सर्दी के मौसम में खजूर खाने के फायदे

खजूर में शक्कर की मात्रा अधिक होती है जो आसानी से पच जाती है, मोटापा नहीं बढ़ाती। यह चीनी से अधिक लाभदायक होती है। दूध और खजूर दोनों एक साथ खाने से यह सम्पूर्ण भोजन का काम करता है। गर्भावस्था में रोजाना खजूर खाने से गर्भस्थ शिशु स्वस्थ और सुन्दर होता है, सर्दी का मेवा खजूर सर्दी के मौसम में ही खाना चाहिए गर्मियों में नहीं। खजूर में कैल्शियम, लोहा, प्रोटीन, फॉस्फोरस, टेनिन तथा विटामिन ‘ए’, ‘बी’, ‘सी’, रेशा, ऊर्जा आदि भरपूर मात्रा में होता हैं। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए जितने तत्वों की आवश्यकता होती है, वे सब खजूर में मौजूद होते हैं। खजूर सब चीजों के साथ खाया जा सकता है। खजूर मीठा होता है, इसलिए जहाँ मीठे की आवश्यकता हो, चीनी के स्थान पर खजूर मिलाकर खायें। यदि आप किसी भी तरह से खजूर खाते रहेंगे तो आप सब रोगों से दूर रहेंगे। कोई भी रोग ठीक होने के बाद जो कमजोरी रहती है, वह खजूर खाने से ठीक हो जाती है। खजूर में प्राकृतिक शर्करा ग्लूकोज, फ्रक्टोज के रूप में पर्याप्त मात्रा में होती है जो जल्दी ही पच जाती है। यह शर्करा गन्ने की शर्करा से कम कैलोरी की होती है जो सेहत के लिहाज से अच्छा है।

