कैंसर से लड़ने वाले आहार : डाइट फॉर कैंसर पेशेंट

कैंसर से लड़ने व् बचाव के लिए कैसा हो आहार? कैंसर के मरीज़ के आहार का इलाज पर असर होता है मरीज़ का इलाज असरदार हो, इसके लिए आहार में सावधानी बरतना ज़रूरी है. रोगियों की डायट उनके स्वास्थ्य के हिसाब से कुछ ऐसी होनी चाहिए |

पोषण की कमी को पूरा करने वाला – अमूमन कैंसर से पीड़ित मरीज़ों की भूख मर जाती है| यह सबसे सामान्य समस्या है, जिससे शरीर में पोषक तत्वों, जैसे- कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा और खनिज लवण की कमी हो जाती है. कैंसर के मरीज़ों का आहार इसलिए कम हो जाता है, क्योंकि बीमारी उनके पाचन तंत्र के विभिन्न अंगों, जैसे- इसोफेगस, पेट, छोटी या बड़ी आंत, लिवर, गालब्लैडर या पैनक्रियाज़ पर असर करती है | पोषक आहार-  मरीज पौष्टिक आहार ही लें, जिससे उसे ज़रूरी तत्व मिलें. कार्बोहाइड्रेटवाला आहार अच्छा विकल्प है, लेकिन जो डायबिटिक हैं, वो सावधानी बरतें. यह फ़ौरन ऊर्जा देता है, जिससे पाचन सही रहता है | टिश्यूज़ के विकास व ऊर्जा के लिए ज़रूरी प्रोटीन अंडा, मीट, मसूर दाल, मटर, बींस, सोयाबीन व नट्स से मिल जाता है, मरीज़ में विटामिन व मिनरल्स भी कम हो जाता है, क्योंकि इनकी मांग ज्यादा व सप्लाई कम हो जाती है |

तरल पदार्थ – कैंसर के मरीज़ो को तरल पदार्थ का खूब सेवन करना चाहिए |  इससे डिहाइड्रेशन का खतरा नहीं रहृता और स्वास्थ्य बेहतर रहता है. तरल पदार्थ यूरिन के ज़रिए विषैले पदार्थों को शरीर से बाहर निकाल देता है. आसानी से पचनेवाले आहार लें, मसालेदार, तला हुआ या अधिक ठोस आहार न लें |

खाने की जिस भी चीज में फाइटोकेमिकल्स होंगे, वह चीज कैंसर से रोकथाम में मददगार होती है। फाइटोकेमिकल्स एक प्रकार के एंटी ऑक्सीडेंट ही हैं, जो कैंसर के साथी फ्री रेडिकल्स से लड़ने का काम करते हैं। इन्हें फ्लेवेनॉयड, कैरोटीनॉयड, पॉलीफिनोल्स, एंथोसाइएनिंस, कैटेचिन आदि नामों से भी जाना जाता है।

कैंसर से लड़ने वाले आहार : कैंसर के रोगियों को क्या खाना चाहिए

कैंसर से cancer se bachne ke liye kya khaye bhojan
डाइट फॉर कैंसर पेशेंट
  • कैंसर के विरोधी हैं सेब में मौजूद फाइबर : खाने की जिस भी चीज में एंटी ऑक्सीटेंड होते हैं, वे चीजें कैंसर से लड़ने में योगदान देती हैं। सेब एंटी ऑक्सीडेंट से भरपूर है, इसलिए यह कैंसर समेत तमाम बीमारियों में फायदा करता है।
  • आंतों के कैंसर से बचाती हैं फलीदार सब्जियां : इनमें भरपूर फाइबर होते हैं। खासकर ये हमें आंतों के कैंसर से बचाते हैं।
  • विटामिन ए, ई, बी और सी से भरपूर है शिमला मिर्च यानी सख्त रोग प्रतिरोधी। यह कैंसर की भी विरोधी है। इसमें एक तत्व होता है कैप्सेइसिन, जो दर्दनाशक है। शिमला मिर्च में मौजूद सल्फर कई तरह के कैंसर से बचाव करता है।
