अगर आप चाय पीने के शौक़ीन है और दिन की शुरुवात एक कप गरमा गरम चाय के साथ करते है तो इस पोस्ट को जरुर पढ़िए , क्योंकि चाय गलत सेवन से आपके शरीर को हानि पंहुच सकती है |
जैसा की हम सभी जानते है की, चाय पीना ज्यादातर लोगो की दिनचर्या का हिस्सा है| भारत में 80 से 90 प्रतिशत लोग दिन की शुरुवात एक गर्म चाय के कप से करते है| लेकिन कुछ अध्ययनों के अनुसार खाली पेट चाय पीना सेहत के लिए बहुत नुकसान देह होता है, खासतौर पर गर्मियों में चाय बहुत नुकसान दायक होती है| दरअसल चाय एक औषधीय पौधा (Medicinal Plant) है जो विशेषज्ञ की सलाह से दवा की तरह एक सीमित मात्रा में लिया जाता है | यह प्रतिदिन पीने के लिए नहीं होता है | यह आवश्यकतानुसार पीने पर ही लाभदायक है। चाय ठण्डी जलवायु एवं ठंडे वातावरण में रहने वालों के लिए ही लाभकारी होता है। इस पोस्ट में हम आपको चाय पीने के नुकसान , फायदे , चाय बनाने और पीने का सही तरीका तथा इस्तमाल की हुई चाय पत्ती से बने कुछ घरेलू नुस्खे बताएँगे |
चाय पीने से हानियाँ (चाय के दुष्प्रभाव)–/ Disadvantages Of Tea
- चाय पेट में एसिडिटी बढ़ाती है। और चाय आंतो (Intestine) और पेट को खराब करती है। ज्यादा चाय के सेवन से पेट में नासूर (Ulcer) हो सकता है।
- खाली पेट चाय पीने से पाचन-शक्ति खराब होती है और सोते समय पीने से नींद कम आती है।
- अधिक चाय पीने से हृदय की धड़कन बढ़ती है और हृदय की बीमारी की संभावना रहती है।
- चाय पीने से मुख्य हानि यह होती है की यह रक्त में आयरन (लोह ) को अवशोषित होने से रोकता है जिससे खून में आयरन की कमी हो जाती है | खासतौर से शाकाहारी , गर्भस्थ स्त्री (Pregnancy) , अनीमिया (रक्त की कमी की बीमारी ) ज्यादा प्रभावित होते है क्योंकि उनके रक्त में पहले से ही आयरन की कमी होती है |
- रक्त में लोहे की कमी से थकान और रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी हो सकती हैं।
- एक कप चाय में 4 ग्राम टैनिन होता है जो आपके शरीर में हानिकारक एसिड का काम करता है।
- अगर आप एक कप चाय को एक-दो घण्टे रखा रहने दें और उसके बाद उसकी स्थिति देख्नेगे तो आप चाय के रंग में परिवर्तन आ जायेगा और उसके ऊपर की निकोटिन की परत के नीचे काली चाय होगी। चाय की यही दशा शरीर में जाने के बाद होती है।
- अगर आप ऊँगली से चाय की परत को लगाकर देखें तो पाएंगे की यह चिपचिपी और मोटी होती है जो आंतो में चिपक कर विकार उत्पन्न करती है।

- प्रतिदिन चाय पीने की आदत होने पर चाय बहुत हानि पहुँचाती है। यह पाचनशक्ति कम करती है। तथा शरीर में रक्त की कमी करती है।
- ज्यादा चाय की पत्ती मिलाकर (स्ट्रोंग टी ) पीने से पेट में अल्सर होने का खतरा बढ़ जाता है| स्ट्रोंग टी पीने से पेट की अंदरुनी सतह में जख्म हो जाने की आशंका होती है |
- चाय को बार-बार गर्म करके नहीं पीना चाहिए क्योंकि इससे चाय में एसिड की मात्रा बढ़ जाती है |
- अनिद्रा के रोगी और डिप्रेशन के मरीजो लिए चाय ज्यादा हानिकारक है। क्योंकि चाय पीने से नींद में कमी आती है।
- कैफीन– चाय, कॉफी में पाया जाने वाला ‘कैफीन’ कुछ समय के लिए शरीर में उर्जा का अहसास तो करवाता है पर कुछ समय पश्चात यह व्यक्ति में काम करने की क्षमता कम कर देता है। तीन कप कॉफी और एक कप चाय में 350 मि.ग्रा. कैफीन होता है और इतनी मात्रा में कैफीन का सेवन व्यक्ति में तनाव को बढ़ा सकता है साथ ही ध्यान केन्द्रित करने की क्षमता भी कम हो जाती है।
