कब्ज, कोष्ठबद्धता, मलावरोध या (Constipation) ये सब एक ही बीमारी के नाम है | सुबह-सुबह पेट साफ न हो तो पूरा दिन अच्छा महसूस नहीं होता है | कुछ लोगों के लिए कब्ज हर रोज की समस्या होती है और वो इसे आम तौर पर इसे एक बीमारी मान लेते है पर यह ज्यादा बड़ी बिमारियों के होने का सिर्फ एक संकेत भर होता है | यदि सही समय पर इसका इलाज़ नहीं किया गया तो यह श्रोणि रोगों (pelvic) और पेट के विकारों में बदल सकता है ।
वैसे तो मलावरोध (Constipation) की शिकायत कभी न कभी सभी को हो जाती है, लेकिन इससे रोजाना परेशान रहना निश्चय ही स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। लगातार कब्ज की शिकायत बनी रहने से शरीर और मन दोनों पर दुष्प्रभाव तो पड़ता ही है, साइटिका, फिशर आदि रोग भी जकड़ लेते हैं। इसीलिए कब्ज को विभिन्न रोगों की जड़ कहा जाता है। मलावरोध की समस्या होने पर बार-बार दवाओं का इस्तमाल करने से उनकी आदत पड़ जाती है और एक दिन ऐसा आता है की पीड़ित व्यक्ति का पेट बिना दवा के साफ़ नहीं हो पाता है | इसलिए हम आपको इसके बचने के लिए जो सुझाव दे रहें है आप उनका ठीक से पालन करें क्योंकि बीमारियों से बचाव ही उसका सबसे बेहतर उपचार होता है |
इस पोस्ट में कब्ज होने के प्रमुख कारण , लक्षण , कब्ज से बचने के लिए क्या खाना चाहिए , क्या नहीं खाना चाहिए , सही दिनचर्या क्या होनी चाहिए , भोजन कैसे करें , कब्ज कैसे दूर करे इसके लिए कुछ आसान घरेलू उपाय , और अंत में कब्ज ठीक करने के लिए पांच योगासन | इससे अगले पोस्ट में कब्ज का आयुर्वेदिक तथा प्राकृतिक (Naturopathy) इलाज बतायेंगे |
कब्ज का कारण :
- कब्ज पैदा करने वाले कारणों में वक्त-बेवक्त भोजन करने की आदत, नियमित रूप से निर्धारित समय पर भोजन न करना
- गरिष्ठ, तले हुए मैदे के व्यंजन, तेज मिर्च-मसालेदार चटपटे भोजन, ठीक से चबाए बिना बार-बार भोजन करना |
- लगातार पेनकिलर्स या नॉरकोटिस या दर्द निवारक दवाएं खाने वाले भी कब्ज का शिकार हो जाते हैं। यदि ऐसी दवाओं को रोक दिया जाए तो कब्ज ठीक हो जाएगी।
- कई बार हॉरमोंस की गडबडी, थाइरॉयड या शुगर की बीमारी भी कब्ज का कारण बन जाती है।
- पहले का भोजन हजम हुए बिना फिर से भोजन खाना |
- पानी कम पीना तथा खाने को ठीक से चबा-चबा कर ना खाना |
- मानसिक तनाव, चिंता, क्रोध या शोक की अवस्था में भोजन करना, भोजन में रेशेदार आहार (Low Fiber Food) की कमी |
- अधिक चाय, कॉफी, तंबाकू, सिगरेट शराब आदि का सेवन |
- व्यायाम बिल्कुल न करना आराम पसंद लाइफ स्टाइल ।
- खाना खाने के तुरंत बाद में फ्रिज का ठंडा पानी पीना |
- रात में देर से खाना, खाना खाते ही बिस्तर पर लेटकर सोना |

कब्ज के लक्षण :
- कब्ज के लक्षणों में पेट का ठीक से साफ़ ना होना, अरुचि, भूख खुलकर न लगना, पेट में भारीपन, मुंह में छाले, पेट फूलना, गैस की तकलीफ, शौच साफ न होना, मल सूखा, कड़ा और कम निकलना, सिर दर्द, जी मिचलाना, कमर तथा जोड़ों में दर्द, आलस्य, चिड़चिड़ापन, कलेजे में धड़कन मालूम पड़ना, नींद न आना, जीभ पर सफेद परत जमी रहना आदि देखने को मिलते हैं।