  • कैंसर विरोधी फाइटोकेमिकल्स हैं ब्रोकोली में : लोहा, विटामिन ए और सी, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, क्रोमियम, एंटी ऑक्सीडेंट, फाइटोकेमिल्स जैसी चीजें एक साथ होने से यह हर प्रकार से बड़े काम की चीज है।
  • पत्तागोभी या बंदगोभी एंटी ऑक्सीडेंट का भंडार होती है तथा कैंसर के मरीजो के लिए लाभकारी है |
  • बेरियों में फाइटोकेमिकल्स का भंडार होता है। फाइटोकेमिकल्स वे तत्व हैं, जो हमारी विभिन्न कोशिकाओं के क्षय यानी नुकसान को रोकते हैं। यह विशेष रूप से आंतों के कैंसर से बचाव करता है।
  • खरबूजे में विटामिन ए, बीटा कैरोटीन और विटामिन सी भरपूर होता है। विटामिन सी का भंडार होने से यह एंटी ऑक्सीडेंट का काम करता है। यह विभिन्न हमलों से कोशिकाओं की रक्षा करता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करता है। इसमें फोलेट भी होते हैं। खरबूजे के बीज भी प्रोटीन, फाइबर और विटामिन से भरपूर होते हैं।
  • फ्री रेडिकल्स से खूब लड़ती है खुबानी : इस फल में भी एंटी ऑक्सीडेंट और डायटरी फाइबर भरपूर हैं। फ्री रेडिकल्स से लड़ने के कारण यह कैंसर विरोधी है।
  • शतावरी में एक कमाल का तत्व है, जिसे फोलेट कहते हैं। फोलेट दर्दनाशक है और कैंसर व दिल के रोग से शरीर को दूर रखने के लिए जाना जाता है।
  • किडनी के कैंसर से बचाव के लिए केला विशेष लाभकारी बताया जाता है। केला एक कमाल की चीज है ट्रिप्टोफान, जो डिप्रेशन को दूर करती है। यह एसिडिटी और पेट के अल्सर को भी काबू में करता है।
  • तीन तरह के कैंसर से लड़ती है गाजर : इसमें विटामिन ए और बीटा कैरोटीन भरपूर होते हैं। बीटा कैरोटीन कोशिकाओं को बूढ़ा होने से भी बचाते हैं। विशेषज्ञों ने इसमें फालकैरिनोल और फालकैरिंडिओ नाम के तत्व पाए हैं, जो फेफड़ों, स्तन और आंतों के कैंसर से विशेष रूप से लड़ते है |
  • फूलगोभी विटामिन सी और मैग्नीशियम के लिए जानी जाती है और ये दोनों ही एंटी ऑक्सीडेंट के गुण रखते हैं। इसके अलावा भी फूलगोभी में इसमें एक फाइटोन्यूट्रिएंट ग्लूकोसीनोलेट होता है जो लिवर का बढ़िया मित्र है यानी फूलगोभी जहरीले तत्वों से शरीर की रक्षा करती है। यह पेट में कैंसर, अल्सर पैदा करने वाले बैक्टीरिया को मारता है।
  • चेरी कुदरत के सबसे ताकतवर एंटी इन्फ्लेमेटरी (सूजन, शोथ के खिलाफ काम करने वाले) सिपाही हैं। विशेषज्ञों ने चेरी में साइएनिडिन नाम का एंटी ऑक्सीडेंट काफी मात्रा में पाया है, जो कैंसर के खिलाफ काम करता है। इनमें बीटा कैरोटीन भी भरपूर होता है।
  • अलसी में ओमेगा-3 फैट्स, डायटरी फाइबर, पोटेशियम और अन्य अनेक पोषक तत्वों का घर है। ओमेगा-3 फैट्स चूंकि हमारे शरीर की सभी कोशिकाओं के जरूरी तत्व होते हैं, इसलिए अलसी का बीज और तेल एक तरह से हमें संपूर्ण स्वास्थ्य देने का काम करता है। यह कैंसर का खतरा भी कम करता है।
