संतरा प्रकृति के उत्तम फलो में से एक है। यह बहुत लोकप्रिय रसदार फल है । संतरा एक पचाने में आसान फल होता है, क्योंकि संतरे का स्टार्च सूर्य की किरणों द्वारा आसानी से घुलनेवाली शर्करा में बदल जाता है। इसलिए संतरा खाने के बाद यह खून में आसानी से सोख लिया जाता है। उपयोग के तुरंत बाद यह शरीर को ऊर्जा देता है। संतरे का मूल स्थान दक्षिण चीन है। ऐसा माना जाता है कि इसका आगमन दक्षिण भारत में हुआ, जहाँ से सन् 1498 में वास्को-डि-गामा द्वारा पश्चिम के देशो में ले जाया गया। अब इसे पूरी दुनिया में खाया जाता है। भारत में ढीले छिलकेवाला संतरा महाराष्ट्र (नागपुर और पुणे) और असम में बड़े पैमाने पर उगाया जाता है।
संतरे का उपयोग कई तरह से किया जा सकता है। आमतौर पर इसे डिजर्ट फल यानि मिठाई के रूप में लिया जाता है। संतरे को रस के लिए अधिक उपयोग में लाया जाता है। इसका स्क्वैश भी बनाया जाता है। इसका उपयोग मार्मलेड और जैम बनाने में भी होता है। इसके छिलके से निकाले गए सुगंधित तेल का उपयोग परफ्यूम बनाने में भी किया जाता है।
संतरे का आहार मूल्य
संतरा रक्षक आहार घटकों, जैसे—विटामिन ‘ए’, ‘बी’, ‘सी’ और कैल्सियम का प्रचुर स्रोत है। संतरे के विश्लेषण से ज्ञात होता है कि इसके प्रति 100 ग्राम खाद्य भाग में आर्द्रता 87.6, प्रोटीन 0.7, वसा 0.2, खनिज 0.3, रेशा 0.3 और कार्बोहाइड्रेट 10.9 प्रतिशत रहता है। इसके खनिज और विटामिन पदार्थों में कैल्सियम 26, फॉस्फोरस 20, लौह 0.3, थायमिन 0.12, नायसिन 0.3, रिबोफ्लोविन 0.6, विटामिन सी 30 और कैरोटीन 11.4 माइक्रो ग्राम रहता है। इसका कैलोरिक मूल्य 48 है। संतरा का वैज्ञानिक नाम Citrus X sinensis होता है | संतरा को इंग्लिश में Orange कहते है | संतरे की तासीर ठंडी होती है |
तो आइए ! संतरा खाने के लाभ तथा औषधीय गुणों को ध्यान में रखकर उन रोगों के बारे में जानें जिनका उपचार आप इससे कर सकते हैं।
संतरा खाने के फायदे तथा विभिन्न बिमारियों में इसके उपयोग
- बुखार : संतरा सभी प्रकार के बुखारों में अच्छा आहार है। जबकि बुखार से पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है। बुखार से पीडित मरीज अत्यधिक विषाक्तता के दौर से गुजरता है और लार की कमी से उसकी जीभ पर परत चढ़ जाती है, भूख व प्यास की कमी हो जाती है। संतरे के रस की सुगंध इन अरुचियों को दूर करने में बहुत मदद करती है। संतरे का रस टायफॉइड, टी बी रोग, खसरे में बहुत आदर्श तरल आहार है। इससे शक्ति मिलती है, अधिक मूत्र-विसर्जन होता है और संक्रमण के विरुद्ध शरीर की रोग प्रतिरक्षण शक्ति बढ़ती है। इसलिए स्वास्थ्य-लाभ जल्दी होता है।
- अपच : संतरा पुरानी अपच के लिए प्रभावी दवा है। यह पाचन अंगों को आराम पहुँचाता है और आसानी से घुलनेवाले रूप में आहार की आपूर्ति करता है। यह पाचक रसों के प्रवाह को भी तेज करता है, जिससे पाचन में सुधार आता है और भूख बढ़ती है। यह आँत में अनुकूल बैक्टीरिया और पाचक रसो का निर्माण करता है।
- कब्ज : संतरा खाने से कब्ज दूर होती है। सोते समय और सुबह उठने पर एक या दो संतरा लेना आँत की क्रिया को ठीक रखता है। कब्ज का रोगी इसका एक गिलास रस प्रतिदिन पीता रहे। जब कब्ज़ खत्म हो जाए तथा शोच का आना सामान्य हो जाए, तब ही संतरा का रस पीना बंद करें।
