टाइफाइड में सही खानपान ना सिर्फ मरीज को इस बुखार से जल्दी छुटकारा दिलाने में मदद करता है बल्कि इससे होने वाली कमजोरी को दूर करने में भी बहुत लाभदायक है | टाइफाइड को मोतीझरा, मौक्तिक ज्वर, मियादी बुखार या आंत्र ज्वर जैसे कई नामो से जाना जाता है, इसके प्रमुख कारण, लक्षण और बचाव के उपायों को हम अपने पिछले पोस्ट में विस्तार से बता चुके हैं फिर भी इस रोग का एक संक्षेप परिचय जान लेते है |
टाइफाइड बुखार या मोतीझरा बुखार सालमोनेला टाइफी जीवाणु के संक्रमण के कारण होता है। यह रोग मुख्यत गंदे संक्रामक भोजन, दूषित पानी या दूसरी खाने पीने की चीजो के सेवन से फैलता है| टाइफाइड बुखार में रोगाणु रोगी के मल, मूत्र तथा कफ से वातावरण में फैलकर दूसरों को भी बीमार करते हैं। इस रोग में विशेष विकृति आंतों में होने के कारण ही इसका नाम आन्त्रिक ज्वर पड़ा है। इस रोग के जीवाणु स्वस्थ शरीर में मुंह से प्रवेश करते हैं और आंतों में पहुंच कर अपना विषैला प्रभाव विभिन्न अंगों में फैलाना शुरू कर देते हैं। लक्षण : बुखार आता है, जो धीरे-धीरे बढ़ कर 108-104 डिग्री फारेनहाइट तक हो जाता है। छाती, गरदन तथा पीठ पर लाल-लाल दाने उभर आते हैं, फिर इनमें पानी भर जाता है। दाने धीरे-धीरे ठीक होकर सूख जाते हैं और बुखार कम हो जाता है। जैसा की हम आपको हमेशा कहते है किसी भी रोग को ठीक करने में सही खानपान की भूमिका भी दवाइयों जितनी अहम् ही होती है, क्योकि दवा सिर्फ बीमारी के कारणों से लडती है वो आपके शरीर में नयी जान नहीं फूंकती है| ऊर्जा के लिए आपको पोषक तत्वों से भरपूर खाना ही लेना पड़ेगा | तो आइये जानते है की टाइफाइड में क्या खाएं क्या न खाए |
टाइफाइड बुखार में क्या खाना चाहिए : टाइफाइड में खानपान

- टाइफाइड बुखार की शुरुआत में साबूदाना, अरारोट (Arrowroot), पानी मिला दूध, छेने का पानी (फटे दूध का पानी), होल ग्रेन डबल रोटी, बार्ली, पानी, और बिस्कुट कम मात्रा में सेवन करें।
- एक लीटर पानी में 3-4 लौंग डालकर उबाल लें। फिर छानकर ठंडा कर लें। इस पानी को एक कप की मात्रा में एक चम्मच शहद में मिलाकर बार-बार पिएं।
- टाइफाइड में पानी उबाल कर ही पिये और जितना ज्यादा हो सके पानी पीना चाहिए |
- टाइफाइड में फलों में केला, चीकू, पपीता, सेब, मौसमी, संतरे का सेवन करें।
- बुखार उतर जाने के बाद टाइफाइड में आई कमजोरी दूर करने के लिए किशमिश, मुनक्का, मूंग की पतली दाल, पतला दलिया, मक्खन, उबला हुआ दूध, दही आदि लें।
- मोतीझरा बुखार में दाल, खिचड़ी, हरी सब्जियां पालक, पत्तागोभी, फूलगोभी, गाजर और पपीता खाएं |
- आसानी से पचने वाले हल्के फल सब्जियां ले जैसे -पके हुए फल, आलू |
- टाइफाइड में दही खाने से बहुत लाभ मिलता है इससे भूख और जलन भी शांत होती है लेकिन मरीज को खांसी, जुकाम या जोड़ो में दर्द हो तो दही का सेवन ना करें |
- यदि दस्त की तकलीफ न हो, तो एक कप दूध में अथवा इतने ही पानी में एक चम्मच ग्लूकोज मिलाकर बार-बार सेवन करें।
