पसीना (Sweat) “स्वेट ग्लेंड्स’ में बनता है, जो हमारे शरीर की त्वचा के नीचे विशेष रूप से हाथों की हथेलियों, पैरों के तलवों तथा सिर की त्वचा के नीचे स्थित होती हैं। एक इन्सान में इनकी संख्या 20 से तीस लाख तक होती है। स्त्रियों में स्वेद ग्रंथियों की संख्या पुरुषों की तुलना में अधिक होती है, फिर भी ‘टेस्टो-स्टीरोन हार्मोन के कारण स्त्रियों को पुरुषों से कम पसीने आते है ।
पसीना कब इन स्वेद ग्रंथियों में बने, यह हमारे मस्तिष्क के हाइपोथैलेमस भाग द्वारा संचालित होता है। किसी भी कारण से हमारे शरीर के गर्म होने से रक्त भी गर्म होता है और जब यह गर्म रक्त मस्तिष्क के हाइपोथैलेमस भाग में पहुँचता है, तो उसे उत्तेजित कर देता है। जब शरीर के बाहर का वातावरण काफी गर्म एवं सूखा हो, तो यह पसीना भाप बनकर त्वचा को ठंडा और नम रखता है। गर्मियों के दिनों में मानव शरीर, सामान्य तापक्रम को बनाए रखने के लिए लगभग आधा लिटर पसीना प्रति घंटे पैदा करता है, इस प्रकार हम ठंड का अनुभव करते हैं। यूँ तो पसीना निकलना स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है, क्योंकि इससे शरीर के अनेक दूषित पदार्थ बाहर निकल जाते हैं, लेकिन आवश्यकता से अधिक पसीने निकलने से शरीर में पानी और लवण दोनों की कमी हो जाती है, जो हमारे लिए नुकसानदेह है जिससे शरीर में लवण की कमी से सिर दर्द, चिड़चिड़ापन, नींद न आना और पानी की कमी से खून के संचार में बाधा पहुंचती है। परिणाम यह होता है कि हृदय की गति में वृद्धि हो जाती है और शरीर का तापक्रम बढ़ने से बुखार आने लगता है। सामान्य मात्रा में पसीने का आना अच्छे स्वास्थ्य का प्रतीक है। पसीना आने से त्वचा के रोम छिद्र खुले रहते हैं और त्वचा को ऑक्सीजन मिलती है, जिससे त्वचा चमकदार व मुलायम बनी रहती है।
लेकिन ज्यादा पसीने आना भी ठीक नहीं होता है गर्मी या जिम में आमतौर पर ज्यादा पसीने आना बुरी बात नहीं है, पर सर्दी में ज़्यादा पसीना आना एक समस्या है | दरअसल, स्वेट ग्लैंड में गड़बड़ी, मानसिक तनाव, हार्मोनल चेंजेज़, मसालेदार भोजन, अधिक दवाओं के प्रयोग और मोटापा ज्यादा पसीना आने के कारण, लगातार पसीने से शारीरिक ही नहीं मानसिक असहजता होने लगती है. यह लक्षण हाइपरहाइड्रोसिस कहलाता है | यह दो तरह का होता है, हाथ, पैर और अंडरआर्म भीग जाना प्राइमरी या फोकल हाइपरहाइड्रोसिस कहलाता है. इससे क़रीब दो से तीन फ़ीसदी लोग परेशान रहते हैं, बहुत ज्यादा पसीने की शिकायत को सेकेंडरी हाइपरहाइड्रोसिस कहा जाता है, इससे पीड़ित व्यक्ति को सर्दी या आराम के समय भी पसीना आता है. डॉक्टर्स का मानना है कि ज्यादा पसीने से शरीर में डिहाइड्रेशन या नमक की कमी जैसी कई समस्याएं पैदा हो सकती हैं | यह दुर्गंध भी पैदा करता है, जो असहज कर देती है | इस आर्टिकल में अधिक पसीना आने की समस्या से छुटकारा पाने के कई घरेलू नुस्खे तथा उचित खानपान की जानकारी दी गई है |