- किडनी के विकार : यदि किडनी का कोई रोग हो जाएँ, किडनी ठीक से काम न करे । तथा ये विकार परेशानियाँ होती हों तो (i) किडनी को स्वच्छ रखने में सक्षम नांरगी से ही प्रातः का नाश्ता शुरू करें। रोज दो संतरा लेना बेहतर रहता है। (ii) यदि हो सके तो संतरा खाने के बाद एक गिलास संतरा का रस भी पी लें। इसका जल्दी प्रभाव होगा। (iii) यदि संतरा खाने के बाद संतरा का रस उपलब्ध न हो सके तो एक गिलास गुनगुना पानी ही पी लें। यह भी लाभ ही करेगा। (iv) जैसा ऊपर लिखा गया है, संतरा तथा संतरा का रस नाश्ते में लेना है। अर्थात यह इलाज खाली पेट ही करें।
- हड्डी और दाँत की बीमारी : संतरा कैल्सियम और विटामिन ‘सी’ का अच्छा स्रोत होने के कारण हड्डी और दाँत की बीमारियों में उपयोगी है। दाँत की संरचना में अनियमितताएँ आमतौर पर विटामिन ‘सी’ और कैल्सियम की कमी के कारण होती हैं। इसे पर्याप्त मात्रा में संतरा लेने से इन्हें दूर किया जा सकता है।
- बच्चों की बीमारियाँ : संतरे का रस माँ का दूध न मिल पानेवाले शिशुओं के लिए अच्छा आहार है। उनकी उम्र के अनुसार आधे से चार औंस तक संतरे का रस प्रतिदिन दिया जाना चाहिए। यह स्कर्वी और रिकेट्स की रोकथाम करता है और विकास में मदद करता है। इस रस को थोड़े बड़े बच्चों को भी लाभकारी परिणामों के लिए दिया जा सकता है, जिनका विकास साधारण तौर पर नहीं होता। उन्हें प्रतिदिन दो से चार औंस तक संतरे का रस देना चाहिए।
- दिल की बिमारियों में : संतरे का रस शहद के साथ लेना हृदय रोग में बहुत लाभकारी है। कार्डिएक अवस्थाओं, जैसे—कोरोनरी इस्केमिया और व्यतिक्रम में, जब केवल तरल आहार ही ग्रहण हो, संतरे के रस का शहद के साथ उपयोग बहुत ताकत देनेवाला तरल आहार है।
- पुराना कफ : संतरे का रस चुटकी भर नमक और चम्मच भर शहद के साथ लेना क्षय रोग, अस्थमा, सामान्य सर्दी, ब्रोंकाइटिस और छाती में जमा कफ निकल जाता है। फेफड़ों में इसकी सेलाइन क्रिया के कारण कफ-निस्सारण में आसानी होती है और सेकंडरी संक्रमण से रक्षा होती है।
- कील-मुंहासे : संतरे का छिलका मुँहासे और कील के उपचार में उपयोगी है। इसके छिलकों को पत्थर पर पीसकर प्रभावित भाग पर लगाना चाहिए। यदि इसे बरसात के पानी के साथ पीसकर लेप किया जाए तो यह अधिक प्रभावी रहता है।
- मुँहासे : यदि मुँहासे हों या मुंहासों के निशान, तो चेहरे का रंग-रूप बिगड़कर सुंदर चेहरा भी भद्दा हो जाता है। ऐसे में संतरा के छिलकों को छाया में सुखाएँ, पीसें, छानें। सँभाल कर रखें। इसको थोड़ा गीला कर मैंहासों पर मरहम की तरह रोज लगाएँ। निशान नहीं रहेंगे।
- रोजाना संतरा खाने से उपयोग सामान्य सर्दी, इन्फ्लुएंजा और रक्तस्राव के बार-बार के हमले को रोकता है। इससे व्यक्ति स्वस्थ एवं मजबूत रहता है | संतरे का रस हर उम्र के व्यक्तियों के लिए उपयुक्त है और हर प्रकार के रोगों में इसे दिया जा सकता है।
- जिन्हें एनीमिया रोग हो यानि खून की कमी हो। शरीर कमजोर बना रहता हो। ऐसे लोगों को संतरा खाने से लाभ मिलता है।