- दूध के सेवन से दवाइयों की गर्मी कम होती है और शरीर को उर्जा भी मिलती है |
- कम मात्रा में चाय, कॉफी पिएं।
- मोतीझरा बुखार में पका हुआ भोजन ही करें, अगर फल खाने है तो अच्छी तरह धोकर ही खाएं फलों को काट कर किसी प्लेट में लंबे समय तक ना रखें |
- तुलसी, काली मिर्च और केसर : चार तुलसी की पत्ती को पीस लें, सात काली मिर्च के दाने और सात रेशे (लड़ी) केसर के लें। इन सबका पेस्ट बना लें। इस पेस्ट की गोलियां बनाकर दिन में तीन-चार बार लें।
- टाइफाइड में मट्ठा, धनिया और केला : रोज (छाछ) मट्ठा का सेवन करें। अच्छे नतीजे के लिए इसमें ताजा धनिया का रस भी मिला लें। रोज दो बार पीएं। केले को मसलकर एक गिलास मट्ठा में मिला लें। ऐसा मिश्रण बनाकर रोजाना सेवन करें।
- टाइफाइड में केला खाना बहुत लाभकारी होता है क्योकि यह टाइफाइड में होने वाली कमजोरी को दूर करता है और इसकी तासीर भी ठंडी होती है जो दवा से पैदा होने वाली गर्मी को कम करता हैं |
- टाइफाइड में फलों का रस, सब्जियों का सूप : टाइफाइड में संतरा, गन्ने का जूस, अनार, चुकंदर का जूस , नारियल पानी और सेब के जूस का सेवन भी बेहतर होता है। सब्जियों का सूप भी बेहतर रहेगा। सूप में कोई भी मसाला या अन्य चीज न मिलाएं। सूप अच्छी तरह से उबला होना चाहिए और सेवन से पहले इसे छानना जरूर चाहिए। टाइफाइड में पालक का सूप भी अच्छा रहता है
- टाइफाइड का बुखार बहुत ज्यादा कमजोरी लाता है, इसलिए टायफाइड में भोजन की बहुत अहमियत होती है इसलिए कम मात्रा में बार-बार खाना चाहिए और पूरा आराम करना चाहिए ।
- पानी और शहद : एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच शहद डालकर दिन में कई बार सेवन करें। यह पाचन-तंत्र को काफी राहत देगा। क्योंकि टाइफाइड में बहुधा मरीज को पेट से जुडी समस्याए भी होती है जैसे बदहजमी, दस्त, गैस आदि
- लौंग के दाने : लौंग के 5 दाने लेकर दो लीटर पानी में डालें। इसे तब तक उबालें, जब तक एक लीटर पानी न रह जाए। फिर आंच से उतारकर कुछ देर ऐसे ही रख दें। इसके बाद इसे छान लें और इस मिश्रण को थोड़ा-थोड़ा करके पूरे दिन पीएं।
- मोतीझरा बुखार में बुखार रहने तक तरल पदार्थों और फलों के जूस पर ही निर्भर रहें तो ज्यादा बेहतर होता है । जब बुखार से कुछ राहत मिले तो अच्छी तरह से पकी खिचड़ी, दही, चावल आदि ठोस आहार की शुरुआत करें।
- इलायची के दाने, बेल का फल, दूध और पानी मिलाकर उबालें, पानी का अंश निकल जाने तक और दूध रह जाने तक उबालकर पीने से पुराना बुखार मिट जाता है।
- एक चम्मच त्रिफला चूर्ण और आधा चम्मच पीपल (पिप्पली या पीपर) चूर्ण मिलाकर थोड़े शहद में मिला लें। इस विधि से सुबह-शाम चाटने से टाइफाइड दूर होता है।
- लौंग और चिरायता बराबर मात्रा में पीसकर सेवन किया जाता है तो बुखार उतर जाता है।
- पुदीने की कुछ पत्तियों में नमक, हींग, अनारदाना डालकर बनी चटनी खाने से टाइफाइड बुखार उतर जाता है।