कब्ज दूर करने के लिए क्या खाना चाहिए
- कब्ज में सही खान पान जानकारी भी बहुत जरुरी है , दवा कितनी भी महंगी और असरदार क्यों न हो जब तक सही खानपान का पालन नहीं किया जाएगा सब बेकार ही सिद्ध होगा।
- गेहूं का आटा 2 भाग और चने का आटा 1 भाग को मिलाकर बनाई गई मिस्सी रोटी, मोटे पिसे हुए आटे की रोटी, चोकरयुक्त आटे की रोटी, दलिया, भुना हुआ चना, बथुआ, मैथी, टमाटर, पालक व पालक का रस पानी मिलाकर, मक्खन, दूध व दूध के साथ भिगोई हुई मुनक्का, खजूर या अंजीर, रेशेदार साग-सब्जियां आदि।
- उड़द की छोड़कर सभी साबुत यानी छिलके वाली दालें।
- खाद्य पदार्थ जहां तक हो सके, प्राकृतिक रूप में ही सेवन करें।
- अंकुरित अनाज को प्राथमिकता दें। गेहूं के पौधे का रस पिएं।
- रोजाना सेब, अंगूर या पपीता खाने से कब्ज का निवारण होता है। कच्चा या पक्का पपीता खाना फायदेमंद है।
- रोजाना भोजन के साथ गाजर, मूली, प्याज, टमाटर, खीरा व चुकंदर का सलाद बनाकर, नीबू का रस और सेंधा नमक मिलाकर सेवन करने से कब्ज का निवारण होता है। कब्ज से पीड़ित रहने वाले स्त्री-पुरुषों को रोजाना पालक, मेथी, बथुआ या चौलाई की सब्जी खाने से कब्ज से मुक्ति मिलती है।
- गाजर या संतरे का रस पियें इन रसों का दो-तीन दिन तक अवश्य सेवन करना चाहिए।
- गेहूं, चना, जो आदि की चोकर सहित मोटी रोटी चबा-चबा कर खाएं।
- भोजन में दलिया, खिचड़ी, मूंग, अरहर की दाल की मात्रा बढ़ाएं।
- फलों में केले, सेब, अनार, अमरूद, पपीता, आम, खरबूजा तथा सूखे मेवों में मुनक्का, अंजीर, किशमिश, बादाम आदि का सेवन करें।
- कच्चा केले के सेवन से कब्ज दूर होती है। कच्चा केला आंतो को साफ करता है।
- भोजन में रोटी से अधिक हरी-सब्जियों का सेवन करें।
- ककड़ी, शलगम, गाजर, मूली, पालक, मेथी, पता गोभी, बथुआ, प्याज के छोटे-छोटे टुकड़े कर नीबू का रस मिलाकर सलाद की तरह नियमित खाएं। खाने के साथ टमाटर का सलाद जरुर लें |
- रात में सोते समय गर्म मीठा दूध मुनक्के के साथ सेवन करें।
- दोपहर के भोजन के बीच में और अंत में थोड़ा-थोड़ा छाछ पिएं।
- पेय पदार्थ जैसे शर्बत, सूप, लस्सी, मट्ठा, पानी का अधिक सेवन करें।
- हल्के गर्म पानी में एक नींबू का रस मिलकर पियें |
कब्ज से बचने के लिए क्या नहीं खाना चाहिए
- पतले पिसे सादे गेहूं के आटे की रोटियां कम-से-कम खाएं। मोटा पिसा हुआ, बिना छना हुआ मिसी के आटे की चपातियाँ ही खाएं |
- क्या नहीं खाना चाहिए : मैदा तथा मैदा से बने हुए खाद्य पदार्थ जैसे नान , सफेद ब्रेड, पिज़्ज़ा, बर्गर, चाउमीन, तले-भुने हुए खाद्य पदार्थ, अधिक मिर्च-मसाले युक्त खाना, मछली, अंडे, आदि |
- मीट, अंडा व मछली कब्ज करती हैं। इन्हें दूसरी सब्जियों के साथ मिलाकर खाएं।