- पित्त का रोग : यदि किसी को पित्त की अधिकता का रोग हो जाए तो उसे निम्नांकित परेशानियाँ में से एक या अधिक हो सकती हैं : (i) खट्टी डकारों का आना। (ii) मन में बेचैनी बने रहना। (iii) उल्टी आना या उल्टी करने को मन करते रहना। (iv) छाती में जलन रहना। कभी-कभी जलन का गले तक भी आ जाना। ऐसा व्यक्ति संतरा का रस एक गिलास पी लें। उसमें भुना हुआ जीरा, थोड़ा। नमक तथा काली मिर्च का चूर्ण अंदाज से जरूर डाल लें। जल्दी असर करेगा। एक सप्ताह तक इसे नियमित लेते रहना चाहिए।
- भूख न लगना : यदि भूख न लगे या कम लगे तो, काला नमक तथा सौंठ का चूर्ण बनाकर रखें। संतरा काटकर, उस पर इस चूर्ण को डालें। एक-एक टुकड़ा चबा-चबाकर खाएँ। भूख खुलकर लगेगी। अधिक भोजन करने को मन करेगा। कुछ दिनों तक यह जारी रखें।
- खाली पेट, नाश्ते में या नाश्ते से भी एक घंटा पहले दो छोटी नारंगियाँ या एक बड़ा संतरा रोज़ाना खाना शुरू करें। यह भूख बढ़ाएगा । आप अधिक खाना खा पाएँगे तथा स्वास्थ्य भी अच्छा होगा।
- प्यास बहुत लगना : यदि किसी को प्यास बहुत लगती हो तथा पानी पीने से भी प्यास न बुझती हो, तो संतरा खाने से प्यास बुझती है। संभव हो तो संतरा का जूस भी पी सकते हैं।
- टाइफाइड के रोग में : टाइफाइड के रोगी को बेचैनी रहती है। वह बुखार से परेशान रहता है। गर्मी भी बहुत महसूस करता है। ऐसे रोगी को : (i) एक गिलास दूध पिलाकर एक संतरा खाने को दें। (ii) संतरा का रस एक कप निकाल लें। एक गिलास दूध में इस रस को मिला लें। फिर रोगी को पिला दें। इन दोनों में से कोई एक उपचार कर सकते हैं। दिन में तीन बार रस देना है। जल्दी लाभ होगा।
- बच्चों को दस्त लगना : यदि बच्चे को दस्त लग जाए तथा उसे बार-बार शौच जाना पड़ता हो तो संतरा का रस निकालें। आधी कटोरी रस तथा पूरी कटोरी दूध मिलाकर बच्चे को पिलाएँ। दस्त बंद होंगे।
- पायरिया की तकलीफ : यदि किसी के मसूड़े कमजोर हों तथा उनसे खून निकलते हों तो यह समझ लें कि उसे पायरिया रोग है। इसको नहीं रोकने पर पाचन क्रिया बुरी तरह खराब हो जाएगी। इसके लिए संतरा के छिलके छाया में सुखाएँ। इन्हें कूटकर बारीक करें। कपड़े से छान कर शीशी में रखें। यह आप का मंजन है। इसे करने से पायरिया रोग ठीक होता है। तब तक किया करें जब तक मसूड़े मजबूत नहीं हो जाते।
- इंफ्लूएंजा रोग का उपचार : यदि किसी को इंफ्लूएंजा रोग हो जाए तो उसे संतरा का सेवन करना चाहिए, इससे काफी राहत मिलेगी। संतरा खाने के बाद हल्का गुनगुना पानी मामूली-सा पी सकते हैं, यदि जरूरत महसूस हो।
- पीलिया : संतरा का सेवन करना चाहिए। इससे रोगी को फायदा होता है।
- मलेरिया : मलेरिया रोग से उभरने निकलने के लिए संतरा के छिलकों का चूर्ण एक बड़ा चम्मच भर लें। उसे एक गिलास पानी में उबालें। जब पानी आधा रह जाए तो उसे छानकर रोगी को पिलाएँ। दिन में दो बार । एक सप्ताह तक पिलाते रहें।
- शराब की लत : यदि कोई शराब के बिना न रह सकता हो तो उसे दिन में दो बार एक एक गिलास संतरा का रस पिलाएँ। उसकी नशा करने की इच्छा घटने लगेगी। धीरे-धीरे खत्म भी होगी।
- उल्टियाँ तथा जी मिचलाना : यदि किसी का मन बार-बार उल्टियाँ करने का हो, अथवा जी मिचलाता हो तो उसे संतरा खाना चाहिए। या संतरा का रस मिले तो वही पी लें। यात्रा में होनेवाली ऐसी तकलीफों का यही इलाज है।
