी कोशिश करनी चाहिए।
  • डब्ल्यूएचओ की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार मोबाइल के ज्यादा प्रयोग से अधिक देर तक हम रेडिएशन के प्रभाव में रहते है जिससे कैंसर तक होने की आशंका बढ़ जाती है।
  • एक शोध के मुताबिक हर दिन आधे घंटे या उससे ज्यादा मोबाइल का इस्तेमाल करने पर 8-10 साल में ब्रेन ट्यूमर की आशंका 200 से 400 फीसदी तक बढ़ जाती है।
  • मोबाइल के रेडिएशन से दो तरह का कैंसर (ग्लिमा और ध्वनिक न्यूरोमास) हो सकता है।

मोबाइल रेडिएशन के दुष्प्रभावो से बचने के लिये उपाय

 मोबाइल रेडिएशन से बचाव के 22 उपाय तथा फोन रेडिएशन चेक कोड mobile radiation effects on humans bachne ke upay

  • ज्यादा लंबी बात करनी हो तो स्पीकर पर बात करे। या लीड लगा कर बातें करें | यदि लंबी बातों के लिए लैंड लाइन फोन का प्रयोग करें तो ये सबसे अच्छा उपाय होगा |
  • अपने फोन में एंटीना कहाँ फिट किया गया है इसकी जांच करें। यह आमतौर पर ऊपरी हिस्से में फिट किया जाता है। यदि आपके फ़ोन में उपर ही है, तो कॉल करने के दौरान फोन को निचले हिस्से से पकड़ने का प्रयास करें। यदि ऐन्टेना को कहीं और फिट गया है, तो फोन के उस हिस्से से पकड़ने की कोशिश ना करें क्योंकि यही पर सबसे ज्यादा मोबाइल रेडिएशन होता है।
  • मोबाइल को कान पर लगाएं तो नीचे से पकड़ें, पूरा फोन नहीं पकडे |
  • बात करते समय फोन को दोनों कानो पर बारी-बारी से बदलते रहे | जब हम बात करते हैं तो हम में से ज्यादातर लोग एक ही हाथ और एक ही तरफ के कान का इस्तेमाल करते हैं जिससे सिर के हिस्से पर अधिक रेडिएशन का असर होता है । अलग-अलग कानो पर फोन लगाकर सुनने से आपके सिर का एक हिस्सा हमेशा ज्यादा मोबाइल रेडिएशन से प्रभावित नहीं होगा |
  • मोबाइल नंबर डायल के बाद, फोन को कान पर रखने से पहले कॉल कनेक्ट करने का इंतजार करें जब कॉल लग जाये तब फोन को कान पर लगाकर बातें करना शुरू करें क्योंकि फोन कनेक्शन के दौरान सबसे तेज रेडिएशन पैदा करता है, फिर एक कनेक्शन लग जाने के बाद रेडिएशन शक्ति कम करता है।
  • मोबाइल को जेब से निकालकर कम कम-से-दो फुट यानी करीब एक हाथ की दूरी पर रखें। सोते हुए भी फोन से दूरी बनाए रखें।
  • अलार्म के चक्कर में अक्सर लोग फोन को अपने आस पास रखकर सोते है हो सके तो इस आदत को छोड़ दें और कोई घड़ी अलार्म खरीद ले |
  • आपका मोबाइल फोन भले ही बंद हो और आप इसका प्रयोग न कर रहे हों, लेकिन फिर भी इसे जेब में या तकिये के नीचे रखकर सोने से हमेशा बचें।
  • अपने सेल फोन को बंद कर दें या उपयोग में न आने पर इसे एयरप्लेन मोड में रख दें।
  • वीडियो देखने के लिए अपने बच्चों को फोन देने से पहले, पहले वीडियो डाउनलोड करें और फोन को एयरप्लेन मोड पर लगा कर दें |
  • फोन को चार्ज पर लगाकर कभी बात न करें। इस वक्त मोबाइल रेडिएशन (Radiation) 10 गुना तक बढ़ जाता है।
  • मोबाइल रेडि‍एशन से बचने का एक बेहतर विकल्प है मैसेज चैट करना । कोशि‍श करें कि जब तक जरूरी न हो कॉल पर बात करने के बजाए मैसेज के माध्यम से बातचीत करें।
  • फोन कॉल करने से पहले इस बात पर विशेष ध्यान दें कि मोबाइल पर पूरा सिग्नल दिखाई दे। कमजोर सिग्नल में कॉल करने पर फोन को सिग्नल पहुंचाने में ज्यादा मेहनत करनी होती है। एक अध्ययन के अनुसार यदि फोन में सही सिग्नल नहीं दिखाई दे,तो फोन कमजोर है जो मोबाइल रेडिएशन को बढ़ाने वाला हो सकता है |
  • शर्ट की जेब में मोबाइल रखना दिल के लिए नुकसानदेह होता है। बहुत लंबे समय तक यहाँ मोबाइल रखने से दिल की धड़कन का अनियमित होने की आशंका होती है।
  • पैंट की जेब में मोबाइल रखने से शुक्राणुओं में कमी होने लगती है जिससे नपुंसकता भी हो सकती है। इसलिए पैंट की जेब में मोबाइल रखने से बचें |
  • रेडिएशन कम करने के लिए अपने फोन के साथ एंटी-रेडिएशन शील्ड (Anti-Radiation Shield) का इस्तेमाल कर सकते हैं। प्रोटेक्टिव केस का उपयोग करें। बाजार में इस तरह के केस मिल जाएंगे, जो रेडिएशन के सीधे असर को कम कर सकता है।
  • ब्लू टूथ कान में लगाने से भी रेडिएशन का खतरा बना रहता है ये भी याद रखें |
  • मोबाइल टॉवरों से जितना संभव हो सके, दूर रहें।
  • अगर आपके घर के बिल्कुल सामने मोबाइल टावर है तो घर की खिड़की दरवाजे बंद करके रखे |
  • घर की खिड़कियों पर खास तरह की एन्टी रेडिएशन ग्लास फिल्म लगा सकते हैं क्योंकि सबसे ज्यादा रेडिएशन ग्लास के जरिए ही आता हैं |
  • आप चाहे तो मोबाइल रेडिएशन से बचाव के लिए खिड़की दरवाजों पर शिल्डिंग पर्दे लगा सकते हैं। ये पर्दे काफी हद तक रेडिएशन को रोक सकते हैं।
  • मोबाइल रेडिएशन चेक नंबर – इन दिनो दुनिया के तमाम मशहूर ब्रांड के ऐसे मोबाइल हैंडसेट बाजारों में भरे पड़े हैं, जिनसे निकलने वाला रेडिएशन मानक से ज्यादा पाया गया है। अपने मोबाइल सेट पर *#07# डायल कर रेडिएशन की खुद भी जांच की जा सकती है। यह नंबर डायल करते ही मोबाइल स्क्रीन पर रेडिएशन वैल्यू आ जाती है। मोबाइल के रेडिएशन का मानक अधिकतम 6 वाट प्रति किलोग्राम तक ही होना चाहिए। रेडिएशन चेक करने के विषय में अधिक जानकारी यहाँ देखें 

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