श्वास कुठार रस, श्वासकास चिंतामणि रस के लाभ तथा सेवन विधि
श्वास कुठार रस (Swaskuthar Ras) सांस से जुडी बिमारियों या अस्थमा के लिए यह आयुर्वेद की पॉपुलर दवा है. वात, कफ़ प्रधान खाँसी, अस्थमा, जुकाम, गला बैठना, सर दर्द, माईग्रेन …
श्वास कुठार रस (Swaskuthar Ras) सांस से जुडी बिमारियों या अस्थमा के लिए यह आयुर्वेद की पॉपुलर दवा है. वात, कफ़ प्रधान खाँसी, अस्थमा, जुकाम, गला बैठना, सर दर्द, माईग्रेन …
अमरबेल में कई ऐसे औषधीय गुण पाए जाते हैं जिनका उपयोग कई रोगों को आसानी से ठीक करने में किया जा सकता है। यह बेल लगभग देश के सभी राज्यों …
महर्षि चरक ने लिखा है, “आक में ऐसी आग है जो व्यक्ति के रोग को जलाती नहीं सुखाती है। आक किसी भी जगह अपने आप उगने वाली औषधीय वनस्पति है। …
अमलतास का पेड़ काफी बड़ा होता है, जिसकी ऊंचाई 25-30 फुट तक होती है। पेड़ की छाल मटमैली और कुछ लालिमा लिए होती है। यह अमलतास का पेड़ सभी जगह …
संतरा प्रकृति के उत्तम फलो में से एक है। यह बहुत लोकप्रिय रसदार फल है । संतरा एक पचाने में आसान फल होता है, क्योंकि संतरे का स्टार्च सूर्य की …
विटामिन ‘C’ यानि एस्कॉर्बिक एसिड शरीर के लिए बहुत जरुरी एंटी-ऑक्सीडेंट होता है, विटामिन सी रक्त में लाल कणों को बनाने में बहुत महत्वपूर्ण कार्य करता है। विटामिन सी कोलेजन, …
इम्यूनिटी पावर बढ़ाने के लिए खान पान – स्वस्थ रहने के लिए जरूरी है कि आपकी इम्यूनिटी पॉवर यानी प्रतिरोधक क्षमता मजबूत हो यह बहुत जरुरी है । इस प्रतिरोधक …
फिटकरी के कई लाभ होते है जो कई रोगों के इलाज करने में अचूक है साथ ही आप इसका प्रयोग करके अपनी त्वचा तथा बालों को भी खूबसूरत बना सकते …
जैतून के तेल का उपयोग विदेशों में अधिक होता है, पर अब भारत में भी इसका उपयोग हो रहा है। इसके सेवन से शरीर में फैट का डिस्ट्रीब्यूशन नियंत्रित रहता …
गुड़ खाने से कई फायदे होते है, लेकिन आधुनिक खानपान में इसके लिए ज्यादा जगह नहीं है हालाँकि गाँवों में आज भी घर-घर में गुड़ खाया जाता है। वहाँ चाय …
आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों में शिलाजीत का एक खास स्थान है। आयुर्वेद में शिलाजीत के बहुत सारे गुण बताये गये है | शिला+जीत का मतलब ‘पहाड़ों को जीतने वाला और कमजोरी को …
गेहूं को रिफाइंड करके तैयार किए जाने वाले खाद्य पदार्थों में दलिया भी शामिल है, दलिया खाने में स्वादिष्ट होने के साथ स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। विभिन्न पोषक …
आयुर्वेद के अनुसार एक ही तरह के चने को अलग अलग तरीके से खाने से उसके गुणों में परिवर्तन आता है जैसे – चना दाने (छोले) ठंडे, रूखे, कब्ज करने …