जानिए संतुलित पौष्टिक भोजन के लाभ-Balanced Diet

संतुलित भोजन का महत्व – भारत जैसे विकासशील देशों में संतुलित भोजन (Balanced Diet) न लेने के कारण कमजोरी कुपोषण, शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी तथा अन्य विभिन्न रोग बहुत बड़ी समस्याएँ उत्पन्न कर रहे हैं। बच्चों और स्त्रियों में बहुत से रोगों की जड़ में संतुलित भोजन ना लेने के कारण होने वाला कुपोषण ही होता है। प्रतिवर्ष लाखों बच्चे रोगों के कारण मृत्यु को प्राप्त होते हैं| इस तरह संतुलित एवं पौष्टिक भोजन का महत्तव अपने आप ही जाहिर हो जाता है। इसी तरह भारत में प्रतिवर्ष 40 हजार बच्चे विटामिन ‘ए’ की कमी के कारण अंधे हो जाते हैं। कुपोषण के कारण बच्चों की रोगों से लड़ने की शक्ति कम हो जाती है और उन्हें संक्रामक रोग शीघ्र जकड़ लेते हैं।

संतुलित भोजन कैसा हो? संतुलित भोजन किसे कहते है ?

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संतुलित भोजन
  • खाने में सभी जरुरी प्रोटीन, विटामिन आदि को संतुलित मात्रा में शामिल करना ही संतुलित भोजन है।
  • हमारे शरीर को कार्य करने के लिए ऊर्जा (शक्ति) एवं शरीर के विकास के लिए कई तरह के खाद्य पदार्थों की जरूरत होती है। ये विभिन्न खाद्य हमें भोजन द्वारा प्राप्त होते हैं।
  • संतुलित भोजन के आवश्यक खाद्य पदार्थ हैं-(1) कार्बोज या कार्बोहाइड्रेट्स, (2) प्रोटीन्स, (3) वसा, (4) विटामिंस, (5) खनिज-लवण तथा (6) साफ़ पानी अत: ये 6 चीजे भोजन में शामिल करना जरूरी है। ये सभी छह प्रकार के विटामिंस आपको किन-किन फलों और सब्जियों से मिलेंगे तथा इनकी कमी से होने वाली समस्याओ को हम अगले पोस्ट में कवर करेंगे |
  • याद रखें संतुलित भोजन भी बच्चों और बड़ों को कई तरह के संक्रमणों से सुरक्षित रखता है।

संतुलित भोजन कैसे लें?

बेहतर स्वास्थ्य के लिए हमें अपने भोजन में ऊपर बतलाए गए पोषक तत्वों का उचित मात्रा में शामिल  करना चाहिए।

  • केवल दो-तीन खाद्य पदार्थों से शरीर को सभी विटामिंस प्राप्त नहीं हो सकते है इसलिए यह ध्यान रखना चाहिए कि रोटी, चावल, दाल के साथ ही हरी सब्जियों, फल, सलाद तथा दूध अथवा अंडों को भी शामिल किया जाए।
  • बच्चों तथा स्त्रियों में कुपोषण का एक बड़ा कारण यह भी है कि दो-तीन तरह के अनाजों के अलावा ताजे फलों या हरी सब्जियाँ न के बराबर लेते हैं, वे सोयाबीन भी नहीं खाते है ।
  • संतुलित भोजन लेने के लिए एक वयस्क व्यक्ति के 24 घंटे के भोजन में ये खाद्य पदार्थ होने चाहिए – अनाज (रोटी-चावल) 350 ग्राम, दालें (या 1 अंडा), 75 ग्राम, दूध (या 1 अंडा) 250 ग्राम, पत्तेदार भाजी/हरी सब्जी 80 ग्राम, अन्य सब्जियाँ/ सलाद 80 ग्राम, फल 80 ग्राम, शक्कर/गुड़ 40 ग्राम तथा तेल/घी (वसा) 20-40 ग्राम।
  • संतुलित भोजन के अनुसार एक वयस्क पुरुष को भोजन द्वारा ऊर्जा प्राप्त करने के लिए औसतन 2,800 कैलोरी ऊर्जा की आवश्यकता होती है तथा स्त्री को 2,300 कैलोरी।
  • लेकिन गर्भवती महिला को 2,600 कैलोरी की जरूरत पड़ती है। इसी तरह दूध पिलाने वाली स्त्रियों को 3,000 कैलोरी तक भोजन के रूप में लेनी चाहिए।
  • बच्चों को उनकी उम्र के अनुसार 1 हजार से लेकर 2,400 कैलोरी तक की जरूरत होती है (4 से 5 वर्ष तक 1,000 कैलोरी, 6 से 7 वर्ष तक 1,300 कैलोरी, | 10 से 11 वर्ष तक के बच्चो को 1,500 कैलोरी तथा 12 से 15 वर्ष तक 2,400 कैलोरी ।)
  • एक ग्राम प्रोटीन और एक ग्राम काब्रोहाइड्रेट्स से 4-4 कैलोरी ऊर्जा प्राप्त होती है तथा एक ग्राम घी, तेल या चरबी (वसा) से 9 कैलोरी ऊर्जा के रूप में प्राप्त होती है।

स्वस्थ रहने के लिए आवश्यक है खाने के नियमो को जानना

शरीर को एनर्जी के लिए जिन तत्वों की आवश्यकता होती है, उनकी पूर्ति दूध, फल, रोटी-सब्जियाँ से होती है। आप स्वस्थ रहें इसके लिए भोजन करने और बनाने की कला का भी ज्ञान चाहिये।