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- केला, सेब, प्याज, मूली, दही आदि रात्रि के भोजन में न खाएं।
- प्रोसेस्ड फूड में चीनी तथा सोडियम की मात्रा बेहद अधिक होती है और वहीं फाइबर बहुत ही कम होता है।
- भोजन के पहले , बीच में या आखिर में एक ही बार में अधिक मात्रा में पानी न पिएं।
- फास्ट फूड, जंक फूड यानी मैदे आदि से बनी चीजों से परहेज करें।
कब्ज दूर करने के लिए क्या करें / कब्ज के उपाय
- 24 घंटों में सुबह-शाम दो बार शौच जाने की आदत डालें।
- सुबह शौच से पहले एक-दो गिलास पानी पिएं।
- भोजन के एक घंटा बाद एक-दो गिलास पानी पिएं।
- सरसों के तेल की पेट पर सुबह-शाम नियमित मालिश करें।
- पेट में प्रेशर होने पर रोकने का प्रयत्न न करें।
- भोजन करने के तुरंत बाद मानसिक परिश्रम न करें।
- मानसिक तनाव, चिंता, क्रोध या दुख की अवस्था में भोजन न करें।
- दिन में 2 बार खाना खाने के बाद 1 गिलास गर्म पानी घूट-घूटकर चाय की तरह पीने से पुराने से पुराना कब्ज, गैस, में लाभ होता है। कुछ सप्ताह के प्रयोग के बाद लाभ हो जाने पर खाना खाने के बाद गर्म पानी का लेने बंद कर दें। गर्म पानी के प्रयोग के दौरान फ्रिज का ठंडा पानी, अधिक ठंडे पेय, अधिक मिर्च-मसालेयुक्त खाद्य पदार्थ, नशीले पदार्थ आदि से बचना चाहिए।
- कब्ज के रोगी को दिन में 25-30 गिलास पानी अवश्य पीना चाहिए। कब्ज से सुरक्षित रहने के लिए रोजाना सूर्योदय से पहले बिस्तर से उठकर एक-दो गिलास पानी पीकर कुछ देर इधर-उधर अवश्य घूमना चाहिए।
- इस बीमारी के निवारण के लिए कब्ज की दवा के नियमित सेवन की आदत न डालें।
कब्ज का घरेलू इलाज
- त्रिफला का पाउडर 5 ग्राम मात्रा में हल्के गर्म पानी के साथ रात को सोते समय सेवन करने से कब्ज नष्ट होती है।
- कभी-कभार कब्जियत की तकलीफ बढ़ने पर ईसबगोल की भूसी गर्म दूध के साथ सोते समय सेवन करें।
- रोजाना रात को सोने से पहले 30 ग्राम गुलकंद खाकर दूध पीने से कब्ज नष्ट होती है।
- 200 ग्राम हल्के गर्म पानी में 5 ग्राम नीबू का रस और 5 ग्राम अदरक का रस और 10 ग्राम शहद मिलाकर सेवन करने से कब्ज शीघ्र ठीक होती है। यह भी पढ़ें – कब्ज का रामबाण इलाज – 22 बेहतरीन आयुर्वेदिक उपचार |
- रात में सोने से 30-40 मिनट पहले गर्म पानी में 10 ग्राम शहद मिलाकर पीने से प्रातः खुलकर शैच आती है। कुछ दिनों तक सेवन करने से मलावरोध पूरी तरह ठीक हो जाता है।
- 10 बूंद एरंड का तेल रात को सोते समय पानी में मिलाकर पीने से कब्ज नष्ट हो जाती है। मलावरोध से अधिक पीड़ित रहने वाले सप्ताह में दो बार इसका सेवन कर सकते हैं। पढ़ें यह भी – पेट की गैस की रामबाण दवा |
- 5 ग्राम नीबू के रस को 200 ग्राम पानी में मिलाकर उसमें 10 ग्राम मिश्री घोलकर पीने से मलावरोध की समस्या से मुक्ति मिलती है।
- 5-6 अंजीर 250 ग्राम पानी में उबालकर, छानकर पानी पीने से मलावरोध का शीघ्र निवारण होता है।
