छोटी इलायची को ‘मसालों की रानी’ कह सकते हैं। छोटी इलायची को भी मेडिसिनल हर्ब के रूप में जाना जाता है। इसके पत्ते काफी चौड़े होते हैं। इसके तीन तहों वाले फूल होते हैं, जिनमें हरे और पीले रंग के छोटे-छोटे फल लगते हैं। यही फल छोटी इलायची कहलाते हैं। इलायची के बीच में काले सुगंधदार बीज होते हैं जिनके अंदर सफेद होता है। छोटी इलायची भी भारत में पैदा होने वाला एक ऐसा महत्त्वपूर्ण मसाला था, जिसने इतिहास में कई देशो को भारत की ओर आकर्षित किया था ।
इलायची’ का ऐतिहासिक महत्त्व है। भारत के मुगल बादशाह मुँह में जायका बनाए रखने और सांस को सुगंधित करने के लिए इसका सेवन किया करते थे। आज भी इलायची का प्रयोग कई माउथ फ्रेशनर, मसालों, व्यंजनों में लगातार प्रयोग होता चला आ रहा है। इलायची की दो जातियां है छोटी इलायची और बड़ी इलायची, भारत में इलायची की पैदावार मैसूर, कुर्ग, त्रावनकोर और कोचीन में होती है इसके अलावा श्रीलंका और बर्मा में भी इलायची होती है भारत के कई हिस्सों में आज भी इलायची घर में आए हुए अतिथियों के मान-सम्मान में भोजन आदि के बाद सम्मानपूर्वक पेश की जाती है।
छोटी इलायची से जो महत्त्वपूर्ण तेल निकलता है, विशेष रूप से उसमें अनेक औषधीय गुण होते हैं। इससे पेट का अफारा दूर होता है और पेट की पाचनशक्ति बढ़ती है। छोटी हरी इलायची की प्रकृति यानि तासीर न तो अधिक गर्म होती है और न ही अधिक ठंडी। इसे मुंह में रखकर चबाने से मुंह की बदबू खत्म होती है और उल्टियां भी रुकती हैं। इलायची के बीजों में तेल 10 प्रतिशत, उड़नशील तेल 5 प्रतिशत, पोटेशियम लवण 3 प्रतिशत, पीला द्रव्य, भस्म 6-10 प्रतिशत, स्टार्च 3 प्रतिशत होते हैं। Cardamom Health Benefits.
छोटी इलायची के फायदे तथा गुण

- छोटी इलायची पाचन सम्बंधी दोष दूर करके भोजन में रुचि बढाती है और इसके सेवन से पेशाब भी खुलकर आता है। इसे विभिन्न प्रकार से प्रयोग करने से कफ़ से भी आराम मिलता है।
- यदि व्यक्ति प्रतिदिन सुबह दो-तीन काली मिर्च और एक छोटी इलायची पानी में उबालकर थोड़ी चायपत्ती डालकर बनाई गई चाय का प्रयोग करे तो पेट की गैस और सुबह होने वाली सुस्ती खत्म होती है।
- छोटी इलायची का प्रयोग करने से शरीर में मौजूद हानिकारक तरल तत्व पेशाब के जरिये निकल जाते हैं। इससे हृदय की जलन और गैस भी समाप्त होती है।
- छोटी इलायची के बीजों को पीसकर केले के पत्ते के रस और आंवले के रस में मिलाकर दिन में दो बार लेने से यूरिन खुलकर आता है तथा पेशाब की जलन जैसी बिमारियों में लाभ मिलता हैं।
- इलायची को पीसकर दूध के साथ खाने से पेशाब की जलन बंद होती है। इससे पथरी में भी लाभ होता है।
- छोटी दो इलायची, दो बड़ी इलायची, तीन मुनक्का को मिश्री के साथ पीसकर खाने से शरीर की जलन समाप्त होती है |
- मुंह में छाले होने पर अथवा गला खराब होने की स्थिति में छोटी इलायची को पीसकर पानी में उबालकर गरारे करने से लाभ होता है। सुबह इसके गरारे करने से गले का संक्रमण होने से भी बचाव होता है। सामान्य फ्लू आदि से भी शरीर की रक्षा होती है।
- छोटी इलायची का शायद सबसे अधिक प्रयोग पान के साथ होता है। खाने-पीने की अनेक चीजों, मिठाइयों आदि में सुगंध पैदा करने के लिए भी इसका प्रयोग किया जाता है। इलायची का तेल अनेक दवाइयां, टूथ पेस्ट आदि बनाने के काम आता है।
- सिरदर्द में इलायची पाउडर सूंघने से फायदा होता है | छींक आकर सांस की गति नियंत्रित होती है व सिरदर्द ठीक हो जाता है | खांसी, हिचकी के साथ आने वाली खांसी होगी तो इलायची चूसने से अथवा पाउडर खाने से फायदा होता है |
- दांत एवं मसूड़ों के रोग पर छोटी इलायची के पानी की सहायता से गरारे करने से फायदा होता है |
- पचनसंस्था के विकार, विशेषतः यकृत से जुड़ी शिकायतों पर इलायची फायदेमंद सिद्ध होती है.