  • लहसुन गजब का एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी बायोटिक पदार्थ है। लहसुन के एंटी ऑक्सीडेंट रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं। यह कैंसर का विरोधी है |
  • आंत और स्तन कैंसर का खतरा कम करता है अंगूर : अंगूर में प्रोटीन, फाइबर, विटामिन ए, बी-6 और सी होता है। अंगूर में फ्लेवोनॉयड नामक तत्व होता है, जो इसके रंग के लिए जिम्मेदार होता है। यह एक एंटी ऑक्सीडेंट है जो फ्री रेडिकल्स से शरीर की रक्षा करता है। आंतों और स्तन कैंसर से अंगूर विशेष रूप से बचाव करते हैं।
  • त्वचा कैंसर से लड़ने के लिए जानी जाती है ग्रीन टी : ग्रीन टी को कैंसर और त्वचा कैंसर से लड़ने के लिए जाना जाने लगा है। इसमें मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट विटामिन सी और विटामिन ई से भी बहुत ज्यादा बेहतर पाए गए हैं। यह हृदय की कोशिकाओं की रक्षा करती है। इसका पॉलीफिनोल नाम का एंटी ऑक्सीडेंट बढ़ती उम्र पर लगाम लगाता है।
  • नींबू पूरी तरह एक एंटी ऑक्सीडेंट है, इसलिए फ्री रेडिकल्स से लड़कर हमें कैंसर और दिल की बीमारी से बचाता है। आंत, प्रोस्टेट और स्तन के कैंसर से लड़ाई में यह शरीर का बहुत सहयोग करता है।
  • आम में मौजूद करीब सात एंटी ऑक्सीडेंट और अन्य एंजाइम स्तन, आंत, ल्यूकोमिया और प्रोस्टेट कैंसर से लड़ते हैं। इसमें विटामिन सी और फाइबर भी भरपूर हैं। विटामिन सी होने से आम रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है।
  • ब्लेडर के कैंसर को रोकता है मशरूम का सेलेनियम : मशरूम में विटामिन डी का भंडार है। ये शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले माने जाते हैं, क्योंकि ये एंटी वायरल और अन्य प्रोटीन का निर्माण करते हैं। इनमें एंटी ऑक्सीडेंट तत्व भी होते हैं, जिससे ये कैंसर से मुकाबला करने में सक्षम है। इनमें एक खास तत्व सेलेनियम होता है, जो ब्लेडर के कैंसर के खतरे को काफी कम कर देता है।
  • आंतों में कैंसर की काट करती है दही : दही पेट और आंतों की सबसे अच्छी दोस्त है। इसमें मौजूद कैल्शियम आंतों को कैंसर और अन्य तमाम परेशानियों से बचाता है। यह आंतों को पसंद आने वाले बैक्टीरिया का निर्माण करती है। दही रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है और बच्चों, बड़ों को एक साथ फायदा पहुंचाती है। इसमें पेट के लिए एंटी बायोटिक गुण भी होता है।
  • अखरोट में ऊर्जा, प्रोटीन, एंटी ऑक्सीडेंट, विटामिन, मिनरल्स, फोलेट और ओमेगा-3 फैट्स होते हैं। विटामिन ई होने से ये त्वचा के लिए बहुत काम के हैं। और एंटी एजिंग का काम करते हैं। इनके ओमेगा-3 फैट्स स्तन, प्रोस्टेट और आंत के कैंसर का खतरा कम करते हैं। अखरोट खास तौर से कैंसर के दुश्मन हैं।
  • ओट्स में मुख्य रूप से जौ, अन्य अनाज और उनके दलिया आते हैं। ओट्स प्रोटीन, फाइबर, मैग्नीशियम, मैगनीज और विटामिन बी से भरपूर होते हैं। हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते ओट्स में मौजूद लिगनेन नामक तत्व कैंसर का खतरा कम करता है।