- मोतीझरा बुखार में ग्वारपाठे का रस और हल्दी मिलाकर रोगी को पिलाएं व सिर व पंजों पर इस मिश्रण की मालिश करे बुखार में निश्चित रूप से लाभ होगा।
- 100 ग्राम नीम की छाल को कूटकर मिट्टी के बर्तन में आधा लीटर पानी डालकर इतना उबालें कि चौथाई पानी शेष रह जाए। रोगी को सुबह-शाम पिलाने से बुखार उतर जायेगा।
- अक्सर यह सवाल बार बार पूछा जाता है की, टाइफाइड में दूध पीना चाहिए कि नहीं, टाइ-फाइड बुखार में दूध पी सकते हैं ? तो इसका जवाब यह है की टाइ-फाइड की बीमारी में रोगी दूध पी सकते है लेकिन दूध अच्छी तरह से उबला हुआ होना चाहिए और हो सके तो एक गिलास दूध में आधा चम्मच हल्दी मिलाकर पियें |
टाइफाइड में क्या ना खाएं : टाइफाइड में परहेज
- मोतीझरा बुखार में गरिष्ठ, भारी, पेट में गैस पैदा करने वाली चीजो से परहेज रखें।
- टाइफाइड में शराब, चाय, कॉफी और अन्य कैफीनयुक्त पेय, रिफाइंड और प्रोसेस फूड जैसे मैदा से बने उत्पाद, केक, सफेद ब्रेड, पेस्ट्री आदि भी नहीं खानी चाहिए।
- घी, तेल और बेसन,मक्का, शक्करकंद, कटहल, भूरे चावल आदि का परहेज रखें |
- लाल मिर्च, मिर्च का सॉस, सिरका, गर्म मसाला, खटाई आदि नहीं खाना चाहिए |
- गंदे पानी वाली मछलियों और अंडो को नहीं खाना चाहिए|
- जंक फूड व बाजारों के खानपान का परहेज करें |
- टाइफाइड में परहेज के अनुसार पूरी, परांठे, पिज़्ज़ा, बर्गर, नूडल्स, मैगी और चटपटे व्यंजन बिलकुल ना खाए |
- मीट, सॉस, अचार और मसालेदार पदार्थ भी नहीं खाना चाहिए ।
- टाइफाइड में बुखार के साथ डायरिया (दस्त) भी होने पर दूध, पनीर और डेयरी उत्पादों को रोगी के डाइट चार्ट से बिलकुल निकाल दें।
- मोतीझरा बुखार में जब ठोस आहार लें तो उसके साथ पानी नहीं पीना चाहिए ।
- खुले पड़े हुए दूषित खाद्य पदार्थ या पानी से परहेज रखें । यह भी अवश्य पढ़ें –टाइफाइड के लक्षण, कारण और बचाव के उपाय
- पूरी तरह रोगमुक्त होने तक चपाती नहीं खाना चाहिए इससे परहेज रखें ।
टाइफाइड में इन बातों का भी रखें ख्याल :
- पतंजलि योगपीठ के आचार्य बालकृष्ण के अनुसार टाइफाइड में मुनक्का भी बहुत लाभकारी होता है इसको प्रयोग करने की विधि इस प्रकार है 8-10 मुनक्के लेकर इन्हें बीच में से चीरकर इनका बीज निकाल लें फिर इसमें हल्का सा काला नमक लगाकर थोडा सा सेंक कर खाएं |
- टाइफाइड में कब्ज की शिकायत होने पर गुनगुने पानी में इसबगोल के दाने डालकर पी जाएं।
- मोतीझरा बुखार में साफ-सफाई का खास ध्यान रखें। बाथरूम जाने के बाद और कुछ भी खाने से पहले हाथों को खूब अच्छी तरह साबुन से धोएं। यह भी पढ़ें – टाइफाइड बुखार के आयुर्वेदिक उपचार तथा इस बीमारी से जुड़े कुछ सवालों के जवाब
- टॉयलेट, पानी की टोंटियां, टेलीफोन रिसीवर और दरवाजों के हैंडलों को रोज अच्छे से साफ करें।
- बीमारी की स्थिति में भोजन को हाथ न लगाएं। इससे बीमारी फैल सकती है।
- अपना तौलिया, कपड़े और खाने-पीने के बर्तन अलग रखें तथा इन्हें रोजाना साबुन और गर्म पानी से धोएं।
