डॉक्टर और अस्पताल में जाना कोई नहीं चाहता है लेकिन जीवन में कभी ना कभी सबका इनसे पाला पड़ता अवश्य है, इसलिए अस्पताल या डॉक्टर के पास जाते समय कई तरह की शंकाएं दिमाग में उठती है जैसे की कौन-से डिपार्टमेंट में किस बीमारी का इलाज होगा, डॉक्टर पास क्या-क्या जाँच रिपोर्ट लेकर जाएँ , डॉक्टर को कैसे अपनी बीमारी के बारे में ठीक से समझाएं | इससे बहुत सारे लोग अनजान होते हैं। ऐसे में कई बार लोग गंभीर परेशानी में भी पड़ जाते हैं। इससे समय, पैसा और सेहत, तीनों की बर्बादी हो सकती है। इसलिए इस पोस्ट में हम इस विषय पर बता रहे हैं कि अस्पताल के कौन-से डॉक्टर किस बीमारी का इलाज करते है, तथा डॉक्टर के पास इलाज के लिए जाते समय किन बातों का ख्याल रखें जिससे आपको तथा आपका इलाज करने वाले डॉक्टर को किसी प्रकार की समस्या ना हो |
डॉक्टर के पास इलाज के लिए जाते समय निम्न बातों का ध्यान रखें

- डॉक्टर के पास जाने से पहले चाय, कॉफी जैसे गर्म पेय पीकर न जाएँ। इससे शरीर का ताप बढ़ जाने से चिकित्सक आपके शरीर का सही ताप न जान सकेगा खासकर बुखार जैसे रोग में ।
- रोग शुरू होते ही डॉक्टर की सलाह लें। रोग ज्यादा बढ़ जाने पर समस्या बन जाता है, जिससे इलाज में तथा निरोग होने में लंबा समय लग सकता है।
- डॉक्टर के पास भीड़ हो तो शांति से अपनी बारी का इंतजार करें। डॉक्टर को भी सही निदान के लिए शांति की जरूरत रहती है।
- अगर डॉक्टर स्टेथस्कोप से जाँच कर रहा हो तो उस समय उससे बात न करें।
- चिकित्सक अगर खून, थूक, पेशाब की जाँच के लिए कहे तो उसे जरूर करवाएँ। इससे क्या होता है—सोचकर पैसे बचाने तथा आलस्य में जाँच को अनदेखा न करें।
- इसी तरह अगर डॉक्टर एक्स-रे को कहे तो उसे जरूर करवाएँ, क्योंकि कई बीमारियों में यह जरूरी होता है।
- संकोच या शर्म करे डॉक्टर से कोई भी बात न छिपाएँ। अपनी तकलीफ, अपने रोग के बारे में चिकित्सकको विस्तार से बताएँ। कोई भी चिकित्सक किसी का भी भेद कहीं भी प्रकट नहीं करता, अतः डॉक्टर को हर बात बेझिझक बताएँ।
- रोग को छिपाने से भयंकर परिणाम हो सकते हैं। पूरी बात जाने बिना डॉक्टर इलाज भी पूरा नहीं कर पाएगा।
- चिकित्सक की सलाह को ध्यान से सुनें तथा उस पर अमल करें, न कि डॉक्टर को ही सलाह देने लग जाएँ। कई बार लोग डॉक्टर को बताते हैं—‘फलाँ दवा या टॉनिक दे दो, मुझे ग्लूकोस चढ़ा दो आदि-आदि। ध्यान रखें कि चिकित्सक ज्यादा जानता है, वह अपने आप जरूरत के मुताबित लिख देगा।
- डॉक्टर जिस चीज से परहेज को कहे, उसका पालन करें, अन्यथा आप दवा लेते रहेंगे, फायदा कुछ भी नहीं होगा।
- अपनी बीमारी के पुराने पेपर, एक्स-रे रिपोर्ट, खून, पेशाब आदि की जाँच के कागज आदि सँभालकर रखें तथा डॉक्टर बदलते समय या बीमारी के वापस प्रकट हो जाने पर सब कागज चिकित्सक को दिखाएँ। इससे चिकित्सक को इलाज करने में आसानी रहेगी तथा आपको भी कई जाँचों में दुबारा पैसे खर्च नहीं करने पड़ेंगे।
- नहाकर, साफ कपड़े पहनकर जाएँ। अगर किसी बीमारी में नहाना संभव न हो तो गीले तौलिए से चेहरा, हाथ, मुँह पोंछकर जाएँ।
- डॉक्टर के पास जाने से पहने अपना मुँह, दाँत अच्छी तरह साफ कर लें। ताकि अपना रोग बताते समय जीभ, गला या दाँत दिखाते समय मुँह से दुर्गंध न आए।
- पान, पान मसाला, सुपारी, तंबाकू आदि खाकर न जाएँ। इससे जीभ का स्वाभाविक रंग बदल जाएगा। जिससे डॉक्टर को रोग की सही पहचान करने में दिक्कत आएगी। और शराब भी ना पियें |
- एक बार में एक ही तरह का इलाज लें। एक साथ कई तरह के इलाज से जैसे डॉक्टरी, होम्योपैथी, आयुर्वेद आदि शुरू न करें। इससे लाभ नहीं होगा उलटे नुकसान होगा एलर्जी या अन्य साइड इफ़ेक्ट भी हो सकते है ।
- अगर किसी चिकित्सक की दवा से लाभ न हो रहा हो तो उसे तुरंत न बदलें। कुछ दिन दवा लेकर देखें, क्योंकि बीमारी के इलाज में समय तो लगता ही है। डॉक्टर कोई जादूगर नहीं है कि बीमारी एक दिन में ही ठीक हो जाए।