  • कैंसर के खिलाफ जान लड़ा देता है जैतून का तेल : जैतून के तेल के सौ से भी ज्यादा फायदे बताए गए हैं। इस तेल में ओलियोकैथल, स्क्वेलीन और लिगनेन जैसे फोटोन्यूट्रिएंट होते हैं, जो कैंसर का खतरा काफी कम कर देते हैं। इसमें मौजूद विटामिन ई भी कैंसर का खतरा कम करता है।
  • संतरे में विटामिन सी, ए, एंटी ऑक्सीडेंट, डायटरी फाइबर, फ्लेवोनॉयड, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम जैसे तत्व होते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, संतरे में करीब फोटोन्यूट्रिएंट्स होते हैं। फ्लेवोनॉयड की संख्या करीब 60 होती है। इस वजह से यह शरीर में सूजन, जलन, अल्सर, गांठ और कोशिकाओं के क्षय के दुश्मनों के खिलाफ शानदार ढंग से काम करता है यानी जबरदस्त रोग प्रतिरोधक। इसमें मौजूद लिमिनॉयड नाम का तत्व तो मुंह, त्वचा, फेफड़े, स्तन, आंत सभी प्रकार के कैंसर के खतरे को कम करता है।
  • पपीते में विटामिन सी, बी और बीटा कैरोटीन और फाइबर होते हैं, जिससे यह कैंसर के खतरे को कम करता है। चूंकि पपीता उन सभी चीजों को पचाने में मदद करता है, जो एक शरीर ग्रहण करता है, इसलिए वह शरीर स्वस्थ और मजबूत रहता है |
  • कद्दू में भरपूर फाइबर, विटामिन ए, बीटा कैरोटीन और केले से भी ज्यादा मैग्नीशियम होता है। विशेषज्ञों ने कद्दू को कैंसर के खतरे को कम करने में भी मददगार पाया है। फ्री रेडिकल्स से लड़ने के कारण यह त्वचा में पड़ने वाली झुर्रियों, सलवटों का भी दुश्मन है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है।
  • अनार में भरपूर फाइटोकेमिकल्स, फ्लेवेनॉयड और पॉलीफिनोल (एंटी आक्सीडेंट) होते हैं, जो हमें कैंसर के खतरे से बचाते हैं। विशेषज्ञों ने एकमात्र अनार में एक पदार्थ पाया है, जिसका नाम है प्यूनिकएलेजिंस। यह इसकी एंटी ऑक्सीडेंट वैल्यू को बाकी पदार्थों के मुकाबले बढ़ा देता है। यह लगभग सभी प्रकार के कैंसर से हमें बचाता है, क्योंकि इसमें मौजूद तत्व शरीर में कहीं भी ट्यूमर बनने का विरोध करते हैं।
  • कैंसर को पनपने नहीं देता ब्राउन राइस का सेलेनियम : भूरे चावल में प्रोटीन, थिएमाइन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, सेलेनियम, पोटेशियम और फाइबर पाए जाते हैं। ब्राउन राइस में मौजूद सेलेनियम तत्व कैंसर का खतरा कम करने में विशेष रूप से कारगर है। इसके फाइबर खास तौर से आंतों के कैंसर का खतरा भी कम करते हैं। विशेषज्ञ इन्हें बेरी और अन्य फलों के साथ खाने की सलाह भी देते हैं, ताकि इनके एंटी ऑक्सीडेंट गुणों का शरीर को पूरा फायदा मिल सके।