पसीना रोकने का उपाय : पसीने का इलाज

- मूंग– मूंग सेंककर पीस लें। इसमें पानी डालकर गौंदकर उबटन की तरह मलने से अधिक पसीना आना बन्द हो जाता है।
- हरड़– हरड़ बारीक पीस लें । जहाँ पसीना अधिक आता हो, इसको मलें । मलने के दस मिनट बाद स्नान करें। अधिक पसीना आना बन्द हो जायेगा।
- मोठ– मोठ को सेंककर पीस लें। एक मुट्ठी मोठ के इस आटे में आधा चम्मच नमक मिला लें। इसे सूखा ही, जहाँ पसीना अधिक आता हो, मलें। इससे अधिक पसीना निकलना बन्द हो जाता है।
- अरहर– एक मुट्ठी अरहर की दाल, एक चम्मच नमक और पिसी हुई सौंठ आधा चम्मच ये तीनों मिलाकर सरसों के तेल में पीस लें। इस पाउडर से मालिश करने से पसीना आना बन्द हो जाता है। सन्निपात की अवस्था में पसीना आने पर भी यह प्रयोग कर सकते हैं।
- बैंगन– पसीने से छुटकारा पाने के लिए कच्चे बैंगन का रस निकालकर हथेलियों और पागतलियों पर लगाने से पसीना निकलना बन्द हो जाता है।
- फिटकरी– पिसी हुई फिटकरी एक चम्मच दो गिलास ठंडे पानी में घोलकर हाथ-पाँव धोयें। पसीना नहीं आयेगा।
- अधिक पसीना बहने से शरीर में पानी व लवणों की कमी के कारण सिर में दर्द, नींद, चिड़चिड़ापन व कभी-कभी उलटियाँ भी आने लगती हैं। व्यक्ति कोई निर्णय नहीं ले पाता। शरीर ठंडा पड़ने लगता है और साँस तथा नाड़ी तेज चलने लगती है। ऐसे में रोगी को टमाटर के रस में नमक व पानी मिलाकर थोड़ी-थोड़ी मात्रा में देते रहना चाहिए। नींबू-पानी भी शरीर में आई लवणों की कमी को दूर करता है। गर्म वातावरण में देर तक काम करते समय खाली पेट ना रहें।
- तेजपत्ता क्लींजर तेजपत्ता सुखाकर पीसें और उबालकर 24 घंटे ऐसे ही छोड़ दें, इसके पानी से उन हिस्सों की रोज़ाना सफ़ाई करें, जहां से ज़्यादा पसीना आता है. इससे पसीना आना कम हो जाएगा |
- पोटैटो स्लाइस आलू की स्लाइस बना लें और शरीर के जिस भी हिस्से पर अधिक पसीना आता है, उन पर उसे मलें, इससे पसीने का आना कम हो जाएगा |
- बबूल के पत्ते -बबूल के पत्ते और बाल हरड़ को बराबर मात्रा में मिलाकर महीन पीस लें, इससे पूरे शरीर पर मालिश करें और थोड़ी देर बाद स्नान करें, यह नुस्खा नियमित रूप से दो हफ्ते तक करने से पसीना आना बंद हो जाएगा |
- नमक– यदि पसीने में दुर्गन्ध आती हो तो भी नमक कम-से-कम खायें।
- पानी– यदि पैरों में पसीने अधिक आते हों तो पहले पैरों को गर्म पानी में रखें, फिर ठण्डे पानी में रखें और दोनों पैरों को आपस में रगड़ें। फिर बाहर निकालकर पोंछ लें। एक सप्ताह इस प्रकार करने से बहुत लाभ होगा।