- जितनी ज्यादा आप चाय पियेंगे चाय में घुली चीनी भी आपके शरीर में जायेगी जो आपको मोटा बना सकती है
- हड्डी, जोड़ों का दर्द– अत्यधिक चाय के सेवन से हड्डियों के जोड़ों में दर्द, दाँतों का पीलापन, अवसाद, तनाव आदि बीमारियाँ हो सकती हैं।
- चाय के एक कप में 13 पी पी एम फ्लोराइड होता है, जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 1.5 पीपीएम फ्लोराइड ही उचित है।
- फ्लोरोसिस के अत्यधिक सेवन से हड्डियों के जोड़ों में दर्द, कमजोरी आदि की शिकायत आम है। फ्लोराइड की अधिक मात्रा शरीर में मौजूद लाल रक्त कणिकाओं के इर्द-गिर्द जमा होकर ऑक्सीजन का वितरण सही तरीके से नहीं होने देती। इन कणिकाओं में ऑक्सीजन की कमी से थकान आना प्राथमिक चरण है।
- धीरे धीरे फ्लोराइड हड्डियों का क्षरण कर देता है, जिससे जोड़ों का दर्द शुरू हो जाता है। कई बार फ्लोराइड गुर्दो में प्रवेश कर जाता है, जिससे मूत्र त्यागने में परेशानी हो जाती है। चुकंदर के फायदे तथा 32 बेहतरीन औषधीय गुण
- 12 साल तक के बच्चों में फ्लोरोसिस बीमारी का इलाज संभव है। फ्लोरोसिस बीमारी में विटामिन-‘सी’ तथा ‘डी’ ही सर्वाधिक कारगर है |
- भूख न लगना– चाय को ज्यादा देर तक उबालने से उसमें टैनिन नामक रसायन निकलता है जो पेट की भीतरी दीवार पर जमा हो जाता है जिससे भूख लगना बन्द हो जाती है।
- चाय पेशाब में यूरिक अम्ल बढ़ाती है। यूरिक अम्ल से गठिया, जोड़ों की सूजन बढ़ती है। अत: वात रोगियों को चाय नहीं पीना चाहिए। इसकी जगह एनेर्जी ड्रिंक पियें जानिए – 5 एनर्जी ड्रिंक जो रखे आपको तरोताजा बढाये स्टेमिना |
चाय के फायदे / Health Benefits Of Tea
- दस्त (Diarrhea) – एक चम्मच चाय की पत्ती और चौथाई चम्मच नमक दोनों को पीसकर इसके तीन भाग करके दिन में तीन बार गर्म पानी के साथ लें। ऐसा करने से दर्द के साथ मरोड़ी देकर होने वाले दस्तों में लाभ होगा। यह भी पढ़ें दस्त के घरेलू उपचार
- बालों में चमक– बालों में ज्यादा देर तक शैम्पू लगाये रखने से रूसी कम होने के बजाय बढ़ती है। चाय के पानी से बाल धोने से बाल गिरना बन्द होते हैं। चाय पत्ती उबालकर उसके पानी को छानकर फ्रिज में रख लें। बालों को धोने के बाद इस पानी को बालों में कंडीशनर की तरह लगायें, इससे बालों में चमक बढ़ेगी।
- यह भी जरुर पढ़ें – ग्रीन टी पीने के फायदे तथा सावधानियां और बनाने की विधि
- कोलेस्ट्रॉल– चाय रक्त में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम कर देती है।
- चाय में मौजूद कैफीन से कुछ देर के लिए आलस्य दूर हो जाता है|
- निम्न रक्त चाप (Low blood Pressure ) में चाय के सेवन से थोडा लाभ मिलता है, क्योंकि इससे रक्त चाप उच्च हो जाता है |
- चाय पीने से आपके शरीर में संक्रमण कम हो जाता है। चाय सर्दी-जुकाम कफ जैसी आम बीमारियों से भी राहत देता है |
- धूप में त्वचा झुलस जाने पर त्वचा के उस हिस्से चाय पत्ती लगाये तो सन बर्न ठीक हो जाता है |
चाय के घरेलू उपयोग– Used tea benefits
- चाय की गीली पतियों में थोड़ा-सा चूना मिलाकर शीशों पर मलकर कुछ देर बाद सूखे कपड़े से साफ करने पर चमक आ जाती है।
- चाय की बची हुई पत्तियों में से एक चुटकी बर्तन धोने का पाउडर मिलाकर बर्तनों पर रगड़ने से साफ हो जाते हैं।