- पेट में अल्सर आदि : यदि पेट में अल्सर हो, घाव हो, अथवा नासूर हो, तो ऐसा व्यक्ति संतरा खाकर राहत पा सकता है।
- स्नायुरोग : शरीर के अंदर, स्नायु-मंडल को ठीक रखने के लिए संतरा का रस पिलाना बेहतर रहता है। संतरा का रस उपलब्ध न हो तो संतरा को चबा-चबा कर ही खाया करें। स्नायु रोग के कारण तनाव हो तो वह भी ठीक हो जाता है।
- सर्दी-खाँसी : यदि सर्दी लग गई हो। इस सर्दी के कारण भी खाँसी हो तो एक तिहाई गिलास गुनगुना पानी लें। उस में दो तिहाई संतरा का रस डालें। रोगी को पिलाएँ यह सर्दी-खाँसी में आराम देगा।
- छोटे बच्चों को सर्दी से बचाना : यदि छोटे बच्चों को सर्दी हो, उन्हें खाँसी के लक्षण हों, ऐसे बच्चे को स्वस्थ रखने के लिए उसे नियमित रूप से थोड़ा संतरा का रस पिलाते रहें। उसमें प्रतिरोधक क्षमता तथा सहनशक्ति बढ़ेगी। संतरा खाने से भी फायदा होगा तथा बच्चा तंदुरुस्त बना रहेगा।
गर्भावस्था (प्रेगनेंसी) में संतरा खाने के फायदे
- गर्भवती स्त्री के लिए : यदि कोई स्त्री गर्भवती है। वह गर्भधारण करने के बाद रोजाना दोपहर के समय एक या दो संतरा खाना शुरू करे। बच्चा होने तक खाती रहे। इससे जो शिशु होगा वह बहुत ही सुंदर और स्वस्थ होगा। गर्भवती महिला को संतरा खाने से कई अन्य लाभ भी मिलते है |
संतरा के अन्य लाभ :
- यदि कोई संतरा को धोकर, प्रतिदिन खाए, अथवा संतरा का रस पी लिया करे तो वह :
- दमे को शांत करेगा।
- खाँसी को कम करेगा।
- श्वास प्रणाली को शक्ति देगा। साँस को आसान करेगा।
- टी. बी. जैसे रोग में भी फायदा करेगा।
- छाती के सभी रोग मिटाएगा।
- हृदय की कमजोरी दूर कर देगा।
- पेट की सभी गड़बड़ियाँ दूर करेगा।
सुबह-सुबह एक गिलास संतरा का रस :
यदि कोई व्यक्ति, हर प्रातः कुछ दिनों तक रोज़ सुबह-सुबह एक गिलास संतरा का रस बिना पी लिया करे तो :
- उसे कब्ज की शिकायत बिल्कुल नहीं रहेगी।
- पेट में बननेवाली गैस खत्म होगी। फिर नहीं बनेगी।
- पेट फूला रहता हो, तो उसमें आराम मिलेगा।
- लीवर के सभी विकार दूर होने लगेंगे।
- पेट भारी बना रहता हो तो वह भी ठीक होने लगेगा।
- कमजोर पाचन-शक्ति तेज कर देता है।
- भूख कम लगती हो, तो वह खूब लगा करेगी।
सवाल जवाब
- संतरे का जूस कब पीना चाहिए ? संतरे का जूस सुबह या दोपहर को पीना उत्तम रहता है |
- संतरा खाने का समय कौन सा ठीक होता है ? दिन में किसी भी समय खा सकते है लेकिन रात में फल खाने से बचना चाहिए |
हवा के संपर्क में आने पर संतरे से विटामिन सी तेजी से नष्ट होने लगते है, इसलिए एक बार में कटा हुआ संतरा ही खाएं। संतरा के गुण अनेक हैं। यह शरीर के लिए एक पौष्टिक खुराक भी है। इसे अपनाना सेहत के लिए उत्तम है। (Health Benefits of Eating Oranges and orange juice)
- सेब के फायदे तथा सेब के औषधीय गुणों की जानकारी
- पपीता खाने के फायदे तथा औषधीय गुण -Papaya Fruit
- अनार के फायदे तथा 26 बेहतरीन औषधीय गुण
- अंगूर तथा इसके जूस के औषधीय गुणों की जानकारी
- चुकंदर के फायदे तथा 32 बेहतरीन औषधीय गुण -Health Benefits of Beetroot
- जामुन के फायदे और 25 बेहतरीन औषधीय गुण
- जाने आंवले के बेहतरीन औषधीय गुण