  • भोजन भूख लगने पर ही करना चाहिये। यदि भूख नहीं लगती है तो खाना नहीं खायें।
  • चिन्ता, शोक, भय, क्रोध आदि में किया गया भोजन अच्छी तरह से नहीं पचता।
  • अत्यधिक शारीरिक थकान के तुरन्त बाद भोजन न करें। ऐसा करने से उल्टी हो सकती है।
  • भोजन करने के तुरंत बाद सोना नहीं चाहिए।
  • ‘विटामिन डी’ अर्थात् धूप का सेवन अवश्य करें।
  • भोजन करते समय कम मात्रा में पानी पियें तथा खाना खाने के बाद जब प्यास लगे तब पानी पियें। पानी पीने के भी हैं कुछ खास नियम और सही तरीके |
  • भोजन को बहुत धीरे-धीरे खूब चबा-चबाकर करना चाहिए। भोजन करने के बाद पेशाब अवश्य करें।
  • खाना खाते समय – सबसे पहले कड़े और सख्त पदार्थ, बीच में नर्म पदार्थ और अंत में पतले पदार्थ खाने चाहिए।
  • दोबारा गर्म किया हुआ खाना या बासी खाने से बचना चाहिए |
  • नीबू का रस पानी में मिलाकर अवश्य पियें। जानिए चाय पीने के फायदे और नुकसान
  • शाम को भोजन सूरज डूबने से पहले करने की कोशिश करें तथा शाम का खाना हल्का होना चाहिए।
  • सप्ताह में एक दिन व्रत अवश्य रखें। उपवास में नीबू और पानी पीते रहें। इसमें शहद भी मिला सकते हैं।

भोजन के पोषक तत्व कम ना हो इसलिए इन बातों का ख्याल रखें |

  • सब्जियों में ज्यादा घी मिर्च-मसाले डालकर या ज्यादा तेज आंच पर पकाने से उनके पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं।
  • हरी पत्तेदार सब्जियों को पकाते समय उनमे उतना ही पानी डालना चाहिए कि जितने मे वे पक जाए। उबलने के बाद हरी सब्जियों का पानी नहीं फेकना चाहिए। अगर निकालना जरूरी हो तो उसे दाल या आटे में डाल दें इससे पोषक तत्व बेकार नहीं होंगे।
  • सब्जियों के ऊपर अक्सर रासायनिक खाद लगी होती है जो भोजन में जहर का काम करती है इसलिए सब्जियों को अच्छी तरह से धोकर और छीलकर ही पकाना चाहिए।
  • काटने के बाद सब्जियों कभी नहीं धोना चाहिए क्योंकि काटने के बाद धोने से उनके अन्दर के सारे विटामिन खनिज और लवण निकल जाते है।
  • कटी हुई सब्जियों को जल्द ही पका लेना चाहिए ज्यादा देर तक कटी हुई सब्जियां या फल नहीं रखने चाहिए।
  • आटे की चोकर (छिलके) के साथ ही गूंथना चाहिए और इसे छानना नहीं चाहिए। इसके लिए सबसे पहले गेंहू को अच्छी तरह से साफ कर लेना चाहिए। आटे को बिल्कुल बारीक न पिसवाकर थोड़ा सा मोटा पिसवाएं और पकाने से लगभग 2 घंटे पहले गूंथ लें। इससे आटा नर्म और जल्दी पचने लायक हो जाता है।
  • चावलों को भी कम पानी में ही पकाना चाहिए। चावलों को ढककर पकाना चाहिए।
  • चने मटर आदि पकाते समय उसके अन्दर खाने वाला सोड़ा न डालें क्योंकि इससे विटामिन और दूसरे पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं।

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4 thoughts on “जानिए संतुलित पौष्टिक भोजन के लाभ-Balanced Diet”

  1. Ji namaskar..main khata peeta bhut hu.but main phir b kamjor hu.Maine protein supplements .b use kiya but koi asar nahi hua..aap mujhe suggest kare Maine kya kru…please help me

    Reply
    • कृष्ण जी ,
      मेरा सुझाव यह है की अगर आपको किसी तरह की कमजोरी महसूस नहीं हो रही है तो आप इसी प्रकार धीरे-धीरे अपना वजन बढ़ाने का प्रयास करें | नहीं तो अन्य विकल्पों में आपके पास यह है की आप अपने रक्त और लीवर की जाँच करवाए की आपके शरीर में विटामिन, आयरन या अन्य किसी तत्व की कमी तो नहीं है ? क्या आपका पाचन तंत्र ठीक है ? मधुमेह के शुरुवाती लक्षण तो नहीं है | इन सब टेस्ट के पूरा होने के बाद अगर कोई अंदरूनी समस्या है तो उसका इलाज करवाए | अगर सब ठीक है तो किसी Dietitian से अपने लिए एक डाइट चार्ट बनवाए इसके अतिरिक्त जल्द परिणाम पाने के लिए अगर चाहे तो weight gain supplements भी ले सकते हैं लेकिन याद रखे इन supplements के साइड इफ़ेक्ट भी हो सकते है, इसलिए आप डाइट चार्ट बनवाकर उसके अनुसार ही चले | उम्मीद है इससे आपको जरुर फायदा होगा |

      धन्यवाद

  2. Seema ji mera age 21 hai aur mera weight 55 kg
    Aur mai ek player hu mujhe aapna stemina buld karna hai same weight par kuchh seggetion dengi plz

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