  • प्रोस्टेट कैंसर के खिलाफ काम करता है पालक : पालक में मौजूद फाइटोन्यूट्रीएंट कैंसर विरोधी गुण रखते हैं। प्रोस्टेट कैंसर के खिलाफ ये खास तौर से काम करते हैं। पालक में मौजूद विटामिन सी, ई, बीटा कैरोटीन, सेलेनियम, जिंक, मैगनीज आदि इसके एंटी ऑक्सीडेंट गुणों को और बढ़ा देते हैं। पालक रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है।
  • शकरकंद फाइबर, विटामिन बी-6, भरपूर पोटेशियम, विटामिन ए, बीटा कैरोटीन, विटामिन सी और ए होते हैं। विटामिन सी और ई होने से यह स्वस्थ त्वचा और बालों का तो दोस्त है ही, कैंसर और अन्य कई बीमारियों का खतरा भी यह कम करता है।
  • टमाटर में भरपूर विटामिन सी के अलावा विटामिन ए, सोडियम, कार्बोहाइड्रेट्स, आयरन, कैल्शियम, प्रोटीन और फाइबर होते हैं। टमाटर के लाल रंग के लिए जिम्मेदार तत्व लाइकोपेन अपने कैंसर विरोधी गुण के लिए खास तौर से जाना जाता है। टमाटर का सेवन विशेष रूप से फेफड़े, पेट और प्रोस्टेट कैंसर के खतरे को कम करता है। विटामिन सी और ए होने से यह हमारी कोशिकाओं के दुश्मन फ्री रेडिकल्स से लड़ता है।
  • एंटी ऑक्सीडेंट लाइकोपेन के भंडार में तरबूज, टमाटर को भी पीछे छोड़ देता है और इसी वजह से अनेक प्रकार के कैंसर के खतरे को काफी कम कर देता है। इसमें विटामिन ए, बी, सी और ‘के’ होने से इसके फायदे और भी बढ़ जाते हैं।
  • नाशपाती में फाइबर, विटामिन बी, सी, ई और कॉपर तथा पोटेशियम का भंडार होता है। नाशपाती में पेक्टिन नाम का फाइबर आम से भी ज्यादा होता है, जिससे यह आंतों में कैंसर नहीं होने देता। विटामिन सी और कॉपर होने से यह कोशिकाओं के दुश्मन फ्री रेडिकल्स से लड़ता है और इस तरह कैंसर का विरोध करता है।
  • कीवी फल भी कोशिकाओं का बढ़िया रक्षक होने से कैंसर से भी कारगर ढंग से लड़ता है। कीवी का विशेष फाइबर कब्ज और कैंसर को विफल करता है। इसका फोटोन्यूट्रिएंट डीएनए की मरम्मत करने के कारण शानदार एंटी ऑक्सीडेंट का काम करता है। इसका फोलिक एसिड खून में लाल रक्त कणिकाएं बनाता है और विटामिन सी शरीर को रोग प्रतिरोधक बनाता है। कीवी में कैल्शियम, क्रोमियम, कॉपर, आयरन, मैग्नीशियम, पोटेशियम, जिंक जैसे तत्व भी होते हैं।
  • आंवले में संतरे से भी ज्यादा विटामिन सी होती है। यह शरीर को जबरदस्त | रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करता है। एंटी ऑक्सीडेंट से भरपूर होने के कारण यह न सिर्फ बढ़ती उम्र को रोकता है, बल्कि कई प्रकार के कैंसर से भी शरीर को बचाता है। यह जलन, सूजन और दर्दनाशक है।
  • कैंसर से लड़ने में काली मिर्च को भी कम न समझे : मसालों का राजा या रानी काली मिर्च सूजन, दर्द, जलन की विरोधी है। इसमें मौजूद पिपेराइन नामक तत्व तमाम लाभदायक पदार्थों को ग्रहण करने की शरीर की क्षमता को बढ़ाता है, जिससे हम इन सबका अधिकतम लाभ ले पाते हैं। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। विटामिन सी और ए होने से यह कोशिकाओं के दुश्मन फ्री रेडिकल्स से भी लड़ती है। और कैंसर का खतरा कम करती है।