- 20 ग्राम मात्रा में एलोवेरा को पीसकर उसमें थोड़ा-सा काला नमक मिलाकर सुबह और शाम को खाने से कब्ज का निवारण होता है। रोगी को खाली पेट ही इसका सेवन करना चाहिए। Read This – बदहजमी : कारण और इलाज के 13 घरेलू उपाय |
- 20 ग्राम ईसबगोल रात को सोने से 30 मिनट पहले गर्म दूध के साथ सेवन करने से Constipation शीघ्र ठीक होती है।
- दो संतरों का रस सुबह खाली पेट 8-10 दिन लगातार लेने करने से पुराना कब्ज भी ठीक हो जाता है। इस रस में कुछ भी न मिलाएं तथा रस लेने के 1-2 घंटे बाद तक कुछ भी न खाएं-पिएं। देखे यह भी – Acidity होने के कारण, लक्षण तथा घरेलू उपचार
- तुलसी के 25 ग्राम पत्तों को मोटा पीसकर 5 ग्राम मीठी दही में मिलाकर लेने करने से मलावरोध दूर होता है |
- ज्वार का दलिया दूध के साथ खाने से 1 माह में पुराना कब्ज दूर होता है।
- अखरोट के छिलके उबालकर पीने से पेट साफ होता है।
- 6 ग्राम काला नमक घी में भूनकर गर्म पानी के साथ खाने से 3-4 दस्त आकर पेट साफ हो जाता है।
कब्ज के लिए योगासन
यहाँ 5 योग आसन दिए गए हैं, नियमित रूप इनका अभ्यास करने पर, कब्ज की बीमारी में राहत मिल सकती है।
- मयूरासन (मयूर मुद्रा)
- अर्ध मत्स्येंद्रासन (आधी रीढ़ की हड्डी मोड़ मुद्रा में बैठे)
- हलासन (सप्तऋषि मुद्रा)
- पवनमुक्तासन (पवन से राहत मुद्रा)
- बद्ध कोनासन (तितली मुद्रा)
इनको कैसे करना है इसके लिए देखें पाँच योगासन | पर साथ ही याद रखें – योगासन करते समय जरूरी हैं ये 25 सावधानियां |
श्रीमान जी आज मुझे पहली बार शौच के साथ रक्त निकला इसके लिए क्या करें उपाय बताए.ं
मिश्रा जी,
बार-बार रक्त आने के कारण का पता लगाना बहुत जरुरी है आप पहले इसकी जाँच करवा लें | इसके कई कारण हो सकते है जैसे पाईल्स, फिशर, आँतों में अल्सर, पेट में कीड़े, फ़ूड पोइजनिंग आदि | बिना रोग जाने कोई उपचार नहीं लेना चाहिए |
यह पोस्ट पढ़ें –
http://healthbeautytips.co.in/bawasir-piles-ka-desi-ilaj/
धन्यवाद !!
Sir ji mai kafi saali se pate rog se pareshan hoo. Mujhe pahle aisa kuch bhi nahi tha. Lakin 4 saalo se pate ki problem shuru hui. Ab to halki khasi. khane ke baat pate ne dard. Gas dajar pate saaf na hona. Khane ke baad bar bar jamhai aana. Pate me bharipan rahna . Pls upaay bataye. Thanx
नीरज जी,
इस आर्टिकल को पढ़ें – http://healthbeautytips.co.in/pet-ke-rog-ke-ilaj-upay-nuskhe-khanpan/
Sir mujhe pet me kebab 2 sales service ha sab ilaj Kat liye thik nahi Hua sales ilaj batao
वही बताया गया है यहाँ !!
Sir
Mere pet me ges banti hai or dard pet se lekar eyes tak mehsus hota hai
Kya karna hoga
Sir please
ये गैस के लक्षण है क्रप्या इस पोस्ट में बताए गये नुस्खे आजमायें – http://bit.ly/2iN099k
Sir pet ne gas aur kamar ke rid wali haddi me dard mahsus aur muh me cchale lal se pile ho jate hai