- चाय की पत्तियों को एकाध घण्टे तक पानी में उबालकर शीशी में बन्द करके रख लीजिए। वार्निश वाला फर्नीचर, दरवाजे आदि साफ करने के लिए घोल अच्छा काम करेगा।
- उबली हुई चाय की पत्तियों को लकड़ी के फर्नीचर पर रगड़ने पर फर्नीचर का मैल निकल जाता है।
- इस्तमाल की हुई बिना चीनी वाली चाय पत्ती गुलाब के पौधे के लिए एक अच्छा खाद है।
- यदि आपकी रसोई में मक्खी-मच्छर हो जायें तो चाय बनाने के बाद चाय की पत्ती को अंगीठी में डालकर रसोई में धुआँ कर दीजिए।
- कोई कीड़ा काट ले तो उस हिस्से पर चाय पत्ती लगाने से सूजन और खारिश नहीं होती है|
- बरसात में माचिस को चाय पत्ती के डिब्बे में रखने से उसमें सीलन नहीं आती।
- अगर आपके पैरों से बदबू आती है तो चाय पत्ती के पानी में अपने पैरों को कुछ समय के लिए डुबोकर रखें |
चाय बनाने की विधि / (How to make tea correctly)–
ज्यादातर लोग चाय, दूध, शक्कर आवश्यक मात्रा में लेकर खूब उबालते हैं फिर छानकर पीते हैं। इस प्रकार बनाई गई चाय काफी नुकसान करती है।
- चाय बनाने की सही विधि – सबसे पहले पानी, दूध, शक्कर आवश्यक मात्रा में लेकर उबालें। जब उबलने लगे तब नीचे उतार लें फिर उसमें आवश्यक मात्रा में चाय की पत्ती डालकर आठ मिनट ढककर रखें।
- मसाला चाय रेसिपी – चाय को अधिक स्वादिष्ट बनाने के लिए अदरक,पुदीना, सोंठ, काली मिर्च, लौंग, इलायची भी डाली जा सकती है। तुलसी के पत्ते चाय में मिला कर पीने से सर्दियों में कफ से राहत मिलती है |
- इसके बाद छानकर कुछ नाश्ता करके पियें। इस प्रकार बनाई गई चाय शरीर के लिए कम नुकसान दायक होती है।
चाय पीने से पहले ध्यान रखें / The right way to drink tea for Good Health
- यदि आप चाय पीना ही चाहते हैं तो 1 या 2 बार से अधिक मत पीजिये और इसे खाली पेट कभी नहीं पियें।
- चाय को कभी भी प्लास्टिक से बने कप या गिलास (Plastic disposable glass) में नहीं पीना चाहिए |क्योंकि गर्म चाय का तापमान बहुत उच्च होता है जिससे प्लास्टिक के हानिकारक कण चाय में मिल जाते है और सीधे आपके शरीर में प्रवेश कर जाते है जिससे कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी हो सकती है | और अधिक जानने के लिए पढ़ें यह पोस्ट – जानिए बर्तन भी कैसे प्रभावित करते हैं आपकी सेहत को |
- चाय का दुष्प्रभाव दूर करने के लिए एक कप चाय पीने के थोड़ी देर बाद पाँच कप पानी पियें।
- ज्यादा गर्म चाय से गले के टिशूज को नुकसान पंहुच सकता है |
- चाय में टैनिन (Tannin) होता है जो शरीर में लौह तत्व (Iron) को पचाने में बाधा पहुँचाता है। इसलिए लौह तत्व वाली चीजें जैसे हरी सब्जिया , फल आदि और लौह-प्रधान औषधि लेने के दो घण्टे बाद ही चाय पियें।
बहुत बढ़िया जानकारी
बहुत ही बढ़िया जानकारी हे हमें बहुत अच्छी लगी
राजेश जी धन्यवाद ,
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बहुत बडिया सुचना
I like this
धन्यवाद अमित जी,
यह पोस्ट भी पढ़ें – http://healthbeautytips.co.in/pani-peene-ka-sahi-tareeka-right-way-drink-water/
Very useful notification
I like it
It is very useful notes for every human body
Everybody should know this notice
Thank you Manveer ,
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Thanks. Good Info.
मैं भी रोज़ चाय पीता था पर अब से नही पियूँगा। धन्यवाद आपकी जानकारी के लिए।