सर्दी के मौसम में रोजाना खजूर खाने से आप रहेंगे फिट

सर्दी के मौसम में खजूर खाने के फायदे khajoor khane ka sahi samay labh fayde
खजूर
  • सर्दी से बचाव–दमा, खाँसी तथा सांस के रोगी सर्दियों में खजूर खाकर गर्म दूध पियें। दूध में उबालकर भी खजूर खा सकते हैं। ऐसा करने से सर्दी के प्रभावों से बचाव होगा और इसे आप अच्छा टॉनिक पायेंगे। पिण्ड खजूर सूख जाने पर छुहारा बन जाता है।
  • रक्ताल्पता (एनीमिया) रोग में खजूर खाने से बहुत लाभ होता है।
  • कटिशूल, गृध्रसी (सायटिका) में खजूर बहुत लाभ पहुँचाता है।
  • जिन लोगो को दिमाग से अधिक काम करना पड़ता है उनके लिए खजूर बहुत गुणकारी होता है क्योंकि खजूर के सेवन से मस्तिष्क को बहुत पौष्टिक तत्त्व मिलते हैं।
  • भागदौड़ भरे जीवन में खानपान का ध्यान ना रख पाने की वजह से शारीरिक कमजोरी आ जाती है ऐसे लोगो को खजूर खाने से पौरुष शक्ति मिलती है। आठ खजूरों पर पिसी दालचीनी कम मात्रा में बुरकाकर खायें और गर्म दूध पियें। मर्दानाशक्ति बढ़ेगी।
  • खजूर में माँस से भी अधिक शक्ति देने वाले गुणकारी तत्त्व होते हैं।
  • तीन खजूर, 5 बादाम गिरी, दस मुनक्का रात को थोड़े से पानी में भिगो दें। सुबह गुठली, मुनक्का के बीज और बादाम के छिलके हटाकर सबको बारीक पीसकर एक गिलास दूध में उबालें। इसमें शक्कर मिलाकर सुबह पियें। इससे शरीर में ताकत, स्फूर्ति आयेगी।
  • खजूर एक बार में दो से खाना शुरू करें और धीरे-धीरे संख्या बढ़ाते हुए दस तक ले सकते हैं। शुरुवात में ही अधिक मात्रा में खजूर खाने से शरीर में गर्मी बढ़ जायेगी। गन्ने के गुड़ की अपेक्षा पिण्डखजूर का गुड़ अधिक लाभदायक होता है।
  • जुकाम होने पर पाँच पिण्डखजूर (बिना गुठली वाले) के छोटे-छोटे टुकड़े करके एक गिलास दूध में डालें। इसमें पाँच काली मिर्च, एक मोटी इलायची के दाने कूट कर डालकर उबालें। उबलने के बाद एक चम्मच देशी घी डालकर दूध को उलट-पुलट करके रोजाना रात को सोते समय पियें। इससे शरीर में ताकत आयेगी, जुकाम, खाँसी ठीक हो जायेगी।
  • जुकाम, कण्ठनली में सूजन, पेट, छाती के रोग, चेचक, सर्दी के मौसम के रोगों में यह बहुत लाभदायक है। पिण्डखजूर दूध में उबालकर खायें और दूध पियें। पिण्डखजूर सबसे सस्ता और पौष्टिक मेवा है। खजूर खाकर तुरन्त पानी नहीं पियें।
  • थकान–खजूर खाने से थकावट दूर होती है। पाँच खजूर रात को पानी में भिगो दें और सुबह खायें तथा पानी भी पियें। इससे दिनभर तरोताजा रहेंगे।
  • शक्तिप्रद-खजूर में गुड फैटी एसिड पाया जाता है जो आमाशय और हृदय को बल देता है। यह शरीर में खून बनाने में भी मदद करता है।
  • टीबी के रोगियों को भी खजूर खाने से लाभ होता है। 6 खजूर 500 ग्राम दूध में उबालकर सर्दियों में सुबह सेवन करें। बहुत ताकत देंगे। मधुमेह और ऐसे रोग जिनमें मीठा खाना हानिकारक होता है और रोगी मीठा खाने की इच्छा व्यक्त करता है, वहाँ खजूर का सेवन कम मात्रा में कर सकते हैं।
  • शीघ्रपतन-10 खजूर और 5 बादाम दूध में उबालकर खाने से शीघ्रपतन ठीक होता है।
  • बुखार के बाद की कमजोरी दूर करने के लिए खजूर, दूध में चौथाई चम्मच पिसी सौंठ, दस मुनक्का उबालकर उसमें एक चम्मच घी मिलाकर खजूर और मुनक्का खाकर यह दूध रोजाना रात को पियें।
  • मोटापा बढ़ाना-5 खजूर और एक मुट्ठी काले चने धोकर रात को थोड़े से पानी में भिगोकर सुबह खायें, मोटापा बढ़ेगा, कमजोरी दूर होगी।
  • घुटनों का दर्द-रात को 20 ग्राम खजूर, आधा गिलास पानी में भिगोकर रखें, सुबह चबा कर खाएँ और इसका पानी भी पी जायें।
  • यदि मासिक स्राव आने में तकलीफ हो तो रोजाना पिण्डखजूर खाते रहने से बन्द हुआ मासिक स्राव, देर से आने वाला मासिक स्राव, रुक-रुक कर आने वाला मासिक स्राव ठीक हो जाता है और नियमित आता है।
  • हिचकी, खाँसी, जुकाम हो तो खजूर, एक गिलास पानी, आधा चम्मच पिसी हुई दाना मेथी मिलाकर, उबालकर एक बार रोजाना सुबह पियें। साथ में खजूर खाने से लाभ होगा।
  • खजूर और दही खाने से भी दस्तो में लाभ होता है।
  • खजूर पीसकर, शिशुओं को चटाने से दाँत निकलते समय होने वाले दस्तों में लाभ होता है।
  • शराब के दुष्प्रभाव दूर करने के लिए खजूर पीसकर ताजा पानी में घोलकर पियें ।
  • दमा, खाँसी–रोजाना आठ पिण्डखजूर खाकर गर्म पानी पियें। इससे कफ पतला होकर बाहर निकल जाता है, रक्त शुद्ध होता है। जुकाम, खाँसी, दमा में लाभ होता है। दूध में उबाल कर भी ले सकते हैं।
  • गर्भावस्था में खजूर खाने से बहुत लाभ होता है। इससे गर्भाशय की माँसपेशियाँ मजबूत होती हैं, प्रसव के समय फैलाव में सहायता मिलती है, प्रसव के बाद रक्तस्राव कम होता है। स्तनों में दूध बढ़ता है।
  • सात खजूर लेकर उनमें से गुठली निकाल कर 200 ग्राम दूध में उबालें, आधा दूध रहने पर गर्म-गर्म पियें तथा खजूर खा जायें। इससे निम्न रक्तचाप (Low blood pressure) ठीक हो जाता है। यह प्रयोग सर्दी के मौसम में करें। खजूर में प्राकृतिक रूप से मिठास होती है और ये दस्तावर (लेक्जेटिव) होते हैं।
  • कब्ज़ दूर करने के लिए 5 या 6 पिण्डखजूर एक गिलास दूध में उबालकर रात को सोते समय नियमित खाकर दूध पीने से कब्ज़ दूर हो जाती है।
  • अरुचि रोग में भी खजूर खाने से फायदा होता है | खजूर को नीबू के रस के सा पीसकर काला नमक व सेंधा नमक मिलाकर चटनी के रूप में खाने से अरुचि नष्ट होती है। अधिक भूख लगती है।