  • व्हीट जर्म को पोषक तत्वों का गोदाम भी कहा जाता है। इसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फोलिक एसिड, फाइबर, विटामिन और मिनरल की भरमार होती है। यह फोलिक एसिड का सर्वश्रेष्ठ भंडार माना जाता है इसलिए कैंसर रोधी भी है। इसमें एक विशेष किस्म का एंटी ऑक्सीडेंट एरगोथियोनिआइन होता है, जो पकाने पर भी नष्ट नहीं होता है।
  • मछली में कैंसर से लड़ने के काफी गुण पाए हैं, जिससे इसका सेवन कैंसर का खतरा बहुत कम कर देता है।
  • चीन के चिकित्सा जगत् में प्राचीनकाल से ही करेले के रस के सत्व को कैंसर से लड़ने के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है। करेले के रस में पैनक्रियाज के कैंसर को रोकने की काफी क्षमता देखी गई है। यहां तक कि यह कैंसर कोशिकाओं का नाश भी कर देता है। वैज्ञानिकों ने करेले में चार बायोएक्टिव कंपाउंड पाए हैं, जो शरीर में मौजूद एक विशेष एंजाइम है पोके को सक्रिय करते हैं। यह एंजाइम कसरत करने से भी सक्रिय होता है और ब्लड ग्लूकोज का प्रयोग करने के लिए मांसपेशियों की कोशिकाओं की मदद करता है।
  • खास बात : अमेरिका में स्तन कैंसर पर अनुसंधान के दौरान वैज्ञानिकों ने पाया है कि करेले का रस लूकोज मेटाबॉलिज्म के रास्ते को रोककर ऊर्जा को कैंसर सेल्स तक नहीं पहुंचने देता। ऊर्जा के अभाव में कैंसर कोशिकाएं मर जाती हैं।
  • कई अध्ययनों में अंडे को स्तन कैंसर को रोकने में मददगार पाया गया है।

महिलाओं में 60 प्रतिशत कैंसर तथा पुरुष वर्ग में 40 प्रतिशत कैंसर का कारण वसायुक्त आहार ही है।

संतुलित आहार स्वस्थ जीवन का परिचायक है। हम किस प्रकार का आहार ग्रहण करते हैं, कितनी मात्रा में आहार लेते हैं, ये सब कारण कैंसर उत्पन्न कर सकते हैं। विश्व के विकसित देशों में जहाँ कैंसर के रोगियों की संख्या अधिक है तथा इससे मरनेवाले लोगों की संज्या 25 प्रतिशत है, उन देशों में पुरुषों में 40 प्रतिशत तथा महिलाओं में 60 प्रतिशत कैंसर आहार में असंतुलन के कारण ही होता है। नियमित अत्यधिक शराब का सेवन ही मुंह, ग्रास नली, सांस की नली एवं पेट के कैंसर का मुख्य  कारण है। वे महिलाएँ, जिन्होंने वसायुक्त, मसालेदार भोजन का आनंद लिया है, उन्हें मोटापा शीघ्र ही आ घेरता है। उन्हें स्तन कैंसर या गर्भाशय कैंसर की संभावना अधिक रहती है। आमाशय का कैंसर भी उन लोगों में अधिक देखा गया है, जो अपना भोजन अँगीठी या आग में सेंककर या आहार को सुरक्षित रखने के लिए नमक का उपयोग करते हैं। इस प्रक्रिया में कैंसर कोशिकाओं का उत्पादन करने वाला रसायन ‘नाइट्रोसैमीन’ शरीर में अधिक बनता है। इसलिए कैंसर से बचाव के लिए क्या नहीं खाना चाहिए इस विषय पर भी हमने एक आर्टिकल लिखा है इसे भी अवश्य पढ़ें –  कैंसर की बीमारी में खाने पीने की इन चीजो से रहे दूर

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