भूख न लगने की सबसे अच्छी दवा होम्योपैथिक दवा : भूख बढ़ाने का इलाज

भूख न लगने का सबसे बड़ा कारण होता है पेट में जठराग्नि (gastric acid) का कमजोर हो जाने पर प्रमुख लक्षण होते हैं-भूख न लगना, भोजन से अरुचि होना, पेट भरा-भरासा लगना। इसे अजीर्ण, बदहजमी और पेट भरा-भरा सा भी कहते हैं। ऐसा होने पर शरीर में गैस की शिकायत रहना, कब्ज होना, पेट फूलना और भारी रहना, तबियत में गिरावट, स्वभाव में चिड़चिड़ाहट और मन उदास रहना आदि जैसे लक्षण दिखते हैं। इन इन सब समस्याओं का इलाज लक्षणों के अनुसार दवा चुनकर सेवन करना फायदेमंद है। भूख न लगने की बीमारी को होम्योपैथिक दवा बहुत कामयाबी से आपकी इस बीमारी को दूर कर सकती है और जैसा की हम आपको हमेशा बताते है की होम्योपैथिक दवा के कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होते है लेकिन भूख बढ़ाने की होम्योपैथिक दवा की जानकारी से पहले आइये जानते है की भूख न लगने के सामान्य कारण कौन कौन से है |

भूख की कमी या भूख न लगने के कारण

  • रात देर तक जागना
  • अधिक सोना-वह भी दिन में
  • पेशाब, शौच समय पर निवृत्त न होना
  • भोजन करने से पहले पानी पीना
  • भूख में पानी पीना और भोजन न करना
  • भूख से अधिक खाना
  • भूख से बहुत कम खाना
  • भोजन करने का कोई एक समय न रखना
  • बिना चबाए भोजन निगल जाना
  • भोजन के साथ अधिक पानी पीना
  • बासी भोजन खाना
  • अधिक भारी, तेल-घी वाला पदार्थ खाना
  • किसी खुशखबरी पर अत्यधिक खुश रहना, मगर भोजन की ओर ध्यान न देना |
  • भोजन के समय से पहले, भोजन करते समय तथा बाद में क्रोध करना
  • बहुत-से व्यसन जैसे शराब, तंबाकू, गुटका, चाय, काफी, पान-जर्दा खाते रहना।

भूख न लगने की होम्योपैथिक दवा

भूख न लगने की सबसे अच्छी दवा होम्योपैथिक दवा bhukh badhane ki homeopathic medicine

  • भूख में कमी में —केरिका पपाया-30 हर चार घंटे पर।
  • किसी भी कारण से भूख में कमी—लॉबेलिया इंफ्लेटा-6 दिन में तीन बार।
  • भूख न लगने, तेजी से दुबले होते जाना और उलटी में —आयोडियम-30 दिन में दो बार।
  • भूख में कमी, मुँह का कड़वा स्वाद, परतदार जीभ—कार्डस मेरियानस-6 हर छह घंटे पर।
  • भूख में कमी, मुँह में धात्विक स्वाद, अत्यधिक लार—मरक्यूरियस वाइवस-200 और मरक्यूरियस सॉलिबिलस-200 दोनों रोजाना एक खुराक।
  • भूख में कमी, धात्विक स्वाद—कोकुलस इंडिकस-200 एक खुराक, यदि लक्षण बरकरार रहें तो खुराक दुहराई जा सकती है।
  • भूख न लगने, भोजन में अरुचि—नेट्रम मुरिएटिकम-200 एक खुराक रोज।
  • आलू खाने से अरुचि—एलुमिना-200 एक खुराक रोज।
  • दस्त, दूध के कारण, दूध पीने के कारण भूख न लगने या दूध तथा वसायुक्त पदार्थ खाने पर खट्टी डकारें आती हों —नेट्रम कार्बोनिकम-6 दिन में तीन बार।
  • खट्टी चीजों के प्रति अरुचि, उन्हें खाने पर दस्त लगे, भूख न लगने -फेरम मेटलिकम-30 दिन में तीन बार।
  • सभी प्रकार के कीड़े, गुदा में खुजली, बच्चों में भूख न लगने की समस्या, निरंतर दर्द, सिरदर्द, मीठा खाने की अधिक इच्छा, भोजन के प्रति अरुचि, मिचली और वमन-सेबाडिला-30 दिन में तीन बार।
  • वसायुक्त भोजन, पेस्ट्री आदि के बाद भूख न लगने पर —पल्सेटिला-200 दिन में एक खुराक।

तेज भूख लगना लेकिन शरीर में कमजोरी बने रहना

  • तेज भूख लगने के बावजूद कमजोरी, अच्छी तरह खाने के बाद भी भूख, पेट तथा लीवर के क्षेत्र में भारीपन तथा असुविधा का एहसास, जो खाना पचने के साथ ठीक हो जाता है, हमेशा नींद आती रहती है—नेट्रम मुरिएटिकम-200 दिन में दो बार।
  • तेज भूख, जिसके बाद बिलकुल भूख नहीं लगती, यह कीड़ों से संबंधित रोग हो सकता है—सीना-200 एक खुराक, दुहराने की जरूरत नहीं।
  • तेज भूख, पेट भरकर खाने के तुरंत बाद फिर से भूख लग जाना, मिठाई या अन्न चीजें खाने की चाहत, बच्चे माँ का दूध नहीं पीना चाहते हो तो —सीना-30 दिन में दो बार।
  • तेज भूख, फिर बिलकुल भूख न लगना—फेरम मेटलिकम-30 दिन में दो बार।
  • भूख, विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ खाने की इच्छा, लेकिन थोडा सा खाना खाने के बाद ही उलटी आने लगती है—रियम-30 दिन में तीन बार।
  • अकसर खाते रहना जरूरी, नहीं तो बेहोशी छाना, भोजन करने के एकदम बाद भूख लगना, रात में भी भूख लगना, खाने के बाद राहत महसूस करना—फॉस्फोरस-200 कुछ खुराकें।
  • तेज भूख, खाने के बाद राहत, लेकिन बढ़ती कमजोरी, केवल खाने के दौरान बेहतर महसूस करना—आयोडियम-30 दिन में दो बार।
  • हमेशा भूख लगना, खाने के बाद भी भूख लगना—सरासीनिया परप्यूरिया-30 दिन में दो बार।
  • भूख महसूस करना, लेकिन थोड़ा सा खाने के बाद ही भोजन छोड़ देना, भूख न लगने पर -इकोपोडियम-200 एक खुराक रोजाना।
  • मल-त्याग के तुरंत बाद भूख लगना—पेट्रोलियम-30 दिन में दो बार।
  • दोपहर में काफी भूख लगना, लेकिन सुबह बिलकुल भूख न लगना—एबीज नाइग्रा-30 दिन में दो बार।
  • खट्टी चीजें खाने के बाद दस्त, गर्भावस्था के दौरान, तूफानी मौसम में और हमेशा दिन में, हमेशा भूख का एहसास—पेट्रोलियम-6 दिन में तीन बार।

बच्चों की भूख बढ़ाने की होम्योपैथिक दवा

  • जन्म के बाद शिशुओं द्वारा वमन, बाधित विकास, बड़ा पेट, भूख समाप्त या अत्यधिक हो जाना-थायरायडिनम-30 दिन में तीन बार।

भूख न लगने की बीमारी में अपने लक्षणों के अनुसार आप इनमे से कोई भी एक होम्योपैथिक दवा का सेवन कर सकते है |

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