खजूर खाने के तरीके तथा सही विधि  

  • खजूर खाने का सही समय सुबह होता है |
  • अपने शरीर की पाचनशक्ति और भूख की आवश्यकतानुसार खजूर जितना खा सकते हैं, खायें। गुठली निकाले हुए खजूर पानी से अच्छी तरह धोकर रात को एक कप में डालकर इतना पानी भरें कि डूबे रहें। इससे अधिक पानी नहीं डालें। प्रातः इन भीगे हुए खजूरों को खाये और वह पानी भी पी जायें। चाहें तो इसी प्रकार सुबह फिर से भिगो दें और शाम को खजूर को खायें। इस तरह खजूर खाकर आप बहुत सारे रोगों से दूर रहेंगे । शरीर की आरोग्य शक्ति बढ़ जायेगी। यह स्वस्थ रहने का सबसे आसान विधि है।
  • रात को पानी में भिगोए हुए खजूर बच्चों को अवश्य खिलाएँ। थोड़ी-सी किशमिश और खजूर रात को भिगोएँ। सुबह दूध में उबालकर पियें। चीनी नहीं डालें। इनकी मिठास से ही दूध मीठा हो जाएगा। इस प्रकार सेवन करने से मस्तिष्क शक्ति (Brain power) बढ़ती है |
  • गर्मियों में तथा अधिक मात्रा खजूर खाने के नुकसान भी होते है इससे आपको घबराहट महसूस हो सकती है तथा मुंह में छाले हो सकते है |

खजूर के लड्डू बनाने की विधि

  • सामग्री– 3 कप खजूर (बिना गुठली के); 2 चम्मच देशी घी; 4 कप बादाम व पिस्ता (बारीक कटे); 4 कप सफेद तिल (सिके हुए); थोड़ा-सा नारियल (कद्दूकस बुरादा)।
  • विधि-खजूर को ढाई घंटे पानी में भिगोकर दरदरा पीस लें। कड़ाही में घी गर्म करें, पिसा खजूर डालकर लगातार हिलाते हुए पकाएँ। जब मिश्रण कड़ाही छोड़ने लगे, तो उसमें कटे बादाम, पिस्ते व सिके हुए तिल डालकर मिलाएँ व गैस बंद कर दें।
  • अब इस मिश्रण के छोटे-छोटे लड्डू बनाकर नारियल के बुरादे में लपेटें। पौष्टिक लड्डू तैयार हैं।
  • खजूर के लडडू खाने के लाभ- खजूर में विटामिन ‘ए’, ‘बी’, ‘सी’, लौह, कैल्शियम, ताँबा, फॉस्फोरस होने के कारण हृदय, शरीर और इंद्रियाँ स्वस्थ रहती हैं। भूख खुलती है। ये लड्डू रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक हैं। जोड़ों और कमर दर्द में उपयोगी, विटामिन, कार्बोहाइड्रेट, आयरन, वसा, प्रोटीन और लवणों से भरपूर हैं।

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