- नियमित स्नान शरीर की सफ़ाई का पूरा और समुचित ध्यान दें, नहाने के पानी में चुटकी भर बेकिंग सोडा डालना न भूलें, दिनभर में कम से कम दो बार रोज़ नहाएं, इससे ज्यादा पसीना आना अपने आप नियंत्रित हो जाएगा |
पसीना क्यों आता है :
- आमतौर पर कसरत, तनाव, थकान, डर या गर्मी की वजह से पसीना आता है, लेकिन बुखार, ज्यादा शराब पीने, महिलाओं में हार्मोन्स का बदलाव, हायपरथायरायडिज्म, बहुत अधिक मोटापा, मधुमेह, मलेरिया, मानसिक उत्तेजना तली हुई मिर्च-मसालेदार चीजों का अधिक सेवन और एलोपैथिक गर्म दवाओं के दुष्परिणाम आदि कारणों से भी अकसर पसीने की समस्या अधिक होती है।
पसीने से छुटकारा पाने के लिए ये उपाय भी आजमायें
- नहाते वक़्त नीम वाले साबुन का इस्तेमाल बेहतर रहेगा |
- सिंथेटिक कपड़ों की जगह सूती (कॉटन) कपड़े ही पहनें।
- पसीना रोधक पाउडर का इस्तेमाल करें।
- प्रतिदिन संपूर्ण स्नान ठंडे पानी से करें।
- गर्मी के दिनों में सुबह-शाम नहाएं।
- स्नान के बाद रुएंदार तौलिए से बदन रगड़ कर पोंछे।
- शरीर की सफाई के लिए नीम युक्त साबुन, दही या मुल्तानी मिट्टी इस्तेमाल करें।
- कपड़े एकदम चुस्त, तंग न पहनें।
- कब्ज की शिकायत न होने दें।
- अपना वजन बहुत ज्यादा न बढ़ने दें।
- जितना संभव हो सके कड़ी धूप से बचें, सूती और ढीले कपड़े पहनें, जो शरीर से चिपके न |
- तंग कपड़े पहनने से ज्यादा शरीर में पसीना आता है, जिससे कपड़ों से दुर्गंध आने लगती है |
- यह भी पढ़ें – पसीने की बदबू दूर करने के लिए उपाय
अधिक पसीना निकलने की समस्या में क्या खाएं
- हलका, कम मिर्च मसालेदार, पौष्टिक, ठंडी तासीर वाला भोजन खाएं।
- हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, मेथी, पुदीना, धनिया, पत्ता गोभी, बथुआ, चौलाई नित्य के भोजन में सेवन करें।
- तरबूज, खरबूजा, खीरा, ककड़ी, मीठे फल और कद्दू, तुरई, लौकी जैसी ठंडी तासीर वाली सब्जियां भी खाएं।
- नींबू पानी सेवन करें, इससे शरीर में आई लवणों की कमी दूर होगी।
- टमाटर का रस एक कप की मात्रा में सुबह-शाम पिएं।
- दही, छाछ का अधिक सेवन करें।
- हर रोज़ कम से कम एक कप ग्रीन टी पीने से भी पसीना नियंत्रित रहता है |
क्या न खाएं
- भारी, गरिष्ठ, तले, मिर्च-मसालेदार, गर्म प्रकृति के भोजन न खाएं।
- ज्यादा नमक खाने से परहेज करें।
- शराब, तंबाकू, चाय, कॉफी का सेवन न करें।
- हरी मिर्च व उसके भजिए (पकौड़े), चटनी न खाएं।
- एलोपैथिक की गर्म दवाओं का सेवन न करें।
- अमचूर, इमली की खटाई बिल्कुल न खाएं।
- ज़्यादा पसीना आने पर स्ट्रॉबेरी, अंगूर व बादाम जैसे फलों का अधिक सेवन न करें, इनमें सिलिकॉन अधिक मात्रा में होता है, जिससे पसीना अधिक बनता है |
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