- मुख की दुर्गंध, दांतों के विकार में इलायची का चर्वण करते हैं.
- इलायची रोज खाने से पेट बाहर आना टल जाता है |
- उल्टी, जी मिचलाना में इलायची खाने से फायदा होता है |
छोटी इलायची के अन्य घरेलू नुस्खे
- इलायची का पौष्टिक हलवा तैयार करने के लिए इलायची के दाने, बांसकपूर, पिस्ता और बादाम ये सभी पचास-पचास ग्राम लेकर भिगोकर पीस लें और दो लीटर दूध में पका कर इसे गाढ़ा होने के बाद उसमें आधा किलो चीनी व दो-तीन चम्मच घी डाल दें और इसे धीमी आंच पर रखें | हलवा तैयार होने पर रोज थोड़ा-थोड़ा खाने से शरीर में स्फूर्ति आती है, दिमाग में तरावट आती है याददाश्त तेज होती है तथा आंखें तेज बनती हैं।
- इलायची, खजूर और द्राक्ष शहद के साथ खाने से खांसी दूर हो जाती है।
- छोटी इलायची तवे पर भूनकर उसका कोयला बनाकर धुंआ निकलने के बाद बर्तन से ढक दें । फिर इसका पाउडर बनाकर उसमें 125 मि.ग्रा. घी और शहद मिलाकर दिन में तीन बार चाटने से सूखी खांसी में आराम मिलता है ।
- इलायची के दाने, पीपलामूल और परवल के पत्ते इसको समान भाग लेकर चूर्ण बनाकर उसमें पांच ग्राम शुद्ध घी डालें इसे खाने से छाती में दर्द होने की समस्या मिट जाती है ।
- हिचकी नहीं रुक रही हो तो 2 इलायची व 3 लौंग को पानी में चाय की तरह उबालकर पिला दें, हिचकी ठीक हो जाएगी। यह प्रयोग आप दिन में 3-4 बार तक कर सकते हैं।
- किसी पेय अथवा व्यंजन में छोटी इलायची को मिलाये जाने से वह व्यंजन आसानी से पचने वाला बन जाता है। अपनी इस विशेषता के कारण यह पेट सम्बन्धी रोगों के इलाज में बहुत लाभकारी है।
- मुंह में फीकापन, जी मिचलाता हो तो छोटी इलायची मुंह में रखने से लाभ होता है।
- अपच व अफारा के इलाज के लिए –अजवायन के काढ़े के साथ इलायची का सेवन करना चाहिए।
- अफारा या गैस –जिन व्यक्तियों को पेट में गैस बनने की शिकायत हो, उन्हें काली इलायची भूनकर 5 ग्राम की मात्रा में शहद के साथ सेवन करना चाहिए।
- काली मिर्च के साथ छोटी इलायची का चूर्ण पुराने ठंड से होने वाले बुखार में लाभ करता है। दो ग्राम मात्रा में इसे पानी के साथ दिन में तीन बार लें।
- बादाम, मिश्री और घी के साथ रोजाना सुबह छोटी इलायची का सेवन आंखों की जलन और आंखों की कमजोरी दूर करता है।
- गर्मियों में अक्सर आँख में जलन होने लगती है इसके लिए इलायची के बीज, शक्कर, सौंफ का पाउडर चौथाई लगभग पांच ग्राम लें, ऊपर से दूध पीएँ। आँखों को ठंडक पहुँचेगी।
- केले खाने से कई लोगो को बदहजमी हो जाती है इसको दूर करने के लिए छोटी इलायची के चार-छह दाने चबा लें। इससे आराम होकर पेट हल्का हो जाएगा।
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