- चिकित्सक जितने दिन दवा खाने को कहे, उतने दिन पूरी दवा लें।
- डॉक्टर से पूछे बिना सुने-सुनाए नुस्खे न आजमाने लग जाएँ। खासकर गंभीर रोगों में, हालाँकि मोटी आम बीमारी में तो घरेलू नुस्खे ही अधिक लाभकारी होते है |
किस बीमारी में कौन से डॉक्टर के पास जाना चाहिए
- कार्डियोलजी
यहां दिल यानि ह्रदय से जुड़ी सभी बीमारियों का इलाज होता है। - डर्मेटॉलजी
यहां त्वचा से जुड़ी बीमारियों का इलाज किया जाता है। आप गर्मियों में होने वाली घमौरियां और सर्दियों में सिर में होने वाली खुस्की जैसी छोटी समस्याओं के लिए भी यहां जा सकते हैं | - डायटेटिक्सया आहार विशेषज्ञ
यहां आपके शरीर की जरूरत के हिसाब से आपके खान-पान का चार्ट तैयार किया जाता है। इसके एक्सपर्ट आपकी मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर सलाह देते हैं। - डेंटल केयर
ये दांतों से जुडी बिमारियों के इलाज के डॉक्टर होते हैं। - एंडोक्रिनॉलजी, मेटाबॉलिज्म ऐंड डायबीटीज
ये जनरल मेडिसिन के सुपर स्पेशलाइज्ड डिपार्टमेंट होते हैं, जहां डायबीटीज, मेटाबॉलिक सिस्टम में आने वाली खराबी से संबंधित बीमारियों का इलाज होता है। - ई.एन.टी
यहां नाक, कान और गले से संबंधित बिमारियों का इलाज होता है। - आई केयर
आंखों की देखभाल, जांच, इलाज और ऑपरेशन यहां किया जाता है। आंख से संबंधित इस ब्रांच को ऑपथेमॉलजी भी कहा जाता है। - गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल
यहां पेट से संबंधित समस्याओं का इलाज किया जाता है जैसे गैस एसिडिटी पेप्टिक अल्सर आदि । - नेफ्रॉलजी
यहाँ किडनी से संबंधित बीमारियों का इलाज किया जाता है। - न्यूरो साइंसेज सेंटर
यहां न्यूरो यानी तंत्रिका तंत्र से संबंधित बीमारियों का इलाज होता है। दिमाग या ब्रेन से संबंधित समस्याओं के लिए यहां जाते हैं। - ऑब्स्टेट्रिक्स ऐंड गाइनी
यहां स्त्री रोगों का इलाज और सर्जरी की जाती है। - ऑन्कॉलजी
यहां विभिन्न तरह के कैंसर का इलाज होता है। इसे कैंसर सेंटर भी कहते हैं। - ऑर्थोपैडिक्स
यहां हड्डियों से जुड़ी बीमारियों का इलाज किया जाता है। - पीडियाट्रिक्स
इसके एक्सपर्ट बाल रोग विशेषज्ञ होते हैं। 14 साल तक के बच्चों को कोई समस्या होने पर यहां ले जाया जाता है। - सायकायट्री यामनोवैज्ञानिक
यहां विभिन्न तरह की मानसिक समस्याओं का इलाज किया जाता है जैसे तनाव, डिप्रेशन, या कोई भी अन्य मानसिक रोग । - एस्थेटिक ऐंड री-कंस्ट्रक्टिव सर्जरी (Aesthetic And Reconstructive Surgery)
यहां खूबसूरती बढ़ाने के लिए सर्जरी होती है। मसलन नाक-होंठ, हिप्स आदि की शेप ठीक कराना, ब्रेस्ट इंप्लांट जैसी सर्जरी |
दुनिया में कई ऐसे देश हैं जहाँ के मरीज इतने जागरूक है की कोई भी इलाज या बीमारी को निर्धारित करने से पहले “दूसरी राय” यानि किसी दूसरे डॉक्टर की राय लेना जरूरी समझते हैं, खासकर कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों के मामले में। वहां के डॉक्टर अपने आप ही मरीज को इस बात की राय देते हैं हालाँकि इसे मानना या नहीं मानना पूरी तरह से मरीज पर निर्भर करता है। लेकिन हमारे देश में दूसरी राय के लिए ना तो डॉक्टर ही मरीज से आग्रह करते है और ना ही मरीज इतने जागरूक है। यहां तो इलाज के लिए मरीज को रूम ही मिल जाए, उतना ही काफी होता है। खैर, डॉक्टर और मरीज का रिश्ता विश्वास पर आधारित है और विश्वास की कमी के कारण डॉक्टर उसे दूसरी राय के लिए कह सकता है।
बेशक आपने गूगल पर उस बीमारी के बारे में बहुत कुछ पढ़ा है और आप काफी जानते हैं। लेकिन लेकिन जब आप इस ज्ञान को डॉक्टर के सामने रखने लगते हैं, तो वो अकसर उसे पसंद नहीं करते हैं ।
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