- मोतीझरा बुखार में आप क्या खाना चाहते हैं यह महत्त्वपूर्ण नहीं है, आपको क्या खाना चाहिए ये ज्यादा महत्त्वपूर्ण है, इसलिए इस डाइट प्लान के दिशा निर्देशानुसार ही अपने आहार की योजना बनाएं |
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jankari dene ke liye aapko bahut bahut shukirya
rice khana chahiye
अरविन्द जी,
बुखार के दौरान चावल ना खाएं | बुखार उतरने के बाद केवल चावल की बजाय चावल की खिचड़ी लेंगे तो अधिक बेहतर होगा
MUJHE TAIFAID WAPAS 10 DIN ME HI GHER LIYA ISKA KARGAR ILAJ BATAYE
फिर से टाइफाइड होने के दो ही कारण हो सकते है या तो आपने दवा का कोर्स पूरी तरह नहीं किया या फिर दूषित पानी या खाना खा लिया है | आपका शरीर अब बहुत कमजोर हो चूका है इसलिए इलाज में कोई लापरवाही ना बरते, चाहे तो आप अपना डॉक्टर बदल सकते है |
tyfide bukhar me ayurvedik dava ko kitne din tak khana chahiye aur bukhar sahi ho Jane per kaisa bhojan karna chahiye
Tayfhiod muze 3 mahine mai fir ho gaya hai mai Kya karu koi upai bathao ji
बलवीर जी,
टाइफाइड दुबारा होने के दो ही कारण मुख्य रूप से हो सकते है, एक तो यह की आपने इलाज आधा अधुरा ही लिया होगा और दूसरा यह की आपको इस बीमारी के होने के कारणों पता नहीं होगा जिससे आप फिर से इस रोग की चपेट में आ गये है |किसी भी बीमारी से बचने के लिए उसके पैदा होने का कारण जानना बहुत जरुरी है नहीं तो आप बार-बार इसके शिकार बनते रहेंगे |
आपको अपना इलाज फिर से शुरू करवाना चाहिए और ये दो आर्टिकल पढ़ें इनमे से एक में इस रोग के कारण और बचाव की जानकारी दी गई है और दुसरे में इलाज के कुछ उपाय भी बताये है |
लक्षण – http://healthbeautytips.co.in/typhoid-fever-ke-lakshan-karan-bachav/
उपचार – http://bit.ly/2KlbvNS
मुझे सुबह से ही शरीर में अकड़न महसूस हो रही थी…और सिरदर्द भी है। अब रात को हाथ पैर भी दर्द कर रहे है, खाना भी नहीं भा रहा है। बहुत कमजोरी महसूस हो रही है। थोड़ी देर बैठने के बाद जब उठता हूँ तो आँखों के आगे अँधेरा छा जाता है (चक्कर आने लगते है)
क्या ये टायफाइड के लक्षण हो सकते है? और हां मुझे बुखार बिल्कुल नहीं है
Please tell me 🙏🙏
मुकेश जी इस आर्टिकल को पढ़ें – http://healthbeautytips.co.in/typhoid-fever-ke-lakshan-karan-bachav/
बिना जाँच के कुछ भी कहना संभव नहीं होता है |
Hame 4baar malaria tyfide ho gaya h. Kaise jd se khatam Kare
Mujhe tyfide bukhar hai mai xzon injaction le raha hu kya isse tyfide think ho jayega
Ujhe typhoid ho Gaya hai khane me bahut parhej karta hu Sahi se khana bhi khata hu Pani bhi ubal kr pita hu dawa bhi barbar khata hu pr ye thik kyoun bhi hota madam ji
मनोज जी इस बीमारी को पूरी तरह ठीक होने में थोडा समय लगता है यदि आप इलाज से संतुष्ट नहीं है तो चिकित्सक बदल कर देख सकते है |